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Tag: Statue Of Unity

मोदी के स्टेचू आफ यूनिटी को छोटा करने के लिए नितीश ने “राम” के सबसे बड़े मंदिर के प्रारूप का अनावरण किया

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

बिहार सरकार का चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा ये ट्रेनो में चाय बेचने वाला बड़े दावे कर रहा था कि उसके प्रदेश में सरदार बल्लभ भाई पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा का निर्माण कराया जा रहा है |अरे हसाडे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोदी कि लाइन को छोटा करते हुए प्रदेश में भगवान राम के सबसे बड़े मंदिर के प्रारूप का अनावरण भी कर दिया है |तुझे मालूम भी है अरे पूर्वी चंपारण जिला के केसरिया में बनने वाले इस विराट रामायण मंदिर के मॉडल का गुजरात के द्वारका में शंकराचार्य जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज की उपस्थिति में महावीर मंदिर परिसर में अनावरण किया गया है ।
यह मंदिर 2800 फुट लंबा, 1400 फुट चौड़ा और 405 फुट ऊंचा होगा। मंदिर के 66 फुट की ऊंचाई वाले चबूतरे पर 25 हजार श्रद्धालु एकसाथ पूजा-अर्चना कर सकेंगेजिसके निर्माण पर 300-500 करोड़ रुपये की लागत आएगी |इस मंदिर के निर्माण में मुसलमानों से सहयोग से यह मंदिर देश की पहचान बनेगी।

झल्ला

अरे मेरे चतुर भैय्या जी दुकान तो सभी को अपनी अपनी चलानी ही है |इसीलिए चुनावों तक राम नाम की लूट मची रहेगी |अब देखना यह है कि किसके राम की महिमा चुनावों में रंग लाएगी|

मोदी का मुकाबिला करके अजय होने की घरेड़ में माकन बेचारे मरदूद भांभड़ भूसे में फंस ही गए

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

हवाबाज भाजपाई

वोह मारा पापड वाले को ओये झल्लेया हसाडे कमळ ने फिर कमाल कर दिया |गुजरात में नरेंदर भाई मोदी ने कमळ को खिलाने के लिए देश के पहले गृह मंत्री और इंडियन बिस्मार्क सरदार वल्ल्भ भाई पटेल की विशाल मूर्ती का शिलान्यास कर के कांग्रेसियों को भांभड़ भूसे में डाल दिया|मोदी ने कांग्रेस और प्रधान मंत्री को ऐसा शब्द जाल फैंका कि संचार विभाग के प्रमुख अजय माकन जैसे बेचारे खुद बा खुद गददी गैड़में फंसने लग गए हैं|
अरे भाई मोदी के गुजरात में दिए भाषण के फ़ौरन बाद दिल्ली में अजय माकन को आनन् फानन में प्रेस कांफ्रेंस बुलाने का आदेश दे दिया गया |इस नयी घरेड़ से बौखलाए माकन को मोदी के मन्त्रों की काट तो सूझी नहीं उलटे उन्होंने हसाडे मोदी को सम्भावित प्रधान मंत्री बता कर अपनी कमजोरी को उजागर कर दिया इससे हसाडा सीना और चौड़ा हो गया है जी |
माकन ने मोदी बनने के चक्कर में दक्षिण की एक महिला पत्रकार को कथित रूप से मिल रही धमकियों को ढाल बनाया और आर एस एस + मोदी को ही दोषी बता कर अपने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को उनके विरुद्ध कार्यवाही के लिए खुली छूट दे दी| सरदार वल्लभ भाई पटेल पर यदि किसी ने लेख लिखा है तो उससे मोदी को क्या लेना देना |अब अगर पत्रकार को धमकियाँ मिल रहे हैं तो बिना जांच कराये ही मोदी को टारगेट करना और आर एस एस को उकसाना तो सरासर अकल नहीं -अकाल मंदी है| और मेरी मानो तो कांग्रेस ने फिर से पटेल विरोधी छवि को उजागर किया है|

झल्ला

हाँ जी लगता तो है कि मोदी का मुकाबिला करके अजय होने के चक्कर में माकन बेचारे मरदूद घरेड़ में फंस ही गए बिना जांच कराये आरोप तय करना पुराना खेल हैअब ये महाशय जी उस पीड़ित पत्रकार से लड़ाई लड़ने के लिए अधिकार पत्र ला पाये तो कुछ दिन और ये ड्रामा चल सकता है|

वल्ल्भ भाई के नाम पर इकट्ठे होंगे दो सरदार एक मन मोहणा ते दूजा भाजपाई सिपहसालार

वल्ल्भ भाई के नाम पर इकट्ठे होंगे दो सरदार
मन मोहणा ते दूजा भाजापाई सिपहसालार
वल्ल्भ भाई के स्मारक पर बनेगा विशाल स्टेचू

Dr Man mohan Singh

Dr Man mohan Singh

जिसका लोह कद होगा दुनिया में सबसे उदार
कहते हैं कि स्टेचू आफ लिबर्टी से ऊंचा होगा
लेकिन इसकी सुरक्षा का जिम्मा किसके सर होगा
स्टेचू आफ लिबर्टी को अंग्रेजी तोपों से बचाने को
किया गया था स्टेचू के नीचे एक दुर्ग का भी निर्माण
क्योंकि भारत में गुजरात पर है आतंक का साया
Narender Modi

Narender Modi


राज्य और केंद्र पर छाया अविश्वास का घना साया
अभी तो पटेल पर कांग्रेसी और भाजपाई कर रहे दावा
सरदार वल्ल्भ भाई पटेल टेड़ा है पर मेरा ही है लेकिन
अताताईयों से लोहा लेने का काम किसके जिम्मे आया ?

