झल्ले दी झल्लियां गल्लां
दुखी व्यंगकार
यारा आज तो बड़ा अनर्थ हो गया ओये मशहूर व्यंगकार पद्मश्री हसाडे प्रेरणाश्रोत के.पी. सक्सेना [८१]का आज तडके निधन हो गया ओये उनके संवाद लेखन की श्रेष्ठ कला को फ़िल्म लगान+हलचल+स्वदेश के साथ जोधा अकबर के माध्यम से हमेशा याद किया जाता रहेगा
झल्ला
यार ये रब्ब भी कैसे कैसे मजाक करने लगा है अब बताओ केपी सक्सेना जैसों को भी उठाने लग गया|रिटायर्ड सक्सेना के कैंसर पीड़ित शरीर में एक किलो गोश्त नहीं+एक बोतल खून नही फिर भी ऊपर वाले को उसकी क्या जरुरत पड़ गई?