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राज्यों के “वीआईपी” वर्ग को मुहैय्या करवाई जा रही सुरक्षा का खर्च उपलब्ध नही है

[नई दिल्ली]राज्यों द्वारा अपने “वीआईपी” वर्ग को मुहैय्या करवाई जा रही सुरक्षा का खर्च केंद्र के पास उपलब्ध नही है यह स्वीकारोक्ति आज गृह राज्य मंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी ने की |श्री चौधरी ने लोकसभा में ओम बिरला के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी है|
देश के २७५ माननीयों को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मुहैय्या करवाई जा रही है वीआईपी सुरक्षा|
वर्तमान में महत्वपूर्ण पदों पर विराजमान व्यक्तियों जैसे- राष्ट्रपति+उपराष्ट्रपति+प्रधानमंत्री+केन्द्रीय मंत्रियों+उच्चतम न्यायालय +उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश/जजों+लोकसभा अध्यक्ष +र राज्य सरकार की व्यवस्था में इन के समकक्षों और राष्ट्रीय सुरक्षा महत्व के संवेदनशील विषयों को देखने वाले कुछ वरिष्ठ सरकारी पदाधिकारियों को सुरक्षा कवर प्रदान किया जाता है।
संविधान के अधीन कानून और व्यवस्था क्योंकि राज्य का विषय है इसलिए किसी राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के अधीन रहने वाले किसी निवासी को सुरक्षा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से संबंधित राज्य सरकार की होती है। खतरे का आकलन करने, सुरक्षा उपलब्ध कराने और सुरक्षा की समीक्षा करने के लिए राज्य सरकारों का अपना-अपना तंत्र है।
केन्द्र सरकार भी कुछ व्यक्तियों को खतरे के आकलन के आधार पर सुरक्षा कवर उपलब्ध कराती है। यह उपलब्ध कराए जाने वाली सुरक्षा समीक्षा के आवधिक आकलन जैसे- सुरक्षा जारी रखी जाए/वापिस ली जाए/कम की जाए/बढ़ाई जाने के आकलन पर आधारित होती है इसलिए केन्द्रीय सूची में सुरक्षा पाये व्यक्तियों की संख्या समय-समय पर बदलती रहती है। आज की तारीख के अऩुसार केन्द्रीय सूची में 275 व्यक्तियों को खतरे के आधार पर सुरक्षा प्रदान की गयी है। चार प्रकार की सुरक्षा का विवरण इस प्रकार हैः-
[१]’जेड’ प्लस श्रेणी- 31
[२]’जेड’ श्रेणी – 77
[३]’वाई’ श्रेणी – 136
[४]’एक्स’ श्रेणी- 31
‘योग’ – 275
राज्य सरकार द्वारा संरक्षित व्यक्तियों और उनकी सुरक्षा पर आने वाले व्यय के विवरण के विषय में गृहमंत्रालय ने अनभिग्यता जाहिर की है |
जहां तक सुरक्षा व्यय का संबंध है उसका संक्षेप में निर्धारण करना बहुत कठिन हैं क्योंकि इसमें सुरक्षा कर्मियों के वेतन + भत्ते+ संचार+यातायात वाहनों के खर्च को शामिल करना होगा। इनकी सुरक्षा कवर उपलब्ध कराने में लगी राज्य सरकार एजेंसियों सहित विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के संबंधित बजट शीर्षकों में गणना की जाती है। ऐसा विवरण केन्द्रीय रूप से संकलित नहीं किया जाता है इसलिए इसे उपलब्ध नहीं कराया जा सकता। यह जानकारी आज लोकसभा में गृह राज्य मंत्री श्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी ने श्री ओम बिरला के प्रश्न के लिखित उत्तर में दी थी।

अरविन्द केजरीवाल ने रिकॉर्ड जीत के साथ ही सियासी गलतियों का खाता खोला:वीआईपी सुरक्षा

[नई दिल्ली] अरविंद केजरीवाल ने रिकॉर्ड जीत दर्ज करने के साथ ही सियासी गलतियां भी करनी शुरू कर दी है|वी आई पी सुरक्षा व्यवस्था की आलोचना करने वाले श्री केजरीवाल ने आज ७० सीटों वाली विधान सभा में ६७ सीटें प्राप्त करके नया रिकॉर्ड बनाया है| आज उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया गया अब १४ फरवरी को उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पदऔर गोपनीयता की शपथ लेनी हैं |
इसी के साथ ही उन्होंने सियासी गलतियों का खाता भी खोल लिया है |
आज उन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई है,
इस वीआईपी व्यवस्था के अंतर्गत १२ कमांडों 24 घंटे उनकी सुरक्षा करेंगे| ये सारे कमांडो स्वाचलित बंदूकों से लैस होंगे।बढ़ी हुई सुरक्षा के तहत उनके घर पर सशस्त्र गॉर्ड तैनात रहेंगे और आंगतुकों को मेटल डिटेक्टर वाले दरवाजों :डीएफएमडी: से होकर गुजरना पड़ेगा
समाचार एजेंसी भाषा ने विशेष आयुक्त :सुरक्षा: एसबीके सिंह के हवाले से बताया‘‘अरविंद केजरीवाल को जेड प्लस सुरक्षा दी गई है।’’
दूसरी गलती के तौर परकेजरीवाल ने जीत के जश्न में डूबे समर्थकों के समक्ष सत्ता मद का परिचय दिया
शानदार विजय के लिए दिल्ली की जनता को सलाम करते हुए श्री केजरीवाल ने अपनी पार्टी के सभी लोगों को आगाह किया कि वे इस जनादेश से ‘‘अहंकार’’ में नहीं आएं वरना पांच साल बाद हमारा वही हश्र होगा जो आज इन चुनावों में कांग्रेस और भाजपा का हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने अपने परिवार का स्वभाविक रूप से परिचय भी कराया अपनी सफलता का श्रेय अपनी पत्नी और पिता को दिया| मालूम हो की श्री केजरीवाल की पत्नी सरकारी अफसर हैं और सरकारी कर्मी के लिए राजनीती में दखल निषेद्ध होता है |बेशक केजरीवाल ने हलके अंदाज में कहा मगर उन्होंने सरकारी कर्मियों को सन्देश देते हुए अपनी पत्नी से कहा की अब वोह खुल कर सामने आ सकती हैं उन्हें सरकार से डरने की जरुरत नहीं है