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Category: India

मोदी भापे! विभाजन पश्चात की विभीषिकाओं की स्मृतियाँ

Partition Horrors 1947

किसी को भगवा दीखता है तो किसी को हरा दिखता है
पीड़ित को विभाजन में बहा अपनों का लाल दीखता है
Some people see saffron and some people see green.
The victim sees the blood of his own people shed in the partition.

संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार ;कारण

(नई दिल्ली)संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार ;कारण

रविवार को नया संसद भवन राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा,जबकी 19 विपक्षी दलों ने बहिष्कार की घोषना की है   ।सरकार द्वारा विपक्ष को मनाने के लिए प्रयास जारी है इसी बीच आज संगोल का प्रदर्शन किया गया जो संभव त  विपक्ष की चिंता का मुख्य कारण हो सकता है क्योंकी एक तो यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बराबर करता है ,धार्मिकता को प्रचार करता है,  कांग्रेस का धर्म प्रेम उजागर करता है  और इसके अलावा बीजेपी का प्रभाव साउथ में बढ़ा सकता है ,

रविवार को  प्रधान मंत्री  नरेंद्र मोदी निष्पक्ष और समान शासन के पवित्र प्रतीक सेंगोल को प्राप्त करेंगे और नए संसद भवन में स्थापित करेंगे। यह वही सेंगोल है जिसे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त की रात अपने आवास पर कई नेताओं की उपस्थिति में स्वीकार किया था।

आज की प्रेस कांफ्रेंस में

भारत की आजादी के अवसर पर हुए पूरे घटनाक्रम को याद करते हुए गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा, ‘आजादी के 75 साल बाद भी भारत में ज्यादातर लोगों को इस घटना की जानकारी नहीं है जिसमें भारत की सत्ता का हस्तांतरण हुआ था। सेंगोल को पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंपना। 14 अगस्त, 1947 की रात को भारत की आजादी का जश्न मनाने का यह एक खास अवसर था। इस रात को जवाहरलाल नेहरू ने तमिलनाडु में थिरुवदुथुराई अधीनम (मठ) के अधिनम (पुजारियों) से ‘सेनगोल’ प्राप्त किया, जो इस अवसर के लिए विशेष रूप से पहुंचे थे। ठीक यही वह क्षण था जब अंग्रेजों ने भारतीयों के हाथों में सत्ता हस्तांतरित की थी। हम जिसे स्वतंत्रता के रूप में मना रहे हैं, वह वास्तव में ‘सेनगोल’ को सौंपने के क्षण से चिह्नित है।

 

माननीय प्रधान मंत्री ने अमृत काल के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में सेंगोल को अपनाने का निर्णय लिया। संसद का नया भवन उसी घटना का गवाह बनेगा, जिसमें अधीनम (पुजारी) समारोह को दोहराएंगे और माननीय पीएम को सेंगोल प्रदान करेंगे।

गृह मंत्री ने आगे सेनगोल के बारे में विस्तार से बताया और कहा, “सेंगोल अर्थ में गहरा है, जो तमिल शब्द “सेम्मई” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “धार्मिकता”। इसे तमिलनाडु के एक प्रमुख धार्मिक मठ के महायाजकों का आशीर्वाद प्राप्त है। नंदी, “न्याय” के दर्शक के रूप में अपनी अदम्य दृष्टि के साथ शीर्ष पर हाथ से उकेरा गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सेंगोल के प्राप्तकर्ता के पास न्यायपूर्ण और निष्पक्ष रूप से शासन करने के लिए “आदेश” (तमिल में “आनाई”) है। यह सबसे आकर्षक है, क्योंकि लोगों की सेवा के लिए चुने गए लोगों को इसे कभी नहीं भूलना चाहिए।”

1947 से उसी सेनगोल को माननीय प्रधान मंत्री द्वारा लोकसभा में अध्यक्ष के आसन के पास प्रमुख रूप से स्थापित किया जाएगा। इसे देश के देखने के लिए प्रदर्शित किया जाएगा और विशेष अवसरों पर निकाला जाएगा। 

गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि ऐतिहासिक “सेंगोल” स्थापित करने के लिए संसद भवन सबसे उपयुक्त और पवित्र स्थान है।

“सेनगोल” की स्थापना, 15 अगस्त 1947 की भावना को अविस्मरणीय बनाती है। यह असीम आशाओं, असीम संभावनाओं के वादे और एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र बनाने के संकल्प का प्रतीक है। यह अमृत काल का प्रतीक होगा, जो उस गौरवशाली युग का साक्षी होगा जिसमें भारत अपना सही स्थान ले रहा होगा।

तमिलनाडु सरकार ने 2021-22 के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (एचआर एंड सीई) नीति नोट में राज्य के मठों द्वारा निभाई गई भूमिका को गर्व से प्रकाशित किया है। इस दस्तावेज़ के पैरा 24 में मठों द्वारा रॉयल काउंसिल के रूप में निभाई गई भूमिका पर स्पष्ट रूप से प्रकाश डाला गया है।

यह ऐतिहासिक योजना अधीनम के अध्यक्षों के परामर्श से तैयार की गई है। इस पवित्र अनुष्ठान की याद में आशीर्वाद देने के लिए सभी 20 अधीनम अध्यक्ष भी इस शुभ अवसर पर उपस्थित रहेंगे। मैं उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं। मुझे खुशी है कि इसके निर्माण से जुड़े 96 वर्षीय श्री वुम्मिदी बंगारू चेट्टी जी भी इस पावन समारोह में शामिल होंगे। मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।

प्रस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री जी किशन रेड्डी, केंद्रीय सूचना और प्रसारण और युवा मामले और खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर और संस्कृति मंत्रालय के सचिव श्री गोविंद मोहन भी उपस्थित थे।

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी को जाच अजेन्सी ने फिर बुलाया

(चंडीगढ़) पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को जांच अजेन्सियों ने बुलाया, श्री चन्नी को को आय से अधिक संपत्ति मामले में पूछताछ के लिए शुक्रवार (14 अप्रैल) को सतर्कता ब्यूरो के समक्ष पेश होने को कहा गया है। राज्य कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने यह जानकारी दी। सतर्कता ब्यूरो ने शुरू में चन्नी को 12 अप्रैल को पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहा था। हालांकि, उन्होंने जांच में शामिल होने के लिए एक और तारीख का अनुरोध किया, जिसे ब्यूरो ने अनुमति देते हुए उन्हें 20 अप्रैल को अपने मोहाली कार्यालय में पेश होने के लिए कहा। वारिंग ने गुरुवार को कहा, "लेकिन आज, ब्यूरो ने तारीख को 20 अप्रैल से बढ़ाकर 14 अप्रैल कर दिया है।"

Enoxaparin’s Export Banned in India

(New Delhi)Enoxaparin’s Export Banned in India
It has also put restrictions on exports of intra-venous immunoglobulin. Immunoglobulin is a component of blood’s plasma.
Exporters of these products have to obtain permission or licence for its outbound shipments now.

Directorate General of Foreign Trade (DGFT) said in a notification.”

The export of Enoxaparin (formulation and API) and intra-venous immunoglobulin (formulation and API) ….has been put under restricted category with immediate effect,” the Directorate General of Foreign Trade (DGFT) said in a notification.

कॉमनवेल्थ कन्ट्रीज क्लब की सदस्यता में नफा नुकसान देखने का समय आ गया

                                                   झल्ली गल्लां

राष्ट्रवादी चिंतक 

ओए झल्लेया! स्वाद आ गया।ये ब्रिटेन वाले अपनी ग्रेटनेस का रुआब झाड़ते हुए हसाडे मुल्क की विश्व स्वीकृत मानव मात्र की रक्षक वैक्सीन की उपलब्धि का अपमान कर रहे है।हसाडी सरकार ने भी टिट फ़ॉर टेट का इनका ही नियम इन पर लागू करते हुए ब्रिटेन से आ रहे 700 हवाई यात्रियों का RTPCR करवा के 10 दिन के क्वारंटाइन के लिए इनके चॉइस प्लेस पर भेज दिया।हमारी देसी भाषा मे इसे कहते है “जैसे को तैसा”

