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Archive for: October 2012

कामेडियन जसपाल भट्टी की अकाल पुरुख ने पावर कर दी कट : सड़क दुर्घटना में निधन

मशहूर कामेडियन जसपाल भट्टी की अकाल पुरुख ने पावर कट कर दी है|एक सड़क दुर्घटना में इनका निधन हो गया है|: हास्य व्यंग के माध्यम से समाज में फ़ैली विसंगतियों को हाई लाईट करने में निपुर्ण मशहूर कॉमेडियन जसपाल भट्टी की एक सड़क हादसे में मौत हो गई है.| हादसा जालंधर के पास शाहकोट में हुआ जहां उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई. भट्टी 57 वर्ष के थे. हादसा गुरुवार तड़के करीब तीन बजे हुआ। भट्टी अपनी पंजाबी फिल्म ‘पावर कट’ के प्रमोशन से लौट रहे थे, तभी उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस पोकर+व्हिसल ब्लोअर की अकाल मृत्यु से देश और समाज को भारी हानि हुई है|जमोस न्यूज परिवार उन्हें श्रधान्जली अर्पित करता है| इस हादसे में जसपाल भट्टी के बेटे जसराज, फिल्म की हिरोइन और पीआरओ नवीन जोशी घायल हो गए। भट्टी का पार्थिव शरीर पास के ही एक अस्पताल में रखा गया है, जबकि उनके बेटे और ऐक्ट्रेस का इलाज चल रहा है।

परिचय

अमृतसर में 3 मार्च 1955 को हुआ था। आठवें दशक में दूरदर्शन पर आने वाले टीवी धारावाहिक ‘उल्टा पुल्टा’ से इनकी पहचान बनी थी। इसके अलावा ‘फ्लॉप शो’ में शानदार अभिनय के बाद बॉलीवुड में उनकी अच्छी खासी पहचान बनी थी। उन्होंने कुल 24 फिल्मों में अभिनय के जादू बिखेरा | इसमें एक फिल्म ‘पावर कट’ 26 अक्टूबर को ही रिलीज होनी है। वे इसी फिल्म के प्रमोशन के लिए जालंधर जा रहे थे।’कुछ ना कहो’,+ ‘तुझे मेरी कसम’+, ‘जानी दुश्मन’,+ ‘कोई मेरे दिल से पूछे’,+ ‘शक्ति : द पावर’,+ ‘ये है जलवा’, +’ इकबाल+हमारा दिल आपके पास है’,+ ‘कारतूस’,+ ‘आ अब लौट चलें’+, ‘जानम समझा करो’+ ‘फ़ना’,+ ‘कुछ मीठा हो जाए+खौफ +काला साम्राज्य ‘में भी उनके अभिनय की काफी तारीफ हुई थी\नोंसेंस क्लब और उसके तत्वधान में नुक्कड़ नाटकों से बेहद प्रसिद्धि मिली|मर्यादित व्यंगों के वोह लोग भी कायल थे जिन पर व्यंग किया गया|

