Ad

Tag: TimePassJhalliShayari

तन्हाईयों के शौकीन बीमार बन जाते हैं,डॉक्टर्स की भाषा में डिप्रेस्ड कहलाते हैं

तन्हाईयों के शौकीन बीमार बन जाते हैं
डॉक्टर्स की भाषा में डिप्रेस्ड कहलाते हैं
उम्मीद की एक किरण स्याह अँधेरे भगाती है
छोटी सी आरजू भी तमाम उम्र साथ निभाती है
साथ मिले जिसे ऎसी आरज़ूओं का
आंधियां उसका क्या बिगाड़ पाती है
परछाईयाँ सब एक सी ही दिखती है
दिल परखने पर फर्क नजर आता है
ये तो खेल है यारब तमाम उम्र भर का
उम्मीद पर “झल्ला”कायम कायनात है

बहुत शुक्रिया बढ़ी मेहरबानी “कन्हैया” जी जेल छोड़ आये

बहुत शुक्रिया बढ़ी मेहरबानी कन्हैया जी जेल छोड़ आये
करूँ पेश तुमको नजराना कौन सा ये मेरी समझ ना आये
गालिगफ़्तौरों की इस दुनिया में एक और नायब आया है
जिसे नया अवतार बताने को मीडिया फिर से ललचाया है
करूँ पेश इनको नजराना कैसा ये मेरी समझ ना आये
जेएनयू में अपने आकर फिर से अलख पुरानी जगाये हैं
पार्टियों के थिंक टैंक फिर काम काज लगे जाएँ हैं
सोशल मीडिया के महारथी माउस में घुसे जाएँ हैं
करूँ पेश इनकों नजराना कैसा ये मेरी समझ ना आये
कोई कहे भगत सिंह तो कोई कहे कन्हाई
कृष्ण ,कन्हाई बनाने को उनकी “मीडिया”ललचाई
करूँ पेश इनकों नजराना कैसा ये मेरी समझ में ना आये
कहते हैं युग हैं नरेंद्र मोदी के नाम ,सो सही राग अलापे हो
अच्छा है केजरीवाल की शिक्षा से अपने को सजाये हो
जेल की थोड़ी सी शिक्षा से ही सुधरे सुधरे नजर आये हो
करे पेश तुमको नजराना कौनसा “झल्ली” समझ में ना आये

राम जी दुहाई है,मेरठ की नहीं सुनवाई है,सपाइयों की बंसी से जान पर बन आई है

राम जी दुहाई है,मेरठ की नहीं सुनवाई है
सपाइयों की बंसी से जान पर बन आई है
राम जी दुहाई है अब कही नहीं सुनवाई है
हाई कोर्ट की बेंच नही,एयरपोर्ट हुआ दूर
गंगा मैय्या के छीटें नहीं आईटी पार्क नहीं
इस पर भी टैक्सोन की रुक नहीं रही रफ़्तार
राम जी दुहाई है कान्हा की क्यूँ रुसवाई है
बिजली का पुराना रोना अपराधों की भरमार
भाजपा सजी केंद्र में सपा ने कब्जाया प्रदेश
अस्पतालों में भीड़ बढ़ी ट्रैफिक में जान फसी
मेरठ में ऊधम मचाएं दोनों के सिपहसालार
बसपा बैठी आस में नहीं करे कोई काम
क्या वाकई यह सच है के सबके दाता राम
राम जी दुहाई है,मेरठ की नहीं सुनवाई है

मोदी जी ने बच्चो संग किया गजब संवाद कईयों के दिलों पर अभी लौटते होंगें सांप

मोदी जी ने बच्चो संग किया गजब संवाद
कईयों के दिलों पर अभी लौटते होंगें सांप
कोई पूछे ये बाल है या ये अपना टीचर डे
शिक्षक दिवस में भावी वोटरअभियान
मोदी जी ने बच्चो संग किया गजब संवाद
कईयों के दिलों पर अभी लौटते होंगें सांप
ये तो है देशी शिक्षकों का घोर अपमान
एक ही दिन मिलने वाला धुला सम्मान
मोदी जी ने बच्चो संग किया गजब संवाद
कईयों के दिलों पर अभी लौटते होंगें सांप
झल्ले के दिमाग में आया झल्ला विचार
बच्चों से गिफ्ट दिलाते तो होता अपमान
मोदी जी ने बच्चो संग किया गजब संवाद
कईयों के दिलों पर अभी लौटते होंगें सांप

प्रेमी हूँ+त्यागी हूँ+ईश्वर पाने की है चाह,प्रेम करूँ में भी प्रेम से प्रेमिका गर मिल जाये

