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संजय दत्त ने हीरो की तरह सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जेल की सजा को सहर्ष काटने का एलान किया :माफी नहीं मांगेंगे

अवैध हथियार रखने के दोष में सजा पाए फिल्म स्टार संजय दत्त ने आज हीरो की तरह सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई [और] साडे तीन साल की जेल की सजा को सहर्ष काटने का एलान कर दिया | 1993 मुंबई ब्लास्ट के संबंध में अविध हथियार रखने के दोष में सुप्रीम कोर्ट से 5 साल की जेल की सजा पाने के बाद बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त आज पहली बार मीडिया के सामने आए| अपना स्टेटमेंट देते समय संजय दत्त इतने भावुक हो गए कि वो रो पड़े और उनके साथ उनकी बहन सांसद प्रिय दत्त ने उन्हें कंधे का सहारा दिया|

संजय दत्त ने हीरो की तरह सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जेल की सजा को सहर्ष काटने का एलान किया :माफी नहीं मांगेंगे

संजय दत्त ने हीरो की तरह सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जेल की सजा को सहर्ष काटने का एलान किया :माफी नहीं मांगेंगे


मीडिया को एड्रेस करते हुए संजय दत्त ने कहा है कि वोह [संजय] टूट चुके हैं उनका परिवार टूट चूका है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और जेल जाने के लिए निश्चित अवधि में ही सरेंडर करेंगे |सजा से माफी के लिए कोई अपील नहीं करेंगे| कोर्ट का सम्मान करते हैं और अपने देश से प्यार करते हैं| इसके साथ उन्होंने यह भी साफ किया कि वह दिए हुए वक्त के अंदर सरेंडर करेंगे|
संजय दत्त ने अंग्रेज़ी में मीडिया से कहा कि यह मेरे [संजय]लिए काफी मुश्किल वक्‍त है. मैंने माफी की अपील नहीं की है और ना ही करूंगा.
उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों का आभारी हूं जिन्होंने मेरा साथ दिया. मैं अपने देश और यहां के लोगों से बेहद प्यार करता हूं. इसके बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि मुझे जेल जाने से पहले अपना काम खत्म करना है इसलिए मैं शांति चाहता हूं.|उन्‍होंने रूंधे गले से कहा, ‘मैं मीडिया से कहना चाहूंगा कि मेरे जेल जाने में कुछ ही दिन बाकी बचे हैं. मुझे बहुत से काम करने हैं जो आधे पड़े हैं. मुझे अपनी फिल्‍में पूरी करनी हैं. मुझे परिवार के साथ भी वक्‍त गुजारना है. तो मैं हाथ जोड़कर गुजारिश करना चाहूंगा कि मुझे थोड़ा वक्‍त शांति से गुजारने दें.| इसी के साथ संजय दत्त ने मीडिया से भी अपील की कि उनकी सजा को माफ किए जाने पर बहस नहीं की जाए.
इसके पश्चात संजय दत्त कमालिस्तान[कमल अमरोही स्टूडियो] फिल्म स्टूडियो में पुलिसिया फिल्म की शेष शूटिंग करने चले गए|स्टूडियो में भी भावुक नज़ारा था वहां कम करने वाले कर्मियों ने अपनी बाजु पर सफ़ेद पट्टी बाँध कर अपने नायक को समर्थन दिया|इसी बीच रिटायर्ड जस्टिस मार्कंडेय काटजू का ब्यान भी आया है उन्होंने कहा है कि संजय दत्त को माफी के लिए अपील करने की कोई जरुरत नहीं है संजय की शेष सजा माफी के लायक है और उसके लिए जरुर प्रयास किये जायेंगे|
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 1993 के मुंबई ब्‍लास्‍ट मामले में संजय दत्त को हथियार रखने का दोषी पाया है.| उन्‍हें आर्म्‍स एक्‍ट के तहत पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई है|12 मार्च 1993 को सिलसिलेवार 12 धमाके हुए थे, जिसमें 257 लोगों की मौत हुई थी|
संजय पहले ही 18 महीने जेल में रह चुके हैं और १८ साल तक उनके माथे पर आतंकवादी का काला टीका लगा कर सजा दी जा चुकी है|इसके बावजूद भी उन्‍हें अब करीब साढ़ तीन साल और सजा काटनी होगी|इस अवधि में अच्छे आचरण के लिए उनकी साल भर की सजा जेल प्रशासन द्वारा कम करने की सिफारिश की जा सकती है|ऐसे में उन्हें केवल ढाई साल और जेल में गुजारने होंगे | अब ढाई साल की सजा के लिए माफ़ी की दी जानी है| उन्‍हें चार हफ्तों के अंदर खुद को सरेंडर करना है|कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी माफ़ी के लिए आवाज उठा चुके हैं|
राज्यसभा सांसद अमर सिंह और जया प्रदा ने भी २६ मार्च मंगलवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल के शंकर नारायणन से मुलाकात की थी.
बीजेपी + शिवसेना +अन्ना हजारे ने इसका विरोध किया है|.उल्लेक्नीय है के [१]संजय दत्त की फिल्मो पर इंडस्ट्री का लगभग २५० करोड़ रूपया लगा हुआ है|
[२] संजयदत्त ने १८ साल तक उस अपमान को पीया है जिसके वोह दोषी नही थे [३] जो अपराध उन्होंने किया नहीं था उसके लिए डेड साल की सजा काट चुके हैं[४]अब वोह सुधर चुके हैं और सजा भी मात्र ढाई साल की बचती है ऐसे में माफी की मांग उठना स्वाभाविक ही है|

