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Category: Crime

सुब्रमण्यम स्वामी ने आई पी एल में मंत्रियों की संलिप्तता का दावा करके सरकार की नौंवी वर्षगाँठ में खलल डाला

U P A Ministers Involvment In I P L Scams
संप्रग सरकार की नौंवी वर्षगाँठ के उत्सव में खलल डालते हुए जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने एक नए घोटाले की तरफ इशारा किया और क्रिकेट के आई पी एल में व्याप्त फिक्सिंग घोटाले में अनेको मंत्रियों की संलिप्तता का दावा किया है| स्वामी ने दावा किया है कि आइपीएल फिक्सिंग मामले में जल्द ही डा.मनमोहन सिंह सरकार के कुछ मंत्रियों के भी नाम सामने आएंगे। बुधवार को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में हिस्सा लेने श्रीनगर आए पार्टी अध्यक्ष स्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार के आशीर्वाद के बगैर कोई घोटाला नहीं हो सकता । उन्होंने पिछले घोटालों को गिनाते हुए कहा कि सरकार में बैठे लोग कोयला , +कॉमनवेल्थ खेल घोटाले में शामिल रहे और अब आइपीएल फिक्सिंग में भी शामिल हैं।आइपीएल में फिक्सिंग समेत जितने भी घोटाले सामने आए हैं, मौजूदा संप्रग सरकार उन सबमें शामिल रही है।
स्वामी ने कश्मीर समस्या को सुलझाने के लिए नई रणनीति के साथ प्रयास करने पर बल देते हुए कहा कि कश्मीर समस्या को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु की देन है | इस मुद्दे पर भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत की कोई जरूरत नहीं है। कश्मीर भारत का एक अविभाज्य अंग है। कश्मीर समस्या भारत का अंदरूनी मामला है, अब केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर कश्मीर को वापस लेने के प्रयास किये जाने चाहियें|

दिल्ली मैं सत्ताधारी कांग्रेस के एक विधायक ने भ्रष्टाचार को उजागर करने पर “आप” को धमकाया

दिल्ली मैं सत्ताधारी कांग्रेस के एक विधायक ने आम आदमी पार्टी को धमकाया |आम आदमी पार्टी [आप] ने यह आरोप लगाते हुए बताया है कि
बवाना से कांग्रेसी विधायक सुरेंदर कुमार के गुर्गो ने ‘आप’ के एक कार्यकर्ता को जान से मारने की धमकी दी है| विधायक के कुछ खास समर्थको मैं से एक बिजेंदर सोलंकी, आम आदमी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता भगवान् सोलंकी के निवास पर गए और उनकी माता जी को धमकाते हुए कहा कि अपने

बेटे से कहो चुप चाप बैठ जाये नहीं तो जान से मार देंगे.

इसके जवाब में आप के कार्यकर्ता ने विधायक को चेतावनी देते हुए कहा

सत्य की लडाई के लिए अगर जान भी जाये तो कोई गम नहीं पर हम पीछे नहीं हटेंगे.

पार्टी के पत्र आआकके अनुसार 19 मई को बवाना विधायक के घेराव के दौरान भगवान् सोलंकी ने विधायक के द्वारा अवैध कब्जाई जमीनों के बारे मैं खुलासा किया था. इसके बाद विधायक और उनके साथी खासे नाराज थे.|

उत्तर प्रदेश में बढते अपराधों को लेकर रालोद ने अखिलेश सरकार के इक़बाल पर सवाल उठाया

