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चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है

हवाई जहाज़ों के मंत्रालय का सुख भोग रहे चौधरी अजित सिंह को अपने गढ़ वेस्टर्न यूं पी में पूरी तरह से घेरने की तैय्यारी शुरू हो गई है| चौधरी चरण सिंह के वारिस अजित सिंह के पारंपरिक राजनीतिक हितों पर एटैक किये जाने लग गए हैं जाहिर है इनकी चौधराहट और सत्ता के लिए बारगैनिंग [मोल भाव] पावर भी प्रभावित हो सकती है|मेरठ में एयर पोर्ट+गन्ना के बकाये का भुगतान + बकाये पर ब्याज+हाई कोर्ट की बेंच +जाट आरक्षणजैसे मुद्दे इनके हाथ से निकलते जा रहे हैं|यहाँ तक के पांच सांसदों के बल पर सिविल एविएशन मंत्रालय में बैठने वाले चौधरी अजित सिंह के सांसद देवेन्द्र नागपाल और सांसद श्रीमती सारिका की बगावत उजागर हो चुकी है |[५-२=३]
सिविल एविएशन मंत्री बनने के बाद से ही संसद में इनके पुराने मित्रों ने भी कहा था के चौ. अजित सिंह ने गलत मंत्रालय चुन लिया है गलती के अब परिणाम भी आने लग गए हैं|अभी तक ऍफ़ डी आई की नीति के उत्साह जनक परिणाम नहीं है|एयर लाइन्स की दुर्घटनाएं और स्टाफ की नाराज़गी कंट्रोल नही हुई है|इसके अलावा प्रदेश में भी स्थिति कोई उत्साह वर्धक नहीं है|प्रदेश में इनके ९ विधायक हैं जिनकी उपस्थिति से पार्टी को कोई लाभ होता नहीं दिख रहाशायद इसी लिए प्रदेश सरकार में रालोद का कोई प्रभावी दखल दिखाई नहीं दे रहा |

चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है

चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है


[१]इस केन्द्रीय मंत्रालय के जरिये केन्द्रीय मंत्री ने . उत्तर प्रदेश में [११]एयर पोर्ट्स और वर्कशाप्स के माध्यम से पैर ज़माने का प्रयास किया|प्रदेश में सत्ता रुड समाजवादी पार्टी बेशक केंद्र में सरकार को बाहर से सहयोग दे रही है मगर प्रदेश में कांग्रेस के साथ ही अजित सिंह के दल रालोद को भी बाहर ही रखने को हर संभव प्रयास कर रही है|इसी कड़ी में प्रदेश में प्रस्तावित नए एयर पोर्ट्स के लिए फ्री में जमीन देने में आये दिन आनाकानी की जा रही है|
[२]हाई कोर्ट की बेंच मेरठ में लाने के लिए किये जा रहे सारे प्रयासों पर प्रदेश सरकार ने पानी फेर दिया|
चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है

चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है


[३]गन्ना किसानो की लड़ाई के लिए सरदार वीरेंदर मोहन[वी एम्] सिंह पीली भीत से मेरठ आ गए हैं और कमिश्नरी पार्क में किसान धरने के नित नए रिकार्ड बना रहे हैं | गौरतलब है के गन्ना छेत्र जिसे शुगर बाऊल भी कहा जाता है यह चौ. अजित सिंह की राजनीति की रीड मानीजाती है| इसी रीड को बचाने के लिए रालोद छोटे मोटे ज्ञापन जारी करता रहता है |प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से चर्चा में आता रहता है लेकिन सरदार वी एम् सिंह के धरने के साथ बेशक रालोद ने दूरी बना रखी है लेकिन इस धरने से अब खाप भी जुड़ने लग गई हैं|लम्बे खींचे जा रहे इस धरने का शायद उद्देश्य भी यही लग रहा है|
[४]जाट आरक्षण के लिए दिल्ली में किसान और जाट चौ. अजित सिंह के बगैर इकट्ठे हो रहे हैं |यहाँ तक [शायद पहली बार] चौ. अजित सिंह के पुतले सवयम जाटों द्वारा जलाये गए हैं| नाराज जाटों को पुचकारने केलिए चौ. अजित सिंह के युवा और उत्साही पुत्र और मथुरा से रालोद के सांसद जयंत चौधरी आगे आ गए हैं और उन्होंने मोदी नगर में जाट आरक्षण के लिए पार्टी का समर्थन देने का आश्वासन दे दिया है|
[५] लास्ट बट नोट दी लीस्ट रालोद के पांच सांसदों की संख्या में कमी आनी शुरू हो गई है|इसमें शायद न्रेतत्व की कमी भी कही जा सकती है|रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान का कहना है के पार्टी न्रेतत्व ने अमरोहा से सांसद देवेन्द्र नागपाल का टिकट काट दिया है इसीलिए अब नागपाल अपने लिए दूसरी पार्टी तलाश रहे हैं| इसके अलावा हाथरस से एस सी कोटे से श्रीमती सारिका का भी दूसरी पार्टी से राजनीतिक प्रेम उजागर हो चुका है|अब स्वयम चौ, अजित सिंह उनके पुत्र जयंत सिंह [मथुरा]के अलावा ले देकर बिजनौर से संजय सिंह चौहान[पूर्व उपमुख्य मंत्री के पुत्र] ही बचते हैं| यहाँ यह कहना अनुचित नहीं होगा की केंद्र में सत्ता रुड यूं पी ऐ एक एक सांसद के समर्थन के लिए जोर लगाया जा रहा है इस संकट की घड़ी में उसके एक घटक के दो सांसद एक झटके में अलग होने से सत्ता में बारगेनिंग की पावर तो प्रभावित हो सकती है

