स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा उत्तराखंड में विपदा ग्रस्तों की सहायतार्थ निम्न ताजा कदम उठाये गए हैं
[१]केंद्र की तीन जन स्वास्थ्य टीमें उत्तराखंड में तैनात की गई हैं।
[२] इन टीमों ने 23.6.2013 को प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) को रिपोर्ट किया। आठ अतिरिक्त टीमें तैयार रखी गई हैं जो अल्प सूचना पर तैनात की जा सकती हैं।
बताया गया है कि सभी प्रभावित जिलों में एनआरएचएम[NRHM ]की समन्वित रोग निगरानी कार्यक्रम से जुड़ी जिला इकाइयां स्वास्थ्य निगरानी व्यवस्था चला रही हैं। [३] दावा किया गया है कि
डायरिया
के शुरूआती लक्ष्ण मिलने पर हरिद्वार (अलवलपुर), उत्तरकाशी (उड़वी) तथा रूद्रप्रयाग (चंद्रपुरी) में रोग पर प्रारंभिक अवस्था में ही काबू पा लिया गया है लेकिन प्रभावित जिलों से जल जनित+ खाना+ हवा+ प्रत्यक्ष रूप से होने बाली बीमारियों की सूचना के विषय में की भी जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर की गई है।
· मंत्रालय से जारी दिशा निर्देशानुसार स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तीन उच्च स्तरीय समितियां देहरादून में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य की स्थितिकी समीक्षा करेंगी।
· [अ] मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों से निपटने के लिए राष्ट्रीय मच्छर जनित बीमारी नियंत्रण कार्यक्रम के एक विशेषज्ञ को राज्य सरकार को दिया गया है।
· [आ] राज्य सरकार ने 60 दवाओं और गैर औषधिसामग्रियों की सप्लाई करने का अनुरोध किया है। तीन ट्रक मेडिकल सप्लाई की जा चुकी है।
· [इ] राज्य के अनुरोध पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय 10,00,000 क्लोरिन की गोलियां मंगा रहा है।
· [ई] इंडियन रेड क्रास सोसायटी ने राष्ट्रीय मुख्यालय से दो सदस्यों की टीम 19 जून से उत्तरकाशी में तैनात की है और एक अन्य टीम पिथौरागढ़ में तैनात है। मुख्यालय से एक उच्चस्तरीय टीम रेड क्रास की राज्य शाखा के साथ राहत कार्य का जायजा और तालमेल के लिए राज्य में गई है।
· [उ] इंडियन रेड क्रास सोसायटी ने 7 ट्रक सामग्री भेजी है। इसमें टेंट, फैमिली पैक, किचेन सेट, कंबल तथा लालटेन आदिहैं।
· [ऊ] इंडियन रेड क्रास सोसायटी के जरिए शवों को लाने के लिए 1100 बैग का प्रबंध किया गया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से 500 अतिरिक्त बैग का प्रबंध किया गया है।
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