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Category: Crime

डॉ मन मोहन सिंह के मुजफ्फर नगर में दौरे को लेकर अब केंद्र और राज्य में नसीहत और व्यंग का खेल शुरू हो गया है

मुजफ्फरनगर के दंगों को आग बेशक अब कुछ कम होने लगी है लेकिन राजनीती पूरी तरह गर्माने लग गई है|ऐसे में केंद्र और राज्य आमने सामने आते दिखने लगे हैं |केंद्र और राज्य में नसीहत और व्यंग का खेल शुरू हो गया है| ऐसा मुख्य मंत्री और प्रधान मंत्री के दौरों से स्पष्ट होता है| जहाँ तक विरोध प्रदर्शन के तराजू पर तोलने की बात है तो मुख्य मंत्री को दौर में स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा तो केन्द्रीय न्रेतत्व के सामने ऐसे कोई अप्रिय घटना नही घटी|
प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने आज सोमवार को दंगा प्रभावित इलाकों के साथ राहत शिविर का भी दौरा किया और पीड़ितों की हरसंभव मदद और दंगे भड़काने के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी से कड़ी सजा का आश्वासन दिया ।

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh meeting the violence affected people in Muzaffarnagar district on September 16, 2013.

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh meeting the violence affected people in Muzaffarnagar district on September 16, 2013.


अपनी पार्टी कि अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी और उपाध्यक्ष राहुल गाँधी के साथ आये प्रधान मंत्री ने एक तरफ जहां पीड़ितों का हालचाल जाना और उन्हें ढांढस बंधाया, वहीं बातों-बातों में उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार को नसीहत भी दे डाली।उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “मैं पीड़ितों का दुख-दर्द बांटने यहां आया हूं। राज्य सरकार का फर्ज बनता है कि सभी के जानमाल की पूरी सुरक्षा हो। कानून व्यवस्‍था राज्य का मामला है।”उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश है कि लोग जल्द से जल्द अपने घरों को लौट सके
केंद्र की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार को पूरी मदद दी जाएगी।
The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh meeting the violence affected people in Muzaffarnagar .

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh meeting the violence affected people in Muzaffarnagar .

जिम्मेदार लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दौरे के एक दिन बाद मुजफ्फरनगर पहुंचे मनमोहन सिंह के साथ यूपीए अध्यक्षा श्री मति सोनिया गांधी+ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी+ राज्यपाल बी एल जोशी और गृह राज्य मंत्री आर पी एन सिंह भी थे
उधर उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री आजम खां ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दौरे को पूरी तरह राजनीतिक करार देने में कोई देरी नही की | खां ने मीडिया से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मुजफ्फरनगर गये हैं..अच्छी बात है…चुनाव करीब हैं, उन्हें ऐसा करना भी चाहिये।’’ उन्होंने व्यंग बाण चलाते हुए कहा, बेहतर होता अगर प्रधानमंत्री फैजाबाद भी जाते, मथुरा भी जाते, बरेली भी जाते। गौरतलब है कि फैजाबाद, मथुरा और बरेली में पिछले साल साम्प्रदायिक दंगे हुए थे।मथुरा में सत्ता रुड यूं पी ऐ के घटक रालोद के एक सांसद हैं|
इससे एक दिन पहले ही राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिले का दौरा किया था और लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा था।
मुजफ्फनगर में हुई सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। हिंसा प्रभावित बहुत से लोगों को अस्थायी शिविरों में ठहराया गया है।
प्रधानमंत्री के दौरे से एक दिन पहले रविवार को अखिलेश यादव ने कवाल गांव का दौरा किया, जहां 27 अगस्त को एक छेड़खानी की वारदात के बाद तीन लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद पूरे ज़िले में तनाव पैदा हो गया था।अखिलेश यादव ने घटना को दुखद बताते हुए कहा कि दंगाइयों के खिलाफ़ सरकार कड़े कदम उठाएगी। ‘हम उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करेंगे और दोषियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई होगी।
उन्होंने बताया कि सरकार ने न्यायिक आयोग गठित किया है जो 27 अगस्त के बाद की घटनाओं की पड़ताल कर रहा है
अखिलेश को गांववालों ने काले झंडे दिखाए और नारेबाज़ी की। गांव वालों ने सरकार पर तुरंत कार्रवाई न करने और हिंसा को रोक पाने में नाकाम रहने के आरोप लगाए।
प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले ही दिन विधानसभा की कार्यवाही मुजफ्फरनगर में हाल में हुई साम्प्रदायिक हिंसा और कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्षी सदस्यों के शोरगुल और हंगामे के कारण बाधित हुई और सदन में प्रश्नकाल नहीं हो सका।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा)+ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) +राष्ट्रीय लोकदल (रालोद)और कांग्रेस के कई सदस्य नारेबाजी करते हुए हाथों में तख्ती लिये सदन के बीचोंबीच आ गये। कांग्रेस इस विरोध का न्रैतत्व करती दिखाई दी| भाजपा ने डॉ मन मोहन सिंह +श्री मति गाँधी+राहुल गाँधी के इस दौरे को कांग्रेस के सेक्युलर टूरिज्म कि संज्ञा दी है|
फोटो कैप्शन
[१]The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh briefing the media after meeting the violence affected people in Muzaffarnagar district on September 16, 2013.

