भाजपा के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी को संयम में रहने का आज पुरूस्कार मिला :Varun Gandhi Exonerated
पीलीभीत की अदालत के न्यायाधीश अब्दुल कयूम ने यह फैसला सुनाया है| वरुण गांधी को साक्ष्यों के अभाव में बरी किया गया है|
अदालत ने जब वरूण गांधी को बरी करने का फ़ैसला सुनाया तब वरूण अदालत में मौजूद थे. फ़ैसले के बाद वरूण शांत भाव से अदालत से बाहर निकले.
शुरू से ही वरुण कहते आ रहे हैं कि जिस सी डी के आधार पर मुकद्दमा दर्ज़ हुआ है उसे छेड़ चाड करके उनके विरुद्ध बनाया गया है|
इस सी डी के अलावा वरूण ख़िलाफ़ पेश किये गए गवाह भी मुकर गए , पुलिस कर्मियों का बयान भी बदलता रहा है|
स्वर्गीय संजय गाँधी और संसद मेनका गाँधी के पुत्र वरुण गांधी पर 2009 में चुनाव प्रचार के दौरान एक ख़ास समुदाय के खिलाफ़ भड़काऊ भाषण देने का आरोप था|वरुण के विरुद्ध वर्ष २००९ के १७ और १८ मार्च को दो प्राथमिकी [ऍफ़ आई आर]दर्ज़ की गई थी वरुण गांधी के कोर्ट के सामने समर्पण करने के पश्चात उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था|वरुण पर एन एस ऐ लगा कर जेल में भेजा गया | वर्ष २००९ की मई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनएसए हटा लिया गया था और जेल में 19 दिन रहने के बाद उन्हें ज़मानत दे दी गई|
इन सभी विवादों के बावजूद वरुण गांधी ने पीलीभीत संसदीय सीट का चुनाव जीता मगर उन्हें पार्टी प्रचार से अलग रखा गया . अब वे दोनों आरोपों में दोषमुक्त ठहराए जा चुके हैं.ऐसे में २०१४ के चुनावों में विशेष कर उत्तर प्रदेश में इनका उपयोग किया जा सकेगा |[FILE PHOTO]