प्राचीन विश्व प्रसिद्द शैक्षिक केंद्र”नालंदा विश्वविद्यालय”के पुनर्स्थापन के लिए एशियन मुल्को से अंशदान में डॉलर्स
प्राचीन[ANCIENT] भारत के विश्व प्रसिद्द शैक्षिक केंद्र नालंदा विश्व विद्यालय के गौरव को लौटा लाने के लिए इसके स्थापना चरण के दौरान 2727.10 करोड़ रुपए संस्वीकृत किए हैं।इसके अलावा अनेकों एशियन मुल्कों से अंशदान आ रहा है|।विदेश राज्य मंत्री श्रीमती प्रनीत कौर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि
[१]इस परियोजना की अनुमानित पूंजीगत लागत 1749.65 करोड़ रुपए है
[२] वर्ष 2014-15 से आगे अनुमानित आवर्ती व्यय 977.45 करोड़ रुपए है।
[३] वार्षिक वित्त पोषण आवश्यकताओं के अनुरूप मंत्रालय के योजना बजट से निधि आबंटित की जाएगी।
इसमें भाग लेने वाले निम्नलिखित देशों ने अब तक स्वैच्छिक अंशदान किए हैं :
[A]चीन : 1 मिलियन अमरीकी डॉलर पुस्तकालय में चीनी तल के लिए
[B]थाइलैंड : 100,000 अमरीकी डॉलर
[C]लाओस : 50,000 अमरीकी डॉलर
[D]इंडोनेशिया : 30,000 अमरीकी डॉलर
विदेश राज्य मंत्री श्रीमती प्रनीत कौर ने बताया कि
[E]सिंगापुर के नागरिकों ने 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की लागत से विश्वविद्यालय के पुस्तकालय को डिजाइन करने, निर्मित करने और सौंपने का प्रस्ताव किया है।
[F]ऑस्ट्रेलिया ने परिस्थितिकी तथा पर्यावरण अध्ययन विद्यालय में पीठ के लिए 1 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का प्रस्ताव किया है
[G]। जापान ने विश्वविद्यालय तक जाने वाले राजमार्ग के नवीनीकरण के लिए अपनी शासकीय विकास सहायता का उपयोग करने का वादा किया है।
मंत्री महोदया ने बताया कि
[अ] छात्रों की कुल संख्या 2450 होने की आशा है।
[आ] जब सभी सातों विद्यालयों में वर्ष 2017-18 तक अध्यापन कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
[ई] इस स्तर पर विदेशी छात्रों की संख्या का अनुमान लगाना संभव नहीं है |