मशहूर कामेडियन जसपाल भट्टी की पावर कट : सड़क दुर्घटना में निधन

नई फिल्म पावर कट

बिजली संकट जैसे अहम मुद्दे को लेकर बनाई फिल्म ‘पावर कट’ 26 अक्टूबर को देश-विदेश में रिलीज होनीथी अमग्र अब इस दुर्घटना के कारण इसमें कुछ विलम्भ हो सकता है|
, इस रोमांटिक कॉमेडी फिल्म में हीरो का नाम करंट है, जबकि हीरोइन का नाम बिजली रखा गया है। फिल्म में बिजली विभाग की उपभोक्ताओं के प्रति रवैया दिखाया गया है, जैसे कि गांव का सरपंच बिजली के कनेक्शन के लिए मारामारा फिरता दिखाया गया है। फिल्म से पावरकॉम को उल्टे झटके लगेंगे, ताकि वह लोगों के मर्म को समझें। श्री भट्टी के पिता चीफ इंजीनियर रहे, वहीं खुद भी उन्होंने बिजली बोर्ड में काम किया, इसलिए वह विभाग की कार्यप्रणाली से पूरी तरह वाकिफ थे । श्री भट्टी ने एक बार कहा कि चार-पांच सालों से हर साल बिजली सरप्लस होने का भरोसा ही मिला है। ऐसे बदतर हालात पंजाब ही नहीं, हरियाणा, यूपी व बिहार में भी हैं। इससे ज्यादा बिजली विभाग की किरकिरी और क्या होगी कि विगत दिवस पूरे भारत में दुनिया का पहला पावर कट लगा। इससे ही फिल्म के तेवर समझे जा सकते हैं|
फिल्म की कहानी लिखने के अलावा इसका निर्देशन भी जसपाल भट्टी ने किया है। संगीत निर्देशक गुरमीत सिंह ने तैयार किया है, जबकि मीका, सुनिधि चौहान, मास्टर सलीम व हुसैनपुरी ने गीतों को आवाज दी है। फिल्म के सिनमैटोग्राफर राजू हैं, जोकि दिल वाले दुलहनिया ले जाएंगे, डर, लम्हे, मां तुझे सलाम जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं।
हास्य कलाकार जसविंदर भट्टी फिल्म में भंडों के रूप में दिखाई देंगे, जबकि उनका बेटा जसराज भट्टी फिल्म के मुख्य कलाकार हैं, उनके साथ सुरीली गौतम बिजली के रूप में दिखेंगी। .

एन सी सी शिविर में १० फिट का रावण फूँका

एन सी सी शिविर में १० फिट का रावण फूँका

हस्तिनापुर में चल रहे एन सी सी कैम्प का छठा दिन आज बुधवार को अनोखे रूप में मना | केडेट्स ने उत्साह पूर्वक दशहरा उत्सव मनाया | कैडेट्स ने 10 फुट का रावन का बनाया उसमे पटाखे लगाये गये और फिर बुराई के प्रतीक बने रावन को तेज धमाको के साथ जला दिया गया |पूरा कैम्पस एक शानदार जश्न मनाया गया | इससे पूर्व आज सुबह कैडेट्स की दौड़ प्रतियोगिता भी हुई
कैप्टेन प्रेम कुमार ने पर्यावरण पर व्याख्यान दिया !
प्रस्तुती दीपक शर्मा

सत्ता दम्भ और असहनशीलता के चलते नेताओं और मीडिया में टकराव आम हुआ

सत्ता दम्भ और असहनशीलता के चलते आज कल राजनीतिज्ञों का टकराव अपने विरोधी पार्टी के नेताओं से कम और पत्रकारों से ज्यादा हो रहा है| बेशक इसमें कुछ हद तक पत्रकारिकता भी दोषी हो सकती है मगर जिस प्रकार से रोजाना भ्रष्टाचार +घोटालों का पर्दाफाश किया जा रहा है लेकिन उनपर कोई विशेष कार्यवाही होती नहीं दिख रही ऐसे में पत्रकारों द्वारा सवाल करना जायज़ ठहराया जा सकता है| पत्रकारों द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीधे मुह पर ही जवाब मांगने से नेताओ का तिलमिलाना स्वभाविक है मगर सवाल करने वाले पर आक्रमण करना या धमकी देना किसी भी द्रष्टि से न्यायोचित नहीं कहा जा सकता|यहाँ किसी एक पार्टी का जिक्र करना उचित नहीं होगा आये दिन एक नई पार्टी का नेता ऐसे ही अपनी दबंगई से चर्चा में आ रहा है| ऐसा नहीं है कि सारा मीडिया ही दूध का धुला है|प्रश्न पूछना भी एक कला है उसमे तथ्य होने जरूरी है मगर देखा जा रहा है कि आज कल प्रेस कांफ्रेंस में सवाल कम और आरोप ज्यादा लगाए जाते है या दूसरों के आरोप पर जवाब माँगने का चलन जोर पकड़ रहा है|इसी कारण प्रेस कांफ्रेंस में भीआरोपों पर डिबेट करने के लिए उतावलापन दिखाई देने लगा है| शायद इसीलिए नेताओं का उत्तेजित होना स्वाभाविक है मगर हाथापाई या धमकी किसी भी सूरत में जायज नहीं कही जा सकती |यह लोक तंत्र के लिए स्वस्थ परम्परा नहीं कही जा सकती|
दुर्भाग्य से अधिकाँश केसों में पालिटिकल पार्टी कोई कार्यवाही करने के बजाये अपने नेताओं को बचाने में लगी रहती है| अपनी बात को शुरू करने के लिए में ९ वे दशक का जिक्र करना चाहूंगा|माननीय मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश में [१]मुख्यमंत्री थे दैनिक जागरण और अमर उजाला अखबारों के मालिकों से उनके पारिवारिक रिश्ते थे|इस पर भी पत्रकारिकता का धर्म निभाते हुए अखबारों में उनकी स्वाभाविक आलोचना भी होती थी|इस आलोचना से तिलमिला कर मुलायम सिंह यादव ने इन दोनों बड़े अखबारों के विरुद्ध कार्यवाही करानी शुरू करदी अमर उजाला की प्रेस में तो छापे भी डलवाए गए मगर सब कुछ ठीक ठाक मिला|अखबारों ने आन्दोलन भी किया कुछ समय बाद इनमे समझौता हो गया | अब में सीधे सीधे वर्तमान दौर में आता हूँ

