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Tag: T A A I President Iqbal Mulla

इंडिगो अब लो कास्ट कैरियर नहीं वरन, सिविल एविएशन मंत्रालय की अनुकम्पा से ,हाई कास्ट कैरियर है

लो कास्ट कैरियर्स अब लो कास्ट नहीं वरन हाई कास्ट कैरियर्स हैं |सिविल एविएशन मंत्रालय से इनकी मिली भगत के चलते आनन् फानन में निर्णय लिए जा रहे हैं इसीलिए स्पष्ट दिशा निर्देश का सर्वथा अभाव है जिसके चलते ये कथित लो कास्ट कैरियर्स मनमाना चार्ज करने लगी हैं जाहिर है इससे आम जनता की जेब पर बेरोक टोक डाका डाला जा रहा है|यदि ऐसा ही चलता रहा तो वोह दिन दूर नही जब हवाई जहाज़ में टायलेट जाने के लिए भी भारी भरकम कीमत चुकानी पड़ेगी|
किसी अनजाने दबाब में लिए गए निर्णय के अनुसार निजी एयर लाइन्स को सिविल एविएशन मंत्रालय द्वारा कुछ छूट दी गई हैं जिसके अंतर्गत अब इच्छा के अनुसार सीट मांगने पर ५००/= तक अतिरिक्त चार्ज किया जा रहा है| लूट की दिशा में यह पहल कथित लो कास्ट कैरियर इंडिगो एयर लाइन्स ने शुरू की है|यदि एक परिवार के चार सदस्य हवाई यात्रा कर रहे हैं जिनमे दो बच्चे हैं और स्वभाविक रूप से चारों एक साथ बैठना चाहेंगे ऐसे में उन पर भी अतिरिक्त भुगतान का अभिशाप है|प्राप्त जानकारी के अनुसार विश्व भर में केवल विंडो और और आगे के सीटों पर ही अतिरिक्त चार्ज किया जाता है लेकिन भारत में नागरिक उड्डयन मंत्रालयकी अनुकम्पा से ऐसी कोई पारदर्शिता का सर्वथा अभाव है|
इंडिगो एयर लाइन्स की डोमेस्टिक उड़ानों में एक साधारण समोसा १५०/= का दिया गया है गौरतलब है कि क्राफ्ट में समोसे को गर्म करने की कोई व्यवस्था नहीं होने से यह समोसा ठंडा ही सर्व किया जाता रहा है| प्लेन में लगाई जाने वाली दुकान कि ट्राली को बार बार सेंटर में घुमाए जाने से सेंटर की भी संकरी सीटों पर बैठे यात्री परेशान होते रहते हैं| लेकिन इस सामान की गुणवत्ता परखने के लिए कोई व्यवस्था दिखाई नहीं देती है| अब गर्म खाने के नाम पर भी वसूली होने लगेगी सो यह अपने आप में जांच का विषय होना चाहिए |इसके अलावा बीते वर्ष अनेकों एयर लाइन्स में सुरक्षा व्यवस्था की खामियां पाई गई थी ट्रेनिंग के दौरान अधिकाँश कर्मी फेल हुए थे इससे साफ़ जाहिर होता है कि इन कंपनियों द्वारा रिसर्च+डेवलपमेंट+ट्रेनिग के नाम पर केवल खाना पूरी ही की जा रही है| लेकिन नियामक साहब को इन कार्यों के लिए समय नही है |पिछले दिनों डी जी सी ऐ के निदेशक के एन श्रीवास्तव ने इन लो कास्ट कैरियर्स को सावधान किया है इसके फलस्वरूप अभी तक कोई प्रगति नही दिखाई दी है|
ट्रेवल एजेंटों की संस्था टी ऐ ऐ आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष इकबाल मुल्ला का कहना है कि इस सम्बन्ध में डी जी सी ऐ या एयर लाइन्स से कोई सर्कुलर नही आया है|उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि सिविल एविएशन मंत्रालय और डी जी सी ऐ के साथ इन लो कास्ट कैरियर्स कि मिली भगत है जिसके चलते लचर+अस्पष्ट आदेश दिए जाते हैं जिनके आधार पर एयर लाइन्स में लूट शुरू हो जाती है|

ट्रेवल अजेंट्स की कमीशन को चालू करवाने के लिए टी ऐ ऐ आई ने डी जी सी ऐ के समक्ष गुहार लगाई

