Ad

Tag: YogendraYadav

आम आदमी पार्टी के खास नेताओं में शब्दयुद्ध के लिए शंखनाद हो ही गया

[नई दिल्ली]आम आदमी पार्टी के खास नेताओं में शब्दयुद्ध के लिए शंखनाद हो ही गया
आम आदमी पार्टी के खास नेताओं के आपसी विवाद खुल कर सामने आने लग गए हैं |आप पार्टी के चार अधिकृत बढे नेताओं ने जहां योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण के खिलाफ एक आधिकारिक ब्यान जारी किया तो प्रशांत और योगेन्द्र ने जल्दी सत्य के उजागर करने की चेतावनी दे डाली है
नेता मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, पंकज गुप्ता और संजय सिंह के संयुक्त वक्तव्य में बताय गया है कि
4 मार्च को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में पार्टी में आये गतिरोध को दूर करने के लिए श्री योगेन्द्र यादव व श्री प्रशांत भूषण को पी ऐ सी से मुक्त करने के कारणों को सार्वजनिक नहीं किया कि उससे इन दोनों के व्यक्तित्व पर विपरीत असर पड़ेगा, लेकिन बैठक के बाद मीडिया में लगातार बयान दे कर माहौल बनाया जा रहा है जैसे राष्ट्रीय कार्यकारणी ने अलोकतांत्रिक और गैरजिम्मेदार तरीके से यह फैसला लिया। मीडिया को देखकर कार्यकर्ताओ में भी यह सवाल उठने लगा है की आखिर इनको हटाने की वजह क्या है। पार्टी के खिलाफ मीडिया में बनाये जा रहे माहौल से मजबूर हो कर पार्टी को दोनों वरिष्ठ साथियों को PAC से हटाये जाने के करणों को सार्वजनिक करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
वक्तव्य में आरोप लगाया गया है के जब सब कार्यकर्ता पार्टी को जिताने के लिए अपना पसीना बहा रहे थे, उस समय प्रशांत भूषण, योगेन्द्र यादव और शांति भूषण पार्टी को हराने की पूरी कोशिश कर रहे थे। इस आरोप के समर्थन में निम्न कारण दिए गए हैं –
१] प्रशांत भूषण ने, दूसरे प्रदेशों के कार्यकर्ताओं को फ़ोन कर कर के दिल्ली में चुनाव प्रचार करने आने से रोका जिसकी पुष्टि अंजलि दमानिया भी कर चुकी हैं
२] प्रशांत भूषण ने लोगों को चन्दा देने से रोका।
३] प्रशांत ने आशीष खेतान को बोला कि पार्टी के लिए प्रचार करना तो बहुत दूर की बात है वो दिल्ली का चुनाव पार्टी को हराना चाहते है
४]प्रशांत भूषण और उनके पिताजी को समझाने के लिए, कि वे मीडिया में कुछ उलट सुलट न बोलें, पार्टी के लगभग 10 बड़े नेता प्रशांत जी के घर पर लगातार 3 दिनों तक उन्हें समझाते रहे। ऐसे वक़्त जब हमारे नेताओं को प्रचार करना चाहिए था, वो लोग इन तीनों को मनाने में लगे हुए थे।
५] अरविंद केजरीवाल की छवि को ख़राब करने के लिए योगेन्द्र यादव ने अखबारों में नेगेटिव ख़बरें छपवायी.
६] ‘अवाम’ भाजपा द्वारा संचालित संस्था है।’अवाम’ को प्रशांत भूषण ने खुलकर सपोर्ट किया था।शांति भूषण जी ने तो ‘अवाम’ के सपोर्ट में और ‘आप’ के खिलाफ खुलकर बयान दिए।
७ ]चुनावों के कुछ दिन पहले शांति भूषण जी भाजपा की सी एम कैंडिडेट किरण बेदी पर अरविंद से ज्यादा भरोसा जताया |इसके पश्चात योगेन्द्र यादव ने इसे खुली लड़ाई के लिए शंखनाद के रूप में लिया है टी वी न्यूज़ एजेंसी एनआईऐ के कैमरे के सामने बोलते हुए योगेन्द्र यादव ने कहा कि अब सच पूर्ण सामने आ ही जाना चाहिए |इस वक्तव्य का जवाब दिया जाएगा और उसे और उस पर सदस्यों की प्रतिक्रिया को भी उजागर किया जाना चाहिए इसके साथ ही उन्होंने अपने विरुद्ध रचे जा रहे षड्यंत्र को भी उजागर करने की चेतावनी दी है |प्रशांत भूषण के अनुसार पूर्ण सच बहुत जल्दी सामने आ जाएगा
फाइल फोटो

