(New Delhi) Youth Hate Anarchy, Disorder,Castism,Nepotism:Modi In Mann Ki Baat
Prime Minister Narendra Modi on Sunday lauded the youth for believing in the system and questioning it when it does not respond properly.
Addressing his last ‘Mann ki Baat’ of 2019, the prime minister said the youth hate anarchy and disorder and dislike casteism and nepotism.
Young India will play a key role in building modern India in the coming decade,” PM Modi said
The prime minister also urged people to promote local products in their purchases.
He also lauded Parliamentarians for making the Parliament session productive and breaking records of last 60 years.
Category: India
Youth Hate Anarchy, Disorder,Castism,Nepotism:Modi In Mann Ki Baat
US Should Not Obstruct Flow of Indian Talent:MEA on H-1B visa
(Washington)USA should not obstruct flow of talent from India: Jaishankar on H-1B visa
The US should not obstruct the flow of talent from India as it is an important part of the economic cooperation and almost acts as a strategic bridge between the two countries, External Affairs Minister S Jaishankar has said,
The H-1B visa is a non-immigrant visa that allows US companies to employ foreign workers in speciality occupations that require theoretical or technical expertise. The technology companies depend on it to hire tens of thousands of employees each year from countries like India and China.
US Secretary of State Mike Pompeo and Defense Secretary Mark Esper hosted Jaishankar and Defense Minister Rajnath Singh for the second 2+2 dialogue in Washington DC on Wednesday. Jaishankar and Singh left the US on Thursday.
The US government has said that it is planning to curb the distribution of the H-1B visa to Indians. While the Trump administration is yet to take a final decision on this matter, it could affect the Indian IT professionals.
India has been the only country that takes 70 per cent of the 85,000 H-1B visas applied annually. The H-1B visa is crucial for the IT sector in India.
Joe Biden Also Started Their Indo American Card at Khuranas
(Washington)Democrats Also Started Their Indo American Card at Khuranas
@JoeBiden Also Started Their democratic Indo American Card at Khuranas
Days after @POTUS tried to woo Indian Americans by joining @narendramodi at a mega rally in #Houston, Democratic presidential aspirant Joe Biden was hosted for a major fund-raiser by this small but richs
The fund-raiser in Los Angeles Wednesday night was organised by Indian-American surgeon #SanjayKhurana and his software-engineer wife #Mona, at their picturesque #Manhattan Beach home.
It was attended by about 150 top Indian Americans from in and around Hollywood.
File Photo
7 मार्च की शिवरात्रि को भी संसद में रहेगा अवकाश,अब ८ मार्च को बिजनेस होगा
[नयी दिल्ली] 7 मार्च की शिवरात्रि को संसद में रहेगा अवकाश|५ और ६ मार्च साप्ताहिक बंदी होने के फलस्वरूप अब ८ मार्च को होगा बिजनेस|४ मार्च को पी ऐ संगमा की मृत्यु के शोक में लोक सभा की कार्यवाही स्थगित की गई है| राज्य सभा में भी ऐ एम यू को लेकर दोपहर तक कार्य नही हुआ|
शिवरात्रि के अवसर पर संसद में सोमवार सात मार्च को अवकाश रहेगा।
लोकसभा सचिवालय के अनुसार शिवरात्रि के पर्व पर संसद के दोनों सदनों लोकसभा + राज्यसभा में सात मार्च को अवकाश रहेगा और संसद की अगली बैठक मंगलवार आठ मार्च को होगी।
