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Tag: Union Minister for Health and Family Welfare

“इबोला” के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय रक्षा+नागरिक उड्डयन मंत्रालयों की सहायता भी लेगा

[नई दिल्ली]”इबोला” के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय रक्षा+नागरिक उड्डयन मंत्रालयों की सहायता भी लेगा
श्री जे पी नड्डा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में वैश्विक चुनौती के रूप में उभरी “इबोला” पर अंतर मंत्रालय समीक्षा की गई
इससे निबटने के लिए आवश्यक तैयारियों में तेजी लाने और इबोला के प्रबंधन को मजबूत बनाने के निर्देश दिए गए |गौरतलब है कि दिल्ली एयर पोर्ट पर जांच के दौरान एक यात्री को इबोला पोसिटिव पाया गया है |
केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने पश्चिम अफ्रीका में इबोला वायरस की बीमारी फैलने से उत्‍पन्‍न स्थिति की नयी दिल्‍ली में अंतर मंत्रालय बैठक में समीक्षा की। विदेश और जहाजरानी मंत्रालय और नागर विमानन महानिदेशालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, स्‍वास्‍थ्‍य अनुसंधान विभाग, पशुपालन विभाग, राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन ब्‍यूरो, सशस्‍त्र बल चिकित्‍सा सेवाएं, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान, केंद्र सरकार के अस्‍पतालों, एनसीडीसी, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन और सीडीसी वैश्विक रोग पहचान क्षेत्रीय केंद्र और स्‍वास्‍थ्‍य परिवार कल्‍याण मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए।
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने निर्देश दिए कि हवाई अड्डों पर स्‍थापित संदिग्‍ध मरीजों को अलग-थलग रखे जाने की सुविधाओं के लिए सभी मानक दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि हवाई अड्डों पर इस व्‍यवस्‍था में खामियों का पता लगाने के लिए तीन सदस्‍यीय दलों का गठन किया जाएगा। इसमें स्‍वास्‍थ्‍य और नागर विमानन मंत्रालय तथा उत्‍प्रवास से संबंधित अधिकारी शामिल होंगे। ये दल एक सप्‍ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा।
यात्रियों की जांच और तलाशी में जुटे सभी पक्षों को जागरूक बनाये जाने पर भी जोर दिया गया
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि हवाई अड्डों के अलावा बंदरगाहों पर भी की जा रही निगरानी को मजबूत बनाना होगा। उन्‍होंने बंदरगाहों पर निगरानी सुविधा से संबंधित कामकाज की विस्‍तृत रिपोर्ट प्रस्‍तुत करने को भी कहा।
वास्‍थ्‍य मंत्री ने प्रयोगशाला सुविधाओं का महत्‍व बताते हुए कहा कि इस महीने के अंत तक 10 शीर्ष प्रयोगशालाओं को मजबूत बनाने की जरूरत है। एक अन्‍य शीर्ष क्षमता यानी अस्‍पताल की संवेदनशीलता के बारे में उन्‍होंने संबंधित पक्षों से इबोला वायरस रोग जैसी नई उभरती बीमारियों के अल्‍पकालिक और दीर्घकालिक चिकित्‍सा प्रबंधन की रणनीति विकसित करने को कहा।
श्री नड्डा ने स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के अधिकारियों से विशेषज्ञ दलों का गठन करने को कहा जो राज्‍यों में जाकर निर्धारित अस्‍पतालों में तैयारी पर रिपोर्ट देंगे। उन्‍होंने कहा कि राज्‍यों क्षमता निर्माण के लिए मिलकर काम किए जाने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि चिकित्‍सकों और अर्धचिकित्‍सकों के प्रशिक्षण को निरंतर जारी रखा जाना चाहिए।
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि आवश्‍यकता पड़ने पर रक्षा मंत्रालय के पास उपलब्‍ध बड़ी संख्‍या में चिकित्‍साकर्मियों का इस्‍तेमाल किया जा सकता है। उन्‍होंने यह प्रस्‍ताव भी किया कि इबोला के लिए क्षमता निर्माण की प्रक्रिया रक्षा मंत्रालय के तहत चिकित्‍सकों और नर्सों के लिए भी शुरू की जानी चाहिए ताकि उन्‍हें इबोला जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए सक्षम बनाया जा सके।