राज्यसभा के प्रवेश द्वार के लिए ही तो कहीं”आप”पार्टी में घमासान नहीं मचा ?

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता

ओये झल्लेया ये हसाड़ी सोणी आप पार्टी को किस भेड़े की भेड़ी नजर लग गई आये दिन कुछ न कुछ घरैड पड़ रही है |पहले अरविन्द केजरीवाल साहब बीमार पड़ गए तो अब आशुतोष+आशीष खेतान जैसे इंपोर्टेड नेताओं के साथ साथ +भगवंत मान +मयंकगांधी और संस्थापक प्रशांत भूषण+शांति भूषण+योगेन्द्र यादव आदि आदि ने यत्र तत्र सर्वत्र गन्दगी उगलनी शुरू कर दी है |एक तरफ कहा जा रहा है के पार्टी के बाहर कोई बता मत करो दूसरी तरफ किताब+ब्लॉग+और इंटरव्यू से पार्टी की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं |ओये इससे तो हसाडे स्ट्रांग झाड़ू की सीखें ही बिखरती दिखने लगी है|

झल्ला

ओ मेरे भोले भापा जी ये लोग जो राजनीती मेंआये हैं कोई भजन करने तो आये बेशक ये लोग अपने चुनाव हार गए मगर अभी भी राज्य सभा के माध्यम से पार्लियामेंट में प्रवेश की गुंजाइश है और शायद इसीलिए ये लोग एक दूसरे को रास्ते से हटाने में लगे हैं वैसे यह भी सत्य है के खुल कर राजनीती में आने पर अच्छे अच्छों का शालीनता+शर्म के लिबास के लिए मल्लिका शेरावत+सन्नी लॉयन+दीपिका पदकों आदि आदि से कम्पटीशन होने लगता है |

योगेन्द्र खुजिया रहे खुद की दाढ़ी आज कल केजरीवाल की मूंछ से पहुँच जो हो गई दूर

योगेन्द्र खुजिया रहे खुद की दाढ़ी आज कल
केजरीवाल की मूंछ से पहुँच जो हो गई दूर
दिल्ली के चुनावी मंथन से निकले दो रत्न अनमोल
इन्हें मिला बाबा जी का ठुल्लु माखन खाए कोई और
कढ़े नियमों की सीख से”आप”में विपदा भारी
, चंद दिनों की सत्ता फिर से छन्दों में उतरी जाये
नमक नमक से सौ गुनी, राजनीती कर ली जाये
रक्त चाप कम हो अपना, दूसरे का बढ़ता जाये
नमक जरा सा बना कर गांधी ने अंग्रेज दिए भगाए
नमक तोड़ो कानून की धज्जियां आज उड़ती जाएँ
गांधी नमक सांसदों के घर घर फ्री में बंटता जाये
बोरो में भर नमक यादव सांसदों के घर भिजवाये
दिए घरों भिजवाये ये कैसी रची लीला योगेन्द्र महान
सांसदों को तो लगी नहीं उलटे “आप”ही तिल मिलाए
प्रशांत हुए अशांत मुंबईकर”राम”की लीला कीनी लीक
केजरीवाल को ही दे बैठे पार्टी के कढ़े नियमों की सीख
कढ़े नियमों की सीख से हुई कुछ ऐसी विपदा भारी
चंद दिनों की सत्ता फिर से छन्दों में ही गाइ जाये

