झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक सोश्लाईट
ओये झाल्लेया व्हाट इज दिस ?ये हसाड़े हुकुमरानो को क्या हो गया है ? एक तरफ तो प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह, उनकी पत्नी श्रीमती गुरशरण कौर,राष्ट्रपति के बेटी और स्वयम सोनिया गांधी भी डेमेज कंट्रोल के लिए बाहर आ रही है और ये मंत्री संतरी सभी घाव पर नमल छिड़कने का काम कर रहे हैं|ओये अब ये गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे भी कहने लग गए हैं कि गैंग रेप के विरोध में निहत्थे, अराजनीतिक,शान्ति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे हज़ारोंयुवाओं से मिलना उन्हें सांत्वना देना इनकी सरकार के लिए कोई जरूरी नहीं है|ऐसे प्रदर्शन तो होते रहते हैं और होते रहेंगे और कल को माओ वादियों का आन्दोलन हो जाएगा तो क्या उनसे भी मिलना होगा?सत्ता मद में चूर इन्हें पक्ष और विपक्ष कुछ नहीं दिख रहा| लगता है कि इन्हें संसद में अपने बहुमत का घमंड ही ले डूबेगा|
झल्ला
भाई अपनी अपनी समझ है |अभी तक तो ये लोग गैग रेप के दोषियों के लिए फांसी की मांग पर ही बगले झांक रहे थे अब सत्ता मद में शान्ति पूर्वक आन्दोलन करनेवाले और माओवादियों में अंतर भी भूल गए|और वैसे माओ वादी भी तो भारतीय ही हैं इन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए भी तो सैंकड़ों पापड बैले ही जाते हैं|
लेकिन दुर्भाग्य से पहले दोषी पोलिस वालों को बचाने का प्रयास किया गया उसके बाद आन्दोलन की आग जब भड़क गई तो लाठी चार्ज,पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले छोड़े गए \इस कवायद में एक निर्दोष पोलिस कर्मी भी बेचारा मार गया| जब इनसे भी भीड़ तितर बितर नहीं हुई तो आनन् फानन में धारा १४४ लगा कर कर्फियु जैसे हालात पैदा कर दिय गए|
न्याय मांगने वालों से भी आपके गृह मंत्री मिलना जरूरी नहीं समझते |शुक्र है कि इन्होने केवल न्याय माँगा रोटी नहीं मांगी वरना सीरिया के प्रेजिडेंट अल बशर अल असद की तरह मिसाईल [एरियल एटैक] ही चलवा देते
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He should really have at least started out crashing helicopters in Battlefield 3 or some simulator before trying to pull this stunt off.
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