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तम्बाकू सेवन को हतोत्साहित करने के लिए उत्पाद पैकेटों पर नई चेतावनी

[नई दिल्ली] तम्बाकू सेवन को हतोत्साहित करने के लिए तंबाकू उत्पाद पैकेटों पर नई विशिष्ट स्वास्थ्य चेतावनी
प्रकाशन तिथि: 05 APR 2018 2:18PM by PIB Delhi

तम्बाकू सेवन को हतोत्साहित करने के लिए उत्पाद पैकेटों पर नई चेतावनी

तम्बाकू सेवन को हतोत्साहित करने के लिए उत्पाद पैकेटों पर नई चेतावनी

तंबाकू उत्पाद (पैकेजिंग और लेवलिंग) नियम 2008 में संशोधन किए गए ये संशोधित नियम, 1 सितंबर, 2018 से लागू होंगे।
विशिष्ट स्वास्थ्य चेतावनी के नए नियमों की प्रमुख विशेषता है – तंबाकू सेवन की आदत त्यागने के लिए एक फोन नम्बर (‘आज ही त्यागें, फोन करें 1800-11-2356 ’) का उल्लेख यह फोन नम्बर तंबाकू सेवन करने वालों में जागरूकता बढ़ाएगा और सलाह सेवाओं तक उनकी पहुंच बनाएगा। इससे तंबाकू का त्याग करने वालों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। नई विशिष्ट स्वास्थ्य चेतावनी दोनों ही प्रकार के तंबाकू उत्पादों – धुआंयुक्त और धुआंरहित – पर लागू होगी।
तंबाकू सेवन की आदत छोड़ने के लिए टोल फ्री नम्बर (1800-11-2356) तंबाकू त्याग करने की सलाह देगा तथा तरीके बताएगा। वैश्विक व्यस्क तंबाकू सर्वेक्षण (जीएटीएस-2, 2016-17) के अनुसार 15 वर्ष तथा इससे अधिक उम्र के तंबाकू सेवन करने वाले लोगों में 61.9 प्रतिशत सिगरेट पीने वाले, 53.8 प्रतिशत बीड़ी पीने वाले तथा 46.2 प्रतिशत धुआंरहित तंबाकू का सेवन करने वाले ऐसे लोग हैं, जिन्होंने पैकेटों पर स्वास्थ्य चेतावनी को देख कर तंबाकू सेवन का त्याग करने के बारे में सोचा है।

तम्‍बाकू पर टैक्स बढ़ाने के बाद अब खेती में इस घातक उत्पाद के विकल्प की तलाश शुरू

केंद्र सरकार खेती में घातक तम्बाकू के बेहतर व्‍यवहार्य विकल्प पर विचार करने को राजी हो गई है |वैसे आम बजट में तम्बाकू प्रोडक्ट्स पर मोदी सरकार ने टैक्स बढ़ा कर संयुक्त राष्ट्र के आह्वाहन को समर्थन दे दिया था अब यूनियन हेल्थ मिनिस्टर डॉ हर्षवर्धन ने तम्बाकू से मुक्ति के उपायों पर चर्चा करना स्वीकार कर लिया है| डा. हर्षवर्द्धन ने कहा है कि इस विषय में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय अनुसंधान के निष्‍कर्ष साझा करने के लिए तैयार है |
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा किए गए अनुसंधान के उन निष्‍कर्षों को सरकार और सभी सम्‍बद्ध पक्षों के साथ साझा करने को तैयार है जिनके अनुसार यह साफ तौर पर सिद्ध हो चुका है कि किसानों को तम्‍बाकू की खेती के व्‍यवहार्य विकल्‍प प्रदान किए जा सकते हैं।
केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डा हर्ष वर्धन ने कहा कि यह धारणा गलत है कि यदि सरकार लोगो की तम्‍बाकू सेवन की लत छुड़वाने में कामयाब हो गई तो तम्‍बाकू की खेती करने वाले क्षेत्रों में किसान गरीब हो जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि इसके विपरीत हमारे पास ऐसे साक्ष्‍य हैं कि यदि उन्‍हें साहूकारों के चंगुल से छुटकारा दिला दिया जाये तो उनकी आमदनी बढ़ सकती है।
उन्‍होंने कहा कि तम्‍बाकू उत्‍पादों पर शुल्‍क बढ़ने से सरकारी खजाने में महत्‍वपूर्ण इजाफा होगा लेकिन तम्‍बाकू के सेवन से होने वाली कैंसर और टीबी जैसी जान लेवा बीमारियों की लागत उससे कहीं अधिक है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्य संगठन के अनुमान के अनुसार भारत में धुंए वाले तम्‍बाकू से होने वाली बीमारियों के उपचार की प्रत्‍यक्ष लागत 90.7 करोड़ अमरीकी डालर और बिना धुंए वाले तम्‍बाकू के उपचार की लागत 28.5 करोड़ अमरीकी डालर आती है।
फोटो कैप्शन
[फाइल]विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर एन सी सी की रैली में डॉ हर्षवर्धन