झल्ला

ओ भापा जी!कॉमनवेल्थ कन्ट्रीज क्लब की सदस्यता में नफा नुकसान देखने का समय आ गया

ये ब्रिटेन एक व्यापारी मुल्क है। इसीलिए इनकी ना के पीछे भी कोई व्यवसायिक कारण छुपा होणा है।आपको मालूम होणा चाहिए कि भारत को आजादी देते समय इसे अपने चंगुल के कॉमन वेल्थ कन्ट्रीज के क्लब में शामिल रखने को  ब्रिटिश क्राउन ने देश के दो टुकड़े करवा दिए।बिना पर्याप्त व्यवस्था के ही देश विभाजित कर दिया जिसने विश्व की सबसे बड़ी त्रासदी को जन्म दिया। दस लाख निर्दोष मारे गए और सवा करोड़ के लगभग विस्थापित हो गए।इतने बड़े बलिदान के बावजूद भारत का अपमान अब नही सहेगा हिंदुस्तान।कॉमन वेल्थ  कन्ट्रीज क्लब में रहने का नफा नुकसान देखना जरूरी हो गया है।जल्द ही गुणा भाग जरूरी हो गया है।

पाकिस्तान को तालिबान का एक और घर बनने से अब ख़ुदा ही बचा सकता है

                                                      झल्लीगल्लां

चिंतक

ओए झल्लेया! हसाडी नाक के नीचे पड़ोस में ये क्या खिचड़ी पक रही है ?पाकिस्तान के सफल रहे क्रिकेटर परंतु असफल प्रधानमंत्री इमरानखान  अफगानिस्तान पर काबिज तालिबान के प्रति हमदर्दी जता रहा है और उधर तालिबान सीना ठोक कर इमरान के पाकिस्तान को अपना दूसरा घर बता रहा है

ओये  ये दोनों तो आपस मे मिल गए अब हसाडे  कश्मीर का क्या होगा ???

झल्ला

भापा जी!हसाडा कश्मीर तो डोभाल जी  ,राजनाथ जी और नरेंद्रमोदी जी के सुरक्षित हाथों में है लेकिन अब अफगानिस्तान के पश्चात  पाकिस्तान को तालिबान के घर बनने से ख़ुदा ही बचा सकता है।

 

 

महाकुंभ स्नान के प्राचीन अमृत ज्ञान संग आधुनिक कोरोना विज्ञान का भी सहारा जरूरी

झल्लीगल्लां
आस्थावानहिन्दू

Mahakumbh

Mahakumbh

ओए झल्लेया मुबारकां! ओये आज के पवित्र ध्याड़े हरिद्वार में महाकुंभ मेला शुरू होने जा रहा है।ओये तुझे मलूम है कि अब की बार बारह के बजाय ग्यारह बरस में ही यह पवित्र मेला शुरू हो रहा है।यहां हसाडी प्राचीन संस्कृति की भव्यता के दर्शन और स्नान लाभ मिल सकेंगे। ओये हरिद्वार में ही कल्याणकारी अमृत की बूंदे गिरी थी ।यहीं देवताओं ने कुम्भ घटक दबाया हुआ है ।ओए कुम्भ स्नान से हसाडा जीवन सफल हो जाणा है
झल्ला
झल्लाभापा जी! आस्था के इस महाकुंभ की आप जी को भी लख लख वधाइयाँ। वैसे तो व्यवस्थापक आज कल कोरोना महामारी की आपदा में भी अवसर बनाने पर तुले हैं लेकिन आम नागरिक इन अवसरों में आपदा लेकर घरों को लौटते हैं इसीलिए झल्लेविचारानुसार प्राचीन अमृत ज्ञान के साथ साथ आधुनिक कोरोना विज्ञान का पालन करते हुए ही अवसरों का लाभ लेने को कदम बढाने चहिए इसीलिए कोरोना प्रोटोकॉल जरूरी है

