झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक कांग्रेसी चीयर लीडर
ओये झल्लेया देखा ? ‘’राष्ट्रीय एकता परिषद की 16वीं बैठक में साम्प्रदाईक् सौहार्द को भंग करने के लिए हर प्रकार की हिंसा की निंदा करके हिंसा करने वालों के साथ कानून के तहत तुरंत और सख्ती के साथ निबटने के लिए सभी ने सर्व सम्मती दर्ज़ करा दी है| ओये अब तो सभी को सामाजिक और आर्थिक विकास के सम्मान अवसरमिलेगा और सारे लोग आजादी का लाभ उठा सकेंगे|
झल्ला
ओ मेरे चतुर सुजाण जी आप जी की सारी गल्लां सर मत्थे लेकिन पतनाला तो सोशल मीडिया पर ही गिराया जा रहा है|उत्तर प्रदेश में दंगों को रोक पाने में विफल सपाई सरकार सोशल मीडिया को कोस रही है |रिटायर्ड न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू+ केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी के बाद अब सोणे मन मोहणे पी एम् ने भी सॉशल मीडिया को उसकी ओकात दिखाने की बात कह दी है|ओये पिछले ९ सालों में कुछ न करा पाने की इनकी नाकामी पर आम आदमी अपनी झल्लाहट को सोशल मीडिया पर प्रकट करता हैऐसे में उससे सबक लेने के बजाये उस पर भड़ासही निकाली जा रही है|