हरियाणा में नमक बाँट रहे योगेन्द्रयादव को उन्ही की”आप”पार्टी द्वारा नमक में लगाने की ख़बरें आने लगी

[नई दिल्ली]हरियाणा में सांसदों को नमक चटाने में लगे योगेन्द्र यादव को उन्ही की “आप” पार्टी द्वारा नमक में लगाने की ख़बरें आने लग गई है
पार्टी के आंतरिक लोकपाल की असलियत की पोल खोलने के एवज में योगेन्द्र यादव को पार्टी से निकाला भी जा सकता है |आम आदमी पार्टी ने सत्ता प्राप्त होने के पश्चात अपने कार्यछेत्र को केवल दिल्ली तक ही सिमित कर लिया है |इससे सरकार में गिनती के ही नेताओं को मंत्री पद मिला है अन्य नेताओं की महत्वकांक्षाएं कही न कहीं स्वाभाविक उछाल मारती रहती हैं |
कुमार विश्वास+आशुतोष+योगेन्द्र यादव आदि अकसर इसे डायरेक्ट या इनडायरेक्ट प्रगट भी करते रहे हैं|आशुतोष ने तो सरकार बनने के तत्काल पशचात ही स्वयं को पॉलिटिक्स के लिए अयोग्य तक बता दिया |इसके आलावा अरविन्द केजरीवाल के इंकार किये जाने के उपरान्त भी योगेन्द्र यादव ने हरियाणा की राजनीती में दखल देना शुरू किया |लोक सभा के चुनावों में हुई अपनी हार को पचा नहीं पाने का गम उन्हें लगातार सालता आ रहा है सम्भवत इसीलिए उन्होंने यहांके ग्रामीणों के नाम पर राजनीती शुरू कर दी और सांसदों में खाद के खाली थेले+ नमक बांटने शुरू कर दिए |इस अभियान में भी वो ज्यादा समर्थन या भीड़ नहीं जुटा पाये |योगेन्द्र यादव मीडिया चैनलों की सुर्खियां पहले भी बटोरते रहे हैं और वोह अभी भी बदस्तूर जारी है |
इससे पूर्व शांति भूषण+प्रशांत भूषण+विनोद बिन्नी+शाजिया इल्मी+एस एस धीर आदि भी पार्टी में शक्तिशाली एक वर्ग विशेष के खिलाफ विरोध जता चुके हैं |पार्टी फण्ड फ्रॉड+टिकट बिक्री आदि के आरोप लगे हैं |
पार्टी की छह महिला विधायक चुने जाने के बावजूद एक भी महिला को मंत्री नहीं बनाये जाने पर भी नाराजगी जाहिर की जा आरही है |
दिल्ली में ७० में से ६७ सीटें जीत कर ऐतिहास बनाने वाली आम आदमी पार्टी में सत्ता में आने के बाद से ही आपसी मतभेद और टूट के लक्षण दिखने लगे हैं। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वरिष्ठ नेता और पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के सदस्य योगेंद्र यादव को पार्टी को निकाले जाने की खबरों के बीच पार्टी के आंतरिक लोकपाल व पूर्व एडमिरल एल रामदास की चिट्ठी से एक नया विवाद पैदा हो गया है।
एडमिरल रामदास की चिट्ठी बम ने पार्टी में चल रहे आंतरिक कलह को सतह पर ला दिया है।
रामदास ने एक व्यक्ति एक पद की बात पर अपनी राय जाहिर करते हुए अरविन्द केजरीवाल द्वारा सी एम और पार्टी संयोजक के दो पदों पर सवाल खड़ा किया है

देश के पहले पीएम को लेकर हरियाणाके१०वें सीएम के लिए मुश्किलें बढ़ी:भाजपा और कांग्रेस में वाकयुद्ध