उत्तर प्रदेश में अपराध ग्राफ को लेकर आज राष्ट्रीय लोक दल[ रालोद ] ने प्रदेश में समाजवादी सरकार पर हमला बोला| रालोद के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर मुन्ना सिंह चौहान ने फोन पर बातचीत के दौरान कहा कि सरकारें इक़बाल पर चलती हैं लेकिन आये दिन हो रहे अपराधों से ऐसा लगता है कि यह सरकार अपना इक़बाल खो चुकी है|चौहान ने मुजफ्फर नगर+लखनऊ आदि का उल्लेख करते हुए बताया कि कानून व्यवस्था बदत्तर होती जा रही है | पोलिस थानों में बन्दर बाँट मची हुई है|कोतवाल के स्थान पर अपने सब इन्स्पेक्टर कोतवाल बना दिए गए हैं| इसीलिए कर्मियों की कुंठा भी समय समय पर निकल रही है|मुन्ना सिंह चौहान ने चुटकी लेते हुए कहा कि एक तरफ तो मुख्य मंत्री व्यापारियों के हितों की बात करते हैं |इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कारोबारियों के एक सम्मेलन में बड़े बड़े दावे करते हैं लेकिन वास्तव में व्यापारियों को लूटा और मारा जा रहा है गाजिआबाद में एक व्यापारी के पूरे परिवार को मार डाला गया है|
[१] गौरतलब है कि मुख्य मंत्री अखिलेश यादव की सुरक्षा में लगाए गए दो सुरक्षा कर्मी आपस में ही भिड़ गए| मुख्यमंत्री इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कारोबारियों के एक सम्मेलन को संबोधित करने गए थे. दोनों जवानों की तैनाती वहीं थी.प्राप्त जानकारी के अनुसार सुनील दीक्षितऔर मुकुंद यादव में झगड़ा हो गया. | दोनों हाथ में लाठी लेकर एक-दूसरे पर टूट पड़े.|
[२] .गाजियाबाद:कोतवाली थाना क्षेत्र की नई बस्ती में मंगलवार की रात्रि बदमाशों ने खलचूरी कारोबारी व उसके परिवार के सात लोगों की गला रेतकर हत्या कर दी।अनाज मंडी में सतीश गोयल + पत्‍‌नी मंजू,+ पुत्र सचिन,+ पुत्रवधू ,+ पोते व दो पोतियों की गला रेतकर हत्या कर दी। घटना की जानकारी सुबह आठ बजे के आसपास उस समय मिली जब चिकित्सक सतीश को इंसुलिन का इंजेक्शन लगाने पहुंचा। दरवाजा खुला था। घर में सात लोगों की लाश देखकर चिकित्सक घबरा गया और उसने पड़ोस के लोगों को और पुलिस को इसकी जानकारी दी। मौके पर पुलिस पहुंची और जांच पड़ताल शुरू की। एसएसपी नितिन तिवारी भी मौके पर पहुंचे।

विंदू दारा सिंह की गिरफ्तारी से आई पी एल में स्पॉट फिक्सिंग की आंच ऊपर तक पहुँचने लगी

सभी लोगों के खेल क्रिकेट में असभ्यता के द्वार एक एक करके खुलने लगे हैं|आज मुम्बई पोलिस ने बालीवुड की तरफ जाने वाले द्वार खोलते हुए स्पॉट फिक्सिंग के सिलसिले में मुंबई पुलिस ने फ्री स्टाईल कुश्तियों के रुस्तमे जमा दारा सिंह रंधावा [अब स्वर्गीय]के असफल पुत्र और अभिनेत्री फरहा के तलाक शुदा पति ४९ वर्षीय विंदु दारा सिंह को गिरफ्तार किया है । इस मामले में बॉलीवुड से यह पहली गिरफ्तारी है। विंदू ने कुछ फिल्मों में छोटे मोटे रोल और टी वी धारावाहिकों में काम किया है और रियलिटी शो बिग बॉस का सीजन 3 भी जीता है। इसके अलावा एक अन्य हवाला कारोबारी से 1.28 करोड़ रुपये जब्त करने का भी दावा किया जा रहा है । गिरफ्तारी के बाद विंदु को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एम एन सलीम की अदालत में पेश किया गया,जहां से उसे 24 मई तक हिरासत में भेज दिया गया | ६ अप्रैल को विंदू उस समय चर्चा में आये जब चेन्नई के एम् ऐ चिदम्बरम स्टेडियम में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की पत्नी के साथ ठहाके लगाते हुए देखा गया था |, गुरुनाथ मयप्पन से नजदीकी का दावा करने वाले बिंदूके इस मित्र की चेन्नई सुपर किंग्स मैच जीतते जातते आखिरी ओवर में 9 रनों से मैच हार गई.|इस मैच में धोनी ने ताबड़ तोड़ हाफ सेञ्चुअरी ठोकी मगर जीत के लिए आवश्यक रन नही बना सके |बताया जा रहा है कि बिंदू ने सत्ता लगाने की बात कबूल कर ली है और उनकी मित्रता गुरुनाथ मय्यप्न और धोनी से उजागर हो चुकी है ऐसे में यक्ष प्रश्न पूछा जा रहा है कि जब संकेतों के आधार पर स्पॉट फिक्सिंग की जाती है तब बिन्दु और साक्षी के ठहाके कोई संकेत देते हैं यदि हाँ तो क्या जांच की आंच कुछ बुकीज से आगे बढ कर बड़े नामो तक पहुँच पायेगी?