यूपीएससी परीक्षा प्रणाली में अब अंग्रेजी भाषा की परीक्षा देना अनिवार्य होगा

 यूपीएससी परीक्षा प्रणाली में अब अंग्रेजी भाषा की परीक्षा देना अनिवार्य होगा

यूपीएससी परीक्षा प्रणाली में अब अंग्रेजी भाषा की परीक्षा देना अनिवार्य होगा

यूपीएससी परीक्षा प्रणाली में अब अंग्रेजी भाषा की परीक्षा देना अनिवार्य होगा जिसके नंबर मेरिट में भी जुड़ेंगे। पहले अंग्रेजी के साथ-साथ किसी एक भारतीय भाषा की परीक्षा में न्यूनतम अंक पाना भी अनिवार्य था लेकिन इसके नंबर मेरिट में नहीं जुड़ते थे।इस नए फैसले पर सियासी उबल आ गया है| शिवसेना ने इस फैसले को मराठी अस्मिता के खिलाफ बताते हुए आंदोलन छेड़ दिया है।शिव सेना ने महाराष्ट्र में यूपीएससी की परीक्षाओं को नहीं होने देने का एलान कर दिया है| शेष विपक्ष भी सरकार के इस नए भाषाई फैसले का पुरजोर विरोध कर रहा है।
यूपीएससी की परीक्षा में पास होने वाले ही आईएएस+ आईपीएस+आईएफएस +आईआरएस आदि बनकर देश का प्रशासन संभालते हैं। आयोग की परीक्षा पद्धति में लगभग बीस साल बाद अब कुछ ऐसे परिवर्तन हुए हैं जिससे भाषाई माहौल गर्मा गया है| शिवसेना ने खासतौर पर मराठी की उपेक्षा का मुद्दा उठाते हुए चेताया है कि अगर मराठी को वैकल्पिक विषय के रूप में मान्यता नहीं दी गई तो वो महाराष्ट्र में आईएएस की परीक्षा होने ही नहीं देगी। आज ७ मार्च गुरुवार को शिवसेना ने राज्यसभा में भी इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया।
नई अधिसूचना के अनुसार 2013 की परीक्षा होगी। इसके मुताबिक अब अंग्रेजी की परीक्षा अनिवार्य होगी। अंग्रेजी परीक्षा में मिलने वाले अंक फ़ाईनल मेरिट में भी जोड़े जाएंगे। इसके अलावा किसी भाषा के साहित्य को बतौर वैकल्पिक विषय वही लोग चुन सकेंगे, जिन्होंने बीए में वो विषय पढ़ा होगा।
उल्लेखनीय है कि पुराने पाठ्यक्रम में अंग्रेजी के साथ-साथ एक भारतीय भाषा में न्यूनतम अंक पाना ही जरूरी था। इन परीक्षाओं के नंबर मेरिट में नहीं जुड़ते थे।
विपक्ष इसे जनविरोधी फैसला बता रहा है।