पाकिस्तान की गोलियों के जवाब में भारत ने पोलियो उन्मूलन में मानवतावादी सहयोग की पेशकश भेजी

[नई दिल्ली]पाकिस्तान की गोलियों के जवाब में भारत ने मानववादी उत्तर में पोलियो उन्मूलन में सहयोग की पेशकश भेजी | भारत को पोलियो मुक्त राष्ट्र घोषित किया जा चुका है|
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने पोलियो उन्मूलन में पाकिस्तान को सहयोग की पेशकश की है
उन्होंने विश्व पोलियो दिवस पर सभी पक्षों से आत्मसंतुष्ट हुए बगैर पोलियो के खिलाफ जंग जारी रखने का आह्वाहन किया |
केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन में मदद के लिए वहां की सरकार को पूर्ण सहयोग देने की पेशकश की है।
विश्वभर में आज पोलियो के जितने भी मामले सामने आ रहे हैं, उनमें से 85 % का वास्ता पाकिस्तान से ही है। यह पाकिस्तान के पड़ोसी देश भारत के लिए चिंता का विषय है।
विश्व पोलियो दिवस पर डॉ. हर्षवर्धन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री श्री नवाज शरीफ की उस हालिया घोषणा का स्वागत किया जिसमें उन्होंने एक ‘राष्ट्रीय आपात कार्य योजना-2014’ पर अमल करने की बात कही है। इस कार्यक्रम पर आने वाले समूचे खर्च का वहन सरकार वर्ष 2018 तक करेगी।
मंत्री ने पड़ौसी मुल्क की ,इस योजना को सटीक बताया |
पोलियो के खिलाफ जंग के लिए भारत के सामाजिक समूहों की मदद लेने के कदम की सभी अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने सराहना की है, जिनमें विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, रोटरी इंटरनेशनल और बीमारी नियंत्रण के लिए अमेरिकी केन्द्र भी शामिल हैं। पोलियो के खिलाफ जंग के लिए इस तरह की पहल के बारे में सबसे पहले वर्ष 1994 में दिल्ली में कल्पना की गई थी, जिस दौरान डॉ. हर्षवर्धन इस राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थे।
डॉ. हर्षवर्धन ने इस ओर ध्यान दिलाया कि यह विशेष मॉडल अपनाने से पाकिस्तान को भी पोलियो उन्मूलन अभियान में अच्छी कामयाबी मिलेगी। जब तक समाज के सभी समूहों खास कर पाकिस्तान के मौलवियों को इस मुहिम में शामिल नहीं किया जाएगा, तब तक पोलियो का जड़ से उन्मूलन करने के लक्ष्य को पाना संभव नहीं हो पाएगा।
‘ पोलियो उन्मूलन में अपने उल्लेखनीय कार्य के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), रोटरी फाउंडेशन, लायंस इंटरनेशनल, भारतीय चिकित्सा संघ और अनेक अन्य राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से पुरस्कार प्राप्त कर चुके डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ’विश्व पोलियो दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि कोई भी बीमारी राष्ट्रीय सीमाओं का ख्याल नहीं रखती है। विश्व स्तर पर वर्ष 1998 से ही तकरीबन 40 देशों को कहर ढाने वाले पोलियो वायरस से एक या उससे ज्यादा मर्तबा जूझना पड़ा है, जबकि ये मुल्क पोलियो मुक्त घोषित किये जा चुके थे।‘
जहां तक पाकिस्तान और अफगानिस्तान का सवाल है, वहां से पोलियो महज एक बस यात्रा जितनी दूर है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इसके लिए सीमाओं पर अनेक तरह की व्यवस्था की गई है। मसलन, पाकिस्तान से यहां आने-जाने वाले यात्रियों को टीका लगवाने की सुविधाएं मुहैया करायी गई हैं। इसके अलावा, विशेष टीमों को तैनात कर आपात स्थिति में बचाव के लिए भी योजनाएं बनाई गई हैं।
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Health and Family Welfare, Dr. Harsh Vardhan administering the polio vaccine drops to children under-five years to mark the World Polio Day, in New Delhi on October 24, 2014.

