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प्रसव के दौरान ‘”बर्थ कम्पेनियन” की उपस्थिति को मंजूरी:बर्थ कम्पेनियन की नियुक्ति होगी

[नई दिल्ली]प्रसव के दौरान ‘बर्थ कम्‍पेनियन’ की उपस्थिति को मंजूरी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रसव के दौरान ‘बर्थ कम्‍पेनियन’ की उपस्‍थिति को मंजूरी दी
मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य +परिवार कल्याण मंत्रालय ने यह एक एक अनोखी पहल की है|
बर्थ कम्‍पेनियन महिलाएं होंगी जिन्हें प्रसव और शिशु जन्म के क्षेत्र में अनुभव प्राप्‍त होगा।
ये प्रसव के दौरान माताओं को भावनात्मक समर्थन देंगी और प्रसव संबंधी प्रसव पीड़ा कम करने और सहने में मदद करेंगी।
प्रसव के दौरान महिला के पति भी बर्थ कम्‍पेनियन के रूप में उपस्‍थित हो सकते हैं। ,महिला बर्थ कम्‍पेनियनों की नियुक्ति होगी उनके लिए कुछ शर्तें निर्धारित की गई हैं –
१] महिला को किसी भी तरह का संक्रामक रोग नहीं होना चाहिए।
2] वस्त्र साफ-सुथरे होने चाहिए।
३] प्रसव के दौरान गर्भवती महिला के साथ पूरे समय रहने के लिए तैयार होना चाहिए।
४] महिला अस्पताल के स्टाफ और उपचार प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप न करे।
५]लेबर रूम में उपस्थित महिलाओं की सेवा का दायित्‍व वहन नहीं करेंगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन [डब्लू एच ओ] ने भी बर्थ कम्पेनियन की नियुक्ति को प्रोत्साहित किया है।

पाकिस्तान की गोलियों के जवाब में भारत ने पोलियो उन्मूलन में मानवतावादी सहयोग की पेशकश भेजी

[नई दिल्ली]पाकिस्तान की गोलियों के जवाब में भारत ने मानववादी उत्तर में पोलियो उन्मूलन में सहयोग की पेशकश भेजी | भारत को पोलियो मुक्त राष्ट्र घोषित किया जा चुका है|
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने पोलियो उन्मूलन में पाकिस्तान को सहयोग की पेशकश की है
उन्होंने विश्व पोलियो दिवस पर सभी पक्षों से आत्मसंतुष्ट हुए बगैर पोलियो के खिलाफ जंग जारी रखने का आह्वाहन किया |
केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन में मदद के लिए वहां की सरकार को पूर्ण सहयोग देने की पेशकश की है।
विश्वभर में आज पोलियो के जितने भी मामले सामने आ रहे हैं, उनमें से 85 % का वास्ता पाकिस्तान से ही है। यह पाकिस्तान के पड़ोसी देश भारत के लिए चिंता का विषय है।
विश्व पोलियो दिवस पर डॉ. हर्षवर्धन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री श्री नवाज शरीफ की उस हालिया घोषणा का स्वागत किया जिसमें उन्होंने एक ‘राष्ट्रीय आपात कार्य योजना-2014’ पर अमल करने की बात कही है। इस कार्यक्रम पर आने वाले समूचे खर्च का वहन सरकार वर्ष 2018 तक करेगी।
मंत्री ने पड़ौसी मुल्क की ,इस योजना को सटीक बताया |
पोलियो के खिलाफ जंग के लिए भारत के सामाजिक समूहों की मदद लेने के कदम की सभी अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने सराहना की है, जिनमें विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, रोटरी इंटरनेशनल और बीमारी नियंत्रण के लिए अमेरिकी केन्द्र भी शामिल हैं। पोलियो के खिलाफ जंग के लिए इस तरह की पहल के बारे में सबसे पहले वर्ष 1994 में दिल्ली में कल्पना की गई थी, जिस दौरान डॉ. हर्षवर्धन इस राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थे।
डॉ. हर्षवर्धन ने इस ओर ध्यान दिलाया कि यह विशेष मॉडल अपनाने से पाकिस्तान को भी पोलियो उन्मूलन अभियान में अच्छी कामयाबी मिलेगी। जब तक समाज के सभी समूहों खास कर पाकिस्तान के मौलवियों को इस मुहिम में शामिल नहीं किया जाएगा, तब तक पोलियो का जड़ से उन्मूलन करने के लक्ष्य को पाना संभव नहीं हो पाएगा।
‘ पोलियो उन्मूलन में अपने उल्लेखनीय कार्य के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), रोटरी फाउंडेशन, लायंस इंटरनेशनल, भारतीय चिकित्सा संघ और अनेक अन्य राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से पुरस्कार प्राप्त कर चुके डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ’विश्व पोलियो दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि कोई भी बीमारी राष्ट्रीय सीमाओं का ख्याल नहीं रखती है। विश्व स्तर पर वर्ष 1998 से ही तकरीबन 40 देशों को कहर ढाने वाले पोलियो वायरस से एक या उससे ज्यादा मर्तबा जूझना पड़ा है, जबकि ये मुल्क पोलियो मुक्त घोषित किये जा चुके थे।‘
जहां तक पाकिस्तान और अफगानिस्तान का सवाल है, वहां से पोलियो महज एक बस यात्रा जितनी दूर है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इसके लिए सीमाओं पर अनेक तरह की व्यवस्था की गई है। मसलन, पाकिस्तान से यहां आने-जाने वाले यात्रियों को टीका लगवाने की सुविधाएं मुहैया करायी गई हैं। इसके अलावा, विशेष टीमों को तैनात कर आपात स्थिति में बचाव के लिए भी योजनाएं बनाई गई हैं।
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Health and Family Welfare, Dr. Harsh Vardhan administering the polio vaccine drops to children under-five years to mark the World Polio Day, in New Delhi on October 24, 2014.