स्विटजरलैण्ड को पारदर्शिता और वैश्विक मापदण्डों को अपनाना ही होगा:सीधा एल के अडवाणी के ब्लॉग से
एन डी ऐ के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण आडवाणी ने अपने ब्लॉग के माध्यम से एक महीने में दोबारा काले धन को देश में लाये जाने के लिए कोई कार्यवाही नहीं किये जाने पर चिंता व्यक्त की है| श्री आडवाणी के अनुसार उनकी पार्टी भाजपा के प्रयासों से संसद में श्वेत पत्र तो केंद्र सरकार ले आई लेकिन उस पर कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई| इसके लिए इस ब्लॉग में उन्होंने खेद व्यक्त किया हैइसके अलावा इस वयोवृद्ध नेता ने अपने फ़िल्मी प्रेम का इजहार भी किया है|जेम्स बांड की फिल्म दि वर्ल्ड इज नॉट इनफ”[१९९९] के माध्यम से उन्होंने स्विस बैंको की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया तो एम्मा थामेसन के लेख के माध्यम से जवाब भी तलाशने का प्रयास किया है| | प्रस्तुत है सीधा एल के अडवाणी के ब्लॉग से
इसी महीने में मैंने एक ब्लॉग लिखा था, जिसका शीर्षक था ”कालेधन पर श्वेत पत्र के बावजूद एक पैसा भी वापस नहीं आया।”
इस ब्लॉग में बताया गया था कि कैसे भाजपा द्वारा कालेधन के विरुध्द चलाए गए ठोस अभियान ने यूपीए सरकार को इस मुद्दे पर श्वेत पत्र प्रस्तुत करने को बाध्य किया। श्वेत पत्र में इसको स्वीकारा गया है कि भारत की ”समावेशी विकास रणनीति की सफलता मुख्य रुप से हमारे समाज से भ्रष्टचार की बुराई के खात्मे और काले धन को जड़ से उखाड़ फेंकने की क्षमता पर निर्भर करती है।”
भाजपा को इसका खेद है कि श्वेत पत्र पर कार्रवाई बिल्कुल नहीं की गई है। भ्रष्टाचार और कालाधन भारत की राजनीति और शासन को, विशेष रुप से पिछले नौ वर्षों से लगातार कमजोर कर रहे हैं।
इस मुद्दे पर भारत के उदासीन रवैये की तुलना में रिपोर्टें आ रही हैं कि कुछ शक्तिशाली पश्चिमी देशों द्वारा स्विस बैंकों के गोपनीय कानूनों के विरुध्द छेड़े गए विश्वव्यापी अभियान से स्विट्जरलैण्ड के बैंकिग सेक्टर में वास्तव में संकट खड़ा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रायटर ने हाल ही में स्विट्जरलैण्ड में अपनी ब्यूरो चीफ एम्मा थामेसन का एक लेख प्रसारित किया है जिसका शीर्षक है: बैटल फॉर दि स्विस सोल। इस लेख का मूल भाव इन शब्दों में वर्णित किया गया है:
”आज भी, कुछ स्विस नागरिक इस तथ्य पर बहस करना पसन्द करेंगे कि देश की अधिकांश समृध्दि, बैंकरों द्वारा विदेशी कर वंचकों की सहायता करने से आई है।”
इस लेख की शुरुआत 1999 में जेम्स बांड की फिल्म ”दि वर्ल्ड इज नॉट इनफ” से होती है, जिसमें बांड पूछता है” यदि आप स्विस बैंकर पर भरोसा नहीं करसकते तो किस दुनिया में हो?”
इस लेख की सुविज्ञ लेखक एम्मा जेम्स बांड के इस प्रश्न का उत्तर यूं देती हैं:
”यह इस प्रकार है: अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों के दबाव में स्विस बैंक अपनी गोपनीयता छोड़ रहे हैं, कुछ केसों में अपने खाता धारकों के नाम विदेशी कर प्राधिकरणों को दे रहे हैं। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (Organisation for Economic Cooperation and Development-OECD½ द्वारा काली सूची में डाले जाने से बचने के लिए स्विस सरकार टैक्स धोखाधड़ी करने वालों की तलाश करने वाले विदेशी प्राधिकरणों के साथ सूचनाएं साझा करने पर सहमत हो गई है।”
एम्मा अपने लेख में लिखती हैं:
”स्विस बैंक काफी समय से उस अलिखित संहिता का पालन करते हैं जिसका डॉक्टर या पादरी करते हैं। बैंकर्स सार्वजनिक रुप से अपने ग्राहक को नहीं पहचानते, इस भय से कि इससे उनके खाताधारक होने का राज खुल जाएगा: अक्सर वे एक नाम का बिजनेस कार्ड रखते हैं बजाय बैंक या सम्पर्क विवरण के; और कम से कम 1990 के दशक तक वे कभी भी विदेशों में प्रचारित नहीं करते थे।…..”