पीएमओ+एचआरडी+स्वास्थ्य मंत्रालयों ने ई ग्रीटिंग्स से करोड़ों लोगों को दिवाली बधाई की मेल

E Greetings From Ministry Of HRD

E Greetings From Ministry Of HRD

भारत सरकार के अनेकों मंत्रालयों ने सस्ता+सुखद+आडम्बरहीन+ई-ग्रीटिंग्‍स का प्रयोग करके करोड़ों लोगों को सीधे दिवाली की बधाई पहुंचाई|अभीतक अखबारों और चैनलों पर भरी भरकम महंगे विज्ञापनों के माध्यम से बधाई सन्देश दिए जाते रहे हैं यहां तक कि उत्तर प्रदेश जैसे बढे प्रदेश में अपनी उपलब्धियों की जानकारी देने के लिए विज्ञापनों के पैकेज जारी किये जा रहे हैं ऐसे में पर्यावरण फ्रेंडली+आडम्बर रहित+सस्ता और सीधे करोड़ों लोगों तक पहुँचने वाला ई-ग्रीटिंग्‍स दूरदर्शी गुड गवर्नेंस की तरफ एक और कदम कहा जाएगा |प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय पी एम ओ+डॉ हर्षवर्धन के स्वास्थ्य मंत्रालय और स्मृति जुबिन ईरानी के मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा ई मेल के जरिये ये ई ग्रीटिंग कार्ड्स मेल किये हैं|
गौरतलब है कि संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रवि‍शंकर प्रसाद द्वारा १४ अगस्त को एनआईसी के ई-ग्रीटिंग्‍स पोर्टल का उद्घाटन किया गया था
इसे भारत सरकार के डि‍जि‍टल इंडि‍या पहल के रूप में एनआईसी ने वि‍कसि‍त कि‍या है। इसे वि‍शेष रूप से स्‍वतंत्रता दि‍वस पर ई-ग्रीटिंग्‍स भेजने के लि‍ए डि‍जाइन कि‍या गया था
E Greetings From Ministry Of Health

E Greetings From Ministry Of Health


पोर्टल का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री ने सभी कर्मचारि‍यों से भवि‍ष्‍य में ई-ग्रीटिंग्‍स भेजने का अनुरोध करते हुए कहा कि‍ सूचना प्रौद्योगि‍की वि‍भाग की यह नवाचार शुरूआत प्रधानमंत्री की भारत में उचि‍त सूचना प्रौद्योगि‍की की क्रांति‍ सुनि‍श्‍चि‍त करने की प्रति‍बद्धता के क्रम में है।
पोर्टल का उद्देश्‍य सरकारी अधि‍कारि‍यों और एजेंसिंयों द्वारा अपने सहयोगि‍यों और मि‍त्रों को शुभकामनाएं भेजने के एक समकालि‍क और पर्यावरण सहायक तरीके को प्रोत्‍साहि‍त करना है। इस पोर्टल से उपभोक्‍ता इस अवसर पर उपलब्‍ध अनेक नमूनों में से अपनी पसंद के ग्रीटिंग चुनकर भेज सकते हैं।
ई-ग्रीटिंग्‍स पोर्टल वि‍शि‍ष्‍ट है क्‍योंकि‍ अधि‍कांश डि‍जाइन पी एम के माइगोव पोर्टल के तहत जनता की भागीदारी में तैयार कि‍ए गए हैं। इस पोर्टल पर त्योहारों के अवसर पर भेजे जाने वाले डि‍जाइन भी विकसित किये जा रहे हैं पोर्टल को शुरू में सरकारी उपयोगकर्ताओं के लि‍ए वि‍कसि‍त कि‍या गया है लेकि‍न सभी नागरि‍क इसके द्वारा अपने परि‍वारों और मि‍त्रों को भी शुभकामनाएं भेज सकते हैं।
E Greetings From P M O

E Greetings From P M O


इसका एक नकारात्मक पहलू भी है यह वन साइडेड ग्रीटिंग हैं अर्थार्त नो रिप्लाई के टैग के भेजे जा रहे हैं इनके उत्तर में मेल प्राप्त करता धन्यवाद भी रिटर्न नहीं दे सकता |भाजपा के अपने छोटे बढे नेता इस पोर्टल का निशुल्क उपयोग करने के बजाय बढे बढे महंगे महंगे होर्डिंग्स लगवा कर बधाई सन्देश दे रहे हैं| उद्घाटन कर्ता मंत्री के मंत्रालय का ऐसा कोई प्रयास दृष्टिगोचर नहीं हुआ
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The Union Minister for Communications & Information Technology and Law & Justice, Shri Ravi Shankar Prasad launching the E-Greetings Portal of National Informatics Centre, in New Delhi on August 14, 2014.

