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Tag: SPICEJET AIR LINES

Delhi HC Summons UPA’s Tainted Maran For Not Depositing TDS Of Spice jet Airline

[New Delhi]Delhi court Summons Kalanithi Maran For Not Depositing TDS Of His Spicejet Airline
Delhi High Court Summoned SpiceJet Ltd, its chairman Kalanithi Maran as accused in tax evasion cases for alleged failure to deposit TDS with IT Department
Kalanithi Is Brother Of UPA’s Tainted Dayanidhi Maran, former Telecom Minister
Kalanithi Maran is an Indian media baron who is the chairman and managing director of Sun Group, which was the most profitable television network in Asia.
In June 2010, he acquired Spice Jet which was the most profitable airlines in India. Later on 15th January 2015, he exited from Spicejet and transferred the ownership to the original owner Ajay Singh

Spicejet,Due To Non Availability Of Planes,Delayed 3 Flight:500 Fliers Face Hardship at IGI

[New Delhi] Budget Carrier Spice jet,Due To Non Availability Of Planes,Delayed 3 Flight:500 Fliers Face Hardship at IGI
Around 500 Fliers of budget carrier SpiceJet had to face hardship at the IGI airport on 11 June after its three flights were delayed due to non- availability of plane, which were stuck at other airport due to bad weather and a medical emergency.
Of the three flights, which were delayed, two were bound to Mumbai while one to Bengaluru
Angry over the inordinate delay, two passengers allegedly had a scuffle with the airline staffs .Later both were denied boarding plane

Budget Carrier SpiceJet Requests Deferment on 211 Crores Payment ,But AAI Unmoved

[New Delhi] Budget Carrier SpiceJet Requests Deferment on 211 Crores Payment ,but AAI Is unmoved
No Frill Budget Carrier SpiceJet has sought a deferment of three years on the payment of dues of Rs 211 crore to AAI though sources said that the airport operator is disinclined to entertain the request after the airline received a recent infusion of funds.

Budget Carrier Spice Jet ‘Truly’ Pays Part of Dues to AAI

[New Delhi]It Is Not April Fool But Truly Spice Jet Makes Part Payment of Dues to AAI
Budget carrier SpiceJet has made a part payment of its dues to the state-run Airports Authority of India (AAI) and also signed an agreement with aircraft leasing firm BBAM to settle out of court the dispute over Boeing rentals.
“SpiceJet has paid a part payment of Rs 25 crore to the Airports Authority of India towards the dues it had accumulated due to the cash crunch last year,
Air line has entered into an in-principle understanding with its five lessors managed by BBAM Aircraft Leasing and Finance with regard to five aircraft operated by the company,” SpiceJet said in a regulatory filing today.
Under the understanding, the lessors have agreed to suspend court proceedings, including winding these up, and the de-registration process of aircraft, subject to SpiceJet satisfying the terms of settlement and parties executing definitive agreements, the airline said.
SpiceJet was dragged to court by several aircraft leasing firms including BBAM after it had failed to pay rentals for some of its Boeing 737 aircraft due to financial crunch last year.
A single judge bench of the high court had on March 19 directed the DGCA to de-register six Boeing 737 aircraft given to the carrier.
But on March 23, another of its lessors Wilmington Trust SP Services (Dublin) Ltd decided to withdraw the court proceedings and de-registration process of aircraft after the parties reached an agreement on the issue.
Currently, the budget carrier has a fleet of 32 aircraft, of which 27 are Boeing 737 and the rest Bombardier Q400s. The airline plans to add seven more such planes between this month and May.

स्पाइस जेट एयर लाइन पर से घाटे वाले “मारन”खानदान का अभिशाप उतरा

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

स्पाइस जेट एयर लाइन्स का चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां !ओये हसाड़ी सोणी बजट एयर लाइन पर से मारन खानदान का अभिशाप उतर गया |अब घाटे का कोई कलंक नहीं लगेगा | कलानिधि मारन+पत्नी कावेरी कलानिधि + प्रबंध निदेशक एस. नटराजन ने तत्काल प्रभाव से निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है |ओये अब मारन परिवार के ५८.४६ %शेयर्स भी काबिल अजय सिंह ने खरीद लिए हैं | हसाड़ी स्पाइस जेट के लाभ वाले स्पाइस में आ जायेगा स्वाद |हसाड़ी एयर लाइन बन जाणी है नंबर वन की एयर लाइन

