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Tag: Women Day

स्कूली छात्राओं के साथ छात्रों ने भी महिलाओं के हित में आवाज़ उठाई

 स्कूली छात्राओं के साथ छात्रों ने भी महिलाओं के हित में आवाज़ उठाई

स्कूली छात्राओं के साथ छात्रों ने भी महिलाओं के हित में आवाज़ उठाई

[मेरठ] स्कूली छात्राओं के साथ छात्रों ने भी महिलाओं के हित में आवाज़ उठाई| व्यस्तम छेत्र बेगम पुल + बच्चा पार्क पर स्कूली छात्र और छात्राओं ने १६ मार्च शनिवार को महिला उत्पीडन+शोषण के विरुद्ध बैनर्स उठा कर नारे लगाते हुए विरोध दर्ज़ कराया|लड़कियों की शिक्षा के महत्व का भी सराहनीय प्रचार प्रसार किया गया | बैनर्स पर लिखे कुछ स्लोगन्स इस प्रकार थे
[१] जग में अपना नाम करे
नारी का सम्मान करे
[२]पढ़ी लिखी लड़की
रौशनी घर की
[३]ममता और प्यार
पर है इसका उपकार

ड्राईविंग सीट पर बैठ कर कानून बनाने के बाद उसका कडाई से पालन कराने में अधिकाँश सरकारें बैक सीट पर आ जाती हैं| खैर इंटरनेशल वूमेन डे की बधाईयाँ


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

महिला उत्थान समिति की दुखी प्रेजिडेंट

ओये झल्लेया एक तरफ तो ये सोसायटी हमें देवी मानती है निर्भया कहती है | राष्ट्रीय संसद ने भी हमारे उत्थान के लिए २०१३-१४ के बजट में १००० करोड़ रुपयों का प्रावधान रख छोड़ा है| दायें बाएं से विदेशी इमदाद आती रहते है लेकिन कल संसद में पेश किये गए बलात्कार को हतोत्साहित करने वाले प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए सभी बिदक गए |ओये देश में लगातार रेप के केस का ग्राफ बढता जा रहा है और ऐसे में हमें शक्ति प्रदान करने के बजाये हमें सिर्फ बजट का पैसा दिखा कर खुश करने का प्रयास किया जा रहा है| इंटरनेशल वूमेन डे के एक दिन पहले हसाडे साथ ऐसा भद्दा मजाक और दूसरा नहीं हो सकता |

ड्राईविंग सीट पर बैठ कर कानून बनाने के बाद उसका कडाई से पालन कराने में अधिकाँश सरकारें बैक सीट पर आ जाती हैं| खैर इंटरनेशल वूमेन डे की बधाईयाँ

ड्राईविंग सीट पर बैठ कर कानून बनाने के बाद उसका कडाई से पालन कराने में अधिकाँश सरकारें बैक सीट पर आ जाती हैं| खैर इंटरनेशल वूमेन डे की बधाईयाँ

झल्ला

हाँ जी यह तो आप जी की बात सही लगती है लेकिन पतनाला तो वहीँ गिरना है|अब देखो बीते बजट में आप लोगों के उत्थान के लिए सरकारी खर्च में बीते खर्च में .०१% बड़ा कर ५.९% की व्यवस्था की गई थी इस वर्ष केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम [शायद अगली बार पी एम् ]ने १००० करोड़ रुपयों का प्रावधान रखा है|इसके अलावा सत्ता रुड यूं पी ऐ और विपक्षी एन डी ऐ ने अपने शीर्ष पदों पर महिलाओं को ही सुशोभित किया हुआ है|इस सबके बावजूद आप का रोना किसी न किसी अन्दर की बात की तरफ इशारा जरूर कर रहा है|झल्लेविचारानुसार एक हज़ार करोड़ के खर्चे की पोल तो पांच साल बाद कैग की रिपोर्ट में खुलेगी लेकिन अगर बलात्कार को हतोत्साहित करने वाला कानून बन गया तो उसकी पोल रोजाना खुलनी शुरू हो जायेगी|क्या कहा ऐसा क्यूं होगा तो इतिहास गवाह है के ड्राईविंग सीट पर बैठ कर कानून बनाने के बाद उसका कडाई से पालन कराने में अधिकाँश सरकारें बैक सीट पर आ जाती हैं| खैर इंटरनेशल वूमेन डे की बधाईयाँ