Floating Clinics,Now ,For Inundated Areas of Srinagar

[New Delhi] Floating Clinics,Now ,For Inundated Areas of Srinagar This May Help To Prevent Diseases.
Floating Clinics,Now ,Will Provide Medical Assistance to the People of the Inundated Areas of Srinagar
Dr Harsh Vardhan has proposed this idea of floating clinics to C M Of J&K
Dr Harsh Vardhan, Union Health Minister, has proposed that boats be mobilised to send medical supplies to the people of the inundated areas of Srinagar who find it impossible to venture out of their homes because of the high flood waters.
Returning after a day’s tour of the flood ravaged areas, Dr Harsh Vardhan said that the Jammu and Kashmir Chief Minister, Mr Omar Abdullah, had received his proposal positively.
“The Chief Minister has directed his officials to mobilise the available boats and start something on an urgent basis. Meanwhile, I am arranging for accelerating the supply side especially in respect of doctors and health workers,” he said.
Mr Narinder Nath Vora, the Governor of Jammu and Kashmir, on whom the Minister made a call, had also agreed to push this idea. People suffering from diabetes, hypertension among the cut-off population need to be urgently rushed their dozes of medicines. Only boats laden with such drugs can access such people.
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The Union Minister for Health and Family Welfare, Dr. Harsh Vardhan visiting Jammu and Poonch to oversee relief operations in the flood affected areas, in Jammu and Kashmir on September 13, 2014.

गोपीनाथ मुंडे की दुर्घटना में हुई मृत्यु से सबक लेकर ,डॉ हर्षवर्धन ट्रैफिक के प्रति जागरूकता अभियान चलाएंगे

भारत के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ पांडुरंग राव मुंडे की सड़क दुर्घटना में मंगलवार को हुई मृत्यु से सबक लेते हुए ट्रैफिक नियमों के पालन के प्रति जागरूकता अभियान चलाने की बात कही है | डॉक्टर हर्षवर्धन ने आज दावा किया है कि अगर गोपीनाथ मुंडे ने सीट बेल्ट पहना होता तो उनकी जान बच सकती थी|
मुंडे का मंगलवार को एक कार हादसे में निधन हो चुका है|डाकटरों की रिपोर्ट के अनुसार आंतरिक चोटें मृत्यु का कारण बनी हैं|
मुंडे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए महाराष्ट्र के बीड जाने से पहले चांदनी चौक से भाजपा के सांसद और केंद्रीय स्वास्थय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा, के ट्रैफिक के प्रति गलत धारणा के कारण उन्होंने अपना एक अच्छा दोस्त खो दिया|
शोकाकुल सांसद ने पिछली सीट बेल्ट को पहनना उतना ही ज़रूरी बताया जितना आगे की सीट का बेल्ट
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि अधिकांश लोग मानते हैं कि कार में पिछली सीट पर लगाई गयी बेल्‍ट केवल सजावट के उद्देश्‍य से लगाई जाती है। वास्‍तव में अगली सीटों की बैल्‍ट की तरह पिछली सीट पर बैल्‍ट लगाना भी अनिवार्य होता है। किसी अप्रिय स्थिति में यह जीवन बचाने का कारण हो सकती है।
मंगलवार को लाल बत्‍ती को पार कर एक प्राइवेट इंडिका कार ने श्री मुंडे की कार को साइड से टक्‍कर मार दी थी। इस दुर्घटना से उनकी कार को तो अधिक क्षति नहीं पहुंची लेकिन कार को लगे तेज धक्‍के की वजह से श्री मुंडे की गर्दन के जोड़ और उनकी रीढ़ की हड्डी को गंभीर चोट पहुंचीजो घातक सिद्ध हुई
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने अगस्‍त, 1997 में ऐसी ही घटी एक अन्य दुर्घटना में ब्रिटेन की प्रिंसेस डायना की मृत्यु का भी उदाहरण दिया |
इस दुर्घटना ग्रस्त कार में सिर्फ सीट बैल्‍ट लगाने वाला ही एक मात्र बचा था |
इसके अलावा 2007 में दिल्‍ली के पूर्व मुख्‍यमंत्री साहिब सिंह वर्मा का भी एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि श्री वर्मा ने यदि सीट बैल्‍ट लगाई होती तो उनकी जान बच सकती थी।कभी-कभी ऐसा होता है कि जब व्‍यक्ति दुर्घटना के कारण बाहर नहीं गिरता, तब भी उसके शरीर को गंभीर चोट पहुंचती है। ऐसा ही मुंडे के साथ भी हुआ |
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, अमरीका में अनुसंधान से पता चला है कि सीट बैल्‍ट बांधने से कार की अगली सीट पर बैठे यात्री को जान का जोखिम 45 % कम हो जाता है जबकि सामान्‍य से गंभीर किस्‍म की चोट लगने का जोखिम 50 % घट जाता है। वैन और स्‍पोर्ट युटिलिटी वाहनों की पिछली सीट पर बैठे लोगों ने यदि सीट बैल्‍ट लगा रखी हो तो कार दुर्घटना के दौरान जान का जोखिम 75 % मामलों में बेहतर ढ़ग से टाला जा सकता है।दुर्भाग्य वश भारत में सीट बेल्ट को अब भी गंभीरतापूर्वक लागू नहीं किया गया है। य‍ह गंभीर चिंता का विषय है।
डॉ. हर्षवर्धन ने आश्वासन दिया कि स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय गाड़ी चलाते समय सुरक्षा नियमों की अनदेखी करने वाले लोगों को जागरूक करने की पहल करेगा।
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The Union Minister for Health and Family Welfare, Dr. Harsh Vardhan flagging off the rally of school students to commemorate World No Tobacco Day, in New Delhi on May 30, 2014.

