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राष्ट्रीय खेल पुरुस्कारों की प्रक्रिया में एकरूपता के लिए खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय ने मानक दिशा निर्देश जारी किये

खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और और ध्‍यान चंद पुरस्कार जैसे विभिन्न राष्ट्रीय खेल पुरस्कार प्रदान करने की प्रक्रिया में एकरूपता लाने के उद्देश्य से भारतीय खेल प्राधिकरण राष्‍ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी, राज्य सरकारों और राष्‍ट्रीय खेल महासंघों और खेल संवर्धन और नियंत्रण बोर्ड के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। सक्षम अधिकारियों के अनुमोदन से यह नए नियम तय किए गए है। इसके तहत यह व्यवस्था की गयी है कि उपरोक्त पुरस्कारों के लिए नामांकन आमंत्रित करने से लेकर चयन समितियों के गठन तक हर स्तर पर नए दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
1 )राष्‍ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए नामांकन प्रति वर्ष जनवरी में आमंत्रित किये जाएंगे। आवदेन निर्धारित फार्म में भरने होंगे। नामांकन भरने की अंतिम तारीख 30 अप्रैल या उस महीने कामकाज की अंतिम तिथि होगी ।
2 )नामांकन भेजने के लिए हर खेल संस्था से निम्न पदाधिकारी मान्य होंगे
भारतीय ओलपिक संघ से अध्‍यक्ष और महासचिव
राष्‍ट्रीय खेल महासंघो से अध्‍यक्ष और महासचिव ।
क्रिकेट के मामले में युवा मंत्रालय की ओर से किसी भी महासंघ को मान्यता प्राप्त नहीं है इसलिए क्रिकेट में पुरस्कारों के लिए नामांकन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष और महासचिव की ओर से भेजे जाने होंगे।
3 ) राज्यों, संघशासित प्रदेशों, खेल संवर्धन एवं नियंत्रण बोर्डों की ओर से सचिव और निदेशक स्तर के अधिकारी सक्षम अधिकारियों से मंजूरी लेने के बाद नामांकन भेज सकते हैं। एसएआई अपने स्तर पर इनकी स्वतंत्र जांच करेगा। यह प्रक्रिया 31 मई तक पूरी कर ली जाएगी।
4 ) भारतीय खेल प्राधिकरण की तरफ से महानिदेशक या सचिव नामांकन भेजने के पा़त्र होंगे।
ऊपर लिखित अधिकारियों के अलावा किसी और पदाधिकारी द्वारा भेजे नामांकन पर विचार नहीं होगा।
(क) राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार जीत चुके खिलाड़ी अपने-अपने खेलों में राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन, ध्यान चंद और द्रोणाचार्य पुरस्कारों के लिए नामांकन भेजने के पात्र होंगे।
(ख) अर्जुन, ध्यानचंद और द्रोणाचार्य पुरस्कार पा चुके खिलाड़ी और कोच इन पुरस्कारों के लिए अपने-अपने खेलों में नामांकन भेज सकते हैं।
(ग) खेल मंत्रालय अपनी ओर से किसी भी खिलाड़ी या कोच का स्वतंत्र संज्ञान लेते हुए नामांकन कर सकता है।
(घ)नामांकित किए गए खिलाडि़यों के लिए आवेदन फार्म में निम्नलिखित बातें प्रमाणित करनी जरूरी होंगी।
मैने पुरस्कार के लिए रखी गयी सभी शर्तो को ध्यानपूर्वक पढ़ा है और मैं इसे स्वीकार करता हूं। मेरे खिलाफ डोंपिंग या उम्र की गलत जानकारी देने जैसी गड़बडि़यों के लिए कभी जुर्माना नहीं लगाया गया है।
यदि किसी कारणवश किसी खिलाड़ी के खिलाफ जांच शुरू की गयी हो या फिर उसे किसी तरह की चेतावनी दी गयी हो तो प्रायोजक को इसका विस्तृत ब्यौरा नामांकन के साथ देना होगा।
खिलाड़ी का नाम प्रायोजित करने वाले संगठन या व्यक्ति द्वारा नामांकन फार्म में यह प्रमाणित करना होगा कि…
मैने पुरस्कार के लिए रखी गयी सभी शर्तो को ध्यानपूर्वक पढा है और मैं इसे स्वीकार करता हूं साथ ही मैं इस बात की पुष्टि करता हूं कि नामित खिलाड़ी पुरस्कार पाने के योग्य है।