कैग के बदलने पर भी “आप” तो आर टी आई से अन्दर की खबर निकलवा ही लोगे


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

आम आदमी पार्टी का एक परेशान नेता

ओये झाल्लेया ये तो बड़ा जुल्म हो गया ओये हसाड़े सोणे +ईमानदार और कर्मठ कोम्प्त्रोल्लेर एंड आडिटर जनरल [ कैग] [ CAG ]विनोद राय को रिटायर करके २३ मई को शशि कान्त शर्मा को सरकार के मोहरे के रूप में लगाया जा रहा है|और तो और सरकार के साथ हज़ार छेदों वाली द्रुमुक भी अब विनोद राय को संसद में घसीट कर अपमानित करने की धमकी देने लग गई है|ओये अब हमें अन्दर की खबरें कैसे मिलेंगी ?

झल्ला

बाऊ जी ये तो व्यवस्था का नियम है किसी ना किसी को कभी ना कभी तो आना ही है|आप तो आर टी आई के सहारे से अगले पाच साल तक उपयोग के लिए खबर तो निकलवा ही लोगे लेकिन ये सोचो के कैग के आडिट करने के दायरे को बढाने के बजाय कहीं कम ही न कर दिया जाए |डिफेंस की डील्स के साथ अब डिफेंस की सहयोगी संस्थाओं की आर्थिक बैलेंस शीट पर भी नज़र रखना लाभकारी होगा |

२३ मई को विनोद राय के रिटायर होने से केंद्र और कारपोरेट को राहत मिलती नही दिख रही :नए कैग को सरकार का मोहरा बताया

२३ मई का दिन कांग्रेस [ CONGRESS ]और रिलायंस[ Reliance ] के लिए कुछ ख़ास राहत प्रदान करने वाला नही होगा क्योंकि यह दिन कैग[ CAG ]विनोद राय[ VinodRai ] के लिए कैग कार्यालय में बेशक आखिरी दिन होगा| लेकिन नए कैग के रूप में जिस शशि कान्त शर्मा[ ShanshiKantSharma ] का चयन किया गया है उसके चयन प्रक्रिया में बरती जा रही गोपनीयता पर भी सवाल उठने लग गए हैं| राय २३ मई को रिटायर होंगे और नए कैग शर्मा एक बजे पद की शपथ लेंगे|
शर्मा को नए कैग के रूप में चुने जाने की प्रक्रिया जानने के लिए एक सरकारी अधिकारी द्वारा आर टी आई भी दाखिल की जा चुकी है जिसके उत्तर में पहले तो फाईल को इकोनोमिक्स अफेयर्स और सेंट्रल सचिवालय में तीन माह तक घुमाया जाता रहा अब जा कर १६ मई को बताया गया है केकैग के चयन के लिए किसी पात्रता की आवश्यकता नहीं है|
कैग के चयन के लिए कोई निश्चित गाईड लाईन नहीं है| इसीलिए सलेक्शन कमिटी के गठन करने के बजाय पुराने रिवाजों और प्रेक्टिस को ही आधार बनाया गया है|इसी का पालन करते हुए भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने शशी कान्त शर्मा का नाम प्रेजिडेंट के पास भेजा था |
इस उत्तर के अधर पर आम आदमी पार्टी[आप] ने इस चयन प्रक्रिया पर टिपण्णी करते हुए कहा है कि कैग का चयन किसी प्रकार की पारदर्शिता के बजाय पूर्णतया सरकार को बचाने के लिए किया गया है| यह सर्व विदित है कि आउट गोइंग कैग विनोद राय ने भ्रष्टाचार के अनेकों केस खोल कर सरकार और कुछ कारपोरेट घरानों की नींद हराम कर दी थी|
क्योंकि कैग का मुख्य कार्य डिफेन्स की खरीद का आडिट करना भी है और नए कैग लम्बे समय तक डिफेन्स सेक्रेट्री रहे हैं|और सरकार के सहयोगी रहे हैं| इसके अलावा के जी बेसिन को लेकर आडिट कि मांग को रिलायंस द्वारा टाला जा रहा है|इसके साथ ही दिल्ली में बिजली कम्पनियां अपने आडिट को नए कैग के आने तक टालने में सफल रही है|
आप पार्टी ने आरोप लगाया है कि कमजोर कैग सभी पोलिटिकल पार्टियों के लिए लाभकारी होगा शायद इसीलिए किसी पार्टी ने अभी तक नए कैग के चयन पर आपत्ति नही की है|
नए कैग का केंद्र सरकार के साथ का साथ या सहयोग इस प्रकार है| १९७६ बैच के बिहार केडरके आई ऐ एस अधिकारी है| जुलाई २०११ से लगातार डिफेन्स सेक्रेट्री हैं और रिटायरमेंट के पश्चात फ़िलहाल एक्सटेंशन पर हैं|इससे पूर्व रक्षा मंत्रालय में ही लगातार दस साल तक [२००३-२०१०] संयुक्त सचिव+अतिरिक्त सचिव+डी जी के पदों पर रहे हैं |इसी अवधि में रक्षा खरीद ज्यादा हुई है|

