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एयर इंडिया कर्मियों को मुनाफे पर आधारित भत्ते मिलेंगें|

जस्टिस धर्माधिकारी समिति की रिपोर्ट की गाज एयर इंडिया के कर्मचारियों पर गिर ही गई है| एयर इंडिया के कर्मचारियों के वेतन भत्तों में बदलाव समिति की सिफारिशों को स्वीकार करके वेतन मान में संशोधन किया गया है।
अब वेतन भत्तों में प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन [पीएलआइ] की राशि नहीं मिलेगी।बेशक इसके स्थान पर व्यावसाईक द्रष्टिकोण[ उत्पादकता आधारित] अपनाया गया है मगर उस नज़रिए से कर्मियों को नुक्सान होना लाज़मी है|
पीएलआइ कर्मचारियों को वेतन राशि के एक हिस्से के तौर पर दिया जाता है।इसका भुगतान निश्चित है|
सरकारी एयरलाइंस ने जस्टिस धर्माधिकारी समिति की अरसे से लंबित सिफारिशों के आधार पर इस व्यवस्था को खत्म करने का फैसला लिया है।
अब मुनाफे या उत्पादकता आधारित [पीआरपी] व्यवस्था लागू करने का निर्णय किया गया है।
एयर इंडिया कर्मचारियों को अब सार्वजनिक उपक्रम विभाग [डीपीई] की ओर से जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक वेतन और भत्ते मिलेंगे। यह दिशानिर्देश एक जुलाई से प्रभावी हो गया है। नई पीआरपी व्यवस्था में उत्पादकता, विमान उपयोग,यात्री लोड फैक्टर, समय पर संचालन,आय संबंधी उपलब्धियों जैसे मानकों के आधार पर भत्ते दिए जाएंगे। यह भत्ते भी एयरलाइंस के मुनाफे में लौटने के बाद से दिए जाएंगे।क्यूंकि यह भुगतान मुनाफे पर आधारित होगा और कंपनी लगातार घाटा दिखा रही है|कंपनी की सेवाओं को सुधारने के स्थान पर जहाज़ों के बेड़े में बढोत्तरी और वेतन में कटौती से फायदा की संभावनाएं तलाशी जा रही है|
विमानन मंत्री अजित सिंह धर्माधिकारी समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे चुके हैं| इसी आधार पर अब एक जुलाई से वेतन-भत्तों में वृद्धि के लिए उत्पादकता आधारित व्यवस्था लागू की जाएगी।
वेतन-भत्तों को तार्किक बनाए जाने के लिए जस्टिस धर्माधिकारी समिति की सिफारिशों को वित्तीय संकट से जूझ रही इस कंपनी के लिए काफी अहम माना गया है।

वेतन-भत्तों पर कंपनी का सालाना खर्च करीब 3,200 करोड़ रुपये है। इसमें से 50 फीसद राशि पीएलआइ और कर्मचारियों के उड़ान भत्तों पर खर्च होती है