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Category: Religion

गलती का अहसास कराके एक बार फिर संभलने का अवसर दिया जाये.

छिमा बढ़न को चाहिए, छोटेन को उत्पात ,
का रहिमन हरी को घट्यो , जो भृगु मरी लात .

व्याख्या – छोटी आयु के लोगों के द्वारा उपद्रव करने पर बड़ों का क्षमादान करना ही शोभनीय है . कवि रहीम कहते हैं कि यदि भृगु ऋषि ने
क्रोध में आकर प्रभु की छाती पर लात मार दी तो भगवन की गरिमा में कोई कमी नहीं आई.
भाव – क्षमा करना आदमी का सबसे बड़ा गुण है. इसी गुण को लेकर कवि रहीम ने इस दोहे की रचना की है.. यदि छोटे लोग कोई अपराध
करते हैं तो बड़ों का बड़प्पन इसी में है कि उन्हें क्षमा कर दिया जाये और उन्हें उनकी गलती का अहसास कराके एक बार फिर
संभलने का अवसर दिया जाये.
इसे कवि ने एक विशेष पौराणिक घटना से जोड़कर दर्शाया है एक बार भृगु ऋषि भगवान् विष्णु से मिलने गए .विष्णु को सोता देखकर
भृगु ने उनकी छाती पर लात मार दी . इससे भगवान क्रोधित नहीं हुए .अपितु उनहोंने पूछा -ऋषिवर आपके पैर में चोट तो नहीं आई ?
विष्णु जी की बात सुनकर ऋषि का क्रोध शांत हो गया . प्रस्तुति राकेश खुराना

वैभव लक्ष्मी व्रत का उद्यापन

वैभव लक्ष्मी व्रत का उद्यापन श्रद्धाभाव से विधिवत किया गया इस अवसर पर सात सुहागनों को प्रशाद छकाया गया \
गंगानगर के ग्लोबल सिटी में शिक्षाविद श्रीमती शशि सबलोक ने परिवार और समाज के कल्याण के ११ शुक्रवार के व्रत रख कर आज व्रतों के संकल्प को पूर्ण किया
सुहागनों को वैभव लक्ष्मी व्रत कथा की पुस्तक+सुहाग के प्रतीक चिन्ह+ उपहार में दी खीर के प्रसाद के पश्चात भोजन छकाया गया

ऊंची प्रेम सगाई साधो ऊंची प्रेम सगाई

ऊंची प्रेम सगाई साधो ऊंची प्रेम सगाई

संतजन समझाते हैं कि साधक की परमात्मा से ऐसी सच्ची प्रीती होनी चाहिए जैसे पतंगे की दीपक से , मछली की पानी से और हिरन की राग से होती है .
पतंगा जनता है कि वह दीपक की लौ से भस्म हो जायेगा लेकिन वह दीपक से प्रीती नहीं छोड़ता , जैसे मछली को पानी से अलग करने से वह तड़प तड़प कर
जान दे दे देती है तथा जैसे शिकारी के राग छेड़ने से हिरन वह उस ओर खिंचा आता है और शिकारी हिरन के शीश को काट देता है. इसी प्रकार संतजन भी साधकों की अहम् तथा आसक्तियों को काट देते हैं तब साधकों में केवल प्रेम और भक्ति शेष रह जाती है .

पूज्यश्री भगत नीरज मणि ऋषि जी

परमाध्यक्ष – श्री रामशरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली, मेरठ .

दरगाह दीवान ने अब बनाया क्या कूल है हम को निशाना

लगता है कि फिल्मो की आलोचना करके मीडिया की सुर्ख़ियों में रहने का गुर मुक़द्दस अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान ने सीख लिया है तभी आये दिन फिल्मो से सम्बंधित विवादस्पद ब्यान देने लगे है |अब उन्होंने तुषार कपूर स्टारर क्या कूल हैं हम को निशाना बना डाला है|इस फिल्म में एक पालतू कुत्ते का नाम फखरूद्दीन रखे जाने पर कडा ऐतराज जताया गया है |हजरत ख्वाजा गरीबनवाज़ जी के बेटे का नाम भी फखरूद्दीन ही था |इससे पहले दरगाह दीवान ने फिल्म के प्रमोशन के लिए मुक़द्दस दरगाह में जियारत के लिए आने वाले फिल्मकारों को भी आड़े हाथों लिया था|
अब क्या कूल हैं हम कि आलोचना करके फिल्म को अनावश्यक पब्लिसिटी तो दे ही दी गई है|

भाजपा ने की अमरनाथ यात्रा की अवधि बढाने की मांग

भारतीय जनता पार्टी के एक डेलिगेशन ने गृह मंत्री पे चिदम्बरम से मुलाक़ात की और श्री अमर नाथ श्राईन की यात्रा की अवधि बडाये जाने की मांग की\
श्रीमती शुष्मा स्वराज के न्रेतत्व में अरुण जेटली +७ सदस्यों के इस डेलिगेशन ने यात्रियों की मौतों की संख्या में दिनों दिन वृधि की रोक थाम के लिए मेडिकल सुविधायों की मांग भी की|
४०००० से ४२००० यात्रिओं के प्रतिदिन पहुँचाने के समाचार हैं| ६० दिन के बजाय ३९ दिन की यात्रा किये जाने से यह समस्या उत्पन्न हुई है|