नरेन्द्र मोदी ने २०१४ में कांग्रेस से लोहा लेने के लिए लोह पुरुष पटेल के स्टेचू के लिए देश के ५ लाख गावों से लोहा माँगा

भाजपा की प्रचार समिति का सुप्रीमो बनते ही नरेंद्र भाई मोदी ने यूं पी ऐ सरकार से २०१४ के चुनावों में लोहा लेने के लिए देश के ग्रामीणों से लोहा देने का आह्वाहन किया है| यह आह्वाहन देश को भावनात्मक रूप से एकजुट करने के अभियान की ओर एक कदम बताया जा रहा है।
नरेन्द्र मोदी ने

भारत के एकीकरण के भारतीय बिस्मार्क लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल

की [सबसे ऊंची] 182 मीटर की प्रतिमा स्थापित कराने का ऐलान किया है। यह अमेरिका की स्टेचू आफ लिबर्टी से भी दोगुनी ऊंची होगी|
सरदार सरोवर बांध की धारा के मध्य स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के नाम से बनने वाली दुनिया की इस सबसे ऊंची प्रतिमा के निर्माण के लिए मोदी ने देश के पांच लाख गांवों के किसानों से खेती में ओजार के रूप में उपयोग किया गया लोहे का एक टुकड़ा भेजने की मार्मिक अपील की है।
आज की यह भावनात्मक अपील अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए शिलाएं एकत्रित करने के अभियान जैसी ही मानी जा रही है | मंदिर निर्माण के लिए भाजपा, संघ व विहिप ने देश भर से ईट मंगाई थी।
गांधी नगर में [मंगलवार को] वन्यजीव व डेयरी विकास पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, कि लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल केवल गुजरात का गौरव नहीं बल्कि देश की एकता के ऐसे स्तंभ थे जिनके प्रयास से देश के पांच सौ से अधिक रजवाड़ों को एक देश के रूप में परिवर्तित किया गया। ऐसे महान नेता की याद में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध की धारा के बीच 182 मीटर ऊंची प्रतिमा बनाई जा रही है| इस सरकारी सम्मेलन में 20 राज्यों की 200 से अधिक तहसीलों के प्रतिनिधियों के साथ ही भारत में डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वेन ने भी शिरकत की।स्थान
,भाजपा को एक बार फिर देश की सत्ता में लाने के लिए मोदी का यह दांव कितना सफल होगा यह कहना मुश्किल है, लेकिन इस अभियान से भाजपा व उसके कार्यकर्ता एकजुट होंगे। साथ ही प्रतिमा निर्माण के लिए लोहा दान कर किसान भी इस एतिहासिक प्रतिमा का हिस्सा बन गौरव महसूस कर सकेंगे।‘

स्टेचू आफ लिबर्टी से दोगुनी ऊंची होगी

स्टैचू ऑफ युनिटी’

लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा नर्मदा नदी के बीचों-बीच स्थापित की जाने वाली यह मूर्ति विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति होने का गौरव हासिल करेगी। इस पर लगभग दो हज़ार करोड़ रुपए का खर्चा आने का अनुमान है।
नदी के बीचों-बीच स्थित इस मूर्ति के पास जाने के लिए जलमार्ग के लिए भी प्रावधान किया जाना है |
उल्लेखनीय है कि 7 अक्टूबर 2010 को सरकार के दस वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति ‘स्टैचू ऑफ युनिटी’ के निर्माण की घोषणा की थीअब सरदार पटेल की जयंती पर 31 अक्तूबर, 2013 को देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाना है जिसमें पूरे देश के पांच लाख से अधिक गांवों से किसानों के किसी भी उपकरण के छोटे लोहे के टुकड़े इकट्ठे किए जाएंगे जिसका इस्तेमाल प्रतिमा बनाने में किया जाएगा।प्रत्येक गावं से लोहे का केवल एक औजार माँगा गया है| लोहा एकत्रित करने के बाद इसे पिघलाया जाएगा और जरूरत के हिसाब से प्रतिमा के निर्माण में इस्तेमाल किया जाएगा
गौरतलब है कि दक्षिण में कन्या कुमारी में समुद्र में स्थित एक चट्टान पर विवेकान्द रॉक मेमोरियल और फिर अयोध्या में राम मदिर निर्माण के लिए ईंटे इकट्ठा की गई थी तब भी राष्ट्र ने भावनात्मक सहयोग दिया था अब नेहरू और गांधी के मुकाबिले लोह पुरुष सरदार पटेल के मेमोरियल के नाम पर मोदी का यह \कदम कहाँ तक देश के किसानों को भाजपा के साथ जोड़ पायेगा वोह तो लोक सभा में चुनावों में ही उजागर हो पायेगा|