ट्रेवल अजेंट्स के एसोसिएशन टी ऐ ऐ आई [TAAI ]ने नागरिक उड्डयन के महा निदेशक [DGCA]के दरबार में फ़रियाद लगाई है कि ट्रेवल टिकेट्स की बुकिंग व्यवसाय से जुड़े लगभग एक लाख परिवारों को राहत पहुचाने के लिए मानवीय आधार पर अजेंट्स को उनका मेहनतनामा दिलवाया जाए| टी ऐ ऐ आई के अध्यक्ष इकबाल मुल्ला ने बीते सप्ताह एक दिवसीय शटर डाउन करने के पश्चात डी जी सी ऐ अरुण मिश्रा से उनके कार्यालय में मुलाकात की |उन्होंने बताया कि ट्रेवल अजेंट्स और डी जी सी ऐ में अजेंट्स कि कमीशन को लेकर आये गतिरोध को दूर करने का प्रयास किया| श्री मुल्ला ने इस मुलाक़ात को संतोषजनक बताया और बताया कि डी जी सी ऐ अरुण मिश्रा टकराव नहीं चाहते |उन्हें इस विषय में गतिरोध को दूर करने के लिए मंत्रालय में बात करने का आश्वासन दिया है|उल्लेखनीय है कि पिछले तीन महीने से अजेंट्स को कमीशन नहीं मिला है|
विश्व में २०० से अधिक एयर लाइन्स हैं और लगभग ५० भारत में हैं| इनमे से ५०% एयरलाइन्स ट्रेवल अजेंट्स को कमीशन नही दे रहे हैं| इनमे से सस्ती सेवायें देने का दावा करने वाली इंडिगो+स्पाईसजेट+गो एयर के अलावा ब्रिटिश एयरवेज+लुफ्तांसा +एयर फ्रांस आदि प्रमुख है|गौरतलब है कि पहले ट्रेवल एजेंट को ९% कमीशन दी जाती थी उसके बाद इसे षड्यंत्र के रूप में लगातार घटाकर ९% से ७%फिर ५% और उसके पश्चात ३% और फिर १% किया गया अब इस पर भी कुल्हाड़ी चलाई गई है| यह षड्यंत्र २००७ से शुरू किया गया है| सरकार की अस्पष्ट निति के चलते इस घातक कार्यवाही से टी ऐ ऐ आई के २८०० सदस्यों के अलावा ७०० अन्य एजेंट और इनके साथ देश भर से लगभग एक लाख छोटे मोटे एजेंट प्रभावित हुए हैं| बताते चलें की टूरिस्ज्म इण्डस्ट्रीज में लगभग ७०% हिस्से दारी एयर ट्रेवल से आती है और वर्तमान राष्ट्रीय बजट में टूरिस्ज्म मंत्रालय के लिए ८७.६६ करोड़ रुपयों की वृद्धि करके इसे १२९७ करोड़ किया गया है लेकिन आरोप लगाए गए हैं कि एयर लाइन्स को फायदा पहुचाने के लिए धरातल पर जुड़े आम आदमी के रूप में लगभग एक लाख ट्रेवेल एजेंटों की कमीशन पर कुठाराघात किया जा रहा है और यात्रियों par अतिरिक्त बोझ डालने कि तैयारी कर ली गई है|
इस विषय में डी जी सी ऐ कार्यालय में प्रश्न मेल किये गए थे लेकिन वहां से इस विषय में कोई उत्तर प्राप्त नहीं हुआ है|

इंडिगो एयर लाइन्स की फ्लाईट्स की संकरी लाईनों में प्रेफेरेंशल सीट के लिए अतिरिक्त शुल्क लगेगा

इंडिगो एयर लाइन्स की फ्लाईट्स की संकरी लाईनों में प्रेफेरेंशल सीट के लिए भी अब अतिरिक्त शुल्क लगेगा| लगातार लाभ में चल रही निजी एयर लाइन इंडिगो ने प्रेफेरेंशल सीटिंग के नाम पर हवाई यात्रियों से अतिरिक्त शुल्क वसूलने के घोषणा कर दी है| नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा किरायों में कटौती के लिए किये जा रहे तमाम दावों को धत्ता बताते हुए इंडिगो एयर लाइन्स ने पहली दो लाईनों और इमरजेंसी द्वार के समीप[१२&१३]लाईन की सीटों के लिए प्रीमियम लेने का एलान कर दिया है|सस्ती यात्रा करने का दावा करने वाली इस एयर लाइन में अब प्रेफेरेंशल सीटिंग के लिए घरेलू उड़ानों के लिए ५००/= और अन्तराष्ट्रीय फ्लाईट्स के लिए ८००/=प्रति सीट तक देना पड़ सकता है| इससे पूर्व नेशनल केरियर एयर इंडिया ने यात्रियों के लगेज में कटौती कर दी है
गौरतलब है के सिविल एविएशन मिनिस्ट्री द्वारा एयरलाइंस को अतिरिक्त सर्विसेज के नाम पर चार्ज वसूलने की इजाजत दे दी गई है।अब एयरलाइंस बेस फेयर से अलग इन सर्विसेज के लिए यात्री से ज्यादा कीमत वसूल सकेंगी।उल्लेखनीय है के घरेलू उड़ानों के लिए उपलब्ध फ्लाईट्स में अधिकतर सीटिंग एरेंजमेंट बेहद संकरे हैं और थोड़ी देर पश्चात ही घुटने सीधे करने की जरुरत पड़ने लगती है ऐसे में यह शुल्क अतिरिक्त दंड स्वरुप ही होगा|
इन सर्विसेज में प्रेफेरेंशल सीटिंग+ खान +पीना+(पानी छोड़कर)+चेक-इन बैगेज+स्पोर्ट्स और म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट+ वैल्यूएबल बैगेज की घोषणा और एयरलाइन लाउंज शामिल होंगे।
जानकारों का मानना है के इस कदम से भारत में सस्ता टिकट ऑफर करने में मदद नहीं मिलेगी। ट्रेवेल अजेंट्स एसोसिएशन टी ऐ ऐ आई ने इसे अनुचित बताया कर अपना एतराज जता चुकी है| इंडिगो+स्पाइसजेट और गोएयर जैसी बजट एयरलाइंस का ऑपरेशंस कॉस्ट जेट एयरवेज और एयर इंडिया जैसी फुल सर्विस एयरलाइंस के लगभग बराबर ही है।