Arvind Kejriwal Warned Delhi Govt Against Victimization Of 50000 E rickshaw Operators Of Delhi

AAP Party Top Brass Leader Arvind Kejriwal Today Extended Full Sport To 50000 battery operated rickshaws Of Delhi.
Arvind Kejriwal Said That No concrete policy has been framed for E.rickshaws Even though battery operated rickshaws provide an effective solution to city’s transport problem but e-rickshaw operators in the national capital,are exploited .
In a public rally held at Jantar Mantar today, a large number of battery rickshaw operators not only voiced their concerns but also extended full support to Aam Aadmi Party by joining the party in large numbers.Party has claimed this.
Criticizing the transport department for targeting battery rickshaw operators, these operators informed that e-rickshaws are one of the most eco friendly and convenient mode of transport. However, lack of a policy is affecting the lives of more than 50000 rickshaw operator families. It is alleged that The lethargy of Shiela Dikshit government in drafting a policy is leading to unnecessary harassment of the operators.
Voicing their concerns, the e-rickshaw operators informed that due to lack of a clear policy they are often fined heavily, sometimes even upto Rs 10000, which is taking a toll on the families of these operators, who often come from a economically weaker background. On this, Arvind Kejriwal Extended full support to the demands of these operators and assured to stand by them till the issue is sorted out.”
The operators informed that another major issue is the black marketing of rickshaws. The operators informed that even though e-rickshaws costs around Rs 40000, dealers charge them around Rs one lakh per rickshaw. They do not give proper receipts hence dodging the laws by not paying the taxes.
Addressing the gathering, Arvind Kejriwal demanded that those manual rickshaws operators who want to purchase e-rickshaws should be given subsidy by the government. He also said that now not only auto rickshaws, but even battery operated e-rickshaw operators are supporting AAP. He also dismissed rumours which are being deliberately planted that some auto rickshaw unions have left AAP. He alleged that this only shows that the Congress now fears the growing strength of AAP. In fact, the number of auto rickshaw drivers joining AAP has only increased by the day.

रालोद सांसद जयन्त चौधरी ने हिंसाग्रस्त मुजफ्फरनगर में तीन पीढ़ियों से चले आ रहे अपने वोट बैंक के साथ मिलने में दोबारा सफलता हासिल की