[चंडीगढ़]देश के पहले पीएम को लेकर हरियाणाके१०वें सीएम के लिए मुश्किलें बढ़ी:भाजपा और कांग्रेस में वाकयुद्ध भारत के आधुनिक इतिहास ने जहां महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू को स्वतंत्रता के नायक बताया है वहीँ देश विभाजन के लिए भारत के नजरिये से खलनायक मोहम्मद अली जिन्नाह के साथ खड़ा भी किया है|
देश विभाजन के लिए इनकी स्वीकृति से दोनों तरफ के लाखों निर्दोष मारे गए+लुटे गए+विस्थापित किये गए|यदपि १९४७ से अब तक नई पीढ़ी जवान हो चुकी है मगर गाहे बगाहे पुराने जख्म हरे हो ही जाते हैं | कांग्रेस नेहरू को अपनी पारिवारिक और सियासी विरासत मानती है तो भाजपा ,जनसंघ काल से,आलोचना करती आई है| हरियाणा में दस मुख्य मंत्री आ चुके हैं और भाजपा के वर्तमान मुख्य मंत्री [१० वें]पूर्ण बहुमत से हैं इसपर भी आजकल कांग्रेस+इनेलो+हजका+ के साथ अब नई पार्टी ऐऐपी के भी हमले झेल रहे हैं |
ऐसे में सरकार की मुश्किलों को बढ़ाते हुए पार्टी के अंदर से ही बयान बाजी शुरू हो गई है| मुख्य मंत्री की लंच डिप्लोमेसी के फलस्वरूप पार्टी तो एकजुट दिखाई देने लग गई लेकिन अब पार्टी के वरिष्ठ मंत्रियों ने कांग्रेस के आधार स्थम्भ नेताओं पर निशाने साधने शुरू कर दिए हैं जिसको लेकर आये दिन भाजपा की किरकिरी हो रही है
बेशक स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू की प्रारम्भिक नीतियों की खामियों के कारण आज चीन और पाकिस्तान की समस्या मुह बाये खड़ी है |देश के विकास के लिए बनी योजनाएं भी ६० सालों में देश से गरीबी दूर नहीं कर पाई हैं |मूलभूत सुविधाओं के अकाल के बावजूद एक बढ़ा तबका नेहरू को आदर्श मानता है या नेहरू के नाम से राजनीती भी करता है |शायद इसीलिए नेहरू परिवार पर कोई भी हमला कांग्रेसियों को तत्काल एकजुट और सक्रीय कर देता है यही हरियाणा में दिखाई देने लग गया है |हरियाणा में सत्ता गवां चुकी कांग्रेस को बैठे बिठाये एक मुद्दा मिल गया है |
राज्य के १७ मंत्रालयों को ढो रहे सीएम मनोहर लाल खट्टर के लिए यह एक और सिरदर्द पैदा हो गया है|
९ मंत्रालयों से लदे शिक्षा मंत्री राम विलास शर्मा ने एक जनसभा में जवाहर लाल नेहरू के लिए हरियाणवी अंदाज में अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर डाला
विरोध बढ़ा तो बाद में क्षमा याचना भी कर डाली|कांग्रेस से छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अपने पांच मंत्रालयों के बोझ से बाहर निकलते हुए शिक्षा मंत्री की बात को आगे बढ़ाते हुए कह डाला कि नेहरू अच्छे आदमी नहीं थे लेकिन उन्हें गाली नहीं देना चाहिए |
डैमेज कंट्रोल के लिए आये पार्टी नेता श्री जैन ने भी चलते फिरते दोहरी बात कही है |
श्री जैन के अनुसार नेहरू अच्छे आदमी थे मगर उनकी नीतियां अच्छी नहीं थी फिर भी भाषा संतुलित होनी चाहिए