.यह प्रमाणित किया जाता है कि नामांकित खिलाड़ी के खिलाफ किसी तरह की जांच या अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गयी है तथा वह किसी तरह की अनैतिक आपराधिक गतिविधियों में लिप्त नहीं रहा है।
पुरस्कार के लिए नामांकित खिलाड़ी यदि केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों या फिर किसी निजी संगठन का कर्मचारी हो तो उस स्थिति में संबधित नियोक्ता की ओर से उसे एक प्रमाण पत्र आवेदन फार्म के साथ संलग्न करना हेागा। यदि खिलाड़ी के खिलाफ किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई या कोई आरोप पत्र दाखिल किया गया हो या फिर ऐसी कोई कार्रवाई लंबित हो तो नियोक्ता की ओर से इसका विस्तृत ब्यौरा दिया जाना होगा।
निर्धारित अवधि के अदंर राष्ट्रीय खेल महासंघों के बाहर से आने वाले नामांकनों मे दर्ज ब्यौरों और उपलब्धियों की पुष्टि के लिए संबधित राष्ट्रीय खेल महासंघों को प्रेषित किया जाएगा। इसमें इस बात की जांच भी की जाएगी कि कहीं खिलाडी को उम्र की गलत जानकारी देने यौन प्रताड़ना या डोपिंग जैसी अनुचित गतिविधियों के लिए कभी जुर्माना लगाने या चेतावनी देने जैसी कोई कार्रवाई तो नहीं की गयी।
राष्ट्रीय खेल महासंघों को उपरोक्त सभी चीजों यदि कोई है तो उसका ब्यौरा देने के साथ ही प्रमाणन रिपोर्ट भी देनी होगी। यह प्रक्रिया 31 मई तक पूरी करनी होगी।
निर्धारित समय सीमा के भीतर संबंधित एजेंसियों की ओर से प्राप्त होने वाले नामांकन पत्रों की एक प्रति 15 मई तक भारतीय खेल प्राधिकरण को भेज दी जाएगी।
नामांकन में दिए गए ब्यौरे यहां तक कि खिलाड़ी के चरित्र से जुड़ी जानकारियों की भी एसएआई अपने स्तर पर स्वतंत्र जांच करेगा। यह प्रक्रिया 31 मई तक पूरा कर ली जाएगी।
प्राप्त नामांकनों की जांच एक स्क्रीनिंग कमेटी करेगी। इसमें संयुक्त सचिव खेल सचिव एसएआई निदेशक खेल तथा निदेशक एसएआई टीम शामिल होंगे। कमेटी नामांकनों की स्क्रीनिंग का काम संभवत 15 जून तक पूरा कर लेगी।
राष्ट्रीय खेल महासंघों और एसएआई की रिपोर्ट के आधार पर खेल और युवा मंत्रालय द्वारा पात्रता की डोपिंग को छोड़कर हर पहलू से जांच की जाएगी। इसके बाद मंत्रालय तय दिशा निर्देशों के आधार पर विभिन्न खेलों के लिए नामित खिलाड़ियों और कोचों की एक सूची तैयार करेगा।
खेल मंत्रालय इसके बाद शार्ट लिस्ट किए एक प्रत्येक खिलाड़ी और कोच के बारे में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी नाडा से रिपोर्ट लेगा। इसमें यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी। शार्ट लिस्ट किए गए खिलाड़ी या कोच के खिलाफ कभी डोपिंग जांच पाजिटिव तो नहीं पायी गयी है।
चूंकि‍ अब डोपिंग टेस्ट करने वाली प्रयोगशालाओं को अंतर्राष्‍ट्रीय ओलंपिक समिति के बजाए विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी वाडा से मान्यता दी जाती है इसलिए अब राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कारों के लिए डोपिंग के आधार पर किसी खिलाड़ी को अमान्य घोषित किए जाने से संबंधित व्याख्या में बदलाव किया गया है।
डोपिंग का दोषी पाया गया कोई भी खिलाड़ी पुरस्कारों के लिए मान्य नहीं होगा।
किसी खिलाड़ी को प्रशिक्षण के दौरान ड्रग लेने के लिए प्रोत्साहित करने वाले ऐसे कोच जिन्हे विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी की ओर से प्रतिबंधित किया गया हो द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त करने के योग्य नहीं होंगे। ऐसा कोई कोच जिसके खिलाफ डोपिंग मामले की जांच चल रही हो या लंबित हो भी पुरस्कार के लिए योग्य नहीं होगा।
पुरस्कारों की प्रत्येक वर्ग के लिए चयन समितियों का गठन 15 जून तक कर दिया जाएगा।
.पुरस्कारों के लिए सभी मान्य उम्मीदवारों का नाम संबंधित चयन समितियों के समक्ष रखा जाएगा। चयन समितियों की बैठक 30 जून तक होनी निश्चित की जाएगी।