दक्षिणपंथी स्विस पीपुल्स पार्टी बैंकिंग गोपनीय कानूनों के शिथिल होने को एक प्रकार का आत्मसमर्पण मानती है। पार्टी का मानना है कि यह आत्मसमर्पण ”न केवल ग्राहकों के साथ अपितु मूलभूत स्विस मूल्यों के साथ भी विश्वासघात है।”
एक बैंकर और स्विस पीपुल्स पार्टी के राजनीतिज्ञ थामस मट्टेर (Thomas Matter) इसे और साफ तीखे रूप से लिखते हैं : ”स्विस लोग स्वतंत्रता प्रेमी हैं; देश सदैव नागरिकों के लिए रहा है न कि इसका उल्टा।”
यद्यपि, वाशिंगटन, पेरिस और बर्लिन के भारी दवाब के चलते सन् 2009 में, देश का सबसे बड़ा बैंक यूबीएस चार हजार से अधिक अमेरिकी ग्राहकों के नाम अमेरिका को देने पर सहमत हुआ, 780 मिलियन अमेरिकी डॉलर का दण्ड इसलिए दिया कि उसने अमेरिकीयों की टैक्स से बचने में सहायता की थी। दो अन्य प्रमुख बैंकों -क्रेडिट सुइसे (Credit Suisse) और जूलियस बेअर (Julius Baer) ने भी अमेरिका में व्यवसाय में लगे अपने कर्मचारियों सम्बन्धी सूचनाएं वाशिंगटन को सौंपी जबकि क्रेडिट सुइसे ने भारी जुर्माने के लिए अपने खातों में प्रावधान किया।
हालांकि ज्यूरिख और जेनेवा, स्विटजरलैण्ड के मुख्य आर्थिक केन्द्र हैं, देश के बैंकिंग उद्योग की जड़ें संक्ट गालन (St. Gallen) शहर में हैं। हाल ही तक संक्ट गालन, स्विटजरलैण्ड के प्राचीनतम निजी बैंक बेगेलिन एण्ड कम्पनी (Wegelin & Co½ का शहर था। सन् 2012 में अमेरिका के जस्टिस विभाग ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि इसके विदेशी खातों में अमीर अमेरिकीयों द्वारा टैक्स से बचाए गए कम से कम 1.2 बिलियन डालर छुपे हैं। इस वर्ष जनवरी में बैंक को दोषी ठहराया गया। बेगेलिन के अधिकारियों जिन्होंने पहले ही अपने सभी गैर-अमेरिकी व्यवसाय को एक दूसरे बैंक रेफेइसियन (Raifeissen) को बेच दिए थे, ने घोषित किया है कि जो कुछ उनके बैंक में बचा है, वे उसे भी समेट रहे हैं।
इस समूची स्विस बहस में ‘दोषी‘ – एक महत्वपूर्ण निर्णायक विन्दु है क्योंकि बगैर कुछ कहे, बेगेलिन के अधिकारियों ने अपने साथी और बैंकों को साफ-साफ संदेश दे दिया है। एक प्रमुख रूढ़िवादी राजनीतिज्ञ क्रिस्टिफ डारबेले (Christoph Darbellay) ने सार्वजनिक रूप से बेगेलिन अधिकारियों को ‘देशद्रोही‘ कहा है। यू.बी.एस. के चीफ एग्जिक्यूटिव सेरगिओ इरमोट्टी (Sergio Ermotti) ने कहा: जैसाकि एक दशक या उससे पहले तक जिस बैंक गोपनीयता को हम जानते थे, वह अब समाप्त हो गई है। संक्ट गालन बैंकर जिन्होंने बेगेलिन के गैर-अमेरिकी व्यवसाय को खरीदा है, कहते हैं : ”हम वास्तव में संक्रमणकालीन प्रक्रिया में हैं।”
रेफेसियन के मालिक पेइरिन विन्सेंज (Pierin Vincenz) ने रूढ़िवादियों से अलग अपनी बात रखते हुए कहा कि स्विटजरलैण्ड को अंतत: पारदर्शिता और वैश्विक मापदण्डों को अपनाना होगा। अधिकाधिक बैंक और बध्दिजीवीगण इस मत के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। कालेधन के विरूध्द वैश्विक युध्द में यह बड़ा सहायक होगा। यही आशा की जा सकती है कि भारत इन घटनाओं का पूरा-पूरा लाभ उठाएगा।
नवनीत कौर ढिल्लन पत्रकार बनने से पहले स्वयम खबर बनी :फेमिना मिस इंडिया 2013
शोभिता धुलिपला को दूसरा और जोया अफरोज को तीसरा स्थान दिया गया है|
2012 में मिस इंडिया रह चुकीं वान्या शर्मा ने मिस नवनीत को ताज पहनाया|
नवनीत कौर मिस यूनिवर्स कंपीटिशन में भारत का नेतृत्व करेंगी।
देशभर से चुनी 23 सुंदरियों में हुए इस मुकाबिले में जूरी का रोल श्यामक डावर+ करन जौहर+जॉन अब्राहम+ रितु बेरी+चित्रांगदा सिंह +आसिन ने निभाया |
मुलायम सिंह यादव और बेनी प्रसाद वर्मा लोक सभा में भीड़ गए:संसद नहीं चली
अपने अपने प्रभावी छेत्रों में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने वाले सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और केन्द्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा आज सोमवार को लोक सभा में भीड़ गए| मुलायम सिंह यादव ने कहा कि या तो बेनी प्रसाद को बर्खास्त किया जाना चाहिए वरना सबूत होतोउन्हें [ मुलायम सिंह] को गिरफ्तार किया जाना चाहिए
लोकसभा में समाजवादी पार्टी सुप्रीमो नेता मुलायम सिंह यादव और केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने एक दूसरे पर तीखे हमले बोले। इसे लेकर सदन में समाजवादी पार्टी के सांसदों ने जमकर हंगामा किया। शोर न थमते देख लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। मुलायम सिंह ने लोकसभा में बेनी प्रसाद को यहां तक कह दिया कि इनकी औकात क्या है, यह खुद को क्या समझते हैं। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने बेनी प्रसाद वर्मा को मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की।
