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Category: Travel

भाजपा ने की अमरनाथ यात्रा की अवधि बढाने की मांग

भारतीय जनता पार्टी के एक डेलिगेशन ने गृह मंत्री पे चिदम्बरम से मुलाक़ात की और श्री अमर नाथ श्राईन की यात्रा की अवधि बडाये जाने की मांग की\
श्रीमती शुष्मा स्वराज के न्रेतत्व में अरुण जेटली +७ सदस्यों के इस डेलिगेशन ने यात्रियों की मौतों की संख्या में दिनों दिन वृधि की रोक थाम के लिए मेडिकल सुविधायों की मांग भी की|
४०००० से ४२००० यात्रिओं के प्रतिदिन पहुँचाने के समाचार हैं| ६० दिन के बजाय ३९ दिन की यात्रा किये जाने से यह समस्या उत्पन्न हुई है|

किंग फिशर और एयर इंडिया को बंद करने के लिए किसी देवीय आदेश की प्रतीक्षा की जा रही है?

एयर इंडिया और किंग फिशर के पायलटों और वेंडर्स के वेतन सम्बन्धी असंतोष को अभी तक शांत नहीं किया जा सका है|जहां एयर इंडिया ने अपने हड़ताली पायलटों को हड़ताल समाप्त करने के बावजूद हड़ताल से पहले का वेतन नहीं दिया है वहीं किंग फिशर भी पिछले छह माह से वेतन संवितरण को टरका रही है|ये दोनों कम्पनियाँ अपने कुप्रबंधन के कारन घाटे में चल रही हैं और बंद होने के कगार पर आ पहुंची हैं|
कोर्ट के आदेशानुसार एयर इंडिया के पायलटों ने ५८ दिन पुराणी हड़ताल को वापिस लेकर डियूटी ज्वाइन कर ली है मगर अभी तक १०१ बर्खास्त पायलटों में से केवल ९ को ही वापिस सेवा में लिया गया है|यहाँ तक की हड़ताल से पहले के उनके डियुस को क्लीयर नहीं किया गया है|यह कोर्ट की अवहेलना ही कही जा सकती है|इसके अलावा बार बार आश्वासन देने पर भी किंग फिशर ने अपने पायलटों को छह माह से वेतन नहीं दिया है |अब यह आरोप लगाया जा रहा है कि किंग फिशर और एयर इंडिया के पायलट दूसरी विमानन सेवाओं में जा रहे हैं||इस प्रकरण से लगता है कि विमानन कम्पनिओं का प्रबंधन इन्हें बंद करने के लिए किसी देवीय शक्ति या आदेश की प्रतीक्षा कर रहा है|

मुक़द्दस दरगाह में फिल्म वालों की एंट्री पर बैन हो = दरगाह दीवान

मुक़द्दस दरगाह अजमेर शरीफ के दीवान जैनुल आबेदीन ने दरगाह में आने वाले फिल्म वालों की एंट्री पर कड़ा एतराज जताया है|
इनके अनुसार इस्लाम में न्रत्य और फिल्मो की मनाही है|इसीलिए अपनी फिल्मो की सफलता के लिए यहाँ आकर कामना करना उचित नहीं है |
दरगाह अजमेर शरीफ पर हर धर्म के लोगों का विश्वास है। यहाँ आने वाले जायरीन चाहे वे किसी भी मजहब के क्यों न हों, ख्वाजा के दर पर दस्तक देने के बाद उनके जहन में सिर्फ अकीदा ही बाकी रहता हैयह हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक है|
इतिहास के पन्नों में झांकने पर पता चलता है कि बादशाह अकबर को भी इसी मुक़द्दस दरगाह पर माथा टेकने से पुत्र[सलीम] की प्राप्ति हुई थी ।ख्वाजा साहब का शुक्रिया अदा करने के लिए अकबर बादशाह ने आमेर से अजमेर शरीफ तक पैदल आये थे |पिछले दिनों पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भी आये थे और एक बड़ी राशि दे कर गए थे यहाँ हाजरी देने वालों में मज़हब की कोई दीवार नहीं है|फिल्म वाले भी अपनी फिल्मो कि सफलता और प्रसिद्धि के लिए आते हैं|इसी पर एतराज जताते हुए दरगाह दीवान[प्रमुख] श्री जैनुल द्वारा इस्लाम के बुद्धिजीवी+अनुयायी +उलेमाओं से फिल्म वालों की एंट्री पर विचार करने की|अपी;ल की गई है |
तारागढ़ पहाड़ी की तलहटी में स्थित दरगाह शरीफ वास्तुकला की दृष्टि से भी बेजोड़ है…यहाँ ईरानी और हिन्दुस्तानी वास्तुकला का सुंदर संगम दिखता है। दरगाह का प्रवेश द्वार और गुंबद बेहद खूबसूरत है। इसका कुछ भाग अकबर ने तो कुछ जहाँगीर ने पूरा करवाया था। माना जाता है कि दरगाह को पक्का करवाने का काम माण्डू के सुल्तान ग्यासुद्दीन खिलजी ने करवाया था। दरगाह के अंदर बेहतरीन नक्काशी किया हुआ एक चाँदी का कटघरा है। इस कटघरे के अंदर ख्वाजा साहब की मजार है। यह कटघरा जयपुर के महाराजा राजा जयसिंह ने बनवाया था। दरगाह में एक खूबसूरत महफिल खाना भी है, जहाँ कव्वाल ख्वाजा की शान में कव्वाली गाते हैं।