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मुलायम होंगे कठोर या खांसते रह जायेंगे?या फिर कोई दावँ नया दिखलायेंगे??

मुलायम होंगे कठोर या खांसते रह जायेंगे,या फिर कोई दावँ नया दिखलायेंगे
सपा की साइकिल का अब क्या होगा ,ट्यूब बचेगी या टायर तबाह होगा
पहिया कौन सा कौन लेकर भागेगा,सपा की साइकिल का अब क्या होगा
चैन स्नैच होगी या पैडल कोई टूटेगा ,हैंडल किसके हाथों अब टूटेगा
कॅरियर पर लदा माल किसका होगा ,चचा भतीजे में से कौन हैंडल लूटेगा ,
मुलायम होंगे कठोर या खांसते रह जायेंगे,या फिर कोई दावँ नया दिखलायेंगे
भुआ या भगवा के हाथों सत्ता गवाएंगे ,सपा की साइकिल का अब क्या होगा?

लंकाओं का मोह त्यागो बाबा ,जाओ अपने गुजरात

काईयां गुज्जु मोदी उठाया अमेरिकन तीर और चीनी कमान
शानबान से करने चले यूपी में लखनऊ का भी सम्पूर्ण उद्धार
रावणों में मच गई खलबली,दिल्ली -यूपी तक उठी फ़रियाद
हमारी लंकाओं का मोह त्यागो बाबा जाओ अपने गुजरात

तन्हाईयों के शौकीन बीमार बन जाते हैं,डॉक्टर्स की भाषा में डिप्रेस्ड कहलाते हैं

तन्हाईयों के शौकीन बीमार बन जाते हैं
डॉक्टर्स की भाषा में डिप्रेस्ड कहलाते हैं
उम्मीद की एक किरण स्याह अँधेरे भगाती है
छोटी सी आरजू भी तमाम उम्र साथ निभाती है
साथ मिले जिसे ऎसी आरज़ूओं का
आंधियां उसका क्या बिगाड़ पाती है
परछाईयाँ सब एक सी ही दिखती है
दिल परखने पर फर्क नजर आता है
ये तो खेल है यारब तमाम उम्र भर का
उम्मीद पर “झल्ला”कायम कायनात है

रकीब का कबूलनामा,खुदारा ये कैसा तलाक है?

ज़िंदगी बेवफ़ा है बचपन से सुनते आये हैं
तुमने भी बेवफाई की,ताज्जुब की बात है
रिश्ते नही निभाए,दुनिया का दस्तूर है
रकीब का कबूलनामा,ये कैसा तलाक है?

पत्ते टूटे कोम्पल फूंटी प्रकृति नववधू सुहाई ,मनवा बजे ढोलक फाग मस्ती छाई

Happy Spring
बसंत ऋतू आई आई ,बूढ़ा मनवा भी ले अंगड़ाई
कामदेव का बाण चला ,उल्लास उमंग फिर भाई
पत्ते टूटे कोम्पल फूंटी प्रकृति नववधू सी सुहाई ,
मनवा बजे ढोलक डम डम फाग की मस्ती छाई
हर ठौर ऋतु सुहावनी छाई,सुगंध मादकता लाइ
कहाँ ढूँढू अपना सजन,कहाँ छुपा है मोरा मदन
पवन चले सनन सनन ,मनवा उड़े गगन गगन
कहाँ ढूँढू अपना सजन, कहाँ छुपा है मादक मदन

नितीश और लालू ने सोनिया का बिहार में कहना माना ,डूबता इनका ये नाखुदा क्या गुल खिलायेगा

नितीश और लालू ने सोनिया का कहना माना
डूबता इनका ये नाखुदा क्या गुल खिलायेगा ?
माइनस +माइनस किताबों में प्लस होते हैं
बिहार के चुनावों में क्या ये जादू हो पायेगा??
कश्तियाँ उनकी क्या किनारे पे उत्तर पाएंगी ???
बिहार में पतवार जिन्होंने कांग्रेस को थमा दी है
वापिसी उनकी बिहार में क्या हो पाएगी ????
नाखुदा जिन्होंने कांग्रेस को बना रखा है