आई पी एल बेशक आर टी आई से बची हुई है लेकिन क्या सुप्रीम कोर्ट में दायर पी आई एल से बच पायेगी

भारत सरकार बेशक अभी तक क्रिकेट के खेल को आर टी आई[ RTI ] के दायरे में लाने में सफल नहीं हुई है लेकिन अब आम जनता ने जनहित याचिका[PIL] के माध्यम से बी सी सी आई[BCCI पर नकेल कसनी शुरू कर दी है| लखनऊ के वास्तुकार सुदर्श अवस्थी ने अपने वकील जैन के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है|इस याचिका में आइपीएल मैचों की अनियमितताओं की जांच विशेष जांच दल [एसआइटी] से कराने की मांग की गई है। लखनऊ के सुदर्श अवस्थी की याचिका में 22, 24 और 26 मई को होने वाले आइपीएल सेमीफाइनल व फाइनल मैचों पर रोक की मांग की गई है। शीर्ष अदालत मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई कर सकती है |
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार व बीबीसीआइ को आइपीएल[ IPL ] पर पूरी तरह रोक लगाने का निर्देश दे। बताया गया है कि आइपीएल में बड़ी रकम का निवेश होता है जिसकी शुरुआत खिलाड़ियों की नीलामी से होती है आइपीएल की नौ टीमों के मालिक और फ्रैंचाइजी विदेशी मुद्रा में खिलाड़ियों, अंपायर, चीयर लीडर व कमेंन्टेटर को भुगतान करते हैं। खर्च का ब्योरा भी देश के नागरिकों को मुहैया नहीं कराया जाता। आइपीएल में मौजूद राष्ट्रविरोधी व असामाजिक गतिविधियां है। राष्ट्रविरोधी तत्व आइपीएल में संलिप्त हैं। विदेशों से राष्ट्रविरोधी तत्व खिलाड़ियों पर स्पॉट फिक्सिंग और मैच फिक्सिंग जैसे गलत कामों के लिए दबाव डालते हैं और उन्हें धमकाते रहते हैं।
जनहित याचक ने कहा है कि आइपीएल कालेधन, जुआ व अश्लीलता का अड्डा बन गया है। नतीजतन भारतीय क्रिकेट टीम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावित हो रही है। भारतीय क्रिकेट टीम की जिम्मेदारी है कि वह देश के लिए खेले, जबकि वे स्पॉट फिक्सिंग, गैंबलिंग और बेटिंग में लगे हैं। सरकार और बीसीसीआइ के अलावा आइपीएल टीमों के मालिकों को भी पक्षकार बनाया गया है
इसके अलावा चेन्नई में एक क्रिकेट प्रशंसक ने स्पॉट फिक्सिंग में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस में शिकायत की है |
बेशक अभी तक सरकार बी सी सी आई पर आर टी आई कि नकेल नहीं कस पाई है+पोलिस अभी तक आई पी एल के ऊंचे खिलाड़ियों से दूर है+बी सी सी आई और अन्तराष्ट्रीय क्रिकेटर बोर्ड लाखों डॉलर्स खर्च करवा कर भी अपने खिलाड़ियों पर नज़र नही रख पा रहे हैं लेकिन इस सबके बावजूद लगता है कि अब क्रिकेटर्स का मोह [अपने द्वारा बनाये गए ]क्रिकेट के हीरोज से भंग होने लगा है सुप्रीम कोर्ट में पी आई एल और चेन्नई थाणे में रिपोर्ट से यह पहल हो चुकी है|