सांसद जयन्त चौधरी ने मुजफ्फर नगर में तीन पीढ़ियों से चले आ रहे अपने वोट बैंक के साथ मिलने में दोबारा सफलता हासिल की सांसद जयन्त चौधरी ने यूं पी के दंगों की सीबीआई जांच की मांग करते हुए न्याय न मिलने तक लड़ने का संकल्प दोहराया| गौरतलब है कि रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय सिविल एविएशन मिनिस्टर चौ.अजित सिंह को मुजफ्फर नगर में गिरफ्तार करके लौटाया जा चुका है|| मुख्य मंत्री और प्रधान मंत्री के दौरों का एलान हो चूका है ऐसे में स्थानीय नेता की अपने ही छेत्र में अनुपस्थिति से रालोद की प्रतिष्ठा पर स्वाभाविक प्रश्न लग रहा था| जिसके उत्तर में स्थानीय नेता का अपने लोगों से मिलना जरुरी था|
उत्तर प्रदेश प्रशासन के साथ लुका छुप्पी के खेल में राष्ट्रीय लोकदल महासचिव +लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी आज दूसरी बार प्रशासन को धत्ता बताते हुए चुपके से मुजफ्फरनगर पहुंचे और तीन पीढ़ियों से चले आ रहे अपने वोट बैंक के साथ मिलने में सफलता हासिल की | उन्होंने हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार वालों से बातचीत कर अपनी संवेदना व्यक्त की और लोगों से आग्रह किया कि वे मिलजुलकर रहें क्योंकि यही इस क्षेत्र की परंपरा रही है।
दंगों की सीबीआई जांच की मांग करते हुए जयन्त चौधरी ने राज्य सरकार से न्याय न मिलने तक लड़ने तथा अयोग्य, भ्रष्ट और निर्दयी सपा सरकार को राज्य की सत्ता से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि 7 सितम्बर तथा उसके बाद की घटनाओं में प्रशासन की भूमिका की जांच होनी चाहिए।
जयन्त चौधरी ने तड़के सुबह 5 बजे बिना किसी पार्टी पदाधिकारी को सूचित किए तथा बिना सुरक्षा के राज्य में प्रवेश किया तथा मुजफ्फरनगर में तीन गांवों रहमतपुर, बसेड़ा और बोखलहेड़ी का दौरा किया। वह सबसे पहले बसेड़ा गांव पहुंचे और बृजपाल सिंह राणा के परिवारीजनों से मिले एवं अपनी संवेदना व्यक्त की। बृजपाल सिंह महापंचायत से लौटते समय 7 सितम्बर 2013 को मारे गए थे। उनकी चार लड़कियां तथा एक लड़का है, तीन लड़कियों की शादी हो चुकी है तथा लड़का 12वीं में पढ़ रहा है। उसके बाद वह रहमतपुर पहुंचे और अजय के परिवारीजनों से मिले। अजय की 7 सितम्बर 2013 को जॉली गांव में हिंसा के दौरान मौत हुई थी।
उसके बाद जयन्त चौधरी बोखलहेड़ी गांव पहुंचे तथा मृतक सोहनवीर और शौकत के परिवारीजनों से मिले। बाद में मुजफ्फरनगर में पार्टी के सांसद संजय सिंह चौहान के निवास पर जयन्त चौधरी ने दोनों समुदायों के बुजुर्ग लोगों के साथ बैठक कर पार्टी अध्यक्ष चौ. अजित सिंह का संदेश सुनाया जिसमें उन्होंने कहा, “मैं तीन पीढ़ियों के इस रिश्ते को नफरत के माहौल से टूटने नहीं दूंगा।” बैठक में दोनों समुदाय के लोगों में शाही इमाम मौलाना जाकिर, मौलाना फुरकान, मौलाना जमालुद्दीन, कारी जकी, मौलाना जैलुद्दीन, कृष्णपाल राठी, सुधीर भारती, ठा. अरुण सिंह तथा अन्य लोग उपस्थित थे।
रालोद राष्ट्रीय महा सचिव जयन्त चौधरी ने कहा, “मैंने दूसरी बार प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया है। मैंने दोनों समुदायों के नेताओं तथा परिवारों से मुलाकात की है। लोग प्रशासन से दुखी तथा नाराज हैं। उत्तर प्रदेश सरकार लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है। मैं सीबीआई जांच तथा जान-माल की हानि का उचित मुआवजा देने की मांग करता हूं।”
जयन्त ने शांति तथा सुलह के लिए अपने-अपने समुदायों को मजबूत संदेश देने के लिए गांव के बुजुर्गों की भूमिका पर जोर दिया। जयन्त चौधरी ने पार्टी के लोगों को शांति बहाल करने तथा सक्रिय रूप से गांवों का दौरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “जो लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, मैं उनसे शांति बनाए रखने का आग्रह करता हूं तथा जो लोग अपने घर छोड़कर चले गए हैं, मैं उनको वापस लाने के लिए उनके गांवों में अनुकूल माहौल तैयार करने का कार्य करूंगा।”
रालोद ने दावा किया है कि उनके नेता का यह साधारण दौरा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दौरे से अलग है जिन्होंने 27 अगस्त 2013 को कवाल में पहली घटना के बाद लगभग 20 दिन बाद प्रभावित जिले का दौरा किया है। मुजफ्फरनगर तथा शामली में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के बजाए प्रशासन मुख्यमंत्री के इस दौरे की सुरक्षा व्यवस्था में पूरा जोर दे रहा है।
दूसरी बार जयन्त क्षेत्र में घुसने में कामयाब रहे। इससे पहले 13 सितम्बर 2013 को उत्तर प्रदेश पुलिस के रोकने से पहले ही उन्होंने मेरठ जनपद के तीन गांवों मोर खुर्द, मोहम्मदपुर शिखस्त तथा निलोखा का दौरा किया था। गाजियाबाद में प्रवेश करने के प्रयास में सांसद जयन्त चौधरी को 9 सितम्बर 2013 को गिरफ्तार किया गया था। रालोद अध्यक्ष तथा केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री चौ. अजित सिंह को 9 सितम्बर 2013 को उत्तर प्रदेश में नहीं जाने दिया उसके बावजूद भी 12 सितम्बर को उन्हें गिरफ्तार करके छोड़ा गया था|