Central Government Health Scheme Has No Provision For Treatment Abroad

Central Government Health Scheme Has No Provision For Treatment Abroad
Under Central Government Health Scheme,[ CGHS ] there is no provision for treatment abroad. However There Is Provision for such treatment under the Central Services (Medical Attendance) Rules, 1944 Which Requires Permission with the approval of Standing Committee headed by the Director General of Health Services only And This Provision Is For Exceptional Cases in which the treatment is not available in India.
Union Minister for Health and Family Welfare Ghulam Nabi Azad Informed In Lok Sabha That This facility is available to all Central Government employees. On an average, 2 cases have been allowed per year in last three years for availing treatment abroad with the approval of the Standing Committee.
Shri Azad Stated That Every Department has separate budget provision for providing medical treatment to their employees. Accordingly, the expenses incurred on availing medical treatment by the serving employees under CGHS or CS (MA) Rules are reimbursed by the Department concerned to their employees. The employees of Ministry of Health and Family Welfare covered under CGHS have been allowed credit facility in empanelled hospitals for the sake of administrative convenience as the payments to the CGHS empanelled hospitals for providing medical treatment to the pensioner beneficiaries are also released by this Ministry. However, as per the terms and conditions of empanelment under CGHS, the empanelled hospitals are to provide treatment on cashless basis to all serving employees covered under CGHS for treatment under medical emergency.
The CGHS package rates for Angioplasty and Angioplasty with Balloon were revised in February, 2013 as per the advice of experts. The empanelled hospitals are expected to provide treatment as per the approved package rates. The ceiling rates for implants are revised from time to time and if any beneficiary intends to have implants of a specific brand, he/she can opt for the same if he/she agrees in writing to bear the additional expenditure.

Ms Runa Laila appreciated the efforts made In India For reduction of new HIV infections by 57%