बी एस पी नेताओं ने स्मारकों के निर्माण में ३४% का घोटाला किया :जस्टिस मेहरौत्रा

उत्तर प्रदेश के [लोकायुक्त] सेवानिवृत जस्टिस एन के महरौत्रा ने मायावती के शासन में बने स्मारकों में १४०० करोड़ रुपयों के घोटाले के लिए बहुजन समाज वादी पार्टी के दो दिग्गजों और अनेकों नौकर शाहों के विरुद्ध ऍफ़ आई आर दर्ज़ कराये जाने के लिए संतुति कर दी है| जुलाई २०१२ में समाज वादी सरकार द्वारा बैठे गई इस जांच को पूर्ण करके जस्टिस मेहरौत्रा ने ८८ पन्नो की अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है| लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी तक इनके विरुद्ध कार्यवाही शुरू नही कीहै| दोषियों में बसपा सुप्रीमो मायावती के नाम का उल्लेख नही है|
जिन दो राजनितिक दिग्गजों का नाम दर्ज़ हैं उनमे महत्वपूर्ण मंत्रालयों के प्रभारी मंत्री [१]नसीमुद्दीन सिद्दीकी[पी डब्लू डी][२]बाबु सिंह हैं[खदान]|इनके अलावा शारदा प्रसाद+अनिल कुमार मौर्या +रमेश चन्द्र दूबे भी हैं इनके अलावा दो सौ विभिन्न अधिकारी और इंजीनियर्स हैं| इस रिपोर्ट के आधार पर सी बी आई से जांच करवाने के सलाह भी दी गई है| गौरतलब है कि बसपा सरकार द्वारा ४१४८ करोड़ रुपयों में स्मारक बनवाये गए थे |इनमे से ६६%का खर्चा ही हुआ शेष १४०० करोड़ का घपला पाया गया है|
गौरतलब है कि अखिलेश यादव की सरकार ने अपने नियंत्रण में यह जांच बैठाई अब जबकि आरोप तय किया जा चुके हैं आगे की कार्यवाही को टाला जा रहा है|

खेल मंत्री जीतेन्द्र सिंह और भारतीय ओलिंपिक एसोसियेशन में अभी तक कोई संवाद कायम नही हुआ IOA V/S Sports Ministry

भारत के खेल मंत्री जीतेन्द्र सिंह आई ओ सी की लूसान की मीटिंग अटैंड करके लौट आये हैं|उन्होंने अपने गृह प्रदेश में दिए पहले वक्तव्य में प्रेस के माध्यम से आश्वासन दिया कि दो माह में भारत के ओलिंपिक खिलाड़ियों की संस्था आई ओ ऐ पर लगाये गए प्रतिबन्ध हट जायेंगे| लेकिन भारत सरकार इस वक्तव्य के पश्चात आगे चली हो ऐसा दिखाई नही दे रहा क्योंकि अभी तक उनके अपने कोड के अंतर्गत चुने गए आई ओ ऐ से कोई संवाद स्थापित नही हुआ है|
खेल मंत्री ने यह दावा किया कि नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन के आंतरिक मामलों में दखल दिए बगैर ही भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन[आई ओ ऐ] के पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ फ्री और फेयर चुनाव कराये जायेंगे| निलाबित आई ओ ऐ के अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला और कार्यवाहक अध्यक्ष वे के मल्हौत्रा ने किसी संवाद या मिनट्स की प्राप्ति से इनकार किया है
आई ओ सी की मीटिंग पर संतोष व्यक्त करते हुए तत्काल आई ओ ऐ के अभय सिंह चौटाला ने भी मीडिया के माध्यम से आई ओ सी की मीटिंग की उपलधि पर संतोष व्यक्त करते हुए यह आश्वासन दिया कि ओलिंपिक चार्टर और आई ओ ऐ के नियमो के अनुसार दोबारा चुनाव कराने को तैयार हैं| आई ओ ऐ के नियमों के अनुसार चुनी गई ,[ इनकी अध्यक्षता वाली],आई ओ ऐ फ़िलहाल निलम्बन[४/१२/२०१२] से अभिशिप्त है|
भारत सरकार के खेल मंत्रालय द्वारा [ कुछ संशोधन के साथ हुए] आई ओ ऐ के चुनावों को मान्यता दी गई थी लेकिन आई ओ सी ने चयनित बाडी को ही निलंबित कर दिया|
इसके फलस्वरूप भारतीय खिलाड़ियों को भारतीय झंडे के साथ ओलिंपिक में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया | इसी गतिरोध को दूर करने के लिए भारतीय खेल मंत्री +कुछ चुनिन्दा खिलाड़ी और अन्तराष्ट्रीय संस्था की जॉइंट मीटिंग स्वीटजरलैंड के लुसाने में हुई | मीटिंग के मिनट्स अभी तक अभय सिंह चौटाला को नहीं मिले हैं इसके अलावा आज आई ओ ऐ के निलंबित अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने बताया कि अभी तक खेल मंत्री की तरफ से भी कोई संवाद स्थापित नही किया गया है और नाही आई ओ सी से मीटिंग के मिनट्स ही प्राप्त हुए हैं |मीटिंग के मिनट्स मिलने और मंत्री के संवाद प्राप्त होने के पश्चात ही कोई निर्णय लिया जा सकेगा|
इसके अलावा वी के मल्होत्रा ने भी अभी अपने पत्ते खोलने से परहेज दिखाया है|श्री मल्होत्रा के अनुसार मिनट्स आने पर ही कोई रणनीति की घोषणा की जायेगी|
इस सब के बावजूद चौटाला और कार्य वाहक अध्यक्ष मल्होत्रा ने एक समान बात जरुर कही कि खेल मंत्री आई ओ ऐ के चुनाव कैसे करा सकते हैं |चुनाव तो आई ओ ऐ ही कराएगा|
खेल मंत्री जीतेन्द्र सिंह से कार्यालय और घर पर प्रयास करने के पश्चात भी संपर्क नही हो पाया |