उधर, बेनी के बयान पर बढ़ते बवाल को देखते हुए सरकार ने उनके बयान से किनारा कर लिया है। संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने मुलायम सिंह के बारे में दिए गए बेनी प्रसाद वर्मा के बयान की निंदा की। कांग्रेस पार्टी ने मुलायम सिंह के प्रति नरम रुख अपनाते हुए अपने मंत्री के बयान को खेदजनक बताया।
गौरतलब है कि बेनी प्रसाद वर्मा ने एक विवादित बयान में मुलायम सिंह यादव पर आतंकियों को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया इससे पूर्व उन्होंने मुलायम सिंह को बदमाश तक कहा |और अपनी उनसे अपनी[बेनी] जान को खतरा बताया जिस पर समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह की तरफ से कड़ी आपत्ति जताई गई।
सपा सदस्यों के हंगामे के कारण उच्च सदन की बैठक भी स्थगित कर दी गई।
गौरतलब है कि बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने लोकसभा क्षेत्र गोंडा में एक रैली को संबोधित करते हुए मुलायम सिंह को लूटेरा और आतंकवादियों को मदद करने वाला शख्स बताया था। इन आरोपों से भड़के मुलायम सिंह ने लोकसभा में बेनी प्रसाद पर हमला बोला, लेकिन केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद ने मुलायम को फिर से करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जो मैंने कहा था उस पर कायम हूं।लेकिन इस बार उन्होंने अपने पूर्व की ब्यान को करवट देते हुए कहा किउन्होंने किसी धर्म का नाम नहीं लिया| इससे पूर्व समाज वादी पार्टी बेनी प्रसाद को पागल कह चुकी है|
उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है और न ही जाति, लेकिन मुलायम सिंह आतंकवादियों को मदद करते हैं।
मुलायम सिंह की बर्खास्त करने की मांग पर बेनी प्रसाद ने कहा कि मुलायम कौन होते हैं हटाने की मांग करने वाले। बेनी प्रसाद फिलहाल यूपीए सरकार में स्टील मंत्री हैं। वह कांग्रेस में आने से पहले समाजावादी पार्टी में ही थे। मुलायम और किसी कांग्रेस नेता के बीच इतनी तल्खी तब है जब समाजवादी पार्टी केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन कर रही है।आलोचनाओं के बावजूद बेनी प्रसाद वर्मा अपने कहे पर अडिग हैं।
संसद ने पाकिस्तान के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पास किया और कहा ,पी ओ के सहित सम्पूर्ण जे & के भारत का अभिन्न अंग है

संसद ने पाकिस्तान के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पास किया और कहा ,पी ओ के सहित सम्पूर्ण जे & के भारत का अभिन्न अंग है:
इससे पूर्व राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली ने सरकार से पाकिस्तान के इस प्रस्ताव के खिलाफ संसद में बहस की मांग की |श्री जेटली ने राज्यसभा में कहा कि आधिकारिक तौर पर ये पुष्ट हो गया है कि पाकिस्तान क्या चाहता है| अब समय आ गया है| भारत सरकार को कड़ा फैसला लेना चाहिए। पाकिस्तान से बातचीत का कोई फायदा नहीं है। इस तरह के प्रस्ताव पास करने से दोनों देशों के बीच शांति नहीं बहाल हो सकती है। इसलिए इस मुद्दे पर चर्चा के लिए किसी एक तारीख का चयन कर चर्चा करा लेनी चाहिए। वहीं नेता विपक्ष के चर्चा की मांग पर कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने कहा कि सरकार विदेश मुद्दे को लेकर बहस को तैयार है।उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा तय तारीख पर सरकार बहस के लिए तैयार है। उधर समाजवादी पार्टी के नेता कमाल फारूकी का कहना है कि पाकिस्तान को भारत के अंदरूनी मसले पर दखल देने का कोई हक नहीं है।
वहीं लोकसभा की प्रारम्भिक कार्यवाही को हंगामे के बाद स्थगित करना पड़ा।सपा +बसपा+शिव सेना+भाजपा आदि ने भी मीरा कुमा के प्रस्ताव का समर्थन किया
बीजेपी ने मांग की कि संसद में पाकिस्तान के प्रस्ताव का विरोध होना चाहिए और इस मुद्दे पर बहस कराई जानी चाहिए। यशवंत सिन्हा के अलावा प्रकाश जावडेकर ने भी दोनों सदनों में प्रश्नकाल स्थगित करने का नोटिस दिया।
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने अपनी संसद में अफजल को फांसी दिये जाने की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पास किया है |पाकिस्तान की इस हरकत को बीजेपी ने भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप बताया है और और संसद से पाकिस्तान को जवाब देने की मांग की है|
Recent Comments