श्रीनगर[काश्मीर]में देवी भगवती का जल में निर्मित मंदिर

या देवी सर्वभूतेषू क्षीर भवानी संस्थिता
नमस्तैय नमस्तैयनमस्तैय नमो नमः
Historic Temple Of Maa Durga

In Shrinagar Kashmir

कावण खंडित करने वाले अभी भी पकड़ से दूर हैं

सिंघावली में कावण खंडित किये जाने से उपजे तनाव को कम करने का कोई प्रशानिक प्रयास अभी तक नहीं हो पाया है इसकी शिकायत लेकर आज ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने एस एस पी से मुलाक़ात की और रोष व्यक्त किया और JAANCH अधिकारी सी ओ केंट को बदले जाने की मांग भी की \ज्ञापन दाताओं में कमल दत्त शर्मा+सुदर्शन चक्र+बलराज+इन्द्रपाल+अंकुर राणा+भोपाल सिंह+देवेन्द्र चौधरी अदि शामिल थे

गुरु हर कृषण जी का प्रकाश पर्व श्रद्धा भाव से मनाया

गुरु हरकृषण जी के प्रकाश पर्व पर समारोह का मेरठ शास्त्रीनगर के हरमिलाप स्कूल में आयोजन किया गया |इस अवसर पर गुरुवाणी के अमृत की वर्षा करके संगत को निहाल किया गया और स्मृति चिन्ह भी दिए गए\समारोह का संचालन सरदार रंजित सिंह जस्सल ने किया

साउंड सिस्टम ने कराये तीन शहरों में साम्प्रदाईक झगडे

साउंड सिस्टम को लेकर उत्तर प्रदेश के बरेली +खतौली और संभल में में दो समुदाय आपस में भिड़ गए तथा साम्प्रदाईक हिंसा से माहौल को बिगाड़ने की कौशिश की गई| बरेली में गंगा जल ले कर आ रहे कवारनियों के साउंड सिस्टम को बंद कराने को लेकर विवाद हुआ |शाहबाद से उठा और शहर के विभिन्न इलाकों में फ़ैल गया|दुकनो की आगजनी से कई लोगों के घायल होने के समाचार भी आ रहे हैं|
मुज्ज़फरनगर के खतौली में रोज्ज़ इफ्तारी के समय एक धार्मिक स्थल में बज रहे माईक को लेकर बवाल हो गया| लगभग १० ग्रामीणों के घायल होने की खबर है और एक धार्मिक स्थल में मूर्ति तोड़े जाने का भी समाचार है|
भीम नगर के संभल[हयातनगर] में अजान के समय एक धार्मिक स्थल से लाउड स्पीकर के बज़ने से झगडा हो गया स्थिति तनाव पूर्ण बताई जा रही है|

मुक़द्दस दरगाह में फिल्म वालों की एंट्री पर बैन हो = दरगाह दीवान

मुक़द्दस दरगाह अजमेर शरीफ के दीवान जैनुल आबेदीन ने दरगाह में आने वाले फिल्म वालों की एंट्री पर कड़ा एतराज जताया है|
इनके अनुसार इस्लाम में न्रत्य और फिल्मो की मनाही है|इसीलिए अपनी फिल्मो की सफलता के लिए यहाँ आकर कामना करना उचित नहीं है |
दरगाह अजमेर शरीफ पर हर धर्म के लोगों का विश्वास है। यहाँ आने वाले जायरीन चाहे वे किसी भी मजहब के क्यों न हों, ख्वाजा के दर पर दस्तक देने के बाद उनके जहन में सिर्फ अकीदा ही बाकी रहता हैयह हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक है|
इतिहास के पन्नों में झांकने पर पता चलता है कि बादशाह अकबर को भी इसी मुक़द्दस दरगाह पर माथा टेकने से पुत्र[सलीम] की प्राप्ति हुई थी ।ख्वाजा साहब का शुक्रिया अदा करने के लिए अकबर बादशाह ने आमेर से अजमेर शरीफ तक पैदल आये थे |पिछले दिनों पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भी आये थे और एक बड़ी राशि दे कर गए थे यहाँ हाजरी देने वालों में मज़हब की कोई दीवार नहीं है|फिल्म वाले भी अपनी फिल्मो कि सफलता और प्रसिद्धि के लिए आते हैं|इसी पर एतराज जताते हुए दरगाह दीवान[प्रमुख] श्री जैनुल द्वारा इस्लाम के बुद्धिजीवी+अनुयायी +उलेमाओं से फिल्म वालों की एंट्री पर विचार करने की|अपी;ल की गई है |
तारागढ़ पहाड़ी की तलहटी में स्थित दरगाह शरीफ वास्तुकला की दृष्टि से भी बेजोड़ है…यहाँ ईरानी और हिन्दुस्तानी वास्तुकला का सुंदर संगम दिखता है। दरगाह का प्रवेश द्वार और गुंबद बेहद खूबसूरत है। इसका कुछ भाग अकबर ने तो कुछ जहाँगीर ने पूरा करवाया था। माना जाता है कि दरगाह को पक्का करवाने का काम माण्डू के सुल्तान ग्यासुद्दीन खिलजी ने करवाया था। दरगाह के अंदर बेहतरीन नक्काशी किया हुआ एक चाँदी का कटघरा है। इस कटघरे के अंदर ख्वाजा साहब की मजार है। यह कटघरा जयपुर के महाराजा राजा जयसिंह ने बनवाया था। दरगाह में एक खूबसूरत महफिल खाना भी है, जहाँ कव्वाल ख्वाजा की शान में कव्वाली गाते हैं।