AAP Top Brass Leader Arvind Kejriwal emphasized on the role of youth in rebuilding India through corruption free politics

Aam Aadmi Party[AAP]Top Brass Leader Arvind Kejriwal on Saturday addressed students at IIT Delhi, emphasized the role of youth in rebuilding India through corruption-free politics KEJRIWAL Appealed IIT STUDENTS TO JOIN His AAP Party .
AAP Leader Kejriwal addressed students at IIT Delhi today. Talking to IIT students at Dongra Hall, which was packed beyond capacity, Arvind Kejriwal emphasized on the role of youth in rebuilding India through corruption free politics. He said the youth of the country have the responsibility to change the country, and it is time for them to join politics
As Per Sources Hearing Arvind Kejriwal speak, the energised students expressed their desire to join AAP.
On this he said, AAP has give ticket to Somnath Bharti an IITian from Malviya Nagar assembly seat under which IIT Delhi campus falls. He gave them the responsibility to campaign actively for AAP and help win the assembly seat. Somnath Bharti, who is a well known lawyer, has also served as the President of Delhi IIT alumini association.
The students questioned Arvind Kejriwal on what steps need to be taken to make India how to re-build India as a superpower in the truest sense. To this he said, the biggest problem that modern day India faces is corruption, which is the root cause of all problems. The quality of education, healthcare, roads, etc is bad due to corruption and bad politics. The fate of the country would change only when politics of the country changes. He said, “we struggled for two full years for getting the Janlokpal bill passed, nut the politicians paid no heed to it. It was only then that it was decided that Aam Aadmi Party would be floated. AAP has been made to change the politics of the country. And the youth have a big role to play in this.”

All Designated Branches of Authorized Banks will accept advance tax payments even on 14 & 15th Sept.

All Designated Branches of Authorized Banks are directed to Function on 14th And 15th September, 2013 (Saturday & Sunday) and accept advance tax payments. Last date for Payment of Quarterly Advance Tax is 15th September, 2013
All designated branches of authorized banks have been asked to function today on 14th September and tomorrow on 15th September, 2013 (Saturday & Sunday) to accept advance tax payments. If any tax payer fails to pay the advance tax on 14th/15th September, 2013, then he/she can make the payment even on 16th September, 2013.
Payment of Quarterly Advance Tax on or before 15th September, 2013 by the tax payers is a statutory requirement. All such tax payers who are liable to pay advance tax must make payments in the designated branches of the banks authorized to accept tax payments.

डॉ. मनमोहन सिंह ने चण्डीगढ़ के निकट धानस में JNNURM के 8000 मकानों को झुग्गी झोपड़ीवासियों को सौंपें

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज चण्डीगढ़ के निकट धानस में जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन-जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत स्लम पुनर्वास कार्यक्रम के तहत बनाए गए फ्लैटों का कब्जा लाभार्थियों को सौंपा। इस अवसर पर उन्होंने चण्डीगढ़ को भारत का पहला झुग्गी झोपड़ी मुक्त शहर बनाये जाने की कामना भी की |
डॉ मन मोहन सिंह ने कहा “आज हम जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन की झुग्गी झोपड़ी पुनर्वास योजना के अंतर्गत बनाए गए 8000 मकानों को लाभार्थियों को सौंपने के लिए इकट्ठा हुए हैं। जेएनएनयूआरएम को शुरू हुए करीब 8 साल हो चुके हैं। आज सबसे पहले मैं आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय को इस महत्वपूर्ण मिशन को मेहनत और लगन से लागू करने के लिए बधाई देना चाहूंगा। मुझे बताया गया है कि इससे लगभग 40,000 लोगों को फायदा पहुंचेगा। यह निश्चय ही चण्डीगढ़ शहर को झुग्गी झोपड़ी मुक्त बनाने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है।

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh inspecting the model of the Housing Complex Dhanas, at Dhanas, Chandigarh on September 14, 2013. The Governor of Punjab, Shri Shivraj Patil and the Union Minister for Housing & Urban Poverty Alleviation, Dr. Girija Vyas are also seen.

