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Barack Obama Continues To Lead And Stand Strong Against Terrorist ISIL

[WASHINGTON, DC]America continues to lead and stand strong against terror.
President Barack Obama Reiterated His Commitment For Down gradation And Destruction Of Terrorist Group ISIL.
In His weekly address, the President Obama reiterated his comprehensive and sustained counter-terrorism strategy to degrade and ultimately destroy the terrorist group ISIL.
Obama,s plan brings together a campaign of targeted airstrikes+increased support for Iraqi and Kurdish forces already taking on terrorists+assistance from allies and partners+ expanded efforts to train and equip the Syrian opposition+ and ongoing humanitarian aid for those displaced by ISIL.
The President expressed his immense appreciation for the military men and women who make these efforts possible, and reminded the world that America continues to lead and stand strong against terror.
Obama SAYS
“As Commander in Chief, my highest priority is the security of the American people. And I’ve made it clear that those who threaten the United States will find no safe haven.
Thanks to our military and counterterrorism professionals, we took out Osama bin Laden, much of al Qaeda’s leadership in Afghanistan and Pakistan, and leaders of al Qaeda affiliates in Yemen and Somalia. We’ve prevented terrorist attacks, saved American lives and made our homeland more secure.
Today, the terrorist threat is more diffuse, from al Qaeda affiliates and other extremists—like ISIL in Syria and Iraq. As I said this week, our intelligence community has not yet detected specific ISIL plots against our homeland. But its leaders have repeatedly threatened the United States. And, if left unchecked, these terrorists could pose a growing threat beyond the Middle East, including to the United States. So we’re staying vigilant. And we’re moving ahead with our strategy to degrade and ultimately destroy this terrorist organization.
To meet a threat like this, we have to be smart. We have to use our power wisely. And we have to avoid the mistakes of the past. American military power is unmatched, but this can’t be America’s fight alone. And the best way to defeat a group like ISIL isn’t by sending large numbers of American combat forces to wage a ground war in the heart of the Middle East. That wouldn’t serve our interests. In fact, it would only risk fueling extremism even more.”

अमेरिकी रक्षा सौदों से डॉलर भाव बढ़ेगा इसीलिए हथियारों का सम्पूर्ण ज्ञान हथियाना ज्ञानी की पहचान होगी

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई उत्साहित चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां !ओये देख्या हसाडे सोणे नरेंद्र मोदी का कमाल, ओये एक के बाद एक अमेरिकी दिग्गज इंडिया में पधारने लग गए हैं| बराक ओबामा ने जब से नरेंद्र मोदी के लिए कम सितम्बर गाया है तभी से वहां के भारी भरकम नेता यहां आने लग गए हैं |जॉन केरी जैसे भारी भरकम नेता के बाद आज डिफेन्स सेक्रेटरी चक हेगेल तीन दिन के लिए भारत आ गए हैं| ओये अब तो मानता है न कि मोदी में है दम सारी दुनिया मान रही है उसे परम

झल्ला

अरे मेरे भोले सेठ जी
इन अमेरिकियों पर इतना गुमान मत करो ये लोग तो बरसों से लंबित डिफेन्स परचेस पर हाथ मारने आ रहे हैं |पहली डील लगभग २०००० करोड़ की हो सकती है |चूंकि हमें भी पाकिस्तान और चीन का मुकाबिला करने के लिए आधुनिक हथियार चाहियें और अमरीका देने को राजी भी हैलेकिन झल्लेविचारानुसार अमेरिका को डॉलर्स में पेमेंट करते ही उसका मार्किट तो आप हो जाएगा और भारतीय रुपया नीचे आ जाएगा इसीलिए हथियारों के निर्माण+ कलपुर्जे+मरम्मत+ आदि आदि की जानकारी बिना भाव बढ़ाये वसूलना होगा| अमेरिकी रक्षा सौदों से भारतीय रुपये के मुकाबिले डॉलर भाव बढ़ेगा इसीलिए हथियारों का सम्पूर्ण ज्ञान हथियाना ज्ञानी मोदी की पहचान होगी

President Barack Obama announced Four Fold Sanction, Against Russia ,For violation Of International Law

