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राजनितिक दलों को आर टी आई के दायरे में लाने वाले केंद्रीय सूचना आयोग के निर्णय को आज [आप] के रूप में एक समर्थक मिल ही गया

राजनितिक दलों को आर टी आई के दायरे में लाने वाले केंद्रीय सूचना आयोग के निर्णय को आज एक समर्थक मिल ही गया |आम आदमी पार्टी[आप] ने राजनीतिक दलों को सूचना अधिकार के दायरे में लाने का स्वागत किया है । गौरतलब है कि राजनितिक दलों द्वारा विभिन्न कारणों की आड़ में इस निर्णय का विरोध किया जा रहा हैं|
आप पार्टी द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि अपनी स्थापना के समय से ही आम आदमी पार्टी राजनीतिक दलों में पूर्ण पारदर्शिता की पक्षधर रही है। राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग में पारदर्शिता न होने की वजह से ही राजनीति में अपराधी तत्वों और कालेधन के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलता है।
आम आदमी पार्टी की फंडिंग की सारी जानकारी वेबसाईट पर उपलब्ध रहती है। पार्टी की उम्मीदवार चयन प्रक्रिया भी पूरी तरह पारदर्शी रखी गई है,|इसी परिपेक्ष्य में “आप” ने देश की सभी पार्टियों से अपील की है कि सभी इस तरह की पारदर्शिता अपनाएं और अधिक से अधिक सूचना जनता को वेबसाईट के माध्यम से उपलब्ध कराने की परंपरा स्थापित करे ताकि सादगी और देशभक्ति से पूर्ण राजनीति की स्थापना हो सके।
कुछ दिन पूर्व ही आप अप्रत्य ने अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित को अपने चुनावी फंड्स का हिसाब जनता के समक्ष रखने की चेतावनी दी थी| केंद्रीय सूचना आयोग ने ६ मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को भी आरटीआई एक्ट के दायरे में ला दिया है लेकिन कुछ राजनितिक दलों को इस पर एतराज भी है|