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh inspecting the model of the Housing Complex Dhanas, at Dhanas, Chandigarh on September 14, 2013.
The Governor of Punjab, Shri Shivraj Patil and the Union Minister for Housing & Urban Poverty Alleviation, Dr. Girija Vyas are also seen.


साल 2006 में एक सर्वेक्षण के ज़रिए पहचाने गए सभी झुग्गी झोपड़ी निवासियों को आवास उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना आपके शहर में लागू की जा रही है। इसमें करीब 12000 मकान आने वाले समय में बनाए जाएंगे। मैं इस काम के लिए चंडीगढ़ प्रशासन को अपनी शुभकामनाएं भी देता हूं।
पी एम् ने कहा कि भारत में शहरीकरण की रफ्तार आने वाले वर्षों में बढती जाएगी। 1971 में हमारे देश की शहरी जनसंख्या करीब 11 करोड़ थी। 1971 से 2011 के बीच के 40 सालों में इसमें करीब 27 करोड़ की बढ़ोत्तरी हुई। यह अनुमान लगाया जाता है कि अगले 20 सालों में यह और तेज़ी से बढ़ेगी और इसमें करीब 22 करोड़ का और इज़ाफा होगा।
यह बढ़ोत्तरी शहरी बुनियादी ढांचे पर बहुत भारी दबाव डालेगी। हमारे शहरों में जो झुग्गी झोपड़ियां हैं वह इस बात का नमूना पेश करती हैं कि तेज़ शहरीकरण से किस प्रकार की समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
आज हमारे देश में स्लम में रहने वाले लोगों की संख्या लगभग 10 करोड़ है और 2017 तक यह बढ़कर 10.4 करोड़ तक हो जाने का अनुमान लगाया गया है।
इस बड़ी समस्या को देखते हुए, केन्द्र सरकार ने शहरी ग़रीबों की आवासीय ज़रूरतों को पूरा करने में राज्यों को सहायता देने की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ली है, हालांकि आवास राज्य सरकारों का विषय है। 2005 से लेकर अब तक जेएनएनयूआरएम के तहत लगभग 15.6 लाख आवास मंज़ूर किए गए हैं, और इससे सामाजिक आवास और बुनियादी सुविधाओं में करीब 41 हजार करोड़ रुपए से ज़्यादा का निवेश होने का अनुमान है।
झुग्गी झोपड़ियों और उनके फैलाव की समस्या को हल करने के लिए हमारी सरकार ने राजीव आवासीय योजना आरंभ की है। इसके अंतर्गत एक ‘ स्लम मुक्त भारत’ की कल्पना की गई है, जिसमें हरेक नागरिक को एक अच्छा साफ-सुथरा आवास और बुनियादी सुविधाएं प्राप्त हो सकें, जिनसे उन्हे अपनी रोज़ी-रोटी में भी सहायता मिले। इस योजना के तहत केन्द्र सरकार आने वाले 4 वर्षों में शहरी ग़रीबों के लिए 10 लाख आवास उपलब्ध कराने की कोशिश करेगी।
शहरी ग़रीब लोगों को 5 लाख रुपए तक के आवासीय कर्ज पर ब्याज में 5% सब्सिडी दी जा रही है। 1 हजार करोड़ रुपए की पूंजी से एक ऋण जोखिम गारंटी कोष भी स्थापित किया गया है। इस फण्ड के ज़रिए शहरी ग़रीबों को बैंकों से कर्ज लेते समय समर्थक प्रतिभूति की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। यह योजना आने वाले 4 वर्षों में शहरी ग़रीबों के लिए अतिरिक्त 10 लाख आवासीय इकाईयों के निर्माण में मदद करेगी।
शहरी ग़रीबों के लिए आवासीय सुविधाओं के विकास में निज़ी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिए भी हमने एक स्कीम और शुरू की है। इसमें निज़ी क्षेत्र की कंपनियों को आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों और कम आय श्रेणी के लोगों के लिए आवास बनाने के लिए आर्थिक लाभ दिए जाते हैं।
जैसा कि हम सब जानते हैं चण्डीगढ़ भारत की आज़ादी के बाद बसाया जाने वाला पहला योजनाबद्ध शहर है। यह शहर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने वास्तुशिल्प और नगर डिजाइन के लिए बहुत प्रसिद्ध है। तमाम भारतीय राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में इस शहर की प्रतिव्यक्ति आमदनी भी सबसे अधिक है। 2010 में इसे भारत का सबसे “साफ-सुथरा” शहर घोषित किया गया था।
मुझे उम्मीद है कि चण्डीगढ़ बहुत जल्दी भारत का पहला झुग्गी झोपड़ी मुक्त शहर बनने का गौरव भी प्राप्त करेगा।