, President Barack Obama announced Four Fold Sanction, Against Russia ,For violation Of International Law
United States is sending a strong message to the Russian government that there are consequences for their actions that violate the sovereignty and territorial integrity of Ukraine, including their actions supporting the illegal referendum for Crimean separation.
Obama Said “As I told President Putin yesterday, “the referendum in Crimea was a clear violation of Ukrainian constitutions and international law, and it will not be recognized by the international community.”
President Obama explained four specific actions: “First, as authorized by the executive order I signed two weeks ago,
[1]we are imposing sanctions on specific individuals responsible for undermining the sovereignty, territorial integrity and government of Ukraine,” he said.
[2]Second, I have signed a new executive order that expands the scope of our sanctions
[3]Third, we’re continuing our close consultations with our European partners, who today in Brussels moved ahead with their own sanctions against Russia…
[4] Fourth, we’ll continue to make clear to Russia that further provocations will achieve nothing except to further isolate Russia and diminish its place in the world.
President Said “Now, I believe there’s still a path to resolve this situation diplomatically in a way that addresses the interest of both Russia and Ukraine,” “But throughout this process, we’re going to stand firm in our unwavering support for Ukraine.”

स्टेचू आफ लिबर्टी को अमेरिका के शट डाउन से १२ दिन पश्चात लिबर्टी मिल ही गई

स्टेचू आफ लिबर्टी को अमेरिका के शट डाउन से १२ दिन पश्चात लिबर्टी मिल ही गई |रविवार से इसके द्वार पर्यटकों के लिए पुनः खोल दिए गए हैं| इसके लिए न्यू यॉर्क के गवर्नर एंड्रू कोमो[ AndrewCuomo ] और स्टेट असेम्बली को जाता है| इन्होने इस एतिहासिक स्मारक के खर्च वहन करने पर सहमती जताई| यूं एस ऐ का न्यूयॉर्क एक संपन्न स्टेट हैं और शट डाउन के कारण इसके प्रतिष्ठित स्मारक की बंदी के कारण इसे अपयश का भागी बनना पड़ रहा था| सम्भवत इसीलिए इस राज्य ने स्टेचू आफ लिबर्टी के लिए केंद्र से फंड प्राप्त होने तक के लिए ६१६०० $ प्रति दिन का खर्चा उठाने पर सहमति दे दी है|इसके फलस्वरूप मेनहट्टन के इस बेक वाटर में मोटर बोट्स टूरिस्ट को स्टेचू आफ लिबर्टी के फोर्ट तक लाने लग गई है गौरतलब है कि ओबामा केयर के कारण विपक्षी रिपब्लिकन्स और सतारुड डेमोक्रेट्स में गतिरोध बना हुआ है जिसके फलस्वरूप बजट लंबित है और सरकार ने अनावश्यक खर्चों में रोक लगा दी हैइसी कड़ी में राष्ट्र के सारे मुसियम बंद कर दिए गए हैं |

प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश के लिए 2000.49 करोड़ के 15 प्रस्‍तावों को हरी झंडी:एच बी ओ+ कोका कोला स्थगित

केंद्र सरकार ने प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश[FDI] के लिए 2000.49 करोड़ के 15 प्रस्‍तावों को हरी झंडी दी
27 अगस्‍त, 2013 को आयोजित एक सम्‍मेलन में विदेशी निवेश प्रोत्‍साहन बोर्ड (एफआईपीबी) की सिफारिशों के आधार पर लगभग रू.2000.49 करोड़ की लागत के 15 प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश के प्रस्‍तावों को मंजूरी दी गई है ।
इसके अतिरिक्‍त आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति के विचारार्थ 10668.00 करोड़ लागत के दो प्रस्‍तावों की अनुशंसा की गई है। ये दो प्रस्‍ताव हैं- भारत ढांचागत अनुदान 2, मुंबई के लिए प्रस्‍तावित ट्रस्‍टी के रूप में मैसर्स आईडीएफसी ट्रस्‍टी कंपनी लिमिटेड तथा मैसर्स मिलान इंकॉरोपोरेशन, अमेरिका
इसके अतिरिक्त २ प्रस्तावों को वापिस[ withdrawn ] लिया गया है
[1]=M/s Aluchem Inc., USA
[2]=M/s Metalsa India Pvt. Ltd., New Delhi।
एच बी ओ [ HBO ]के मनोरंजन के छेत्र और कोका कोला के शीतल पेयजल में निवेश सहित दस प्रस्तावों को स्थगित किया गया है
आन लाइन पोकर लाने वाली कंपनी सहित तीन कंपनियों के प्रस्तावों को निरस्त किया गया है जबकि दो प्रस्तावों की राशि १२०० करोड़ से अधिक होने के कारण इशे सी सी ई ऐ[ CCEA ] के पास भेजेने की संतुति की गई है|