सत्ता दम्भ और असहनशीलता के चलते नेताओं और मीडिया में टकराव आम हुआ


[२]लखनऊ के लालबाग में प्रदेश मंत्री नटवर गोयल का व्यावसायिक प्रतिष्ठान और अपार्टमेंट है। मंगलवार को छायाकार आशुतोष गुप्ता नजदीक की जमीन पर हो रही खुदाई के फोटोग्राफ लेने गए थे। तभी नटवर के करीबियों ने आशुतोष को पकड़ लिया। अपार्टमेंट की महिलाएं भी हॉकी व डंडे लेकर आ गई। नटवर भी वहां पहुंच गए। उन्होंने, आशुतोष को कार्यालय में बंधक बनाया और मारपीट की। मोबाइल फोन से जानकारी पाकर साथी पत्रकार उन्हें बचाने पहुंचे। नटवर व उनके साथियों ने उनसे भी मारपीट की। कुछ देर में सैकड़ों मीडियाकर्मी एकत्र हो गए और आशुतोष को मुक्त कराया। कैसरबाग पुलिस ने मीडियाकर्मियों की तहरीर पर नटवर गोयल, उनके मैनेजर रवि सिंह, अली, एक अन्य युवक व महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। बाद में नटवर गोयल को गिरफ्तार कर लिया गया। यहाँ पुराणी गलतिओं से सबक लेते हुए मुख्य मंत्री अखिलेश सिंह यादव ने मंत्री से मंत्रित्व छीन लिया|
[३] भ्रष्टाचार और घोटाले के आरोपों से घिरे केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद पर अरविन्द केजरीवाल ने विकलांग फंड के दुरूपयोग का आरोप लगाया|इससे रुष्ट होकर मंत्री ने केजरीवाल को जान से मारने की धमकी दे डाली | [फर्रखाबाद आयें मगर वापिस नहीं जा पाएंगे] टी वी चैनल आज तक के पत्रकार को भी ऐसी ही धमकी दी गई[यह प्रेस कांफ्रेंस आपकी आख़री प्रेस कांफ्रेंस होगी]इस संधर्भ में कोई कानूनी कार्यवाही किये जाने के बजाये सलमान खुर्शीद का बचाव करते हुए केंद्रीय मंत्री वी नारायणसामी ने आज बुधवार को कहा कि साधारण व बेबुनियाद आरोपों के आधार पर केंद्रीय कानून मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की जा सकती है।गौरतलब है कि खुर्शीद पर उनकी एनजीओ में की गई वित्तीय अनियमितता का आरोप है। इनका एनजीओ विकलांगों के कल्याण हेतु कार्य करता है। [४]श्रीमती सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वढेरा और डीएलएफ के बीच साठ-गांठ पर कुछ भी कहने को कोई तैयार नहीं है| नारायणसामी ने इसे उनका व्यक्तिगत मामला करार दिया
[५]हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीर भद्र सिंह पर इस्पात से रिश्वत लेने और एक साल में ३० गुना आय बढाने के आरोप लग रहे हैं| इस पर प्रश्न पूछने पर सिंह ने पत्रकार का कैमरा तोड़ने की धमकी दे डाली |इनके बचाव में कांगेस के नेता संदीप दीक्षीत ने माफी मांग ली है|
[६]नितिन गडकरी पर लग रहे आरोपों के लिए मीडिया के एक वर्ग द्वारा काराए जा रहे सर्वे को मीडिया ट्रायल का नाम देकर वास्तविकता से पल्ला झाड़ा जा रहा है|
[७]सांसद नवीन जिंदल ने कोयला घोटालों में संलिप्तता के सवाल पर जी न्यूज के पत्रकारों पर न केवल हाथ उठा दिया वरन उन्हें देख लेने की धमकी भी दे दी चैनल का यह भी आरोप है की जिंदल ने चैनल को खरीदने की कोशिश भी की है|
यह भी वास्तविकता है कि सभी पत्रकार दूध के धुले नहीं है मुम्बई के पत्रकार डे की हत्या + हरियाणा के मंत्री गोपाल गोयल कांडा का प्रेस की गाडी में पोलिस थाणे में आकर सरेंडर करना और समाचारपत्र ‘देशोन्नति’ के मालिक और प्रधान संपादक प्रकाश पाहोरे के लगभग 10 दिन पहले नागपुर के समीप गोंडखैरी में हुए काण्ड का उधारन दिया जा सकता है|

