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सरकारी पैसा राज्यों के पास निष्क्रिय पड़ा नहीं रहना चाहिए :जेटली

[नयी दिल्ली]सरकारी पैसा राज्यों के पास निष्क्रिय पड़ा नहीं रहना चाहिए :जेटली
अरुण जेटली के अनुसार योजनाओं में अनिश्चितकाल के लिए नहीं लगाया जा सकता सरकारी पैसा
भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकारी पैसा विभिन्न योजनाओं में अनिश्चितकाल के लिए नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि इससे दक्षता प्रभावित होती है और वृद्धि के रास्ते में अड़चन आती है।
पेंशनभोगियों के लिए वेबपोर्टल के शुभारंभ के मौके पर श्री जेटली ने कहा कि जारी सरकारी पैसे का इसके इस्तेमाल से तालमेल बैठाया जाना चाहिए। इसे राज्यों के पास निष्क्रिय पड़े रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘आप ऐसा नहीं कर सकते कि सरकारी धन विभिन्न स्थानों पर अनिश्चितकाल के लिए पड़ा रहे।
इससे न केवल दक्षता प्रभावित होती है, बल्कि यह वृद्धि के रास्ते में भी अड़चन पैदा करता है।’’
सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली धन के वितरण की निगरानी करती है और यह सुनिश्चित करती है कि राज्यों के खजाने का केंद्र के साथ एकीकरण रहे, जिससे यह सुनिश्चित हो कि कब पैसे की जरूरत है। इसे केंद्रीय योजना स्कीम निगरानी प्रणाली[सीपीएसएमएस] भी कहा जाता है।
वित्त मंत्री द्वारा आज जिस वेबपोर्टल की शुरुआत की गई, वह एक स्थान पर सूचना प्रदान करने और शिकायतों के तेजी से निपटान की भूमिका निभाएगा।
इस पोर्टल के अलावा महालेखा नियंत्रक भवन का भी उद्घाटन किया गया। यह लेखा महानियंत्रक :सीजीए: का नया आधिकारिक कार्यालय परिसर है
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Finance and Corporate Affairs, Shri Arun Jaitley inaugurating the ‘Mahalekha Niyantrak Bhawan’, the new premises of Office of the Comptroller General of Accounts (CGA), in New Delhi on September 14, 2016.
The Minister of State for Finance and Corporate Affairs, Shri Arjun Ram Meghwal and the Finance Secretary, Shri Ashok Lavasa are also seen.