उफ़ ये गर्मी तो जाने का नाम ही नहीं लेती,अरे मेहमान तो दो दिन ही अच्छा होता है

सूरज तुझे भी पूरा हक़ है हमें रुलाने का
पर चुप कराने का हुनर भी आना चाहिए
ठीक है,तुम्हें कपडे अच्छे नहीं लगते
सामाजिक तकाजा है ,सो मजबूरी है
मोती मानस चून से दुश्मनी हुई पुरानी
इंसानों की जान पर आफत बन आई है
ये गर्मी क्या क्या गुल खिलाएगी
पारा तो जा पहुंचा हैं ४३ पर अभी
उफ़ ये गर्मी तो जाने का नाम ही नहीं लेती
अरे मेहमान दो दिन का ही अच्छा होता है
माना होंगें तुम्हारे चाहने वाले भी दुनिया में
उनको भी मेजबानी का अवसर मिलना चाहिए

ख़ुशी बेच ,उम्मीदों की सीढ़ियां बढ़ा,पूरी कर ख्वाहिशें,जिंदगी सुकून से गुजरती जाएगी

नफरतों की आँधियाँ यूं हीं बहा करती नही ,तन्हाईयों से खेलने का शगुल भी जिम्मेदार है
अरे पगले दुनिया पर ज़रा नजरें डाल कर तो देख,जवानी हर उम्र की अंगड़ाईयाँ ले रही है
खौफ,इन्तेजार,बोझिल शब्दों को डाल समुद्र में खुशियां बुनने को एक छोटी सी डोरी तूँ बना
कोशिश ईमानदार हो,नतीजे गर असरदार हों ,जमाना खुद ही हो जाएगा तुझ पर मेहरबान
जिंदगानी को खुशग़वारी का बस झोँका तो दिखा ,रूह में बसी खुशबू ये बोलेगी खुदबखुद
ख़ुशी बेच ,उम्मीदों की सीढ़ियां बढ़ा,ख्वाहिशें पूरी कर ,जिंदगी सुकून से गुजरती जाएगी

मोदी जी ने बच्चो संग किया गजब संवाद कईयों के दिलों पर अभी लौटते होंगें सांप

मोदी जी ने बच्चो संग किया गजब संवाद
कईयों के दिलों पर अभी लौटते होंगें सांप
कोई पूछे ये बाल है या ये अपना टीचर डे
शिक्षक दिवस में भावी वोटरअभियान
मोदी जी ने बच्चो संग किया गजब संवाद
कईयों के दिलों पर अभी लौटते होंगें सांप
ये तो है देशी शिक्षकों का घोर अपमान
एक ही दिन मिलने वाला धुला सम्मान
मोदी जी ने बच्चो संग किया गजब संवाद
कईयों के दिलों पर अभी लौटते होंगें सांप
झल्ले के दिमाग में आया झल्ला विचार
बच्चों से गिफ्ट दिलाते तो होता अपमान
मोदी जी ने बच्चो संग किया गजब संवाद
कईयों के दिलों पर अभी लौटते होंगें सांप

प्रेमी हूँ+त्यागी हूँ+ईश्वर पाने की है चाह,प्रेम करूँ में भी प्रेम से प्रेमिका गर मिल जाये

प्रेम करने से सुण्या है प्रभु स्वत मिल जाये, इसीलिए प्रेम करने का भाव इस दिल में आये|
ढलती उम्र है, ईश्वर की चाह है सो प्रेम करूंगा में भी प्रेम से प्रेमिका गर कोई मिल जाए ||
छोटी हो या हो बढ़ी किन्नू फरक पैन्दाये,प्रभु मिलन की चाह विच ऐ त्याग भाव मन आये|
उम्र का क्या है भाव है जिसने उम्मीद जगाई ,सो प्रेम करूँ में प्रेमिका गर कोई भी मिलजाए||
प्रेम किया दिग्विजय ने बुढ़ापे में पाई एंकर पत्रकार,शशि थरूर का प्यार ने फैलाई सुगंध अपार|
सोनिया ने प्रेम किया राजीव गांधी से जब वोह थे स्टूडेंट आम वोह है सबसे शक्तिशाली नार||
मोदी ने किया गुजरात को राजनीतिक प्रणाम बना ग्रेट इंडिया का प्राइम मिनिस्टर महान |
इनका प्रेम ,प्रेम है और मेरा प्रेम उपहास,झल्ले को अब नहीं रही हमदर्दी की कोई आस ||
झल्ले की उम्र मत देखो बस देखो प्रेम भाव,इस उम्र के प्रेम भाव का मत उड़ाओ उपहास |
प्रेमी हूँ ,त्यागी हूँ ,ईश्वर पाने की है चाह,प्रेम करूँ में भी बढे प्रेम से प्रेमिका गर कोई दिलाये ||