राष्‍ट्रपति‍ प्रणब मुखर्जी ने गृह मंत्रालय के हिंदी दिवस पर की राजभाषा में शोध को बढ़ावा देने की अपील

[नई दिल्ली]राष्‍ट्रपति‍ प्रणब मुखर्जी ने की हि‍न्‍दी में शोध को बढ़ावा देने की अपील|
गृह मंत्रालय द्वारा हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया जिसमे राष्ट्रपति ने राजभाषा हिंदी के प्रयोग में सर्वश्रेष्ठ प्रगति हासिल करने वाले मंत्रलयों/विभागों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बोर्डों/स्वायत्त निकायों, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों को पुरस्कार भी दिए |
राष्‍ट्रपति‍ प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि शिक्षा संस्थानों को हिंदी में साहित्य एवं शोध को बढ़ावा देना होगा।
आज नई दि‍ल्‍ली में हि‍न्‍दी दि‍वस के अवसर पर आयोजि‍त एक समारोह को संबोधि‍त करते हुए उन्‍होंने कहा कि‍ हिंदी आम आदमी की भाषा के रूप में देश की एकता का सूत्र है। उन्‍होंने कहा कि‍ हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना चाहिए |
श्री मुखर्जी ने कहा कि भाषा का विकास उसके साहित्य पर निर्भर करता है| उन्‍होंने कहा कि‍ आज के तकनीकी के युग में इंटरनेट के माध्यम से हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्‍थापि‍त कि‍ए जाने के प्रयास किए जाने चाहिए और वि‍ज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी हिंदी में काम को बढ़ावा देना चाहिए| राष्‍ट्रपति‍ने कहा ”हम सबका यह प्रयास होना चाहिए कि हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की मान्य भाषा का दर्जा जल्द से जल्द प्राप्त हो |”
इससे पहले केन्‍द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री रतनजीत प्रताप नारायण सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि जन संपर्क की इस भाषा को सरकारी तंत्र में स्थापित होने में कुछ समय अवश्य लग रहा है, लेकिन वह दिन दूर नहीं जब हिंदी अपने उस इच्छित मुकाम पर पहुंच कर अपना परचम लहराएगी । उन्‍होंने कहा कि‍ राजभाषा नीति‍के क्रि‍यान्‍वयन से सरकार के वि‍भि‍न्‍न मंत्रालयों एवं वि‍भागों द्वारा संचालि‍त जन कल्‍याण की वि‍भि‍न्‍न योजनाओं की जानकारी आम नागरि‍कों को हिन्‍दी में मि‍लने से गरीब, पि‍छड़े और कमजोर वर्ग के लोग भी लाभान्‍वि‍त होते हुए देश की मुख्‍यधारा से जुड़ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए हमें भारी भरकम शब्दों का मोह त्याग कर आम बोल-चाल के सहज, सरल शब्दों को अपनाना होगा, जिससे हिंदीतर भाषा-भाषी भी अपनी झिझक छोड़ आसानी से हिंदी का प्रयोग कर सकें ।
इस अवसर पर राष्‍ट्रपति‍ने राजभाषा हिंदी के प्रयोग में सर्वश्रेष्ठ प्रगति हासिल करने वाले मंत्रलयों/विभागों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बोर्डों/स्वायत्त निकायों, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों को पुरस्कार स्वरुप राजभाषा शील्ड देकर सम्मानित किया ।
इन्दिरा गांधी मौलिक पुस्तक लेखन श्रेणी में श्री वीरेंद्र कुमार तिवारी की पुस्तक ‘प्राचीन भारतीय स्मारकों का संरक्षण तकनीक एवं प्रविधियाँ’ तथा राजीव गांधी राष्ट्रीय ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन वर्ग में डा निलय खरे एवं श्री श्यामसुंदर शर्मा की पुस्तक ‘आर्कटिक मध्य रात्रि के सूर्य का क्षेत्र’ को प्रथम पुरस्कार प्रदान किए गए। विभाग द्वारा चलाई गई नई योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट लेखों में डा ओम विकास के लेख ‘सूचना प्रौद्योगिकी में नागरी’ हिंदी भाषियों की श्रेणी में तथा श्री हेम कपिल, लक्ष्मी विनोद, महेश एम राव एवं शोभा एस प्रभु को संयुक्त रूप से हिंदीतर भाषियों की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्रदान किए गए |
गृह पत्रिकाओं में भाषाई क्षेत्र ‘क’, ‘ख’ तथा ‘ग’ के अंतर्गत ‘स्पंदन’, ‘प्रयास’, ‘वाणी’ को प्रथम तथा ‘इक्षु’, ‘यूनियन धारा’, ‘सुगंध’ को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किए गए |
केन्‍द्रीय गृह राज्‍य मंत्री श्री मुल्‍लापल्‍ली रामचन्‍द्रन और श्री अरुण कुमार जैन, सचिव, राजभाषा विभाग भी इस अवसर पर उपस्‍थि‍त थे।