हमने अमरीका को मलेरिया की दवाई दी और ये कोरोना के लिए कच्चामाल रोक रहे हैं

झल्लीगल्लां
भारतीयचिंतक
Jhalla Cartoonओए झल्लेया!ये अमरीकी सरकार को कौन सा कीड़ा काट गया। देख तो एक तरफ हसाडी सरकार विश्व मे जरूरतमन्दों को निशुल्क तक टीका
सप्लाई कर रहा है और ये नए राष्ट्रपति जो बिडेन भारत को कच्चे माल की सप्लाई रोक कर कॉरोनानुसरों के नाशक टीकों के उत्पादन को डिस्टर्ब करना चाह रहा है।ओए अगर इन्होंने टीका बनाने के लिए जरूरी कच्चेमाल की सप्लाई बंद कर दी तो यहां प्राण रक्षक टीकों की कमी हो जाएगी।अदालतों में केंद्र सरकार को घेरने के लिए पी आई एल की बाढ़ आ जायेगी।
झल्ला
झल्लाभापाजी! भारत सरकार ने अभी बीते साल ही अमरीकियों को कोरोना से बचाने के लिए मलेरिया की दवाई Hydroxychloroquine की बढ़ी खेप भेजी थी और वहां नई सरकार बनते ही भारत को आंखें दिखाने लग गए।भापा जी!इनकी शराफत कहां गई ??

मोदीभापे !स्वयम का भी नया इतिहास रचो ,फिर बेशक टाइमकैप्सूल में रचवाओ

भजपाईचिंतक
ओए झल्लेया! अब आएगा मजा। ओए हसाडे धाकड़ प्रधानमंत्रीनरेन्द्रमोदी जी ने भी बहराइच में महाराजा सुहेलदेवजी के विशाल स्मारक के शिलान्यास समारोह में एलान कर दिया है कि गुलामी की मानसिकता वालों ने जो लिखा है वोही स्वतंत्रता संग्राम का वास्तविक इतिहास नही है ।ओए उन कथित इतिहास कारों ने नेताजीसुभाषचंद्रबोस,सरदारपटेल,बाबा अम्बेडकर,महाराजा सुहेलदेव जैसे अनेकों देश प्रेमियों को पार्श्व में डाल दिया। ओए अब लिखा जाएगा वास्तविक इतिहास और उसमी असली योद्धाओं को उचित स्थान दिया जाएगा
झल्ला चतुर सेठ जी!वास्तविकता ,बेशक किताबों में ही सही, बाहर तो आनी ही चाहिए लेकिन अच्छा होता कि स्वयम का नया इतिहास भी रच कर टाइमकैप्सूल में डलवाते

गाली गफतौर सोशल मीडिया+ट्विटर पर सख्त हुई केंद्र सरकार

(नईदिल्ली)#सोशलमीडिया पर सरकार हुई सख्त ।
केंद्रीय मंत्री #रविशंकरप्रसाद ने आज #राजयसभा में #ट्विटर और गालिगफ़तौर मीडिया को सीधी चेतावनी दी
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप और लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया मंचों को आगाह किया कि अगर उनका उपयोग भारत में झूठी खबरें फैलाने, हिंसा या वैमनस्य को बढ़ावा देने में किया जाता है तो उनके खिलाफ सख्ती की जाएगी।
प्रसाद ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान विभिन्न पूरक सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार सोशल मीडिया का सम्मान करती है और इस मंच से लोग अधिकार संपन्न हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में सोशल मीडिया की अहम भूमिका रही है।
सरकार आलोचना के अधिकार का भी सम्मान करती है लेकिन ऐसे मंचों को देश के संविधान तथा कानूनों का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर सोशल मीडिया के जरिए चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की जाती है तो चुनाव आयोग के अलावा सरकार भी कार्रवाई करेगी।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों अमेरिकी संसद भवन में हिंसा और यहां लाल किले में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के समय ऐसे मंचों का आचरण विरोधाभासी रहा। उन्होंने कहा कि कई सोशल मीडिया मंचों ने अमेरिका में पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया लेकिन यहां भारत में उलटा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि ऐसा दोहरा मानदंड स्वीकार नहीं किया जा सकता।
प्रसाद ने कहा कि ऐसी कंपनियां भारत में काम करें, पैसे कमाएं लेकिन साथ ही वे संविधान और देश के कानूनों का भी पालन करें।
फ़ाइल फोटो