#मोदीभापे
#दिलकेफफोले
हुक्मरानों ने तो उड़ा रखी हैं आँधियाँ बेवफाई की
ये तो हम ही हैं जो उम्मीद का चिराग जलाए बैठे हैं
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052
Category: Corruption
मोदीभापे ! हुक्मरानों ने तो उड़ा रखी हैं आँधियाँ बेवफाई की
मोदीभापे !करप्शन का समुंदर है,पीड़ित की किश्ती है
#मोदीभापे
#दिलकेफफोले
करप्शन का समुंदर है,पीड़ित की किश्ती है
लैंप पोस्ट नया,पतवार जर्जर,उम्मीद बाकी है
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेमसरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052
मोदीभापे!अफसोस मुझे तुम्हारी बेरुखी का है क्या यही कुदरत है
#मोदीभापे
नेता,बदलते थे और बदलते रहेंगे यह उनकी फितरत है
अफसोस मुझे तुम्हारी बेरुखी का है क्या यही कुदरत है
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की लूट
#PMOPG/E/2016/0125052
मोदीभापे!सिक्काये राजुलवक्त बदल लिये,मगर इंसाफ की कीमत आज भी ज्यादा है
#मोदीभापे
न्याय देने की परिपाटी रही नही या अन्याय से पर्दा हटाने का अपना अहद भूल गए
तुमने सिक्काये राजुलवक्त बदल लिये,मगर इंसाफ की कीमत आज भी ज्यादा है
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052
मोदीभापे!ये पीड़ित तरसता है न्याय को, तुमने तो दूसरी सरकार का लुत्फ ले ही लिया
#मोदीभापे
तुम्हारी सरकार को भी आज़मा कर देख लिया
तुमने भी निराशा को और गहरा कर छोड़ दिया
क्या हुआ गर ये पीड़ित तरसता है न्याय को
तुमने तो दूसरी सरकार का लुत्फ ले ही लिया
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E2016/0125052
करप्शन पर जीरो टोलरेंस वाली योगी राज में खर्चे का ऑडिट नही
झल्लीगल्लां
दुःखीलखनवीसपाई
ओए झल्लेया!हसाडे उत्तरप्रदेश में क्या नई परिपाटी शुरू हो गई।ओए एक तरफ बाबा योगी की सरकार ने असेंबली में 550000 करोड़ ₹ के बजट तो सुरेशखन्ना जी से पढ़वा दिया लेकिन पिछले खर्चे का कोई ऑडिट कराने को तैयार नही। भ्र्ष्टाचार के विरुद्ध जीरो टोलरेंस का नारा देने वाली भजपाई सरकार भ्र्ष्टाचार पर कब तक पर्दा डाले रहेगी ?अखबारों की माने तो अभी तक 23832 करोड़ ₹ का हिसाब नही दिया गया इन्हें उपभोग प्रमाणपत्र देने में भी परेशानी हो रही हैं।और तो और सरकारी कर्मियों को बेची गई पेंशन की एवज में वसूले गए साढ़े पांच सौ करोड़ ₹ के अंशदान का भी कही अता पता नही है
झल्लाकरप्शन पर जीरो टोलरेंस वाली योगी राज में खर्चे का ऑडिट नही
भापा जी !इसबगोल ते कुछ न फ्लोल।पुराणेयां दा अखाण है कि ” ना गिण ते ना घाटा पा” हुक्मरां कहन्दे
“हिसाब दित्ता ते करप्शन खुला”
मोदीभापे ! खोज खोज पीड़ित निकालो दूर करो संताप
मोदीभापे
#दिलकेफफोले
सन्तन के मन होत सबके हित की चाह
खोज खोज पीड़ित निकाले दूर करें संताप
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052
पासपोर्ट सेवा केंद्र या उपभोक्ता को लूटने के केंद्र
20/1/2021
(मेरठ,यूपी)पासपोर्ट बने दस वर्ष बीत गए तो अब इसे रिन्यू कराना लाज़मी हो गया।हम ठहरे पढ़े लिखे अनपढ़ सो बढ़े बेटे ने अमेरिका से ऑनलाईन फॉर्म भर कर
20/1/2021 का अपॉइंटमेंट लेलिया।निश्चित तारीख को सुबह नहा धो कर आई डी प्रूफ +पुराना पासपोर्ट और 2 फोटो उठाये चेहरे पर कोरोना मास्क लगा कर सुबह दस बजे मुख्यडाक घर परिसर में सपरिवार पहुंच गए।बेशक सपरिवार का न्यौता नही था लेकिन पत्नि और छोटे पुत्र का भी पासपोर्ट रिन्यू होना था सो सपरिवार ही पहुंच गए।परिसर में प्रवेश द्वार से सेवा केंद्र का बोर्ड तलाशते तलाशते निकासी द्वार तक पहुंच गए लेकिन असफलता ही हाथ लगी।छावनी में पैदा हुए और कई बार परिसर में स्थित बीएसएनएल कार्यालय और डाकघर मे आना भी हुआ सो आज की असफलता पर कुछ स्वाभाविक आत्मग्लानि भीहुई ।हमारी निराशा देख कर श्रीमती जी ने कमान हमेशा की तरह,हथियाई और सड़क पर उपलब्ध एक मात्र महिला से पासपोर्ट आफिस की लोकेशन पूछी।उस भद्र महिला ने कहा कि आप मुख्य प्रवेश द्वार से बाहर निकलिए और बिल्डिंग के अंत मे जाईये।हम खरामा खरामा कदम दर कदम बढ़ते हुए पासपोर्ट सेवा केंद्र के बोर्ड पर निगाह डालने में सफल हो ही गये