अरविन्द केजरीवाल का असहयोग और उपवास २सरे दिन भी जारी:पहले दिन ३६७४३ समर्थक आये

अरविन्द केजरीवाल का असहयोग और उपवास २सरे दिन भी जारी:पहले दिन ३६७४३ समर्थक आये

अरविन्द केजरीवाल का असहयोग और उपवास २सरे दिन भी जारी:पहले दिन ३६७४३ समर्थक आये

आम आदमी पार्टी (आप) के सर्वोच्च नेता अरविंद केजरीवाल आज रविवार को दूसरे दिन भी लगातार उपवास पर रहे|
रामलीला मैदान व जंतर-मंतर की खुली जगह के स्थान पर उन्होंने इस आंदोलन के लिए यमुनापार की सुंदर नगरी की तंग गली को चुना है| आप की वेबसाइट पर पहले दिन के समर्थकों का आंकडा ३६७४३ दिखाया गया है|अरविंदकेजरीवाल के अनुसार उपवास तभी टूटेगा, जब दिल्ली वासियों के मन में बैठा सत्ता का डर निकल जाएगा।दिल्ली वासी भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक जुट हो जायेंगे| उन्होंने दिल्‍लीवासियों से अपील की है कि वे बिजली-पानी का बिल न भरें। दिल्ली में बिजली-पानी के नाजायज़ रूप से बढ़े बिलों के खिलाफ, जनता को एकजुट करने के लिए यह असहयोग आन्दोलन और उपवास का कार्यक्रम चलाया गया है|
आप के नेताओं का कहना है कि बिजली और पानी के नाजायज़ बिलों से दिल्ली के आम आदमी की ज़िन्दगी हलकान है. यह बिल बढ़ने का एक ही कारण है – भ्रष्टाचार. दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित जी बिजली-पानी कंपनियों से मिली हुई हैं. वे जनता के हितों को बेचकर, बार बार बिजली पानी के दाम बढ़ा रही हैं. दूसरी तरफ प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा चुप है या फिर विरोध का नाटक करती है.
सर्व विदित है कि २०१० में डीईआरसी के तत्कालीन चेयरमैन बरजिंदर सिंह ने बिजली के दाम कम करने का आदेश तैयार किया था, लेकिन दिल्ली कि मुख्य मंत्री शीला दीक्षित ने इसे रुकवा दिया | उस आदेश की प्रति दो साल से दिल्ली के बीजेपी नेताओं के पास थी लेकिन उनके विधायकों ने दो साल में एक बार भी इसे विधानसभा में नहीं उठाया. आज वो चुनाव के पहले विरोध का नाटक कर रहे हैं
ये . दोनों बड़ी पार्टियां बिजली-पानी की बड़ी बड़ी कंपनियों से मिली हुई हैं.श्री मति शीला ने दिल्ली में बिजली के दाम और बढ़ाने का निर्णय कर लिया है. उनका कहना है कि बिजली कंपनियों को २० हज़ार करोड़ का घाटा हुआ है. दिल्ली में ३५ लाख बिजली कनेक्शन हैं, अगर यह २० हज़ार करोड़ रुपया लोगों से वसूला गया तो औसतन हर परिवार को ५०००/- रूपए महीना अतरिक्त देने पड़ेंगे| आने वाले कुछ महीनों में दिल्ली में नाटक खेला जाएगा कि डीईआरसी बिजली के दाम बढ़ाएगा, शीला दीक्षित चुनाव के पहले सब्सिडी देकर बिल कम करने का नाटक करेंगी, और भाजपा विरोध का नाटक करेगी. जनता पिसती रहेगी.इस अन्याय से लड़ने के लिए हमें महात्मा गांधी का बताया रास्ता नज़र आता है. वे कहते थे कि – “जो अन्यायपूर्ण कानून हो, उसका पालन मत करो. उसके बदले में सरकार जो सज़ा दे तो वह भी भुगतने को तैयार रहो.”
इस आन्दोलन में कुछ नया पन भी दिख रहा है|जनता से सीधे जुड़े बिजली पानी के मुद्दे को लेकर अबकी बार जंतर मंतर या राम लीला मैदान जैसे खुले स्थान को नहीं चुना गया [१] वरन यमुनापार की सुंदर नगरी की तंग गली को चुना गया है|शायद अरविन्द को एहसास हो गया है कि दिल्ली के तख्त तक पहुंचाने के लिए वोटों की सीडियां इन्ही गली मोहल्लों से होकर निकलती हैं|[२] अरविन्द केजरीवाल ने उपवास पर बैठने से पहले माथे पर बहुत बड़ा लाल टीका लगाया हुआ है शायद यह भाजपा के वोट बैंक के लिए चुम्बक का काम कर सकेगा|[३]पहले दिन ३६७४३ समर्थकों के जुटाने का दावा अपने आप में “आप” के उत्साह को बढाने के लिए पर्याप्त है |

मुलायम सिंह यादव अब खुल्लम खुल्ला लाल कृषण आडवाणी से कांग्रेस के खिलाफ कुश्ती के दाव सीखने लग गए


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये माननीय मुलायम सिंह यादव को क्या हो गया ?बुढापे में भी राजनितिक कुश्ती के लिए ताल ठौक रहे हैं|अच्छे खासे हसाड़े साथ रह कर सी बी आई का सुख भोग रहे थे|अब अचानक हमारे खिलाफ ही लंगर घुमाने लग गए| और तो और अपनी धुर्र विरोधी भाजपा से हाथ मिलाने में भी गुरेज नहीं कर रहे ओये अब तो खुल्लम खुल्ला लाल कृषण आडवाणी से हमारे खिलाफ कुश्ती के दाव सीखने लग गए हैं| ८० सांसदों वाली यूं पी के अखाड़े में हमें ही चित करने को डंड पैलने गए हैं |

 मुलायम सिंह यादव अब खुल्लम खुल्ला लाल कृषण आडवाणी से कांग्रेस के खिलाफ कुश्ती के दाव सीखने लग गए

मुलायम सिंह यादव अब खुल्लम खुल्ला लाल कृषण आडवाणी से कांग्रेस के खिलाफ कुश्ती के दाव सीखने लग गए