झल्ला

ओ मेरे भोले भापा जी मारन परिवार के सर पर जिसका साया था वोह डीएमके परिवार का सूरज भी डूब रहा है|यहाँ तक कि इन्हें फायदा पहुंचाने वाली महा शक्तिशाली कांग्रेस भी बाहर हो गई है |
ऐसे में जो मिलता है लेकर निकलने में ही अक्लमंदी है |

एयर एशिया के भारतीय आकाश में आने से इंडिगो+ स्पाइस जेट आदि के सस्ती एयर लाइन होने के ढोल की पोल खुल जानी है

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

चीटेड हवाई यात्री

ओये झल्लेया मुबारकां ओये भारतीय आकाश पर कब्ज़ा करने के इंडिगो जैसी कथित सस्ती एयर लाइन्स[FIA] और भाजपाई सुब्रामणियम स्वामी के मंसूबों पर पानी फिर गया ओये सिविल एविएशन रेगुलेटर [DGCA] ने शायद पहली बार किसी एस एल पी पर इतना जल्दी निर्णय दिया है ओये अब तो टाटा के साथ एयर एशिया जैसी वास्तविक [GENUINE]सस्ती एयर लाइन्स को उड़ान[ AOP] भरने की आज्ञा मिल ही जायेगी

झल्ला

भापा जी अभी तक भारतीय आकाश पर इंडिगो+स्पाइस जेट +
का ही कब्ज़ा था इसीलिए ये मन मर्जी से स्टाफ +यात्रियों की सुविधाओं को काटते हुए सस्ती एयर लाइन्स होने का ढोल पीटते आ रहे हैंऐसे में अगर कोई जेन्युइन सस्ती एयर एशिया सरीखी एयर लाइन्स आ गई तो इंडिगो आदि के ढोल की पोल खुल जानी हैं इसके साथ ही लुभाव में ३० मिलियन $ भी तो आ जायेंगे|

नागरिक उड्डयन मंत्रालय,निजि एयर लाइन्स और एयर इंडिया को आर्थिक संकट से बाहर निकलने का रास्ता नहीं सूझ रहा

नागरिक उड्डयन मंत्रालय+निजि एयर लाइन्स और एयर इंडिया को वर्तमान आर्थिक संकट से बाहर निकलने का रास्ता नहीं सूझ रहा है संभवत इसीलिए अब राज्यों पर दबाब बनाया जाने लगा है| नागरिक उड्डयन मंत्रालय + निजि एयर लाइन्स और सरकारी उपक्रम एयर इंडिया आज कल आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं|सरकारी नीतियों के कारण यौजनाएं अपेक्षित परिणाम नही दिखा रही है यहाँ तक कि इस लाइन की साख पर भी प्रश्न चिन्ह लगना शुरू हो गया है|
[१] एयर इंडिया के मुंबई महानगर स्थित 23 मंजिले भवन को किराये पर लेने के लिए कोई आवेदन नहीं आया है|इस विफलता के पश्चात ऐ आई ने अब अपनी कुछ आवासीय संपत्तियों को ई नीलामी के लिए रखा है।एयर इंडिया ने अब ई.नीलामी प्रक्रिया के जरिये मुंबई और गुड़गांव के प्रमुख स्थानों पर स्थित अपनी आवासीय संपत्तियों को बेचने का प्रस्ताव रखा है।एयरलाइन्स की वेबसाइट पर जारी बोली दस्तावेज में कहा गया है”एयर इंडिया ई.नीलामी प्रक्रिया के जरिये मुंबई और गुड़गांव के प्रमुख स्थानों पर स्थित अपनी आवासीय संपत्तियों को बेचने का प्रस्ताव करती है”
[२] इंडिगो और स्पाईस जेट आदि जैसी ७ एयर लाइन्स से कर्जे का २१११ .४३ करोड़ रूपया वसूलने में अभी तक असमर्थ रहे नागर विमानन मंत्रालय द्वारा अब विमान कंपनियों को राहत देने के लिए राज्यों पर दबाब बनाया जाने लगा है|नागर विमानन मंत्रालय द्वारा अब राज्य सरकारों को हवाई जहाज़ों के तेल[ ATF ] के टैक्स में कमी करने को दबाब बनाया जाने लग गया है| नागर विमानन मंत्रालय के हवाले से भाषा ने कहा है कि मंत्रालय द्वारा विमान ईंधन पर करों में कमी लाने के लिए राज्य सरकारों को राजी करने का प्रयास जारी रखा जाएगा|इससे नकदी के संकट से जूझ रही विमानन कंपनियों को कुछ राहत मिल सकेगी|विमानन कंपनियां इस समय रुपये में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी की मार से ग्रस्त हैं।