रावण परिवार अपने किये की सजा पाने को तैयार है

आज दशहरा है आज भी रावण परिवार अपने किये की सजा पाने को तैयार है सार्वजनिक रूप से जलने के लिए तैयार है |कहा जाता है की रावण बुराई और नफ़रत का प्रतीक है|क्योंकि हमारा मानना है की बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होनी चाहिए \रामायण काल में मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने सभी प्रचलित मर्यादाओं का पालन करते हुए रावण का वध किया था यह प्रथा आज भी जारी है|लेकिन आज कल एक कलयुगी कमी है जिसके कारण रावण जल कर भी मरता नहीं वोह रावण प्रतिवर्ष हमारे भीतर विशाल होता जा रहा है| यह समाज में फ़ैली विसंगतियों से साफ़ दिखाई देता है|

रावण परिवार अपने की किये सजा पाने को तैयार है

इसीलिए बेशक रावण को जलाओ मगर इसे वास्तविक रूप से जलाने के लिए कृपया पहला अग्नि बाण वोह चलाये जो स्वयम मर्यादित हो|

मिलावट की धरपकड़ के लिए मारे गए छापों के दौरान दुकान दार भाग खड़े हुए

मेरठ
मिलावटी सामान की धरपकड़ के लिए मारे गए छापों के दौरान आज बुधवार को दुकान दार दुकाने छोड़ कर भाग खड़े हुए | लाला के बाज़ार में आज सिटी मजिस्ट्रेट +पोलिस और फ़ूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन [ऍफ़ डी ऐ] ने लगभग दो घंटे तक छापा मार कर सैम्पल भरे|

मिलावट की धरपकड़ के लिए सैम्पल भरते अधिकारी


इस अवसर पर कार से लाई जा रही सोहन पपड़ी पकड़ ली गई| इसका सैम्पल भरने के बजाये पूरी सोहन पापडी को ही कब्जे में ले लिया गया| व्यापारियों ने इसका विरोध भी किया| इसके अलावा काले तेल का सैम्पल भी भरा गया| सिटी मजिस्ट्रेट डी पी श्रीवास्तव+ फ़ूड इन्स्पेक्टर देशराज+अक्षय गोयल+पी के राठी भी छापा मारी टीम में शामिल थे| एक अधिकारी का कहना था कि त्योहारों के इस सीजन में मिलावटी सामान की बिक्री को हतोत्साहित करने के लिए ये छापे मारे गए हैं|