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी अब आप जी ने भी तो बची खुची ३ सांसदों वाली रालोद के साथ मिल कर २२ सांसदों के नेता अखिलेश यादव की सरकार के खिलाफ यूं पी के दंगल में उतर आये हो|पीछे से २१ सांसदों वाली मायावती को भी लगा लिया है|ऐसे में सपा को भी तो अपने लिए नए समीकरण तलाशने जरुरी हैं| बकौल मुलायन सिंह यादव भय के बिना प्रीत’ नही होती सो पुत्र को सत्ता प्रेम सिखाने के लिए सत् के छिन्न जाने के भय भी दिखाते रहना जरुरी है| मैं ठीक हूँ या क्या में ठीक हूँ ?

सरदार वी एम् सिंह ने चौ. टिकैत के किसान आन्दोलन में २५ दिन के धरने का रिकार्ड तोड़ा

किसान आन्दोलनो के इतिहास में आज एक और अध्याय जुड़ गया है| गन्ने को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन का कमिश्नरी पार्क में चल रहा अनिश्चितकालीन धरना २३ मार्च ,शनिवार को २६ वें दिन भी जारी है |इस धरने ने बाबा महेंद्र सिंह टिकैत [अब स्वर्गीय]केसबसे लम्बे चले २५ दिन के धरने के रिकार्ड को तोड़ दिया है|अब तक सबसे लम्बे धरने का रिकार्ड बाबा टिकैत के ही नाम है| यह चौ. अजित सिंह की राजनीतिक चौधराहट को चुनौती भी है|
आज सुबह शहीदे आज़म भगत सिंह+सुखदेव+राजगुरु की शाहदत की स्मृति में हवन करा कर अमर शहीदों को श्रधांजली अर्पित की गई| ढोल नगाड़े से गीत गए गए| २४ मार्च को महा पंचायत है|दोपहर बाद धरना स्थल पर जा कर देखा तो किसान नेता सरदार वी एम् सिंह आराम की मुद्रा में दिखे लेकिन यहाँ भी कुछ किसान अपनी समस्यायों की चर्चा करते देखे गए|
धरने के इस रिकार्ड के विषय में प्रतिक्रिया और उपलब्धि के विषय में जानना चाहा तो उन्होंने किसी रिकार्ड ब्रेकिंग या उपलब्धि से बचते हुए कहा कि “मेरा मकसद किसी के रिकार्ड को तोड़ना नहीं है, बाबा टिकैत तो महान किसान नेता थे, मेरा मकसद केवल किसानो को उनका हक़ दिलाना है|और उसके लिए लड़ता रहूंगा”धरने में आ रहे रुकावटों के विषय में सरदार वी एम् सिंह कहना है कि “हां रुकावटें तो कई आ रही हैं,मिल मालिक और कुछ जिनकी चौधराहट को खतरा है वोह लोग जरुर रुकावटें पैदा कर रहे हैं|उन्होंने खुल कर चौधराहट को खतरा महसूस कर रहे चौधरियों के नाम का खुलासा नहीं किया |
उन्होंने किसानों की एकजुटता को जरुरी बताते हुए कहा कि क्रांति की बात करना बहुत ठीक है, मगर क्रांति व्यवस्था परिवर्तन में आनी चाहिए। गांव में दूध व फसल उत्पादन आदि में क्रांति की जरूरत है इसके लिए आवश्यकता पड़ी तो गावों में जाकर किसानों के आपसी झगडे़ निपटाकर उन्हे एकजुट करने का भागीरथी प्रयास किया जाएगा|२४ मार्च को महा पंचायत का एलान किया गया है|
उन्होंने अपने इस
आन्दोलन की उपलब्धियों
को दोहराते हुए कहा कि मलकपुर और मोदीनगर मिल किसानों को ब्याज देने लगी हैं, जो मिलें देरी से भुगतान करेंगी उन्हे 15 प्रतिशत ब्याज देना ही होगा। हालांकि अभी सरकार ने न्यायालय का आदेश आधा ही माना है। जून 2012 से ब्याज भुगतान दिया जा रहा है, जबकि आदेश पहली पर्ची से ही देने का है। कहा कि किसान अब जागरूक हो चुका है वह किसी के बहकावे में नहीं आएगा। बताया कि 24 मार्च को होनी वाली महापंचायत के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार कई हजार किसान धरनास्थल पर पहुंचेंगे और विचार-विमर्श किया जाएगा।

