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कलयुग५११२साल का हो गया,वरद हस्त अब सर पर रख दो माँ ज्योतां वाली

या देवी सर्वभूतेषु प्रकृति रूपेण संस्थिता ,नमस्तेय नमस्तेय नमस्तेय नमो नमः
पारम्परिक नव वर्ष सबके लिए मंगल मय ,हो कल्याणकारी हो और लाभ कारी हो \
ऋतू परिवर्तन के शुभ अवसर पर नई ऋतू के स्वागत के लिए मनाये जाने वाले त्योहारों की श्रंखला प्रारम्भ हो गई है|
सांस्कृतिक विभिन्ता से भरे भारत में नव वर्ष का स्वागत करने के लिए अनेकों पौराणिक परम्पराएं हैं इनमे से प्रमुख गुडी पडवा[ महाराष्ट्र ]+उगाडी[ आंध्र प्रदेश और कर्नाटक ]+चैत्र सुखलाड़ी+नवरेह[कश्मीर] + चेती चाँद[ सिंधी]दुर्गा नवरात्र आदि है
चेती चाँद विशेष रूप से ब्र्ह्माकी सृष्टि रचना को समर्पित है |

Lord Brahma's Temple In The City Of Sins Las Vegas

Lord Brahma’s Temple In The City Of Sins Las Vegas

आज के ही दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी इसके अलावा
[१]राजा राम और महाराज युधिश्धिर का राज्यभिशेक आज के ही दिन हुआ था.
[२]संत झूलेलाल का प्रकाश पर्व है
[3] स्वामी विवेकानंद ने आर्य समाज की स्थापना आज के ही दिन कि थी.
[4] विक्रमादित्य ने शकों को परस्त किया
[५]महर्षि गोतम का जन्मदिवस
कलयुग का प्रारंभ भी आज से ही माना गया है | कलयुग शुरू हुए ५११२ वर्ष होगए|
दुर्गा नवरात्र के इन नौ रातों और दस दिनों में शक्ति +देवी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। यह शुभ पर्व [१]पोष [२],चैत्र[३],आषाढ[४]अश्विन प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है।
नवरात्रि के नौ रातो में [१]महालक्ष्मी[धन][२] सरस्वती [शिक्षा]और [३]दुर्गा[शक्ति ] के नौ स्वरुपों की पूजा होती है इन्हें ही नवदुर्गा कहते हैं। दुर्गा का अर्थ जीवन के दुख कॊ हटाने वाली होता है।
नौं देवियों के स्वरुप निम्न हैं
[१] शैलपुत्री -इसका अर्थ-पहाड़ों की पुत्री होता है।
[२] ब्रह्मचारिणी -इसका अर्थ-ब्रह्मचारीणी।
[३] चन्द्र घंटा -इसका अर्थ-चाँद की तरह चमकने वाली।
[४]कुष्मांडा -इसका अर्थ-पूरा जगत उनके पैर में है।
[५]स्कंदमाता -इसका अर्थ-कार्तिक स्वामी की माता।
[६] कात्यायनी -इसका अर्थ-कात्यायन आश्रम में जन्मि।
[७] कालरात्रि -इसका अर्थ-काल का नाश करने वली।
[८]महागौरी -इसका अर्थ-सफेद रंग वाली मां।
[९] सिद्धिदात्री -इसका अर्थ-सर्व सिद्धि देने वाली।