रालोद के राष्ट्रीय युवा महासचिव जयन्त चौधरी ने प्रशासन को चकमा देकर हिंसा प्रभावित छेत्रों में प्रवेश किया और पीड़ित हिन्दू,मुस्लिम परिवारों को धाडस बंधाया

राष्ट्रीय लोकदल [रालोद]के राष्ट्रीय युवा महासचिव जयन्त चौधरी ने आज प्रशासन को चकमा देकर हिंसा प्रभावित छेत्रों में प्रवेश किया और पीड़ित परिवारों को धाडस बंधाया| रालोद के महासचिव जयन्त चौधरीमुजफ्फरनगर+ मेरठ, बागपत तथा शामली जनपद में शान्ति बहाली के उद्देश्य से गए थे। उन्होंने मेरठ जनपद के तीन गांवों में हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारीजनों से बातचीत की तथा शोक व्यक्त किया। उत्तर प्रदेश प्रशासन को चकमा देकर श्री जयन्त चौधरी तड़के सुबह 6 बजे बिना सुरक्षा तथा बिना किसी को बताए अपने एक वाहन से अकेले मेरठ में प्रवेश किया।RLD General Secretary and MP Jayant Chaudhary in Nilokha, District Meerut, meeting Salim,72, whose grandson, Sahid (32), was killed on September 8 in the village as Sahid's mother looks on
जयन्त पहले मोर खुर्द गांव पहुंचे और वैभव और छोटू से मिले जिनके पिता विरेन्द्र सिंह 7 सितम्बर को मारे गए थे।
उसके बाद वह मोहम्मदपुर शिखस्त गांव गए और हिमांशु (8) तथा चिराग (10) से मिले और शोक व्यक्त किया। इन मासूम बच्चों ने अपने पिता योगिन्दर सिंह को 7 सितम्बर को महापंचायत से लौटते समय खो दिया था।
उसके बाद वह निलोखा गांव की ओर चले तथा 72 वर्षीय सलीम से मिले जिनका 32 वर्षीय पोता साहिद 8 सितम्बर को गांव में मारा गया। जयन्त को देखकर सलीम रो पड़ा और कहा, “मैंने सबकुछ एक झटके में खो दिया। क्यों?” जयन्त ने दुखी पिता को ढ़ाढस बंधाते हुए कहा कि आप बुजुर्ग व्यक्ति हैं, आपने सबकुछ देखा है। अपना दिल मत दुखाईए।”
इसके बाद गांव के सभी बुजुर्ग मस्जिद में एकत्रित हुए जहां जयन्त चैधरी उनसे मुखातिब हुए तथा कहा कि सभी बुजुर्ग एक साथ आगे आएं और समुदाय को शान्ति एवं सुलह का संदेश दें।
रालोद नेता जयन्त चौधरी ने कहा, “मैं उन लोगों के पास जाना चाहता था जो दुखी हैं। कई जिन्दगियां समाप्त हो गईं। मैंने लोगों में राज्य सरकार की निष्क्रियता के प्रति आक्रोश देखा है। लोग भाईचारे व शान्ति को पुनः बहाल करने की गंभीर पहल के लिए जागरूक हैं। निलोखा गांव में बहुत से ग्रामीणों ने मुझे बताया कि जो लोग गांव छोड़ चुके हैं, उन्हें वापस लाया जाएगा, हम गांव को बिखरने नहीं देंगे।”SONY DSC
जब जयन्त चौधरी ने निलोखा गांव छोड़ा तथा बहरामपुर गांव में मृतक जहीद के परिवारीजनों से मिलने के लिए चले, उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें मेरठ जनपद के जानी गांव पर रोक लिया तथा वापस जाने के लिए कहा। जानी में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र में शान्ति है लेकिन वे सांसद की वापसी पर अड़े हुए थे।
युवा सांसद ने कहा, “यह समय पुलिस के लिए समस्या उत्पन्न करने का नहीं है। मैं शान्ति के लिए आया हूं। मैं बहरामपुर जाना चाहता था लेकिन जानी में पुलिस ने मेरी कार को रोक लिया। पुलिस ने कई जगह बैरीकेडस लगा रखे थे। मैं चाहता हूं कि प्रशासन अपने संसाधानों को कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केन्द्रित करे बजाय यह सुनिश्चित करने के कि मैं अपने लोगों से न मिल सकूं।”
जयन्त चौधरी ने यह भी कहा कि एक तरफ तो समाजवादी पार्टी के नेता आगरा में बैठक करके राजनीतिक मुद्दों पर चर्चाएं कर रहे हैं और दूसरी तरफ सांप्रदायिक हिंसाओं को बुझाने जा रहे जन प्रतिनिधियों को रोका जा रहा है। इस समय इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन उचित नहीं है तथा इससे उन लोगों का भला नहीं होगा जो असुरक्षित महसूस कर रहे हैं तथा न्याय की मांग कर रहे हैं