रावण परिवार देश में विसंगतियों को देख कर शर्म से गीला हो गया, अब नए रावण ढूंढो


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक राम भक्त

ओये झल्लेया ये हमारे धर्म के साथ क्या हो रहा है?राम मन्दिर तो बन नहीं रहा उलटे राम जी कट्टर दुश्मन रावण को फूंकने में रुकावटें आ रही है अब देखो रामायण काल से ही वर्षा ऋतू समाप्त होने पर दशहरा मनाया जाता है |इसी परम्परा का पालन करते हुए आज बुधवार को देश भर में रावण फूंकने की तमाम तैयारियां की गई थी कि इस बेमौसमी बारिश ने सब कुछ गड़बड़ कर दिया| मैदानों में रावण परिवार के छोटे से लेकर बड़े पुतले सीना ताने खड़े हैं कि बारिश ने सबको भिगा दिया |अब गीले पेपर के बने पुतले कैसे जलेंगे|हसाडा दशहरा कैसे मनेगा|इसके बाद दिवाली कैसे मनेगी?

अब नए रावण ढूंढो

झल्ला

ओ भक्ता रावण परिवार बेचारा खुद ही वर्तमान विसंगतियों को देख कर शर्म से गीला हो गया है अब ऐसे को जलाने से क्या फायदा|इसीलिए बेचारे रावण की यह दुर्दशा देखते हुए इसे माफ़ करदो और समाज में फैले भ्रष्टाचार+आतंकवाद+ब्लैक मणी+आर्थिक मंदी+महंगाई+अपराध+प्रदुषण+सीमा पार से घुसपैंठ +नैतिक गिरावट+अहम् आदि के रावणों को ढूंढ कर इन्हें निशाना बनाना शरू कर दो |

सेना के आंतरिक आडिट में रक्षा लेखा विभाग ने निकाला १०० करोड़ का घपला: जनरल वी के सिंह को कंट्रोल करने के लिए है क्या

सेना के एक विशेष रूप के बही खातों का महज़ दो सालों का आडिट करवाए जाने से लगता है कि सरकार ने बगावती तेवर दिखाने वाले रिटायर्ड सेना प्रमुख वी के सिंह पर लगाम कसनी शुरू कर दी है|रक्षा मंत्रालय के आधीन रक्षा लेखा विभाग[Defence Accounts Department] की एक शाखा से कराये गए विशेष आडिट में उपकरणों की खरीद में अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल के लिए अन्य पूर्व सेना प्रमुखों के साथ अभी हाल ही में रिटायर्ड हुए जनरल वी के सिंह भी चपेट में आ रहे हैं लेकिन यह भी सत्य है कि आंतरिक आडिट रिपोर्ट में किये गए खुलासे चौंकाने वाले हैं| सेना की एक कमांड से रिजेक्ट किये गए उपकरणों को दूसरी कमांड द्वारा खरीदा जाना अपने आप में व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाता है| सेना को होली काऊ मान कर इसके प्रति आज तक आलोचना से बचा जाता रहा है लेकिन इस बार आडिट रिपोर्ट को मीडिया में पब्लिश करवाए जाने के भी कुछ विशेष कारण पर्दे के पीछे जरूर होंगें|वैसे यह भी सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि बाद में कैग इसका आडिट करे इससे पहले स्थिति की जानकारी ले ली जाये|लेकिन एक बात गौर करने लायक है कि कैग द्वारा आडिट की रिपोर्ट मीडिया में छपने
आडिट रिपोर्ट में उजागर गलतियों के कारण देश को महज दो साल में 100 करोड़ की चपत के रूप में लग चुकी है।अगर अडिट विभाग कि यह वित्तीय सलाह है या मेजर फायनेंशियल इर्रेगुलेटरी है और अगर यह सेना द्वारा स्वीकार कर ली जाती है[जिसकी उम्मीद कम ही नज़र आती है] तो इस पर देश कि सबसे बड़ी अदालत संसद में चर्चा की जानी चाहिए | जैसी की उम्मीद थी थलसेना ने खरीद में हुए 100 करोड़ के नुकसान की बात से इनकार किया है. उसका कहना है कि किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है.ये उपकरण सीधे कंपनी से खरीदने की बजाय दलालों के जरिए खरीदे गए। जबकि मूल कंपनी के अफसर भारत में ही मौजूद थे।जांच के मुताबिक अगर ये संचार उपकरण भारतीय कंपनियों से खरीदे गए होते तो सस्ते मिल सकते थे। ये मामला महज फिजूलखर्ची का नहीं बल्कि नियमों की अनदेखी का भी है।

