[नई दिल्ली]दिल्ली हवाई अड्डे को शून्य डायवर्जन वाला बनाने की प्रक्रिया शुरू|
दिल्ली हवाई अड्डा जल्द ही शून्य डायवर्जन वाला हो जाएगा। इस वर्ष जनवरी में गठित की गई समिति के अनुसार नागर विमानन महानिदेशक द्वारा इस मामले की पडताल की गई और 27 सिफारिशों से युक्त रिपोर्ट पेश की। समिति के विचारार्थ नियम और शर्तें इस प्रकार थीं :-
(i) दिल्ली के हवाई अड्डे को बिना उड्डयन संचालन सुरक्षा से समझौता किए हुए शून्य डायवर्जन वाला हवाई अड्डा बनाना।
(ii) कम दृश्यता में संचालन के दौरान सभी हित धारकों के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों से संबंधित एक व्यापक दस्तावेज तैयार करना।
(iii) कम दृश्यता की स्थिति के दौरान फंसे हुए यात्रियों की समस्या से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय संचालन और तौर तरीकों से संबंधित विशेष मुद्दों पर गौर करना।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव श्री अशोक लवासा ने सभी हित धारकों की एक बैठक में यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि इस वर्ष अक्टूबर से पहले सिफारिशों पर अमल पूरा हो जाना चाहिए। सभी हित धारक अपने-अपने स्तर पर विभिन्न जिम्मेदारियों और गतिविधियों के लिए उत्तरदायी होंगे।
पिछली तीन सर्दियों के मौसम के दौरान, दिल्ली अंतरराष्ट्रीय विमान पत्तन पर कुल 289 डायवर्जन हुए।
वर्ष 2011 में 57 डायवर्जन हुए, जबकि
2012 में 89 और
पिछले वर्ष 143 डायवर्जन हुए।
नागरिक उड्डयन महानिदेशक डॉ. प्रभात कुमार ने अगली सर्दियों से पहले, विभिन्न सिफारिशों को तुरंत लागू करने के लिए सुनिश्चित समय सीमा तय करने के वास्ते सभी हित धारकों के प्रमुखों को पत्र लिखा है।
समिति द्वारा की गई २७ सिफारिशें निम्नलिखित हैं :-
१]मौसम विभाग को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और इसके अधिकृत वैकल्पिक हवाई अड्डों पर मौसम संबंधी सुविधाओं को उन्नत बनाना होगा। इस संबंध में मौसम संबंधी आंकड़ों के एकीकरण को एक पैनल में पेश करने पर विचार करना होगा।
२]एटीसी इकाई द्वारा, जहां कहीं जरूरत हो, वहां अतिरिक्त आरवीआर उपकरण लगाये जाने चाहिए तथा इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सभी हवाई पट्टियों पर लाईव आरवीआर का प्रावधान होना चाहिए।
३]कोहरे के दौरान, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और वैकल्पिक हवाई अड्डों के लिए तीन घंटों के अंतराल पर कोहरे संबंधित सटीक पूर्वानुमान उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
४]इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कोहरे के शूरू होने और उसके ऊपर उठने के दौरान, तात्कालिक कम दबाव वाली हवाओं, तापमान और नमी की मात्रा को मापने के लिए नए उपकरण लगाए जाने चाहिए।
५]इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास वैकल्पिक हवाई अड्डों – जयपुर, लखनऊ और अमृतसर का स्तर बढाकर कैट – 3बी किया जाना चाहिए।
६]एटीसी को, क्षमता समायोजन और सहयोगी निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए, एटीएफएम इकाई स्थापित करनी चाहिए।
७]एटीसी को, डायवर्जन प्रबंधन उपलब्ध कराने के लिए मौसम विभाग और अन्य हवाई अड्डों के ऑपरेटरों के साथ समन्वय स्थापित करना चाहिए।
८]जबतक अपरिहार्य न हो तब तक हवाई अड्डा संचालक कोहरे के दौरान इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और वैकल्पिक हवाई अड्डों पर किसी भी रख-रखाव के काम की योजना नहीं बनायेगा।
९]भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि कोहरे की अवधि के दौरान इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और वैकल्पिक हवाई अड्डों पर पूरी तरह से चालू हालत में जरूरी नेवीगेश्नल एड्स को बनाये रखेगा।
१०]एटीसी, दिल्ली में होल्डिंग के दौरान कैट-2 और 3 के यातायात को कैट-1 से अलग रखेगा। एटीएफएम इकाई यह फैसला करेगी कि दिल्ली में कैट-1 और 2 की स्थिति को कब निलंबित किया जाए।