Ms Runa Laila made official visit to India from 31st July to 2nd August 2013, She is SAARC Goodwill Ambassador for HIV/AIDS During this visit ,various important issues relating to HIV/AIDS for the benefit of marginalized people of the SAARC region ,were discussed.
Ms Runa Laila from Bangladesh has been conferred the honorary title of SAARC Goodwill Ambassador by SAARC Secretariat for the next two years along with Shri Ajay Devgan from India and Ms. Sharmeen Obaid-Chinoy from Pakistan.
During the visit,[1] Ms Runa Laila called on Shri Ghulam Nabi Azad, Union Minister of Health and Family Welfare. Shri Azad extended a warm welcome to Ms Laila and congratulated her on being appointed as SAARC Goodwill Ambassador for HIV/AIDS.
Shri Azad briefed about the internationally acclaimed success of the India in HIV programme especially the commendable scale up in testing and treatment services, the prevention of parent to child programme and the migrant strategy. They also discussed about the need for enhanced scale of care, support and treatment services for eligible HIV infected persons and requirement of initiating Regional action to tackle cross border issues on HIV/AIDS and TB/HIV co-infection.
[2]Ms Runa Laila visited Shri Salman Khurshid, Minister of External Affairs, who congratulated her on her mission to spread awareness on HIV/AIDS in the SAARC region. He also mentioned her visit to India will help in spreading awareness for the disease in region. A visit was made to the Department of AIDS Control where Ms Laila had interaction with[3] Shri Lov Verma, Secretary, DAC and Ms Aradhana Johri, Additional Secretary, DAC on regional HIV/AIDS scenario and India’s role controlling the epidemic. The DAC team made a presentation to Ms Laila on the HIV/AIDS programme in the country highlighting on different interventions being implemented for reversing the epidemic.
To understand the different services provided to PLHIV, Ms Laila visited an ART Centre at LNJP Hospital, which is one of the first ART centres in the country that has been upgraded as Centre of Excellence in HIV care now. This centre is providing free HIV treatment to more than 2000 HIV infected people. She interacted with the beneficiaries and appreciated the high quality care being provided to PLHIV without any Stigma & Discrimination. She was happy to note that PLHIV are being counselled effectively to ensure high level of adherence to ART which is very critical for long term continuity of first line ART. Ms Laila also visited HIV Counselling and Testing Centre at Dr B R Ambedkar Hospital, Rohini and interacted with pregnant women availing services. She interacted with the service providers (counsellors and doctors). She appreciated the prevention of parent to child transmission (PPTCT) programme being implemented by the government. She also had an interaction with HIV positive pregnant women.
, Ms Runa Laila Addressed the press and appreciated the efforts made by the Department of AIDS Control which has resulted in reduction of new HIV infections by 57% during the last decade. She also mentioned that prevention and treatment strategies have yielded good impact as reflected in the reduction in new HIV infections as well as AIDS related deaths in the country. As a message to community she emphasized that all pregnant women should get themselves tested for HIV, and if found positive, should start ART to prevent transmission to the new born. Ms Aradhana Johri, Additional Secretary, DAC, reiterated the message given by Ms Laila about prevention of parent to child transmission. Ms Johri mentioned that SAARC countries may learn from India’s experience to control the spread of HIV/AIDS in the region.
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The SAARC Goodwill Ambassador for HIV/AIDS, Ms. Runa Laila calls on the Union Minister for Health and Family Welfare, Shri Ghulam Nabi Azad, in New Delhi on August 02, 2013.

भारत के ५० % भविष्य[ किशोरों] में खून की कमी : गुलाम नबी आजाद

राजस्‍थान में डब्‍ल्‍यूआईएफएस कार्यक्रम में बताया गया कि भारत के ५० % किशोरों में खून की कमी है जिससे विकास पर नकारात्मक प्रभाव पढता है|
केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परि‍वार कल्‍याण मंत्री श्री गुलाम नबी आजाद ने आज जयपुर में राजस्‍थान सरकार के साप्‍ताहि‍क आयरन फोलि‍क एसि‍ड पूर्ति‍ कार्यक्रम की शुरूआत की। कार्यक्रम को संबोधि‍त करते हुए श्री आजाद ने कहा कि‍ भारत के कुल आबादी में से 22 % कि‍शोर हैं, जो देश का भवि‍ष्‍य हैं। लेकि‍न कि‍शोरों की आधी आबादी में खून की कमी है। इनमें लड़के-लड़कि‍यां दोनों है। खून की कमी से शरीर का पूरा वि‍कास नहीं होता, स्‍कूलों में कि‍शोरों का प्रदर्शन अच्‍छा नहीं होता और दैनि‍क काम-काज में एकाग्रता कम रहती है। इससे कार्य-क्षमता और बच्‍चों के वि‍कास पर नकारात्‍मक प्रभाव पड़ता है। इस कारण स्‍वास्‍थ्‍य और परि‍वार कल्‍याण मंत्रालय ने साप्‍ताहि‍क और आयरन फोलि‍क एसि‍ड पूर्ति‍ कार्यक्रम शुरू कि‍या है ताकि‍ कि‍शोरों में खून की कमी को रोका जा सके और इस पर नि‍यंत्रण पाया जा सके। इस कार्यक्रम के तहत 13 करोड़ कि‍शोरों को शामि‍ल कि‍या जाएगा। इनमें सरकारी सहायता प्राप्‍त स्‍कूलों, नगरपालि‍का स्‍कूलों के बच्‍चे तथा स्‍कूल छोड चुकी लड़कि‍यां शामि‍ल हैं। इस कार्यक्रम के तकह आयरन फोलि‍क एसि‍ड की गोलि‍यां देने के साथ-साथ कि‍शोरों और परि‍वारों को पौष्‍टि‍कता और स्‍वास्‍थ्य शि‍क्षा के बारे में जानकारी और सलाह दी जाएगी। भारत सरकार ने इसके लि‍ए 2012-13 में 135 करोड़ रूपए तथा 2013-14 में 750 करोड़ रूपए नि‍र्धारि‍त कि‍ए।
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The Union Minister for Health and Family Welfare, Shri Ghulam Nabi Azad