आरोप

एन डी टी वी न्यूज चैनल ने प्रमुखता से इसे दिखाया है और सेना कमांडर वर्ग पर यह आरोप भी लगाया गया है कि ये लोग परीक्षकों की तैनाती कमांड में होती है जिसके फलस्वरूप कमांडर का दबाब इन परीक्षकों पर रहता है और उनकी नाराजगी परीक्षक के प्रोमोशन को प्रभावित करती है|

सेना के आंतरिक आडिट में रक्षा लेखा विभाग ने निकाला १०० करोड़ का घपला:

कुछ मामलों में यह आरोप खरा उतरता है लेकिन गहराई में जाने पर दिखाई देता है कि यही आडिट विभाग अपने कई अनुभागों [,एल ऐ ओ+आई ऍफ़ ऐ+ओ एंड एम्+एम्+ स्टोर कांट्रेक्ट आदि]के द्वारा सेना का आंतरिक आडिट करवाता है| इस विभाग में एम्म टी एस [मल्टी टास्क सेवा से लेकर अनुभवी भारतीय रक्षा लेखा अधिकारी भी हैं[I D A S] मगर दुर्भाग्य से इन अधिकाँश कार्यालयों में अनुभवी आडिटर के बजाय नए भर्ती और चतुर्थ श्रेणी से प्रोमोट किये गये ही लगाए जा रहे हैं|यहाँ तक कि इनके प्रमुख को कई कई प्रभार दिए जाते हैं| इन्हें मलाई दार अनुभाग कहा जाता है|मेरठ में भी एक कमांड का अडिट होता है इनका अपना अलग एतिहासिक[बेल्वेदियर काम्प्लेक्स] कार्यालय भी है आडिट स्टाफ को लाने छोड़ने के लिए सेना के वाहन लीन लगाये खड़े रहते हैं| इस पर भी स्टाफ की किल्लत और अनुभवी स्थानीय लेखा परीक्षा अधिकारी और उनके मातहत परीक्षक के अभाव से आडिट की वित्तीय सलाह या मेजर फायनेशियल इर्रेगुलेर्टी या तो लिखी नहीं जाती और अगर कभी कभार लिखी भी गई तो सेना द्वारा स्वीकार नहीं होती |छुट पुट आब्जेक्शन लिखना इनकी मजबूरी होती है और फिर अपने लिखे आब्जेक्शन को ही अगले माह सेटल करने को भी कहा जाता है|जाहिर है ऐसी परिस्थितिओं में क्वालिटी आडिट की अपेक्षा किसी हद तक बेमानी हो जाती है|सूत्रों के अनुसार सेना को मिलने वाली सभी ग्रांट्स का हायर आडिट रेगुलरली करवाया जाना चाहिए

खरीद और अधिकार कि रिपोर्ट

. इस ऑडिट रिपोर्ट में 2009-11 की अवधि के बीच हुए करीब 55 लेनदेन का मूल्यांकन किया गया है. उस समय मौजूदा सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह कोलकाता स्थित पूर्वी कमान के कमांडर थे.
रिपोर्ट के मुताबिक,[१] कुछ उपकरण प्रतिबंधित मार्केट से खरीदे गए.[२] इनमें कुछ चीनी संचार उपकरण भी शामिल थे.[३] उत्तरी कमान में दूध खरीद में कुप्रबंधन को भी रेखांकित किया है. [४] पूर्वी कमान द्वारा खरीदी गई दूरबीनों का भी जिक्र है भारतीय बाजार में उपलब्ध दूरबीने कम कीमत की दूरबीनों को विदेशी विक्रेता से खरीदा गया[५] आर्मी हेडक्वॉर्टर ने जिन बुलेटप्रूफ जैकेटों को खराब खराब क्वॉलिटी का बताकर रिजेक्ट कर दिया था उसे नॉर्दर्न कमांड ने खरीद लिया अप्रत्याशित परिस्थितियों में जरूरतों को पूरा करने के लिए सेना प्रमुख को लगभग 125 करोड़ रुपए और उत्तरी तथा पूर्वी कमान के कमांडरों को 50-50 करोड़ रुपए का बजट प्रदान किया जाता है. चार अन्य कमानों को भी 10-10 करोड़ रुपए का बजट दिया जाता है.|