मियां बीबी दोनों वरिष्ठ नागरिक ठहरे सो कोरोना कोरोना जपते जपते अपने बैग से सेनिटाइज़र निकाल कर हाथ धोकर छोटे से गेट से अंदर प्रवेश कर गए।यह शायद हमारा ही दुर्भाग्य रहा होगा कि गेट पर कोई बॉडी टेम्प्रेचर मापक यंत्र लिए किसी श्रेणी के कर्मी के दर्शन नही हुए। अंदर सामने ही मेज के पीछे दो महानुभाव बैठे थे।एक बुजुर्ग और एक युवा शेष कुर्सियां खाली थी । दुआसलाम के पश्चात हमने आदेश मिलने पर कागजात युवा अधिकारी(हेमंत)के सामने रख दिए।हेमंत बाबू शायद घर से लड़ कर आये थे या फिर सुबह सुबह सूखा ग्राहक देख कर असहज थे सो एक एक नजर तीनों फॉर्म पर डाली और बाल पेन से फॉर्म केकॉलम पर टिक करके यह कहते हुए लौटा दिए कि श्रीमती जी की माता का नाम दर्ज नहीँ है। मेरे और पुत्र केफॉर्म में पुराना रिफरेन्स नही है।मैंने लगभग मिमयाते हुए निवेदन किया कि यह तो आप भी लिख सकते हो तो जवाब आया कि यहां नही कर सकते,आप अपने एजेंट से ही करवाइये।श्रीमती जी ने फिर कमान हथियाते हुए कहा कि भाई साहब यह सेवा केंद्र है और हमने किसी एजेंट से नही बल्कि अमेरिका में बैठे पुत्र से भरवाए है।अब वोह साहब तो अपनी बोनी खराब करने के मूड में कतई नही दिखाई दे रहे थे।और एप्लीकेशन फॉर्म को रिशेड्यूल करवाने पर अड़ गए।इसी बीच झाड़ू लगाने वाले कर्मी ने झाड़ू फेरना शुरू कर दिया।सो बैरंग लौटने में ही भलाई थी।
फॉर्म भरने वाले बेटे को जब यह व्रतांत सुनाया तो उसे कही रिशेड्यूल करने का कोई कालम नही मिला सो ₹4500 दोबारा जमा करवा कर नया अपॉइंटमेंट 8/22021 का लिया गया
पेंशनर की जेब से ₹4500 व्यर्थ निकलने का गम कुछ कम नही होता सो टीसीएस+विदेशमंत्रालय को ऑन लाइन लिखना शुरू किया। पासपोर्ट बनाने के लिए मेजबान अर्थार्त विदेश मंत्रालय और टीसीएस आदि को कई बार सोशल मीडिया में टैग करने पर भी कोई सुनवाई नही हुई।पैसा लौटाना तो दूर हमारा दुखड़ा टालने में ही सभी व्यस्त है।
अभी समस्या का समाधान नही हुआ। तमाम डाक्यूमेंट्स देने के उपरांत भी पुलिस वेरिफिकेशन आवश्यक बताई गई है।अब उसी की प्रतीक्षा है उसका किस्सा अगले संस्करण में।यकीन मानिए वोह इससे अधिक रोचक होगा क्योंकि पुलिस का मामला होगा।
Nitin Sablok (1) GZ 3075195227421
(2) GZBZ32016110
Application. (A) 20-0007562182
Shashi. (1) GZ 3075195309221
Sablok (2)GZBZ 32016010
Application. (A)20-0007562138
Jagmohan (1)GZ3075195413821
Sablok. (2)GZBZ32196107
Application. (A)20-0007561996
मोदीभापे! स्वाति नक्षत्र की उसी बूंद की तरह,प्यासे हलक में न्याय घूँट गिराओ
#मोदीभापे
ऊंचे पहाड़ों पर बरसते हो,किसने देखा,इनसे हुए सृष्टि विनाश ,मैदानों ने भोगा
स्वाति नक्षत्र की उसी एक बूंद की तरह ,प्यासे हलक में न्याय का घूँट गिराओ
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052
घास छीलने वाले नेता दूसरी पार्टी में हरीघास की तलाश में ऐसी ही फाल्गुनी लकीरें पीटने लगते
झल्लीगल्लां
सिनेप्रेमी
ओए झल्लेया!ये तुमचा मुम्बई में क्या गुंडागर्दी मची हुई है? ओए अभी तक गुपचुप गुपचुप वसूली होती थी और अब सरेआम सत्तारूढ़ नेताओं ने हसाडे सोने टॉप के अभिनेताओं को धमकाना शुरू कर दिया है।ओए लतामंगेशकर+अमिताभबच्चन+अक्षयकुमार के अलावा सचिन तेंदुलकर सरीखे सितारों की चमक किसी छुटभैय्ये नेता की मोहताज नही है।
झल्ला भापा जी !अपनी पार्टीमें घास को तरसने वाले नानाभाऊ पटोले फाल्गुन राव साहिब जब दूसरी पार्टी में शरणार्थी बन कर सांसद वगैरह बन जाते हैं तो ऐसी ही लकीरें पीटने लगते हैं।देवेंद्र फड़नवीज़ हार से उबरे नही हैं और शरदपवार सत्तासुख में डूबे हैं ऊपर से तुर्रा ये कि फाल्गुन लग गया
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