राष्ट्रीय लोक दल ने भी कांग्रेस की तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला

राष्ट्रीय लोक दल ने भी कांग्रेस की तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला

राष्ट्रीय लोक दल ने भी कांग्रेस की तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला

राष्ट्रीय लोक दल [रालोद]ने भी कांग्रेस की तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है|प्रदेश भर में अब पार्टी के कार्यकर्ता धरना और प्रदर्शन करके सरकार की नाकामियों से जनता को जागरूक करेंगे |
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया के प्रदेश में सरकार नाम की कोई संस्था नहीं है| गुंडा राज+पोलिस की वर्दी में वसूली +गेंहूं के बोनस और मथुरा में मारे गए किसानो के लिए न्याय के साथ गन्ने के बकाये के मय ब्याज भुगतान और बिजली की किल्लत को लेकर प्रदेश भर में प्रदर्शन किया जाएगा|३० मार्च को सिवाल ख़ास में किसान पंचायत होगी|यहाँ जिलाधिकारी का घेराव किया जायेगा|जिसमे रालोद मुखिया और सिविल एविएशन मंत्री चौ.अजित सिंह आयेंगे और देवेरिया में जयंत चौधरी पंचायत करेंगे|मुरादाबाद में कमिश्नर का घेराव किया जाएगा|यहाँ मुख्य मुद्दा गन्ना किसानो के बकाये का भुगतान होगा|गौर तलब है के कांग्रेस ने आज अखिलेश सरकार के खिलाफ प्रदेश भर में सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया है|रालोद कांग्रेस की केंद्र में सहयोगी पार्टी है|

कांग्रेस ने सपा सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल की विफलताएं गिनाई

लगता है कि केंद्र में कांग्रेस का अपने सहयोगी समाजवादी पार्टी से मोह भंग हो गया है तभी आज कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के खिलाफ जिला मुख्यालयों पर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया और सरकार के एक साल के शासन को कुशासन बताया |
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डाक्टर [एडवो]युसूफ कुरैशी ने बताया कि प्रदेश सरकर ने जो वायदे करके बी एस पी से सत्ता हथियाई थे वोह सारे वायदे हवा हवाई और झोठे साबित हुए हैं|सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में लेश मात्र भी सुधार नहीं हुआ है उलटे सरकारी भ्रष्टाचार के लिए ठेकेदारी प्रथा शुरू हो गई है|अपहरण +लूट+वसूली +डकैती आदि अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है|महिलाओं पर अत्याचारों कि कोई सुनवाई नहीं हो रही|युवाओं को रोज़गार मुहैय्या नही करवाए जा रहे|मुसलमानों के लिए १८% आरक्षण देने के लिए कोई घोषणा नहीं की की जा रही|उन्होंने आरोप लगाया कि सपा शासन में मुस्लिमों पर अत्याचार बढ गए हैं|

देवेन्द्र नागपाल का रालोद से टिकट कट गया है इसीलिए दूसरी पार्टी से पींगे बढ़ा रहे हैं

देवेन्द्र नागपाल का रालोद से टिकट कट गया है इसीलिए दूसरी पार्टी से पींगे बढ़ा रहे हैं

देवेन्द्र नागपाल का रालोद से टिकट कट गया है इसीलिए दूसरी पार्टी से पींगे बढ़ा रहे हैं