डॉ. हर्षवर्धन ने तम्बाकू से स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभावों के प्रति जागरूकता के लिए रैली रवाना की

[नई दिल्ली]स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज विश्व तंंबाकू निषेध दिवस के उपलक्ष्य में निर्माण भवन से 200 स्कूली छात्रों की रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया | यह रैली इंडिया गेट तक आयोजित की गई है| विश्व तंंबाकू निषेध दिवस कल ३१ मई को है |
डॉ हर्षवर्धन ने यह रैली ‘विश्व तम्बाकू निषेध दिवस’ पर तम्बाकू सेवन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए आयोजित की है | प्राप्त जानकारी के अनुसार यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर शुरू की गई गतिविधियों का एक हिस्सा है। इसका उद्देश्य उन नीतियों का प्रचार करना भी है, जिनसे तम्बाकू सेवन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे असर को कम करने में सहायता मिलती है।World No Tobacco Rally In Delhi वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन की इस वर्ष की थीम है – तम्बाकू सेवन को हतोत्साहित करने के लिए तम्बाकू पर कर बढ़ाना।
गौरतलब है कि विश्व भर में तम्बाकू निषेध दिवस हर वर्ष 31 मई को मनाया जाता है।
बीते दिन डॉ हर्षवर्धन ने ‘भारत में तंबाकू से संबंधित बीमारियों के आर्थिक दुष्‍प्रभाव पर रिपोर्ट की मुख्‍य-मुख्‍य बातें’ जारी की और तंबाकू नियंत्रण के लिए भारत के ब्रैंड एम्‍बेस्‍डर के रूप में श्री राहुल द्रविड़ के प्रिंट विज्ञापन का अनावरण किया।
उन्होंने इसकी नीति पर पुनर्विचार करने और सभी वर्गों को जोड़ने की जरूरतपर बल दिया | उन्‍होंने बताया कि तंबाकू का सेवन न करने व सकारात्‍मक स्‍वास्‍थ्‍य का संदेश फैलाने में बच्‍चे सुदृढ़ संदेशवाहक बन सकते हैं। उनके मुताबिक तंबाकू तथा तंबाकू उत्‍पादों का सेवन न करने पर बच्‍चे बड़ों को प्रेरित, शिक्षित और राजी कर सकते हैं।
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने यह भी बताया कि उनके लिए हर दिन तंबाकू निषेध दिवस है और वे इसके सेवन से लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में अवगत कराते रहते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त देश प्रमाणित किया