प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ मानवाधिकार हनन का मुकद्दमा अमेरिका में ख़ारिज लेकिन सिख फॉर जस्टिस अभी भी अड़ी

भारत के पंजाब प्रांत के वयोवृद्ध मुख्य मंत्री ने अमेरिका में अपने खिलाफ दायर एक केस को खारिज करवाने में बेशक ३७ लाख रुपये खर्च कर दिए लेकिन इस मुकद्दमे से अभी उनका पीछा छूटता नज़र नही आ रहा| अमेरिकन विस्कोंसिन की जिला अदालत ने बेशक बदल को राहत देते हुए मुकद्दमा खारिज कर दिया लेकिन अब न्यूयार्क स्थित मानवाधिकार समूह सिख फॉर जस्टिस [एसएफजे] ने इस मानवाधिकार उल्लंघन मामले को खारिज किए जाने के अमेरिकी अदालत के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है। श्री बादल विस्कोंसिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में मारे गए छह लोगों की श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने गए थे और वहीं उनकी गिरफ्तारी करवाने के लिए यह मुकद्दमा दायर किया गया था|
अमेरिका के विस्कॉसिन की जिला अदालत ने अपने आदेश में कहा कि बादल को कभी भी अदालत में सम्मन नहीं किया गया है.
न्यायाधीश जीन एडलमैन ने अपने फैसले में कहा कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने एक ‘मौलिक’ लेकिन अपुष्ट दलील दी कि बादल को अदालत की ओर से सम्मन भेजे गए हैं जबकि क्रिस्टोफर और उसके भाई ने सुरीन्दरपाल सिंह कालरा नामक व्यक्ति को पंजाब का मुख्यमंत्री मानकर उसे सम्मन भेजा था.
गौरतलब है कि एसएफजे ने बादल के खिलाफ पिछले साल मानवाधिकार उल्लंघन का मामला दर्ज कराया था। बीते शुक्रवार को विस्कांसिन जिला अदालत ने बादल के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया था। एसएफजे ने कहा कि वह अमेरिकी अपीली अदालत में फैसले को चुनौती देते हुए अपील करेगा कि भेजे गए समन के आधार पर बादल को व्यक्तिगत तौर पर अमेरिकी अदालत में पेश होने को कहा जाए।
बताते चलें कि इस मुकद्दमे को ख़ारिज करवाने के लिए पंजाब सरकार को करीब 36.85 लाख रुपए खर्च करने पड़े हैं। सरकार की तरफ से अमेरिका के वकीलों को केस लडऩे के लिए कुल 67157.27 यूएस डॉलर दिए गए थे|यह जानकारी एक आर टी आई के जवाब में सरकार द्वारा मुहैय्या करवाई गई है|
लायर्स एसोसिएशन के वकील हरमिंदर संधू का मानना है कि अमेरिका की अदालत में दायर केस का जवाब देने की जरूरत नहीं थी। पंजाब सरकार ने बेवजह 36.85 लाख रुपए खराब कर दिए।