जैसे जैसे २०१४ के चुनाव नज़दीक आते जा रहे हैं राजनितिक दलों ने अपनी राजनीतिक गोटियाँ बैठानी शुरू कर दी है|राष्ट्रीय लोक दल[रालोद]के अमरोहा से सांसद देवेन्द्र नागपाल ने अपनी पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक को समाजवादी पार्टी की तरफ का प्रयास शुरू कर दिया है जिसे रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने नागपाल की खिसियाट बताते हुए कहा है कि लगता है कि नागपाल को पार्टी के निर्णय की जानकारी मिल गई है|पार्टी ने उनका टिकट काटने का फैंसला कर लिया है इसीलिए अब नागपाल अपने पुराने समाजवादी पार्टी के साथ पींगे बढाने लग गए हैं|
रालोद प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने फोन पर बताया कि देवेन्द्र नागपाल ने बीते चार सालों में अपने छेत्र में विकास का कोई कार्य नहीं किया है||पार्टी कार्यक्रमों में शामिल नहीं होते|यहांतक कि जिला संगठन से दूर रहते हैं |इसीलिए अब पार्टी के केन्द्रीय न्रेतत्व ने देवेन्द्र नागपाल का टिकट काटने का फैंसला कर लिया है|शायस इसीलिए अब नागपाल के पास किसी भी दूसरी पार्टी की शरण में जाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है|
गौरतलब है कि अमरोहा से २००९ में १५ वी संसद के लिए रालोद के टिकट पर चुनाव जीते देवेन्द्र नागपाल ने आज कल रालोद के खिलाफ बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं| उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाया कि पार्टी अपने उद्देश्य और सिधान्तों से भटक चुकी है| उन्होंने जाटों के समर्थन के लिए समाजवादी पार्टी से मदद लेने की कवायद तेज़ कर दी है|और ऐसा ही भरोसा वोह आज कल मदद मांगने वाले जाटों को भी दिला रहे हैं|गौर तलब है कि जाट रालोद के मुखिया अजित सिंह का पारंपरिक वोट बैंक है और अब उसमे सेंध लगाने की तैयारी हो रही है| पार्टी विरोधी इसी गतिविधि पर प्रदेश अध्यक्ष ने अपनीप्रतिक्रिया दी है|
बताते चलें कि पूर्व निर्दलीय सांसद हरीश नागपाल के भाई.है देवेन्द्र नागपाल|सोबर्स क्लब और जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष रहे है | शराब व्यवसाई देवेन्द्र नागपाल अपने पिता स्वर्गीय श्री रामदास नागपाल के आदर्शों के अनुरूप गरीब परिवारों की बेटियों, उनकी चिकित्सा उपचार शिक्षा आदि की शादी के लिए सहायता प्रदानकरने के कारण प्रसिद्ध है |

संजय दत्त तो सुधर गया है अब तो उसे माफ़ कर दो


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

संजय दत्त का एक दुखी चाहने वाला

ओये झल्लेया ये तो हसाडे बड़ा अनर्थ हो गया हसाडे लोक प्रिय अभिनेता संजय दत्त को १९९३ के बम धमाकों के लिए ना तो आरोपी और नाही षड्यंत्रकारी ही माना गया है फिर भी देश की सुप्रीम कोर्ट ने आर्म्स एक्ट की धारा २५[ऐ]के अंतर्गत [न्यूनतम] पांच साल की सजा सुना दी |ओये ऐसे हथियार तो बड़े बड़ों के घरों में सजाये जाते हैं लेकिन माननीय सुनील दत्त के ऊपर राजनितिक बन्दूक चलाने के लिए पहले तो इस बेचारे संजय के कन्धों का इस्तेमाल किया गया | आग्नेय अस्त्र रखने के विषय में सच्चाई दिखाने वाले संजय दत्त को डेड़ साल तक जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया |अब जब वोह सुधर गया है तो फिर से साडे तीन साल की सजा सुना दी गई है|माननीय सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा को तो उम्र कैद में तब्दील कर दिया मगर इस बेचारे को अभी भी सादे तीन साल जेल में काटने होंगे| बम ब्लास्ट के मुख्य आरोपियों को अभी भी पकड़ा नहीं जा सका है | तीन तीन सांसदों वाले परिवार से जुड़े इस बेचारे को अपनी सच्चाई की कीमत चुकानी पड़ रही है| ओये यार इस जेल की घरेड से निकलने की कोई सूरत है या नहीं