सेना की प्रतिक्रया

आंतरिक ऑडिट रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सेना मुख्यालय का कहना है कि कुछ गलत नहीं हुआ है| चीनी कलपुर्जे वाले संचार उपकरण निर्धारित दरों पर और व्यापक जांच के बाद ही खरीदे गए और ‘कोई भी अवलोकन सच नहीं साबित होगा.’
उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्री ऐ के एंटनी के निर्देश पर रक्षा लेखा नियंत्रक (कंट्रोलर ऑफ़ डिफेन्स एकाउंट्स ) ने 2009-10 और 2010-11 के दौरान आर्मी कमांडरों के स्पेशल फाइनैंशल पावर्स का ऑडिट किया। सीडीए ने इंडियन आर्मी के 7 कमांड्स में से 6 के 55 ट्रांजैक्शंस की जांच की। मीडिया में छापी खबरों के अनुसार ऑडिट रिपोर्ट में कुल 103.11 करोड़ रुपए के नुकसान की बात कही गई है। ऑडिटर्स ने बताया कि किसी भी आर्मी कमांडर ने सारा डेटा नहीं दिया। रक्षा मंत्री ने फिजूलखर्ची को गंभीरता से लिया है और सैन्य अधिकारियों द्वारा खर्च किया जाने वाला धन मंत्रालय से पास कराना जरूरी कर दिया है।

गणेश जी की कृपा से नारियल की पूजा की जा रही है|

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नारियल में गणेश जी की आकृति

देश में आस्था के लिए किसी व्यवस्था की जरुरत नहीं है यहाँ चमत्कार को भी नमस्कार है |ऐसा ही गणेश जी की मूर्तियाँ दूध पीने लग जाते हैं तो मंदिरों में आस्थावानों के सैलाब आ जाते हैं| ऐसा ही एक चमत्कार मेरठ में भी देखने को मिल रहा है जिसे नमस्कार करने वाले आस्थावानों की भीड़ आ रही है| जैसा की फोटो में दिखाया गया है एक नारियल में गणेश जी की आकृति बनी हुई है \यह कोतुहल और आकर्षण का केंद्र बना हुआ है |आज कल त्योहारों का मौसम है और नारियल पूजा के लिए प्रयोग किया जाता है मगर गणेश जी की कृपा से ब्रह्म पूरी में इस विशेष नारियल की पूजा की जा रही है

कन्यायों को जिमाना पुन्य तो उन्हें जिवाना महा पुन्य है

परम धाम न्यास के तत्वधान में आज मंगलवार को कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ विशाल रैली निकाली

कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ विशाल रैली


रिले में शामिल लोग कन्याओं के विरुद्ध हो रहे अत्याचारों के खिलाफ नारे भी लगा रहे थे |कन्यायों को जिमाना पुन्य है लेकिन कन्यायों को जिवाना महा पुन्य है| जय प्रकाश जी ने न्यास के संस्थापक पूर्ण गुरु चन्द्र मोहन जी का सन्देश भी पड़ कर सुनाया |उन्होंने कहा की नवरात्री पर कन्यायों को जिमाया जाता है| उस पर भी कन्यायों का अनुपात पुरुषों के मुकाबिले गिरता जा रहा है|यह भ्रूण हत्या के कारण हो रहा है|इसीलिए आज के दौर में कन्याओं को जिवाना महा पुन्य है|