अमेरिका में अप्रवासन कानून बना और उसमे भारतीय आई टी जगत को हानि हुई तो भारत सरकार डब्‍ल्‍युटीओ के समक्ष जा सकती है

अमेरिका में अगर नया अप्रवासन कानून बना और उसमे भारतीय आई टी जगत को हानि हुई तो भारत सरकार डब्‍ल्‍युटीओ विवाद निपटान निकाय के समक्ष जा सकती है|
संयुक्‍त राज्‍य अमरीका [ USA ]में ओबामा केयर[ OBAMACARE ] के अंतर्गत आप्रवास Immigrationसुधार विधेयक की प्रगृति से आई टी उद्योग की चिंता पर भारत सरकार सावधानी से नजर रख रही है इस विषय में [१]मई, 2013 [२] जून 2013 में रणनीतिक वार्ता और [३]जुलाई 2013 में आयोजित बैठकों के दौरान अमरीकी पक्ष को आईटी कंपनियों की चिंताओं से अवगत कराया जा चूका हैं चूंकि यह अभी कानून नही बना है इसीलिए इसके विरुद्ध कार्यवाही से बचा जा रहा है | सूत्रों के अनुसार अप्रवासन के सुधारों के नाम पर इस नए कानून के अस्तित्व में आने पर भारत सरकार डब्‍ल्‍युटीओ विवाद निपटान निकाय के समक्ष अपना विरोध दर्ज़ करा सकती है|
गौर तलब है के संयुक्‍त राज्‍य सीनेट ने 27 जून, 2013 को ‘सीमा सुरक्षा, आर्थिक अवसर और आप्रवास आधुनिकीकरण अधिनियम 2013’ नामक विधेयक सं. एस 744 पारित किया। यद्यपति, उम्‍मीद की जा रही है कि मौजूदा विधेयक से विदेशी विद्यार्थियों पर, जिनमें भारतीय विद्यार्थी भी शामिल हैं, कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा तथापि भारतीय आईटी उद्योग इस से चिंतित है |इस विधेयक में किए गए कुछ प्रावधानों पर लगातार चिंता व्‍यक्‍त की जा रही है मुख्यत यह चिंता कुशल गैर-आप्रवासी वीजा से संबंधित शर्तों पर है, | अमरीकी संसद के दोनों सदनों में संसदीय प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद यदि इसे लागू किया गया तो संभव है कि एच1-बी/एल-1 वीजा आश्रित फर्मों की जिम्‍मेवारियां और बढ़ जाएंगी,| भारतीय आई टी उद्योग को जिन समस्यायों से जूझना पड़ उनमे सकता है मुख्य निम्न हैं [१]अधिक वेतन;
[२]अमरीकी एजेंसियों द्वारा अधिकाधिक लेखा परीक्षा;
[३]अविस्‍थापन गारंटी/‍
[४]अतिरिक्‍त भर्ती संबंधी नोटिस की अपे‍क्षाएं;
[5]और बढ़ा हुआ वीजा-शुल्‍क शामिल हैं।
बताते चले के [१] मई, 2013 में होमलैंड सिक्‍यूरिटी वार्ता,
[२] जून 2013 में रणनीतिक वार्ता और
[३]जुलाई 2013 में सीईओ मंच की हाल ही में आयोजित बैठकों के दौरान गृह मंत्री+ वित्‍त मंत्री+ वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री तथा +विदेश मंत्री द्वारा मंत्रालय स्‍तर पर अमरीकी पक्ष को आईटी कंपनियों की इन सभी चिंताओं से अवगत करा दिया गया है।
वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास आईटी उद्योग के साथ मिलकर इस सीनेट विधेयक के संबंध में भारतीय आईटी कंपनियों की चिंताओं के बारे में अमरीकी कांग्रेस में और अधिक जागरुकता पैदा करने की बाबत कार्य कर रहा है।
सरकार इस सीनेट विधेयक की विश्‍व व्‍यापार संगठन (डब्‍ल्‍युटीओ) अनुकूलता की दृष्टि से जांच कर रही है। हालांकि, इस मामले को समुचित समय पर डब्‍ल्‍युटीओ विवाद निपटान निकाय के समक्ष तभी लाया जा सकता है जब यह ‘सीनेट विधेयक’ कानून बन जाए।
मालूम हो कि अमेरिका के प्रेजिडेंट बराक ओबामा अपनी अप्रवासन नीति को अपर्याप्त और टूटी[Broken]मानते हैं और उसमे सुधार लाने के लिए कामन सेन्स इमीग्रेशन बिल लाये हैं और सीनेट में उसे पास भी करा लिया अब कांग्रेस में पास करने के लिए लगातार राजनितिक दबाब बनाया जा रहा है | अब यदि यह कानून बन जाता है तो भारतीय आई टी कंपनियों के माध्यम से अमेरिका के विकास में योगदान दे रहे भारतीय कम्पनियाँ और टेक्नोक्रेट्स दोनों प्रभावित होंगे इनके लिए प्रतिस्पर्द्धा में जीतना कठिन किया जा सकता है|

