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Tag: Todayatire

सम विषम निर्णय से अदालत को भी गालियां देने का सुनहरा मौका”आप”के हाथों से फिसला

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आप पार्टी चेयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां ! ओये अब तो उच्च न्यायालय ने भी हसाडे सम /विषम योजना के हक़ में फैंसला दे दिया |ओये अब तो ये स्कीम १५ जनवरी तक चले ही चले|दिल्ली की आबोहवा सुधरे ही सुधरे

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजान! ये अफ़सोस मनाने का निर्णय है| अदालत को भी गालियां देने का एक सुनहरा मौका आप लोगों के हाथों से निकल गया|झल्ले विचारानुसार सम विषम निर्णय से अदालत को भी गालियां देने का सुनहरा मौका”आप”के हाथों से फिसला

ऐऐपी को समर्थन देने के लिए कांग्रेस के बयान फिर आने लग गए

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चिंतित चीयर लीडर

ओये झल्लेया हसाड़ी बात सच्च निकली के नहीं |ये कांग्रेस और आम आदमी पार्टी वाले एक ही थेली के चट्टे बट्टे निकले |ओये ये कांग्रेसी चुनावो में कहते थे कि आप पार्टी को न समर्थन देंगे और ना ही समर्थन लेंगे और अब एग्जिट पोल्स ने जब सबकी पोल खोल दी तो कहते फिर रहे हैं कि जनता :आप: पार्टी को ही जितवाना चाहती थी ओये हसाडे सुब्रामनियम स्वामी ठीक ही कह रहे हैं इन कांग्रेसियों ने अपने बचे खुचे वोट भी “आप” पार्टी के खाते में ही डलवा दिए

झल्ला

ओ मेरे सेठ जी अब रोने से क्या फायदा |आप अगर अपने परेशान दिमाग पर थोड़ा सा जोर डालों तो कांग्रेसियों के वोह ब्यान याद आ जायेंगे जिसमे उन्होंने कहा था कि क्योंकि जनता आप पार्टी की सरकार चाहती है इसीलिए कांग्रेस के ८ विधायकों ने २८ विधायकों वाली “आप” की सरकार बनवा दी |अब फिर से उसी तरह के समर्थन के लिए आधार बनना शुरू हो गया है|

अमेरिकन्स को झटपट इंडिया में आकर भारतीय व्रतों के व्यंजनों की मेकिंग शुरू कर देना चाहिए

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां|
ओये हसाडे सोणे पी एम नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी ने भारत को ग्लोबल मैनुफैक्चरिंग हब बनाने के लिए आज से मेक इन इंडिया को ग्लोबल स्तर पर लांच करके पांच दिन के लिए धनाढ्य अमेरिका जा रहे हैं |ओये अब तो हो जानी है बल्ले बल्ले |डॉलर्स हो जाने हैं रुपये के थल्ले

झल्ला

वाकई सेठ जी ये तो चंगी खबर है अमेरिकन्स को झटपट इंडिया में आकर भारतीय व्यंजनों की मेकिंग शुरू कर देना चाहिए |
भापा जी झल्लेविचारनुसार अमेरिका प्रवास के दौरान पांच दिन तक मंजीत भाई दामोदर दास मोदी तो बेशक उपवास पर रहेंगे लेकिन उन्हें देखने और सुनने के लिए हजारों भारतीय +एशियंस+यूरोपियन्स+अमेरिकन्स +++आएंगे |उनसे एंट्रेंस टिकेट्स के लिए डॉलर्स तो अप्रवासी भारतीय वसूल लेंगे लेकिन उनके पेट की भूख+और भारतीय व्यंजनों के प्रति आकर्षण को वहीं एनकैश करने के लिए अमेरिकन्स को मौका नहीं छोड़ना चाहिए |इसीलिए अमेरिकन्स को झटपट इंडिया में आकर सबसे पहले इंडियन व्रतों के व्यंजनों की मेकिंग शुरू कर देना चाहिए