प्रेम करने से सुण्या है प्रभु स्वत मिल जाये, इसीलिए प्रेम करने का भाव इस दिल में आये|
ढलती उम्र है, ईश्वर की चाह है सो प्रेम करूंगा में भी प्रेम से प्रेमिका गर कोई मिल जाए ||
छोटी हो या हो बढ़ी किन्नू फरक पैन्दाये,प्रभु मिलन की चाह विच ऐ त्याग भाव मन आये|
उम्र का क्या है भाव है जिसने उम्मीद जगाई ,सो प्रेम करूँ में प्रेमिका गर कोई भी मिलजाए||
प्रेम किया दिग्विजय ने बुढ़ापे में पाई एंकर पत्रकार,शशि थरूर का प्यार ने फैलाई सुगंध अपार|
सोनिया ने प्रेम किया राजीव गांधी से जब वोह थे स्टूडेंट आम वोह है सबसे शक्तिशाली नार||
मोदी ने किया गुजरात को राजनीतिक प्रणाम बना ग्रेट इंडिया का प्राइम मिनिस्टर महान |
इनका प्रेम ,प्रेम है और मेरा प्रेम उपहास,झल्ले को अब नहीं रही हमदर्दी की कोई आस ||
झल्ले की उम्र मत देखो बस देखो प्रेम भाव,इस उम्र के प्रेम भाव का मत उड़ाओ उपहास |
प्रेमी हूँ ,त्यागी हूँ ,ईश्वर पाने की है चाह,प्रेम करूँ में भी बढे प्रेम से प्रेमिका गर कोई दिलाये ||

उजालों के आते ही स्याह साये हो गए साफ़ ,रह गई W UP फिरने को यहाँ से वहां मारी मारी

आश्वासन की मृगतृष्णा में आरोपों के हैं चश्मे ,बेचारी जनता फिर रही यहाँ से वहां मारी मारी
ग़ुरबत में जो थाम ले हाथ वोही है सच्चा हमदर्द , उजालों में तो स्याह साये तक साथ छोड़ देते हैं
सियासी मुस्कराहट से किस का हुआ कब भला ,फूल सूखने पर ये भवरें कब कली पर टिकते हैं
केंद्र के एलेक्शंस हुए यूं पी में देरी है सालों की,वेस्टर्न यूं पी के भाग्य में केवल है भारी लाचारी
बिजली नही ,न्याय नहीं,नहीं है कहीं रोजगारी ,आश्वासन की मृगतृष्णा हैं आरोपों के हैं चश्मे
मीडिया के अनेकों स्तम्भों में नीवं में हैं विज्ञापन,इसीलिए “गोयनका” की कमी खलती भारी
इलेक्ट्रॉनिक्स हो या प्रिंट मीडिया या फिर हो कोई सोशल साइट सबने ढपली अलग ही बजाई
उजालों के आते ही स्याह साये भी साफ़ हो गए ,रह गई जनता फिरने को यहाँ से वहां मारी मारी

दिल और दिमाग की जंग में फंसा “झल्ला” हाय, दिल ले रहा पंगे जिस्म रहा पिटवाए

[१]दिल हे अपना बावरा हर तरफ दौड़ा जाये ,खुद तो बैठा चैन से मुझको रहा पिटवाए
[२]सर पर बाल सफा हुए चाल भी लड़खड़ाये ,खुद तो लेता मौज ये मुझको रहा पिटवाए
[३]आँखों पर चश्मा लगा, फर्क नजर नहीं आये खुद तो लेता पंगे ये मुझको दे पिटवाए
[४] दिल और दिमाग की जंग में फंसा “झल्ला” हाय खुद तो लेता पंगे मुझको दे पिटवाए

नहीं रहा वोह घर ,कान्हा,नहीं रही वोह यमुना,मुख्य मंत्री भी हर साल बधाई देकर करते इतिश्री

kali paltan mandir meerut2नन्द घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की ,हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की
घुट्टी ले माखन दूध की खड़ा हिंदुस्तान ,लोग लुगाई आनंद भयो जय कन्हैया लाल की
नहीं रहा घर तुम्हारा नहीं रही वोह यमुना, मुख्य मंत्री मात्र बधाई देकर करते इतिश्री
फिर भी दिल्ली से मुंबई जहाँ तक नजर गई बूढ़ा बच्चा बन गोविंदा झूमे घडी घडी
जन्म लिया कान्हा ने फिर से उम्मीद जगी मिट जाएगी देश से महंगाई+क्राइम +बदी
कंस भरे है घर घर कान्हा राह नहीं आसान ,सुदर्शन होना चाहिए ऐ के ४७ से महान तभी
हो सकता है बहें फिर मख्हन+दूध+ दही ,झल्ले की अरदास है ये सपना सच हो कभी

पैगामे इश्क खतो किताबत का मोहताज नहीं, हवाओं के पत्ते अहसास की स्याही बस काफी है

इश्क का पैगाम किसी खतो किताबत का मोहताज नहीं
इसे पहुँचाने के लिए एक अहसास एक लम्हा ही काफी है
हवाओं के पत्ते अहसास की स्याही बस इतना काफी है
पत्ते पीपल के हों या ताड़ के रकीबों का डर लगा रहता है

गाज़ा पट्टी पर बड़ों ने दिखला बचपना किया राज्य सभा का बंटाधार

मुजफ्फर नगर की सांप्रदयिकता की भड़की आग
शिरडी वाले साईं बाबा से शंकराचार्य का टकराव
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी से हो रहा
सीधे सीधे हरियाणा कांग्रेस का खुल्ला टकराव
जब इनसे भी न बनी बात तो गाज़ा पट्टी पर बड़ों ने
दिखला बचपना किया राज्य सभा का बंटाधार