रूस ने एडवर्ड स्नोडेन को राजनितिक शरण देकर अपने चिर प्रतिद्वंदी अमेरिका को कूटनीतिक मात दी

शीत युद्ध की समाप्ति के साथ बिखर कर वैश्विक सर्वोच्चता खो चुके रूस ने एडवर्ड स्नोडेन को राजनितिक शरण देकर अपने चिर प्रतिद्वंदी यूं एस ऐ को कूट नीतिक मात दे दी है | अमेरिकन प्रेजिडेंट बराक ओबामा जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए रूस जाने वाले हैं जहां इस मुद्दे को उठाया जा सकता है|
अमेरिकी खुफिया जानकारियों का खुलासा करने वाले सीआईए के पूर्व अनुबंधकर्ता[कांट्रेक्टर ] एडवर्ड स्नोडेन को आखिर कार रूस ने अस्थाई शरण दे दी है जून से स्नोडेन मॉस्को एयर पोर्ट पर ही रुके हुए थे|इससे अमेरिका बेहद निराश है |
गौरतलब है कि अमेरिका ने रूस से आग्रह किया था कि स्नोडेन को उस पर लगे आरोपों का सामना करने के लिए निष्कासित कर अमेरिका भेज दिया जाए। इन अनुरोधों के बावजूद रूसी सरकार ने यह कदम उठाया है,रूसी संघीय आव्रजन सेवा (रशियन फेडरल माइग्रेशन सर्विस) की ओर से स्नोडेन को एक साल के लिए अस्थायी शरण देने और हवाईअड्डा छोड़ने की अनुमति देने की सार्वजनिक तौर पर पुष्टि कर दी गई है|
रूस की सरकार ने इस फैसले के बारे में अमेरिका को सूचित भी नहीं किया | इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमेरिका का कहना है कि स्नोडेन कोई व्हिसल ब्लोअर नहीं है। वह गोपनीय सूचनाओं का खुलासा करने का आरोपी है और उस पर तीन आपराधिक आरोप हैं। विपक्षी पार्टी रिपब्लिकन सीनेटर जॉन मैक्केन ने स्नोडेन को रूस में अस्थायी शरण दिए जाने को ‘अमेरिका को शर्मिंदा करने के लिए जानबूझकर किया गया प्रयास’ बताया था\
मालूम हो कि अमरीका का आरोप है कि एडवर्ड स्नोडेन ने इलेक्ट्रॉनिक निगरानी कार्यक्रम से जुड़ी जानकारी लीक की.जिसके पश्चात स्नोडेन 23 जून को हांगकांग से मास्को चले गए|
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