देश की राजनीती अरविन्द केजरीवाल पर केन्द्रित हो कर रह गई है

लगता है कि देश की राजनीती अरविन्द केजरीवाल पर केन्द्रित हो कर रह गई है|तभी आजकल जो कुछ भी घट रहा है उसके केंद्र में अरविन्द केजरीवाल ही दिखाई दे रहे हैं| सी डब्लू जी \२ जी+कोयला+ दिल्ली में बिजली के बाद अब हरियाणा में डी एल ऍफ़ और राबर्ट वढेरा केस में भी मुख्य मुद्दों पर चर्चा छोड़ कर आई ऐ सी की गूँज ही सुनाई देती है| भाजपा और कांग्रेस दोनों ही केजरीवाल को एक दूसरे की बी टीम बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे |कांग्रेस लगातार आई ऐ सी को भाजपा की इकाई बताती आ रही है| कांग्रेस के महासचिव दिग्विजयसिंह ने २७ सवाल जरूर पूछे मगर उन्हें भी इसके लिए केजरीवाल हे दिखाई दिए|अब दिल्ली की सरकार ने बिजली के दाम कम किये तब भी इसे केजरीवाल और कांग्रेस की मिली भगत बताया जा रहा है| मुम्बई में योगेश प्रताप सिंह अगर बोलते हैं तो वोह भी केजरीवाल को निशाना बनाने से नहीं चूकते | एक चलती हुई प्रेस कांफ्रेंस में आकर एनी कोहली नामक महिला अरविन्द केजरीवाल से ही प्रश्न पूछती है|इसके बाद आज फिर आई ऐ सी के प्रशांत भूषण के निवास पर पहुँच कर हंगामा करती है और वहां आई ऐ सी के कार्यकर्ताओं पर मार पीट का आरोप लगाती हैं\इनका बीच बचाव करने के लिए अरविन्द केजरीवाल को ही क्रेडिट दिया जा रहा है|आईएसी का पूर्व मेंबर बताने वालीं 59 वर्षीय एनी कोहली आज मंगलवार को प्रशांत भूषण के घर पहुँच गई जहां मार पीट के आरोप लगाये गए |घर में मौजूद केजरीवाल ने बीचबचाव किया और उन्हें घर में ले गए। कोहली ने केजरीवाल को रोते हुए बताया कि उनके समर्थकों ने उनसे बदसलूकी और मारपीट की।

देश की राजनीती अरविन्द केजरीवाल पर केन्द्रित हो कर रह गई है


गौर तलब है कि रविवार को केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन पर सवालों की झड़ी लगाने वाली एनी कोहली आज मंगलवार को आईएसी के सदस्य प्रशांत भूषण के घर जा पहुंचीं।कोहली के मुताबिक अन्ना ने जब भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ी, तो उससे प्रभावित होकर वह आईएसी की मेंबर बन गईं और आंदोलन से जुड़ गईं। वह खुद को आम जनता बताती हैं। एनी कोहली ने एक और आरोप लगते हुए कहा कि केजरीवाल के राजनीतिक पार्टी बनाने के ऐलान से वह आहत हैं। यह अन्ना के साथ धोखा है। कुछ समय पहले केजरीवाल मुंबई आए थे। वहां एयरपोर्ट पर उन्होंने बात करने की कोशिश की, पर केजरीवाल के समर्थकों ने धक्का देते हुए सभी को भगा दिया। मुंबई की रहने वाली एनी कोहली 59 साल की हैं।उन्होंने बताया कि वह एक हफ्ते पहले मुंबई से दिल्ली पहुंची थीं और फिर रविवार को केजरीवाल से सवाल पूछने आईं। केजरीवाल ने उनके किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। पर वह सवाल पूछना बंद नहीं करेंगी। यह सिलसिला तब तक जारी रहेगा जब तक वह जवाब नहीं दे देते।
बताते चलें कि सवाल करना और फिर उनके जवाब पाना संवैधानिक अधिकार है और लोकतांत्रिक परम्परा को गति प्रदान करने वाला है लेकिन सवालों में उलझा कर असली मुद्दों से देश को भटकाना जनता के साथ धोखा ही कहा जाएगा|दिग्विजय सिंह ने जो सवाल किये उनका जवाब देने के लिए बहस की चुनौती आने पर दिग्विजय सिंह का कहना है कि पहले केजरीवाल कोहली को जवाब देदें उसके बाद अपने प्रतिक्रया देंगें|वैसे अभी कोहली के विरोध को प्रायोजित कहना जल्द बाज़ी होगा मगर उनके मुख से कोहली का नाम निकलना कुछ सोचने को मजबूर जरूर करता है