ट्रेवल एजेंटों की कमीशन को लेकर किये गए एक दिवसीय शटर डाउन से २५० करोड़ का एयर ट्रेवल व्यापार प्रभावित हुआ

ट्रेवल एजेंटों की कमीशन को लेकर किये गए एक दिवसीय शटर डाउन से २५० करोड़ का एयर ट्रेवल व्यापार प्रभावित हुआ

ट्रेवल एजेंटों की कमीशन को लेकर किये गए एक दिवसीय शटर डाउन से २५० करोड़ का एयर ट्रेवल व्यापार प्रभावित हुआ

[मुम्बई]१९५१ से कार्यरत ट्रेवल एजेंटों की संस्था टी ऐ ऐ आई[TAAI ]ने आज एयर ट्रेवल बुकिंग को बंद करके उड्डयन मंत्रालय की नीतियों का विरोध किया और देश भर में एक दिन में लगभग २५० करोड़ रुपयों के व्यापार को प्रभावित किया| असंतुष्ट टी ऐ ऐ आई ने अजेंट्स कमीशन ट्रेवल अजेंट्स बॉडी को पुनः चालू नहीं किये जाने के फलस्वरूप शीघ्र अपने आज के एक दिवसीय शटर डाउन को बड़े आन्दोलन में तब्दील करने की चेतावनी भी दी है|
टी ऐ ऐ आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष इकबाल मुल्ला ने फोन पर बातचीत के दौरान आज के शटर डाउन को बड़ी सफलता माना है श्री मुल्ला के अनुसार पहले केवल टी ऐ ऐ आई के २८०० सदस्यों द्वारा ही शटर डाउन किये जाने थे लेकिन आज पहले दिन ही देश भर में साड़े तीन हज़ार एजेंटों ने साथ दिया और अपने आक्रोश को व्यक्त किया|
श्री मुल्ला ने एयर लाइन्स और उनके माध्यम से नियामक डी जी सी ऐ और नागरिक उड्डयन मंत्रालय पर निशाना साधते हुए बताया के पहले ट्रेवल एजेंट को ९% कमीशन दी जाती थी उसके बाद इसे षड्यंत्र के रूप में लगातार घटाकर ९% से ७%फिर ५% और उसके पश्चात ३% और फिर १% किया गया अब इस पर भी कुल्हाड़ी चलाई गई है| यह षड्यंत्र २००७ से शुरू किया गया है| सरकार की अस्पष्ट निति के चलते इस घातक कार्यवाही से टी ऐ ऐ आई के २८०० सदस्यों के अलावा ७०० अन्य एजेंट और इनके साथ देश भर से लगभग एक लाख छोटे मोटे एजेंट प्रभावित हुए हैं|
श्री मुल्ला ने एयर ट्रेवेलर्स के हित में यात्री यानों के किराए में पारदर्शिता के साथ ही एजेंसी कमीशन को पुनः चालू किये जाने की मांग की है |सीट+खाना+स्नैक्स +सॉफ्ट / हार्ड ड्रिंक्स आदि के नाम पर अतिरिक्त शुल्क को टिकेट्स में ही शामिल किये जाने की भी मांग की गई है|
बताते चलें की टूरिस्ज्म इण्डस्ट्रीज में लगभग ७०% हिस्से दारी एयर ट्रेवल से आती है और वर्तमान राष्ट्रीय बजट में टूरिस्ज्म मंत्रालय के लिए ८७.६६ करोड़ रुपयों की वृद्धि करके इसे १२९७ करोड़ किया गया है लेकिन आरोप लगाए गए हैं के एयर लाइन्स को फायदा पहुचाने के लिए धरातल पर जुड़े आम आदमी के रूप में लगभग एक लाख ट्रेवेल एजेंटों की कमीशन पर कुठाराघात किया जा रहा है|
श्री मुल्ला के अनुसार इस शटर डाउन से एक लाख एजेंटों में असंतोष और देश को बेशक २५० करोड़ रुपयों का व्यापार प्रभावित हुआ है लेकिन सरकार की तरफ से कोई ब्रेक थ्रू का प्रयास नही किया गया है|यह अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है| शीघ्र ही राष्ट्रीय स्तर पर एक आन्दोलन को गति देने के लिए २० मेम्बर्स की एक कमेटी गठित की जायेगी|