[नई दिल्ली]विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त देश प्रमाणित कर दिया है इस बाबत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाब नबी आजाद ने प्रमाण पत्र ग्रहण किया|
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत को ‘पोलियो मुक्त’ देश का दर्जा देते हुए आज आधिकारिक प्रमाण पत्र प्रदान किया।
भारत दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र के उन देशों में शामिल हो गया हैं जिन्हे जिन्हें वाइल्ड पोलियो वायरस मुक्त देश का प्रमाण पत्र दिया गया है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री गुलाब नबी आजाद ने एक समारोह में यह प्रमाण पत्र ग्रहण किया। इससे पहले 1994 में अमरीका के क्षेत्र, 2000 में पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र और 2002 में यूरोपीय क्षेत्र को यह प्रमाण पत्र मिल चुका है।
इस अवसर पर आयोजित समारोह में श्री आजाद ने कहा कि भारत जनवरी 2011 में ही पोलियो मुक्त हो चुका था। समूचे दक्षिण-पूर्व एशियाई स्वास्थ्य मंत्रियों की ओर से इस ऐतिहासिक अवसर पर श्री आजाद ने सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने पर खुशी और संतोष जाहिर किया जो असंभव दिखाई देती थी क्योंकि दुनिया में पोलियो के सबसे अधिक मामले भारत में सामने आते थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत ने 19 वर्ष पूर्व 1995 में पोलियो समाप्त करने का कार्यक्रम आरंभ किया था, जब हर वर्ष देश में 50,000 हजार से ज्यादा बच्चे इसका शिकार हो जाया करते थे। उन्होनें कहा कि उच्च स्तर पर दृढ़ संकल्प के कारण इस उपलब्धि को हासिल किया गया। इनमें तकनीकी आविष्कार जैसे देश में तैयार द्विसंयोजक पोलियो टीका, पर्याप्त घरेलू वित्तीय संसाधनों और पोलियो कार्यक्रमों की सघन निगरानी शामिल है जिसके कारण 99 प्रतिशत टीकाकरण किया गया और भारत पोलियो मुक्त हो गया। उन्होनें कहा कि 10 लाख से अधिक मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (एएसएचए) और सहायक नर्स दाईयों (एएनएन) के प्रयासों से पोलियो समाप्त करने के कार्यक्रम को गति मिली। 23 लाख पोलियो स्वयं सेवकों और 150,000 सुपरवाइजरों की मजबूत टीम दिन-रात काम करते हुए प्रत्येक बच्चे तक पहुंची। स्वास्थ्य मंत्री ने डब्ल्यूएचओ, यूनीसेफ, रोटरी इंटरनेशनल, बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और बच्चों के माता-पिता सहित अन्य साझेदारों के मजबूत तकनीकी और सामूहिक प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
इस समारोह में डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र संगठन देशों के प्रतिनिधि, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और सहयोगी एजेंसियों जैसे रोटरी इंटरनेशनल, यूनीसेफ और डीएफआईडी के प्रतिनिधि मौजूद थे।

औषधि महानियंत्रक और भारतीय दवाओं की क्वालिटी खराब बताने वाली खबरें गलत

भारत में बनी दवाओं की क्वालिटी को ख़राब बताने वाली ख़बरों का खंडन करते हुए भारत सरकार ने औषधि उद्योग को बदनाम करने की साजिश बताया है
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने उन खबरों को गलत बताया है तथ्यात्मक रूप से और जिनके अनुसार भारत में बनी दवाओं की क्वालिटी अच्छी नहीं होती।
भारत के स्वास्थ्य एवं और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में देश विदेश के प्रिंट मीडिया में हाल ही में छपी ये खबरें भारत के औषधि उद्योग और भारतीय राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण अर्थात भारत के औषधि महानियंत्रक को बदनाम करने की नीयत से फैलाई गई हैं। विज्ञप्ति के अनुसार भारत के औषधि महानियंत्रक ने 30 जनवरी 2014 को अपने इंटरव्यू में जो कुछ कहा था वह उसे संदर्भ से हट कर और सनसनीखेज बनाकर छापा गया है। औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम 1940 में ऐसे अनेक प्रावधान हैं जिनके जरिये दवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता सुनिश्चित की जा सकती है। असलियत यह है कि भारतीय औषधियां 205 से ज्यादा देशों में प्रचलित हैं। इनमें विकसित और विकासशील देश शामिल हैं।
विज्ञप्ति में बताया गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने 2013 में भारत के औषधि महानियंत्रक कार्यालय का निरीक्षण किया था और एलान किया था कि भारतीय राष्ट्रीय विनियामक प्राधिकरण टीकों के मापदंडों पर ठीक काम कर रहा है। भारतीय औषधियों ने दुनिया की मंडियों में अपनी जगह बना ली है और दुनिया के अनेक देशों को भारत से 15 अरब अमरीकी डॉलर के मूल्य की दवाएं निर्यात की जाती हैं। देश में कुल 360 औषधि निर्माण यूनिटें हैं जो अमरीका की फेडरल ड्रग अथॉरटी (एफडीए) से अनुमोदित हैं।

आयुर्वेदिक,यूनानी औषधियों को बढ़ावा देने के लिए भारत ने डब्लू.एच.ओ.की मकाउ बैठक में आवाज उठाई