 संजय दत्त तो सुधर गया है अब तो उसे माफ़ कर दो

संजय दत्त तो सुधर गया है अब तो उसे माफ़ कर दो

झल्ला

बाऊ जी वड्डे कह गए हैं के पीछे से बेशक हाथी निकल जाये मगर सामने से चींटी भी नहीं निकलनी चाहिए |सामने आने का खिमयाज़ा तो इस मुंजाल ब्राह्मण संजय दत्त को भुगतना ही पडेगा|इससे पूर्व इनके पूर्वजों ने भी एक बड़े युद्ध में पैगम्बर साहेब के परिवार का साथ दिया था और अपना सबकुछ सच्चाई पर कुर्बान कर दिया था |मुसलमान+ हिन्दू ] कुर्बानी वाली इस पीडी के इस प्रतिनिधि की रीड मज़बूत है और एक बार फिर कुंदन बन कर निकलेगी|
झल्लेविचारानुसार उम्मीद पर दुनिया कायम है इसीलिए निराश होने का अभी समय नहीं है|अगर राज्यपाल या राष्ट्रपति चाहें तो निम्न आधार पर पासा अभी भी पलट सकता है|
[१] बालीवुड का लगभग २५० करोड़ रुपया इस सफल अभिनेता संजय दत्त पर लगा हुआ है|यदि संजय को जेल हो गई तो अनेको परिवार बेहाल हो जायेंगे
[२]जेलों को भारत में सुधार गृह कहा जाता है| पिछले बीस साल से अपमान और अनजाने भय के साये में जीने वाले संजय दत्त की जीवनशैली में चमत्कारिक रूप से सुधार देखा जा सकता है|यह पूर्व में जेल में बिताये डेड़ साल का प्रभाव हो सकता है|और शायद यही कोर्ट का उद्देश्य भी होगा|
[३] जस्टिस [रिटायर्ड]मार्कंडेय काटजू ने भी महाराष्ट्र के राज्यपाल से संविधान की अनुच्छेद 1611 के अंतर्गत संजय दत्त को माफी की अपील की है|
[४] इससे पूर इसी प्रकार के एक केस में नानावटी को राहत दी जा चुकी है|

मुलायम सिंह यादव के वेटिंग गेम के संकेत आते ही चेन्नई में स्टालिन के घर सी बी आई की चल रही रेड रोक दी गई

एम् करुणानिधि के बेटे स्टालिन के घर पर मारे जा रहे सीबीआई के छापे अचानक रोक दिए गए हैं| इसे सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह को सरकार से सपोर्ट विड्रा करने से रोकने और पी चिदम्बरम का कद तमिल नाडू में बढाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है| सपा की चल रही संसदीय दल की मीटिंग से एक खबर आई कि मुलायम सिंह यादव ने श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा माफ़ी मांगने और बेनी प्रसाद वर्मा के विरुद्ध कार्य वाही के लिए कुछ समय माँगा है| इस खबर के तत्काल पश्चात खबर आई कि स्टालिन के विरुद्ध सी बी आई के छापे रोक दिए गए हैं| यह अपने आप में आश्चर्य जनक कदम है|
गौरतलब है कि पांच साल पुराने अवैध रूप से आयातित कार की ड्यूटी चोरी के मामले में स्टालिन के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की। ये छापा ऐसे वक्त में पड़ा है जब सरकार से समर्थन वापिस लिए डीएमके को दो दिन ही बीते हैं। सीबीआई ने स्टालिन के सेक्रेटरी के घर पर भी छापेमारी की है। स्टालिन के पिता एम् करुणानिधि १८ सांसदों वाली डी एम् के के सुप्रीमो हैं|

मुलायम सिंह यादव के वेटिंग गेम के संकेत आते ही चेन्नई में स्टालिन के घर सी बी आई की चल रही रेड रोक दी गई