मुद्रा संप्रभुता का प्रतीक है, माला बनाकर या लुटा कर राष्ट्रीय मुद्रा का अनादर नहीं करें :आर बी आई का आग्रह

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश की मुद्रा को संप्रभुता का प्रतीक बताया और माला बनाकर या लुटा कर इनका दुरूपयोग करके राष्ट्रीय मुद्रा का अनादर नहीं करने का आग्रह किया| आर बी आई ने बुधवार को आम लोगों से कहा कि
राष्ट्रीय मुद्रा का सम्मान करें और
माला बनाने में इनका इस्तेमाल न करें +
सामाजिक कार्यक्रम में किसी के ऊपर इसे न्योछावर न करें|
गौरतलब है कि शादी और राजनीतिक रैलियों में नोट लुटाना एक आम रिवाज बन गया है।
।मालूम हो कि बेशक १९६७ से नोट के साइज में कोई तबदीली नहीं कि गई है लेकिन उसके बावजूद प्रिंटिंग कास्ट बढ रही है| बीते साल मीडिया में छपे एक अर्टिकल में बताया गया था कि १०० रुअप्ये के नोट से ज्यादा ५० रुपये के नोट की छपाई में खर्च आता है|दस रुपये के एक नोट की छपाई में १०% का खर्च आता है जबकि १०० रुपये के नोट पर लगभग पौने दो प्रतिशत का खर्चा आता है| ऐसे में नोटों कि बर्बादी से छपाई का खर्चा बढता है और आर्थिक व्यवस्था को चोट पहुंचाई जाती है|

Swatantryaveer Savarkar was not arrested on the charge of Gandhi;s Assassination But detained under the British Black Preventive Detention Act

N D A’s P M In Waiting and senior Journalist L K Advani said that Swatantryaveer Savarkar was not arrested on the charge of Gandhi;s Assassination But Savarkar was detained under the British Black Preventive Detention Act. In The TAILPIECE of His new blog L K Advani has disclosed this fact. Blogger Advani Said “Before reading this book [The Men Who Killed Gandhi] I did not know that when Savarkar was arrested by the police shortly after Gandhiji’s assassination on January 30, 1948, it was an arrest made under the Preventive Detention Act, “one of the most malignant pieces of legislation with which the British had armed themselves when they ruled India.”
The Bombay police first raided Savarkar’s “residence near Shivaji Park, seized all his private papers, consisting of 143 files and as many as 10,000 letters.
Author Of The Book Malgonkar comments : “There was no evidence at all. What was known (from those papers) was the affiliation of the conspirators to the Hindu Mahasabha and their personal veneration for Savarkar.
The author concludes:
He was sixty-four years old, and had been ailing for a year or more. He was detained on 6 February 1948, and remained in prison for the whole of the year which the investigation and the trial took. He was adjudged ‘not guilty’ on 10 February 1949. The man who had undergone twenty-six years of imprisonment or detention under the British for his part in India’s struggle for freedom was thus slung back into jail for another year the moment that freedom came.”