११]एटीसी, प्रगतिशील प्रवाह नियंत्रण उपायों के कार्यान्वयन के वास्ते विशिष्ट ट्रिगर पोइंट्स को परिभाषित करेगा।
१२]कोहरे के मौसम के दौरान, बिना एटीसी की पूर्वानुमति के कोई भी संचालक, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को वैकल्पिक हवाई अड्डे के रूप में फाइल नहीं कर सकेगा।
१३]एआईपी में इस निर्देश के लिए संशोधन किया जाना चाहिए कि वह भारतीय हवाई अड्डों पर ईंधन की आपात स्थिति को मान्यता न दे।
१४]डायल इस बात को सुनिश्चित करेगा कि वह सर्दियों के मौसम के दौरान सभी विदेशी विमान कैट-3बी मानक के अनुरूप और योग्य चालक दल के साथ ही सेवा में लगायेंगे जो साप्ताहिक क्षमता के अनुरूप होंगे।
१५]डायल, 13 नम्बर की सिफारिश के पूरी तरह लागू कराने के वास्ते, नोटम और एआईपी संशोधन जारी करने के लिए, भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के साथ समन्वय स्थापित करेगा।
१६]डायल, प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल तीन पर एपीयू के उपयोग पर प्रतिबंध लागू करेगा।
१७]डायल, कम दृश्यता में संलाचन के दौरान, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यातायात कम करने के लिए उपायों की पहचान करके उन्हें लागू करेगा।
१८]डायल, अंतरराष्ट्रीय प्रावधानों के अनुसार इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कंटेनर साइलेज के लिए प्रावधान करेगा।
१९]सर्दियों के मौसम के दौरान ऑपरेटर्स, योग्य उडान चालक दल के साथ कैट-3 मानकों वाले विमान को ही सेवा में लगायेंगे। इस प्रयोजन के लिए कोहरे के मौसम के शुरू होने से पहले, समय रहते संचालक यह अवश्य सुनिश्चित कर लेंगे कि विमान का चालक दल योग्यता के मामले में सक्षम है और विमान समुचित क्षमता वाला है। सभी अनुसूचित एयर लाइन, प्रत्येक वर्ष अपने कैट-3 मानक वाले विमान और चालक दल की विस्तृत विवरणी, समेकित रूप से डीजीसीए को सौंपेंगे।
२०]कोहरे की अवधि के दौरान, संचालक, आईसीएओ उडान योजना के आईटम नम्बर 18 में उडान भरने और लैंड करने की ‘मिनिमा’ प्रदर्शित करेंगे।
२१]कोहरे के मौसम के दौरान संचालक, वास्तविक संचालन के एक दिन पहले, अपने प्रस्तावित कार्यक्रम में कैट-2 / कैट-3 वाली क्षमता का विवरण प्रस्तुत करेंगे। यह सूचना एटीसी के पास प्रतिदिन हर हाल में 2200 बजे से पहले पहुंच जानी चाहिए। अपेक्षित जानकारी दाखिल करने के बाद किसी भी महत्वपूर्ण परिवर्तन के लिए एटीसी को जल्द से जल्द सूचित किया जाना चाहिए।
२२]डीजीसीए यानि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, प्रमुख अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार, कैट-2 / कैट-3 संचालन के लिए विमानों और पायलटों के अधिकृत करने संबंधित लागू नियमों में संशोधन करेगा।
२३]बीसीएएस, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के दोनों टर्मिनलों पर, कम दृश्यता के कारण हुई देरी के दौरान यात्रियों की डी बोर्डिंग प्रक्रिया के बारे में नियम बनायेगा।
२४]इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कम दृश्यता में संचालन के दौरान यात्रियों की डी बोर्डिंग के लिए मानक संचालन प्रक्रिया विकसित और लागू की जायेगी।
२५]डायल, बीसीएएस, एयर लाइनों, एटीसी और जीएचऐज जैसे सभी हित धारक, संयुक्त रूप से मानक संचालन प्रक्रिया विकसित और लागू करने में समन्वय करेंगे।
२६]रणनीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कोहरे संबंधित मुद्दों से निपटने के वास्ते हित धारकों का एक समर्पित समूह गठित किया जाएगा।
२७]एयर लाइन, एटीसी और हवाई अड्डा संचालक, अपने संबंधित संचालन कर्मियों के लिए कम दृश्यता में संचालन के वास्ते एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेंगे। कोहरे के मौसम के शुरू होने के पहले ही सारी व्यवस्था की क्षमता को मापने और खामियों को दूर करने के लिए, सभी हित धारकों को शामिल करते हुए नियमित रूप से कोहरे से पहले के परामर्श और प्रारंभिक अभ्यास कार्यक्रम संचालित किए जायेंगे।