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Category: Corruption

मोदीभापे ! विभाजन पश्चात् विभीषिकाओ की स्मृति

#मोदीभापे !
“मुफ़्त की रेवड़ियां लुटाने की रुत लो फिर आ गई
आँखों की पट्टी उतार,आखिरी पॉयदान देख लो”
#ModiBhape!
“The habit of giving away freebies is back again.
Take off the blindfold and see the last spot”

मोदी भापे! विभाजन पश्चात की विभीषिकाओं की स्मृतियाँ

Partition Horrors 1947

किसी को भगवा दीखता है तो किसी को हरा दिखता है
पीड़ित को विभाजन में बहा अपनों का लाल दीखता है
Some people see saffron and some people see green.
The victim sees the blood of his own people shed in the partition.

मोदी भापे!विभाजन पश्चात् विभीषिकाओ की स्मृतियां

विभाजन की भयावहता 1947

9 साल की उम्र में भी खंडित खंडवा खाब शो कर
नफ़रत सी होने लगे हैं, स्टालिन की हकीकत देख कर
आपने भी सुनहरे सपने देखने का नाटक करते हुए 9 साल बिताए।
राजनीति की हकीकत देखकर नफरत होने लगी है.

मोदी भापे,विभाजंन पश्चात विभीषिकाओं की स्मृतियाँ

    मोदी भापेModi Bhaape

बेशक आपका मकसद चुनाव जीतना भर ही होगा
निराश पीड़ित तो एक बार फिर उम्मीद जगा लेता है
Of course your only aim will be to win the election.
The despairing victim regains hope

अश्विनी कुमार उपाध्याय ने प्रतिबन्धित मुद्रा के बदलने की प्रक्रिया के खिलाफ याचिका दायर की

Rs 2000

नोटबंदी

(नयी दिल्ली) वरिष्ठ वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने प्रतिबन्धित मुद्रा के बदलने की प्रक्रिया के खिलाफ याचिका दायर की,दिल्ली उच्च न्यायालय मंगलवार को मांग पर्ची और पहचान प्रमाण के बिना 2,000 रुपये के नोटों को बदलने की अनुमति के खिलाफ इस् जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा।उपाध्याय ने आज ही तत्काल सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। अदालत ने, हालांकि, अनुरोध को अस्वीकार कर दिया

मोदी भापे ! विष की क्यारी बोय,सांझ ढले पछताए 

#मोदीभापे
सर्वोच्च सेवक का पद मिला,मन हर्षाए
चाहे पीड़ा हर लो,चाहे विष लो कमाये
विष की क्यारी बोय,सांझ ढले पछताए

पाइरेटेड फिल्म सामग्री के प्रसारण पर रोक लगी;सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक

(नयी दिल्ली)पाइरेटेड फिल्म सामग्री के प्रसारण पर रोक लगी ;आयु वर्ग के आधार पर फिल्मों को वर्गीकृत करने का भी प्रावधान

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 2023 को मंजूरी दे दी, जिसमें इंटरनेट पर पाइरेटेड फिल्म सामग्री के प्रसारण पर रोक लगाने के प्रावधान हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए ठाकुर ने कहा कि विधेयक संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि विधेयक में ‘यू’, ‘ए’ और ‘यूए’ की मौजूदा प्रथा के बजाय आयु वर्ग के आधार पर फिल्मों को वर्गीकृत करने का भी प्रावधान है ;; 

Modi Bhape

This heart doesn’t allow me to
complain to you
May our Grievance reach you,
we pray morning and evening

शस्त्र लाइसेंस के लिए सात वर्षों की लड़ाई

(मेरठ)#रोहितमलिक  ने 7 साल की लड़ाई के पश्चात अब #हाईकोर्ट से #शस्त्रलाइसेंस  के लिए मुकद्दमा जीत लिया, अपराधी प्रवृत्ति,दौलतमंद या नेता या सभी के गठबंधन को तो लाइसेंस के लिए सभी नियमों की औपचारिकता ही है कि जाती हैं लेकिन एक सामान्य नागरिक को अपनी सुरक्षा के लिए अदालतो के चक्कर लगाने को मज बूर किया जाता है

मालूम हो कि पुलिस द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के उपरांत भी कलेक्ट्रेट में फाइल दबा दी गई, अब इलाहाबाद उच्च अदालत द्वारा

 लताड़ भी लगाते हुए तीन माह में लाइसेंस प्रक्रिया पूरी करने के आदेश जारी कर दिए हैं,श्री मलिक एक सामान्य व्यापारी है और निजी सुरक्षा के लिए आर्म्स लाइसेंस की मांग करते आ रहे हैं

सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवज़े की माँग अस्वीकार की  कांग्रेस को घेरने का एक और अवसर ,

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(नयी दिल्ली) सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवज़े की माँग अस्वीकार की  कांग्रेस को घेरने का एक और अवसर ,

उच्चतम न्यायालय ने भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को      अतिरिक्त मुआवज़े की माँग अस्वीकार की  कांग्रेस को घेरने का एक और अवसर ,

बेशक वर्त्मान केंद्र सरकार की इस मांग को अश्वीकार किया गया लेकिन यह निर्णय कहीं ना कहीं 1984 में तत्काल कांग्रेस सरकार की प्रणाली को ही उजागर करता है

सर्वोत्तम न्यायालय ने 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को अधिक मुआवजा देने के लिए यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) की उत्तराधिकारी कंपनियों से अतिरिक्त 7,844 करोड़ रुपये की मांग वाली केंद्र की उपचारात्मक याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। त्रासदी  में 3,000 लोग मारे गए और पर्यावरणीय क्षति हुई थी

शीर्ष अदालत ने पूर्व में अदालत को दिए गए अपने हलफनामे के संदर्भ में पीड़ितों के लिए बीमा पॉलिसी नहीं तैयार करने के लिए भी केंद्र को फटकार लगाई और इसे “घोर लापरवाही” करार दिया।

“कमी को पूरा करने और प्रासंगिक बीमा पॉलिसी लेने के लिए भारत संघ पर एक कल्याणकारी राज्य होने की जिम्मेदारी रखी गई थी। आश्चर्यजनक रूप से, हमें सूचित किया जाता है कि ऐसी कोई बीमा पॉलिसी नहीं ली जा रही थी। यह ओर से घोर लापरवाही है।” शीर्ष अदालत ने कहा कि भारत संघ का और समीक्षा फैसले में इस अदालत द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन है। संघ इस पहलू पर लापरवाही नहीं कर सकता है और फिर यूसीसी पर जिम्मेदारी तय करने के लिए प्रार्थना कर सकता है।