दिल्ली फतह करने के लिए छपे भाजपा के पोस्टर विज्ञापनों पर सियासी उबाल

[नई दिल्ली] विधान सभा की ७० सीटों के लिए जारी चुनाव प्रचार का दौर बेशक आज समाप्त हो गया लेकिन प्रचार के लिए विज्ञापन और उसका विरोध करने के लिए ट्वीट+चैनलों की बाइट का दौर अभी भी चालू है| गौरतलब है कि पूर्व में भी इसीप्रकार विज्ञापन दिए जाते रहे हैं | बेशक भारतीय जनता पार्टी द्वारा कराये गए चुनावी सर्वे में पार्टी को दो तिहाई बहुमत के संकेत दिए गए हैं लेकिन आम आदमी पार्टी के सफल प्रचार तंत्र के चलते कोई रिस्क लेने को भाजपा तैयार नहीं दिखतीइसीलिए भाजपा ने ६ फरवी के समाचार पत्रों में पोस्टर विज्ञापन छपवा कर केंद्र सरकार की उपलब्धियों का प्रचार किया है| इन विज्ञापनों को अवसर बना कर “आप” पार्टी ने इसका जबरदस्त विरोध किया लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इसकी शिकायत चुनाव आयोग को नहीं की गई है |मालूम हो कि इससे पूर्व ईवीएम मशीन कि अफवाह उड़ा कर चुनाव आयोग के दरवाजे खटखटाये जा चुके हैं|
दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौर की समाप्ति के बावजूद राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला उरूज पर है |
आम आदमी पार्टी [आप]और कांग्रेस ने न्यूज पेपरों में भाजपा के विज्ञापन पर सवाल खड़े कर दिए हैं |
पत्रकार से “आप” के नेता बने आशुतोष ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर के जरिए भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है।
आशुतोष ने ट्वीट करके भाजपा के महंगे विज्ञापनों के लिए पैसे के स्रोत पूछे हैं |
और विज्ञापनों को आचार संहिता का उल्लंघन बताया है।
‘आप’ के ही दूसरे नेता योगेन्द्र यादव ने ट्वीट में लिखा, ‘प्रचार खत्म, अब कोई स्पीकर, बैनर, फोन और मैसेज नहीं। लेकिन भाजपा के विज्ञापनों को देखिए, क्या यह मजाक है?’

केजरीवाल जी इधर उधर”भेड़िया आया” चिल्ला कर जनता को बेवकूफ ही बनाते रहोगे या कोई उपाय भी करोगे

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आम आदमी पार्टी का चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये तो हसाडे नाल बड़ा जुल्म हो रहा है देख तो हसाडे सोणे सुरथे अरविंद केजरीवाल की गुजरात यात्रा में कैसे कैसे विघ्न डाले जा रहे हैं |पहले हिरासत में लेकर ठाणे में बैठाया फिर काले झंडे दिखाए और जब इससे से मन नहीं भरा तो रैली में शामिल कारों के शीशे तक तोड़ डाले गए ओये ये भाजपा वाले कैसे कैसे ओछे हठकंडे अपना रहे हैंलेकिन हमने भी ठान ली है कि रुकना नहीं है बस “झाड़ू” चलाये जानी हैंJhalla Sablok

झल्ला

भाई मियां गुजरात में जो हुआ उसके लिए”आप”लोग भाजपा को दोषी बताते थक नहीं रहे हो मगर दिल्ली में शनिवार को आप जी के ही वड्डे नेता माननीय योगेन्द्र यादव जी के चेहरे पर “आप” जी के ही कार्यकर्ता श्री सागर भंडारी ने सरे आम गाढ़ी नीली स्याही पोत दी इसे पीछे भी आप लोग भाजपाई “हाथ” बता रहे हो |भाई मियाँ ये अच्छी बात नहीं है क्योंकि ख्वाहमखाह भेड़िया आया भेड़िया आया चिल्ला कर जनता को बेवकूफ बनाने वाला भेड़िया आने पर सवयम ही उसका शिकार हो जाता है |