जनसंख्‍या स्थिरीकरण के लिए राजधानी दिल्ली में पदयात्रा का आयोजन किया गया :WorldPopulationDay

विश्‍व जनसंख्‍या दिवस पर जनसंख्‍या स्थिरीकरण के लिए भारत सरकार ने [११ जुलाई] आज भारत की राजधानी दिल्ली में पदयात्रा का आयोजन किया |
विश्‍व जनसंख्‍या दिवस के अवसर पर स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के अंतर्गत स्वायत्त निकाय जनसंख्‍या स्थिरता कोष (जेएसके) ने आज नई दिल्‍ली में ‘जनसंख्‍या स्थिरीकरण की ओर पद यात्रा’ आयोजित की । पद यात्रा इंडिया गेट से विजय चौक तक थी, जो कि सुबह सात बजे से शुरू हुई। इसे केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री श्री गुलाम नबी आज़ाद ने स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्रीमती संतोष चौधरी की उपस्थिति में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया ।

The Minister of State for Health & Family Welfare, Smt. Santosh Chowdhary

The Minister of State for Health & Family Welfare, Smt. Santosh Chowdhary


इस अवसर पर दिल्‍ली के विभिन्‍न स्‍कूलों से 200 से अधिक विद्यार्थियों ने जनसंख्‍या स्थिरीकरण में अपना समर्थन दर्शाने के लिए भाग लिया। पद यात्रा का उद्देश्‍य नारी शिक्षा में कमी,+कम उम्र में शादी+ बच्‍चे पैदा करना जैसे अन्‍य चुनौतियों से निपटने के लिए जनसंख्‍या स्थिरीकरण के मुद्दे पर गति बढ़ाना तथा जागरूकता फैलाना है।
विद्यार्थियों ने जनसंख्‍या स्थिरीकरण के मकसद को समर्थन देने के लिए नारे वाली तखतियां लेकर भाग लिया।
केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री श्री गुलाम नबी आज़ाद ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पद यात्रा स्‍थाई स्‍तर पर समग्र सामाजिक आर्थिक विकास में जनसंख्‍या स्थिरीकरण के महत्‍व को रेखांकित करने के लिए आयोजित की गई। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि पद यात्रा लोगों को मां, बच्‍चे और पूरे परिवार के स्‍वास्‍थ्‍य की बेहतरी के लिए छोटा परिवार रखने के लिए जागरूक तथा प्रेरित करेगी।
The Union Minister for Health and Family Welfare, Shri Ghulam Nabi Azad addressing the Flag off Ceremony of The Walk Towards Population

The Union Minister for Health and Family Welfare, Shri Ghulam Nabi Azad addressing the Flag off Ceremony of The Walk Towards Population


जारी आंकड़ों के अनुसार 2011 की जनगणना में भारत की जनसंख्‍या 1.21 अरब पहुंच गई है। 2001-2011 के दौरान दशकीय वृद्धि दर 17.64 प्रतिशत हुई, जबकि 1991 -2001 के दौरान वृद्धि दर 21.15 प्रतिशत थी। 1911-1921 के अपवाद को छोड़कर 2001-2011 की अवधि पहला दशक है, जिसमें अन्‍य दशकों की तुलना में आबादी में कम बढ़ोतरी हुई। परन्‍तु उत्‍तर प्रदेश+ बिहार,+मध्‍य प्रदेश+ राजस्‍थान+ झारखंड+छत्‍तीसगढ़ में जनसंख्‍या की उच्‍च वृद्धि देखी गई।