आयुर्वेदिक +यूनानी आदि पारंपरिक औषधियों को बढ़ावा देने के लिए भारत ने विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की चीन के मकाउ में आयोजित बैठक में पुरजोर आवाज उठाई|
स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्रीमती संतोष चौधरी ने कहा है कि पारंपरिक औषधियों को बढ़ावा देने के लिए नीतियों और रणनीतियों का निर्माण किया जाना चाहिए। वे आज मकाओ एसएआर, चीन में आयोजित विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन पारंपरिक औषधि रणनीति : 2014-2023 की उच्‍चस्‍तरीय बैठक को संबोधित कर रही थीं। इस अवसर पर उन्होंने भारत में आयुर्वेद के अध्‍ययन के लिए विदेशी नागरिकों को प्रोत्‍साहित भी किया |
श्रीमती चौधरी ने कहा कि दुनिया में स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं बढ़ती जा रही हैं, जिनमें रहन-सहन से होने वाली बीमारियां प्रमुख हैं। उन्‍होंने कहा कि इस प्रकार के रोगों से निपटने के लिए आज पारंपरिक औषधि की उपयोगिता पर चर्चा की जाती है, इसलिए यह आवश्‍यक है कि विभिन्‍न सरकारें इस संबंध में बहुआयामी और बहुआधारित नीतियों और रणनीतियों को निर्माण करें।
श्रीमती चौधरी ने कहा कि भारत में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्‍सा, यूनानी सिद्ध, सोवा-रिगपा और होम्‍योपेथी (आयुष) को पारंपरिक औषधि के रूप में मान्‍यता प्राप्‍त है। उन्‍होंने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय में आयुष विभाग कायम किया गया है, जो पारंपरिक चिकित्‍सा प्रणालियों के प्रोत्‍साहन के लिए राष्‍ट्रीय तथा अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तरों पर काम करता है। उन्‍होंने बताया कि भारत में आयुष सुविधाओं का बहुत बड़ा बुनियादी ढांचा मौजूद है,
जिसके तहत 7,20,937 चिकित्‍सक पंजीकृत हैं।
देश भर में आयुष के 24,392 दवाखाने और
3,195 अस्‍पताल तथा
504 कॉलेज, स्‍नातकोत्‍तर शिक्षा के लिए 117 केन्‍द्र तथा 8,785 लाइसेंस प्राप्‍त दवा निर्माण इकाइयां काम कर रही हैं।
मंत्री महोदया ने बताया कि भारत में आयुर्वेद के अध्‍ययन के लिए विदेशी नागरिकों को प्रोत्‍साहित किया जाता है। उन्‍होंने उम्‍मीद जाहिर की कि सम्‍मेलन में पारंपरिक औषधियों के लिए नई रणनीति तैयार की जाएगी।
इस अवसर पर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की महानिदेशक डॉ. मारग्रेट चैन, मकाओ के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी श्री फर्नांडो चियु और विभिन्‍न देशों के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री और विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के पदाधिकारी एवं विशेषज्ञों सहित विभिन्‍न गणमान्‍य व्‍यक्ति मौजूद थे।

एच आई वी पीड़ित माताओं के शिशुओ के लिए बिहार में मदर्स मिल्क बैंक की स्थापना होगी Breast Feeding Week

बिहार सरकार एच आई वी[ HIV ] पीड़ित माताओं के शिशुओं के लिए मदर्स मिल्क बैंक[ MothersMilkBank ] की स्थापना करेगी|
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव श्री व्यास ने प्रेस वार्ता में इस प्रतिबद्धता को उजागर किया|
उन्होंने कहा कि शिशु के लिए माता का दूध श्रेष्ठ होता है|उन्होंने इसे स्वास्थ्य प्रक्षेत्र का प्रमुख लक्ष्य बताया| इसके उपरान्त भी एच आई वी जैसे संक्रमण रोग से पीड़ित माताओं द्वारा स्तन पान कराना सम्भव नहीं होता इसीलिए मदर्स मिल्क बैंक की स्थापना पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है|
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एक अगस्त से स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है जिसमे १७० देश भाग ले रहे हैं इसी क्रम में यह प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया |उन्होंने स्तनपान को बढ़ावा देने की अपील भी की| प्रधान स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि बहुआयामी रणनीति का प्रारूप तैयार करने के लिए कोर कमिटी के गठन की सूचना भी दी|
आई एम् ऐ अध्यक्ष डॉ राजीव रंजन प्रसाद+डॉ संजीव रंजन प्रसाद+डॉ एस पी श्रीवास्तव+सेव दी चिल्ड्रन्स के सदस्य भी उपस्थित थे|