इंडिगो और स्पाइस जेट जैसी एयर लाइन्स से कर्ज वसूलने में असमर्थ सिविल एविएशन मिनिस्ट्री अब ब्याज वसूलने का दावा कर रही है

इंडिगो और स्पाइस जेट जैसी लगातार लाभ कमाने वाली बजट एयर लाइन्स से भी करोड़ों रुपयों का लबित , एयर पोर्ट्स का किराया, वसूलने के लिए कोई कड़ा कदम उठता नहीं दिख रहा |सरकार द्वारा संसद में सात कंपनियों से २१११ .४३ की लेनदारी सम्बन्धी ब्यान देकर ही इतिश्री कर ली गई है| यहाँ तक प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने भी संसद में रुपये की गिरती कीमत पर चिंता तो व्यक्त की और अनेको सुधारों की जरुरत पर बल दिया इनमे सब्सिडी में कमी+ बीमा और पेंशन संबंधी सुधार+ अफसरशाही लाल फीताशाही को दूर करना और माल एवं सेवा कर लागू करना शामिल हैं|लेकिन ऐसे कंपनियों से वसूली के लिए कोई कड़े कदम को शामिल नहीं कर पाए हैं | जहाँ एक तरफ देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है|प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह स्वयम तरलता की कमी का रोना रो रहे हैं वहीं लाभ कमाने वाली एयर लाइन्स से भी कर्जा वसूलने के लिए कोई प्रभावी कदम उठता नहीं दिख रहा|
३१/३/२०१३ तक के प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार देश की सात एयर लाइन्स से २१११.४३ करोड़ रुपये वसूले जाने हैं| डिफाल्टर कंपनियों में विभिन्न विदेशी एयर लाइन्स भी हैं|इसके अलावा इंडिगो+स्पाईस जेट+जेट एयर लाइन्स जैसी बजट एयर लाइन्स पर भी क्रमश २.८९+८०.१७+१००.१६+देन दारी है| यह मामूली रकम नहीं हैं|इसके बावजूद भी केवल ब्यान बाजी ही जारी है| गौरतलब है कि देश में कार्यरत ७ एयर लाइन्स ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को २१११.४३ करोड़ रूपये का कर्ज़ चुकाना है |इनसे कर्ज वसूलने में असमर्थ सिविल एविएशन मिनिस्ट्री कर्ज पर ब्याज वसूलने की बात कर रही है| यह अपने आप में हास्यास्पद लग रहा है| |ये आंकड़े नियत्रक एवं महालेखापरीक्षक की लेखापरीक्षा के मद्देनजर है|नागर विमानन राज्य मंत्री श्री के.सी.वेणुगोपाल ने बीते दिन लोकसभा में स्वीकार किया है कि ये विमानन कंपनियां किसी कारण से देय राशियों का भुगतान करने में विफल रही हैंलेकिन इसके साथ ही उन्होंने अपनी महत्वकांक्षी यौजना का उल्लेख करते हुए दावा किया कि डिफाल्टर कंपनियों से विलंबित भुगतान के लिए ब्याज वसूला जाएगा|यानि सांप पकड़ने का मंत्र आता नहीं और चले हैं बिच्छू के बिल में हाथ डालने|
——————————-(करोड़ रुपये में)
डिफाल्टर कंपनियों का विवरण
क्रम सं.— –एयरलाइंस का नाम———— देय राशि*
[१]————-एअर इंडिया समूह—————1539.75
[२]————-विभिन्न विदेशी एयरलाइनें——-193.49
[३]————-किंगफिशर एयरलाइंस————186.26
[४]————-जेट एयरलाइंस समूह————-100.16
[५]————-स्पाइसजेट——————— —80.17
[६]————-गो एयरलाइंस—————— —8.71
[७]————-इंटरग्लो एविएशन (एंडिगो)—— –2.89