मुलायम सिंह यादव के वेटिंग गेम के संकेत आते ही चेन्नई में स्टालिन के घर सी बी आई की चल रही रेड रोक दी गई


बताया जा रहा है कि डीआरआई ने सीबीआई से विदेशी कार आयात के मामले में ड्यूटी टैक्स चोरी की शिकायत की थी। इसके बाद सीबीआई ने 20 करोड़ रुपये के अवैध कार आयात मामले में स्टालिन के घर छापेमारी की। अब कहा जा रहा है कि स्टॅलिन का नाम ऍफ़ ई आर में दर्ज़ नहीं है|
स्टालिन, करुणानिधि के परिवार के तीसरे सदस्य हैं जिससे सीबीआई पूछताछ कर रही है। इससे पहले 2011 में उनकी मां दयालु अम्मल और बहन कनीमोझी से पूछताछ की गई थी।
बहरहाल, करुणानिधि के बेटे स्टालिन के घर सीबीआई छापे और उन्हें अचानक रोके जाने से फिर सवाल उठ रहे हैं|[१] क्या स्टॅलिन ने सरकार से समर्थन वापसी की कीमत चुकाई हैक्योंकि विदेशी कार आयात का ये मामला 5 साल पुराना है। तो सीबीआई अब तक चुप क्यों रही। जब तक डीएमके का साथ मिलता रहा, सीबीआई चुप रही,लेकिन डीएमके के समर्थन वापस लेते ही सीबीआई स्टालिन के घऱ पहुंच गई। कहा गया है कि एमके स्टालिन के पुत्र उदयनिधि इस अवैध विदेशी कार का उपयोग करते हैं और सीबीआइ पूरे मामले की जांच करने में जुटी है।
[२]पुरानी कहावत है कि अगर बहु [पुत्र वधु] को डांटना हो तो बेटी को सुनाया जाता है|कमोबेश सी बी आई की इस तरह से डी एम् के विरोधी कार्यवाही से मुलायम सिंह यादव को सन्देश दिया गया है|
[३] सपा द्वारा वेटिंग गेम का संकेत देते ही सी बी ई की कार्य वही क्यों रोक दी गई|
[४] वित्त मंत्री पी चिदम्बरम द्वारा सी बी आई कि इस छापे मारी पर असंतोष व्यक्त करते ही छापे मारी रोकी गई|इसे चिदम्बरम के अपने होम स्टेट तमिल नाडू में कद बढाने के कदम के रूप में देखा जा रहा है
[५]भाजपा प्रकाश जावडेकर और सपा के नरेश अग्रावाल ने संसद में इस मुद्दे उठाने का संकेत दिया है|बेशक सरकार की छवि कुछ प्रभावित हुई है लेकिन सरकार का संभावित राजनितिक उद्देश्य पूरा हो गया है|सपा ने सरकर से अपना समर्थन वापिस लेने में जल्द बाजी को त्याग कर वेटिंग गेम का एलान कर दिया है|

मेयर हरिकांत अहलुवालिया का पुतला फूँका

 मेयर हरिकांत अहलुवालिया का पुतला फूँका

मेयर हरिकांत अहलुवालिया का पुतला फूँका

[मेरठ ]मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने आज कमेले की राजनीति को लेकर हापुड़ अड्डे पर मेयर हरिकांत अहलुवालिया का पुतला फूँका और नारे लगाये | प्रदर्शनकारियों ने मेयर को मुस्लिम विरोधी करार दिया और भाजपा की जम कर आलोचना की |
गौरतलब है कि घोसी पुर कमेले के प्रति उठाये जा रहे नगर निगम के कदमो को मुस्लिमो के खाने [मीट] पर षड्यंत्र के रूप में प्रतिबन्ध लगाने का आरोप लगाया गया है|बताते चलें कि मेयर भारतीय जनता पार्टी [भाजपा] से हैंऔर गैर कानूनी ढंग से चलाये जा रहे कमेले के विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं|