Ad

Category: Unrest Strikes

लालू प्रसाद यादव ,के विरुद्ध चल रहे चारा घोटाले, के मुकद्दमे में जज नहीं बदले जायेंगे

लालू प्रसाद यादव ,के विरुद्ध चल रहे चारा घोटाले, के मुकद्दमे में जज नहीं बदले जायेंगे लालू प्रसाद यादव के चारा घोटाले की सुनवाई कर रहे जज नहीं बदले जायेंगे राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो पूर्व मुख्य मंत्री लालू प्रसाद यादव को उच्चतम न्यायालय ने करारा झटका दिया है| चारा घोटाला मामले की सुनवाई कर रहे निचली अदालत के जज के स्थान पर किसी दूसरे जज से सुनवाई कराने की उनकी अर्जी को आज खारिज कर दिया गया और अदालत से यथाशीघ्र अपना फैसला सुनाने को कहा गया है । लालू ने अपनी याचिका में ट्रायल कोर्ट के जज पीके सिंह पर भेदभाव का आरोप लगाया था.
चारा घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरजेडी प्रमुख यादव की वो याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने रांची की एक अदालत में सुनवाई कर रहे जज को बदलने की मांग की थी.
भाषा के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर रही अदालत से चारा घोटाला मामले पर जल्द से जल्द फ़ैसला सुनाने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में लालू प्रसाद यादव की तरफ़ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि चूंकि चारा घोटाला मामले की सुनवाई कर रही रांची के ट्रायल कोर्ट के जज पीके सिंह बिहार के शिक्षा मंत्री पीके शाही के रिश्तेदार है, उन्हें अपने साथ भेदभाव किए जाने की आशंका है.
लालू की तरफ़ से दाखिल की गई इस याचिका की जनता दल यूनाइटेड ने तीखी आलोचना की थी. जेडीयू के नेता राजीव रंजन ने कहा था कि अगर जिनके खिलाफ मामले चल रहे हैं, उन्ही लोगों की मांग पर अदालत में जजों का जबादला कर दिया गया तो यह ‘कानून का उपहास’ किए जाने जैसा होगा.
इससे पहले झारखंड हाई कोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की चारा घोटाले से संबंधित याचिकाओं को रद्द किया था.
ये मामला 1990 के दशक का है जिसमें चाइबासा कोषागार से 37.7 करोड़ रुपए की निकासी कथित तौर पर गलत तरीके से की गई थी.

अब श्रीमति सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वढेरा के कथित संदिग्ध भूमि सौदों को लेकर संसद कई बार बाधित हुई

संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमति सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वढेरा के कथित संदिग्ध भूमि सौदों और किश्तवार में हुई हिंसा को लेकर आज जम कर हंगामा हुआ|कांग्रेस सांसदों के विरोध के बीच लोक सभा की अध्यक्षा मीरा कुमार ने कार्यवाही स्थगित की तो राज्यसभा में सभापति उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने वढेरा मामले पर चर्चा करवाने से इनकार कर दिया.उन्होंने नाराजगी भी ज़ाहिर करते हुए कहा कि राज्यसभा में किसी कानून पर अमल नहीं हो रहा, हर कानून को तोड़ा जा रहा है और सदन ‘अराजक तत्वों का संघ’ हो गया है|.
इस टिप्पणी के बाद भारतीय जनता पार्टी ने मांग की है कि राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी का सदन के संबंध में ‘अराजकतावादियों का संघ’ बयान वापस लिया जाए.उधर श्रीमती सुषमा स्वराज ने संसदीय कार्य मंत्री कमल नाथ को टारगेट करते हुए कहा कि कमल नाथ जी इस प्रकार गुस्सा करने से सदन की कार्यवाही नही चलेगी| सदनों की कार्यवाही कई बार स्थगित की गई |
संसद के दोनों सदनों में भाजपा से श्री मति सुषमा स्वराज और यशवंत सिन्हा ने रॉबर्ट वढेरा के कथित भूमि सौदों के मामले पर सरकार की तीखी आलोचना की और कांग्रेस से सफ़ाई मांगी.| यशवंत सिन्हा ने बिना नाम लिए कहा कि देश के एक रसूखदार व्यक्ति ने मुनाफा कमाने का अनोखा मॉडल पेश किया है।
उन्होंने कहा, “सिर्फ़ 44 वर्ष की आयु में बड़ी पहुँच रखने वाले एक व्यक्ति हैं जिन्हें सैंकड़ों करोड़ रूपए कमाने की कला बिना किसी बिज़नेस स्कूल में गए हुए या निवेश किए ही आती है.” किश्तवाड़ में हुई हिंसा पर भी सांसदों ने विरोध प्रकट किया.|इस बयान के तत्काल पश्चात सदन में हंगामा मच गया और कांग्रेस सांसदों के विरोध के बीच सदन की अध्यक्ष मीरा कुमार ने कार्यवाही स्थगित कर दी |
भाषा के अनुसार हरियाणा राज्य के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने राज्य सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमे कथित रूप से प्रदेश सरकार और रॉबर्ट वढेरा पर ज़मीन की खरीद फरोख़्त मामले में सांठ-गाँठ का आरोप है.|राबर्ट वढेरा मुरादाबाद के एक ओद्यौगिक परिवार से हैं और प्रियंका गाँधी के पति हैं|कांग्रेस ने यह कहते इसे सिरे से ही ख़ारिज कर दिया कि यह राज्य से जुड़ा मामला है लेकिन भाजपा ने इसे राष्ट्रीयकृत बैंक के साथ गंभीर धोखाधड़ी का मामला भी बताया भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद राज्यसभा में पार्टी के उप-नेता रविशंकर प्रसाद ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस की इस दलील को अस्वीकार कर दिया कि यह राज्य :हरियाणा: से जुड़ा मामला है।

रालोद के कार्यकर्ताओं का उत्पीडन बंद नहीं किया गया तो उत्तर प्रदेश में संघर्ष छेड़ा जाएगा: जयंत चौधरी

[नर्इ दिल्ली,]राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] के राष्ट्रीय महासचिव युवा जयंत चौधरी ने आज उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार के विरुद्ध हुंकार भरते हुए चेतावनी दी कि प्रदेश में यदि रालोद के कार्यकर्ताओं का उत्पीडन बंद नहीं किया गया तो प्रदेश में सरकार के विरुद्ध संघर्ष छेड़ा जाएगा| श्री जयंत जी ने कहा कि समाजवादी सरकार में रालोद कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न हो रहा है, जिसे राष्ट्रीय लोकदल बिल्कुल बर्दाशत नहीं करेगा। यदि राज्य सरकार नहीं चेती तो राष्ट्रीय लोकदल इसके विरूद्ध संघर्ष करेगा। 18 अगस्त को शामली-मुजफ्फरनगर चलो के तहत जयन्त चौधरी की पद यात्रा को ऐतिहासिक कामयाब बनाने के लिए रण नीति पर भी चर्चा हुई|
रालोद की पशिचमी उत्तर प्रदेश की नव-गठित कार्यकारणी की पहली बैठक में आज छोटे[वर्तमान] चौधरी जयंत ने प्रदेश में अपने वोट बैंक को जोड़े रखने के लिए तीन सूत्री फार्मूला भी पेश किया | पार्टी कार्यालय 13ए, फिरोजशाह रोड़, नर्इ दिल्ली में बैठक आयोजित हुर्इ, जिसमें तीन मुख्य बिन्दुओं पर चर्चा के बाद आम सहमति बनी।
बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि
[१]पशिचमी उत्तर प्रदेश में अलग हार्इकोर्ट बैंच,
[२] जाट आरक्षण तथा
[३] हरित प्रदेश के मुददे राष्ट्रीय लोकदल के मुख्य एजेंडे पर हैं।
इसके आलावा गन्ना तथा आलू किसानों के बकाये के लिये जिला कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन करने का भी ऐलान किया गया
राष्ट्रीय महा सचिव ने कहा कि हार्इकोर्ट बैंच को लेकर रालोद हमेशा संघर्षशील रहा है। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह इस मुद्दे पर केन्द्रीय कानून मंत्री से मिल चुके हैं तथा उनसे सकारात्मक आशवासन भी मिला है।
रालोद पशिचमी उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष सत्यवीर त्यागी ने कहा कि रालोद वकीलों के आन्दोलन को समर्थन प्रदान करता रहा है और आगे भी संघर्षशील रहेगा।
जाट आरक्षण को लेकर भी चौधरी अजित सिंह व श्री जयंत चौधरी केन्द्र सरकार के सम्मुख जाट आरक्षण की मांग उठा चुके हैं
हरित प्रदेश के विषय में श्री जयंत चौधरी ने कहा कि छोटे राज्य हमेशा विकास करते हैं तथा उनमें प्रशासनिक समीक्षा समुचित ढंग से हो सकती है।
18 अगस्त को शामली-मुजफ्फरनगर चलो के तहत श्री जयन्त चौधरी जी की पद यात्रा को ऐतिहासिक बनाने के लिए तन मन से कामयाब बनाने के लिए रालोद पशिचमी उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष श्री त्यागी ने अपील की।
तथा जिला अध्यक्षों की सहायता के लिए जिला प्रभारीयों की नियुकित की जाएगी।

पाकिस्तान के आक्रमण पर बदल बदल कर दिए गए रक्षा मंत्री के बयानों से देश और सरकार की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंची है : लाल कृषण अडवाणी

भारतीय जनता पार्टी[भाजपा] के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण अडवाणी ने संसद सत्र को व्यर्थ करने के लिए केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की | अडवाणी ने अपने ब्लाग में बताया है कि संसद के मानसून सत्र में तेलंगाना के गठन को लेकर सरकार की ढुल मुल नीति + सीमा पर हुए पाकिस्तान के आक्रमण पर बदल बदल कर दिए गए रक्षा मंत्री के बयानों से देश और सरकार की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंची है प्रस्तुत है सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से
इन इकतालीस वर्षों के अपने संसदीय जीवन में मैंने पहले कभी भी नहीं देखा कि किसी सरकार ने संसद सत्र को इतनी बुरी तरह से व्यर्थ कर दिया हो जैसाकि यूपीए सरकार ने संसद के वर्तमान मानसून सत्र को किया है।
तीन सप्ताह का सत्र घोषित किया गया था। पहला सप्ताह समाप्त हो गया है। एक दिन भी न तो प्रश्नकाल हो सका या न ही कोई अन्य कामकाज। समूचे सप्ताह में रोज हंगामा होता रहा। और यह हंगामा मुख्य रुप से आंध्र से जुड़े कांग्रेसजनों ने किया-जो तेलंगाना का विरोध और आंधा प्रदेश को संयुक्त रखने की मांग कर रहे थे।
पहले सप्ताह के व्यर्थ जाने में मुख्य कारण तेलंगाना के बारे में घोषणा करना रहा। भाजपा सदस्य सरकार से बार-बार अनुरोध करते रहे कि वह अपनी पार्टी के सदस्यों को संयम में रखें परन्तु इस दिशा में कोई कोशिश होती भी नहीं दिखाई दी! इससे आश्चर्य होता है कि आने वाले दो सप्ताहों के सत्र की सत्तारुढ़ दल कैसे योजना बनाएगा!
तेलंगाना आंदोलन के दशकों पुराने इतिहास में जाए बगैर मुझे स्मरण आता है कि 9 दिसम्बर, 2009 का, जब यूपीए सरकार ने अपनी दूसरी पारी की शुरुआत की थी, तब केंद्रीय गृह मंत्री श्री पी. चिदम्बरम ने घोषणा की कि भारत सरकार एक पृथक राज्य तेलंगाना बनाने की रुकी हुई प्रक्रिया को राज्य विधानसभा में विधेयक पारित कराकर शुरु करेगी। सभी को लगा था कि इस हेतु आवश्यक विचार-विमर्श कांग्रेस पार्टी के भीतर हो गया होगा। लेकिन इस घोषणा से आंध्र और रायलसीमा में विरोध शुरु हो गया। 23 दिसम्बर, 2009 को भारत सरकार ने दूसरी घोषणा की कि जब तक सभी दलों से एक आम सहमति नहीं बन जाती तब तक तेलंगाना पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
इसका अर्थ हुआ गृह मंत्रालय की घोषणा का उलट होना। अब जो हो रहा है उससे तेलंगाना के लोग महसूस कर रहे हैं कि यह घोषणा आगामी चुनावों में फायदा उठाने के उद्देश से की गई है और सत्तारुढ़ दल ने एक बार फिर से उन्हें वेबकूफ बनाया है।
मुझे याद है कि एनडीए शासन के दौरान तीन नए राज्यों-उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़ और झारखण्ड-का निर्माण कितनी सहजता से हुआ। उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और बिहार-इन तीन राज्यों जिनमें से उपरोक्त तीनों राज्यों का जन्म हुआ, की विधानसभाओं ने इनके पक्ष में प्रस्ताव पारित किए और संसद के दोनों सदनों में लगभग सर्वसम्मति से आवश्यक विधेयक पारित किए। यह सब इसलिए हासिल हो सका क्योंकि भाजपा इन नए राज्यों के बारे में इच्छुक थी और इस सम्बन्ध में आवश्यक आधार कार्य कर लिया गया था।
तब भी भाजपा तेलंगाना के पक्ष में थी लेकिन चूंकि उस समय हमारी सरकार को समर्थन दे रही सहयोगी पार्टी तेलुगूदेसम इसके पक्ष में नहीं थी, अत: हमारी सरकार इसके बारे में बात तक नहीं कर सकी।
तेलंगाना मुद्दे को गलत ढंग से ‘हैंडल‘ करने के चलते अब तक का संसद सत्र एकदम व्यर्थ गया है। परन्तु पिछले सप्ताह नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर एक गंभीर त्रासदी घटी, जिसने इस सरकार की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है-विशेष रुप से रक्षा मंत्री ए.के. एंटोनी द्वारा त्रासदी के दिन गड़बड़ करने से।
मैं कहना चाहूंगा कि यदि पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर घात लगाकर हमारे पांच जवानों को मार गिराया, तो एंटोनी के वक्तव्य से व्यथित भारतीय संसद ने रक्षा मंत्री पर हमलाकर उन्हें अपने पहले दिन के अस्पष्ट वक्तव्य को वापस लेने पर बाध्य किया और उसके स्थान पर दूसरा वक्तव्य आया जो पाकिस्तान के विरुध्द राष्ट्रीय आक्रोश को पूरी तरह से प्रकट करता है।
संसद में रक्षा मंत्री के वक्तव्य के बारे में चौंका देने वाली यह बात कि उन्होंने इस घटना के बारे में सेना द्वारा जारी किए अधिकारिक बयान में जानबूझर बदलाव किए-बदलाव पाक सरकार और पाक सेना को इस हमले जिम्मेदारी से बचाने के लिए किए गए।
सेना के बयान में बदले गए अंश का उदाहरण:
पीआईबी (रक्षा विभाग) का प्रेस वक्तव्य कहता है: ”हमला पाक सेना के जवानों के साथ लगभग 20 भारी हथियारबंद आतंकवादियों द्वारा किया गया।” रक्षा मंत्री एंटोनी ने कहा: ”हमला 20 भारी हथियारबंद आतंकवादियों ने पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहले लोगों से साथ मिलकर किया।”
संसद का वर्तमान सत्र शुरु होने से पूर्व ही प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों के हवाले से मीडिया में प्रकाशित हुआ था कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ वार्ता करने वाले हैं और वह भी 26/11 के मुंबई के आतंकवादी हमलों के अपराधियों को भारत को सौंप जाने की शर्त को भुलाकर। इसलिए संसद को एंटोनी के 8 अगस्त के संशोधित वक्तव्य में यह देखकर प्रसन्नता हुई कि ”पाकिस्तान की आतंकवादियों के नेटवर्क संगठन और ढांचे को नेस्तानबूद करने में निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए और नवम्बर, 2008 में मुंबई पर आतंकी हमले के जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने में संतोषजनक कदम उठाने चाहिए ताकि शीघ्र न्याय हो सके।
घटनास्थल पर सेनाध्यक्ष के दौरे और रक्षा मंत्री को पूरे तथ्यों की जानकारी देने के बाद संसद में मंत्री के संशोधित संस्करण में पाकिस्तान को निम्न शब्दों में चेतावनी दी गई:
”निश्चित तौर पर इस घटना का पाकिस्तान के साथ हमारे सम्बन्धों और नियंत्रण रेखा पर हमारे व्यवहार पर असर पड़ेगा। हमारे संयम को कमजोरी नहीं समझना चाहिए और हमारी सशस्त्र सेना की क्षमता को तथा हमारे इस दृढ़ निश्चय को कि हम नियंत्रण रेखा का उल्लंघन नहीं होने देंगे, कम करके नहीं आंका जाना चाहिए था।”

violation of the environmental regulations,In The Gautam Budh Nagar, Uttar Pradesh,Is Established

The committee headed by Saroj, a director in the environment ministry has submitted report on the adverse environmental impact of alleged illegal sand mining in the UP district. This Panel has established The violation of the environmental regulations Act, 1957 .
The Ministry of Environment & Forest vide office order no. Z-11013/170/2013-IA.II(M) dated 6th August, 2013 constituted a three member Committee comprising of [1]Dr. Saroj, Director, M o E F, New Delhi, [2] Shri G.C. Meena, Deputy Collector of Mines, Incharge Dehradun Office of I B M, Dehradun,[3] Dr. K. K. Garg, Director, Regional Office of M o E F, Lucknow to inquire into the adverse environmental impact of the alleged illegal sand mining in Gautam Budh Nagar, Uttar Pradesh.
From the very beginning Govt.of Uttare Pradesh has been denying any illegal sand mining in the area ,Specially by the ruling party’s leaders.
Information is now received through the Sources, that This Panel has refuted the claim of the State govt and established the violation of the environmental regulations Act, 1957 by endorsing the findings of Rampant+ Unscientific and Illegal mining going on at various locations in the Gautam Buddh Nagar district along the Yamuna River in Uttar Pradesh.
It may be added that The 2010-batch IAS officer was suspended by the Uttar Pradesh government in the wake of the crackdown, sparking nation-wide outrage.Now She In Being Harassed By the leaders.
28-year-old SDM (sadar)of GB Nagar, Durga Shakti Nagpal who led the crackdown on sand mining mafia in her district, was suspended on July 27 ostensibly for ordering demolition of a mosque’s wall, which was under construction, allegedly without following the due process. Now It Is Alleged that This Case Was Also Fabricated By The Sand MAFIA

“आप” पार्टी ने चर्चित पीड़ित अशोक खेमका को हरियाणा के सी एम् के खिलाफ चुनाव लड़ने का न्यौता दिया

हरियाणा के पीड़ित और चर्चित आई ऐ एस अधिकारी अशोक खेमका ने सत्ता रुड यूं पी ऐ अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी के दामाद राबर्ट वढेरा पर लगाये अपने आरोप को दोहराते हुए अपना जवाब हरियाणा सरकार की तरफ से गठित एक समिति को सौंप दिया है। १०० पेजों के इस जवाब में खेमका ने दोहराया है कि
रॉबर्ट वाड्रा और रियल स्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच गुड़गांव के शिखोहपुर गांव में फर्जी दस्तावेजों के जरिए 3.53 एकड़ की जमीन का सौदा हुआ था।इससे राजनीती फिर से गरमा गई है|
२१ साल कि नौकरी में तबादलों के ४० दंश झेल चुके श्री खेमका के अनुसार श्री वढेरा ने गुड़गांव में 3.53 एकड़ जमीन के लिए दस्तावेजों में हेरफेर की और एक कमर्शियल कॉलोनी के लाइसेंस पर भारी-भरकम राशि जेब में रखी. खेमका ने कहा कि जमीन के सौदे के म्यूटेशन को रद्द किए जाने वाले उनके फैसले पर तुरंत अमल होना चाहिए। यदि इस मामले में कोई पक्ष असंतुष्ट हो तो वह कोर्ट का रुख कर सकता है।

'आप ' पार्टी

‘आप ‘ पार्टी

आम आदमी पार्टी[आप] ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की जमीन के सौदे को फर्जी बताने वाले हरियाणा के इस चर्चित आईएएस अधिकारी अशोक खेमका को आप पार्टी में शामिल होकर हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ चुनाव लड़ने और उन्हें हराने के लिए आमंत्रित कर दिया किया है। इससे पहले आप ने नॉएडा की एस डी एम् दुर्गा शक्ति नागपाल को भी पार्टी ज्वाइन करने का न्योता दिया हुआ है| अरविन्द केजरीवाल ने ट्विट किया है कि अशोक खेमका और दुर्गा शक्ति नागपाल जैसे लोग विधानसभाओं और संसद में होने चाहिए और उन्हें कानून बनाना चाहिए।
हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि उनकी सरकार ने किसी पक्ष की कोई तरफदारी नहीं की.|मुख्य सचिव (पी के चौधरी) मामले को देख रहे हैं और वह इसका अध्ययन कर रहे हैं.|
यूं पी में दुर्गा शक्ति नागपाल का उत्पीडन कर रहे सपा के सांसद नरेश अग्रवाल ने जमीन घोटाले का खुलासा करने वाले आईएएस अधिकारी अशोक खेमका पर ही हमला बोला है.उन्होंने तो खेमका की रिपोर्ट को ही , मानाने से इंकार करके खारिज ख़ारिज कर दिया|
हरियाणा में मुख्य विपक्षी इंडियन नेशनल लोकदल[ INLD ] के महासचिव अभय चौटाला ने हरियाणा की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्रीके इस्तीफे के साथ मामले में एफआईआर दर्ज करने की भी मांग भी की है
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने इस पूरे मामले की नए सिरे से जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
साध्वी उमा भारती ने कहा कि बिना जांच किए ही रॉबर्ट वॉड्रा को पीएमओ से क्लीन चिट दे दी गई. इससे पता चलता है कि सरकार रॉबर्ट वॉड्रा को बचाने के लिए कुछ भी कर सकती है.
. कांग्रेस नेता और पूर्व रेलमंत्री पवन बंसल ने कहा कि रॉबर्ट वॉड्रा पर लगे आरोप सरासर गलत हैं और ये पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है.
कांग्रेस नेता संजय झा ने कहा कि घोटाले का आरोप लगाने वाले आईएएस अधिकारी अशोक खेमका को कोर्ट जाना चाहिए.
प्राप्त जानकारी के अनुसार खेमका ने राबर्ट वढेरा की जमीन के सौदे के मामले में हरियाणा सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राबर्ट वाड्रा ने गुडगांव में गलत दस्तावेजों के जरिए जमीन का सौदा किया। यह मामला गुड़गांव के शिकोहपुर में साढ़े तीन एकड़ जमीन का है। यह वही जमीन है जिसके सौदे की जांच करने के बाद आईएएस खेमका ने जमीन की रजिस्ट्री को ही रद्द कर दिया था।
वढेरा और डीएलएफ के बीच डील में हुई कथित धांधली के आरोप लगने के बाद हरियाणा सरकार ने अक्टूबर 2012 में जांच समिति गठित की थी। इस समिति ने खेमका से सौदा रद्द कर पर जवाब मांगा था। मई 2013 को खेमका ने जवाब के तौर पर अपनी 100 पेज की रिपोर्ट समिति को सौंपी।
रिपोर्ट सौंपने के तीन महीने के बाद भी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।

भारतीय सेना के जाबांजों की शहादत के प्रति बिहार के असंवेदनशील नेताओ के कई चेहरे सामने आये

भारतीय सेना के जाबांजों की शहादत के प्रति बिहार के असंवेदनशील नेताओ के कई चेहरे सामने आये हैं जिससे राजनीती में उबाल आ गया है| सोमवार की देर रात.जम्मू कश्मीर के पूँछ एल ओ सी के समीप मारे गए पांच जवानो में चार बिहार प्रदेश के थे| वैसे तो शहीद पूरे राष्ट्र का होता है लेकिन उसका अंतिम संस्कार चूंकि उसके परिजनों द्वारा किया जाता है इसीलिए शहीद के पार्थिव शरीर को उसके प्रियजनों को सौंपा जाता है|इसी प्रक्रिया में चार लाडलों के शव बिहार लाये गए|
सरकार ने हालांकि शहीदों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा के साथ ही राजकीय सम्मान के साथ शहीदों का अंतिम संस्कार भी किया गया लेकिन सत्ता रूड दल जे डी यूं के मंत्री ने मीडिया में ऐसा असंवेदना पूर्ण बयाँ दिया जिसके फलस्वरूप देश में आक्रोश व्याप्त हो गया इसे शांत करने के लिए मुख्य मंत्री नीतीश कुमार को माफ़ी मांगनी पड़ी|
पाकिस्तानी सेना के हमले में मारे गए पांच भारतीय जवानों में से चार बिहार राज्य से थे| गुरुवार को इन सैनिकों के शव उनके पैतृक गांव लाये गए| शहीदों के शव जब रात के 10 बजे पटना के हवाई अड्डे पर पहुंचे तो बिहार सरकार का कोई मंत्री श्रद्धांजलि देने के लिए वहां उपस्थित नहीं था। जिसे लेकर मीडिया ने स्वाभाविक सवाल किये
बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री भीम सिंह ने . जवानों के सम्मान में मंत्रियों की अनुपस्थिति के संबंध में एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा कि सेना और पुलिस में जवान शहीद होने के लिए ही शामिल होते हैं.|भड़के भीम सिंह मीडिया से ही उल्टे सवाल करने लगे कि क्या आप वहां उपस्थित थे आपके माता पिता उपस्थित थे और अगर आप उपस्थित थे, तो अपने वेतन का काम कर रहे थे.
क्या आपके माता-पिता उपस्थित थे, वे भी तो नागरिक हैं.
राज्य सरकार की उदासीनता पर तब ज्यादा हंगामा हो गया जब शहीदों के अंतिम संस्कार में भी सरकार का कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा|
बिहार सरकार के प्रवक्ता के सी त्यागी ने जहाँ इसे दुर्भाग्पूर्ण बताया और मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने अपने मंत्री भीम सिंह के असंवेदनशील बयान पर खेद प्रकट करते हुए माफी मांगी और कहा कि पूरा देश भारतीय सैनिकों का कर्जदार है, शहीदों को सम्मान देना हमारा कर्तव्य है. साथ ही उन्होंने भीम सिंह के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए.
सी एम् ने इसे शहीदों का अपमान बताया|
मुख्यमंत्री के दबाव के चलते भीम सिंह ने भी अपने बयान पर खेद प्रकट करते हुए माफी मांगी|
.इससे पूर्व पार्टी के ही सांसद शिवानन्द तिवारी ने भी कमोबेश ऎसी ही असंवेदनशीलता का परिचय दिया |
उन्होंने संसद में दिए गए रक्षा मंत्री के ब्यान पर टिपण्णी करते हुए कहा कि एल ओ सी पर पाकिस्तान सेना की वर्दी में कुछ लोग थे जिन्होंने भारतीय जवानो की हत्या की उन्होंने रक्षा मंत्री के बयाँ का समर्थन करते हुए पाकिस्तान की सेना को अभय दान देने में देर नही लगाई| श्री तिवारी भोजपुर से हैं और जे डी यूं के राज्य सभा में सदस्य हैं|इससे पूर्व आपने आपत्ति जनक बयानों के चलते पार्टी प्रवक्ता का पद खो चुके हैं इनके स्थान पर के सी त्यागी को पार्टी प्रवक्ता बनाया गया था|

अखिलेश यादव ने प्रशासनिक अधिकारियों की दो विकेट्स और गिराए: राय बरेली के दो जिला पूर्ती अधिकारी निलंबित

उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने राय बरेली का औचक निरीक्षण किया | इस अवसर पर उन्होंने जिला पूर्ती विभाग में कमियां पाई और दो अधिकारियों को निलंबित किया एक शिक्षा अधिकारी को ट्रांफर भी किया अखिलेश यादव ने प्रशासनिक अधिकारियों की दो विकेट्स गिराते हुए राय बरेली के जिला पूर्ती अधिकारी विद्या राम अहिरवार और पूर्ती निरीक्षक सुशील चन्द्र बाजपाई को निलंबित करने के आदेश जारी किये| इन अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है|
इन अधिकारियों पर उचित दर दुकानों के समुचित निरीक्षण/पर्यवेक्षण में शिथिलता बरतने +आवश्यक वस्तुओं के वितरण में लापरवाही का आरोप लगाया गया है|इसके आलावा राय बरेली के ही बेसिक शिक्षा अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया को अन्यत्र ट्रांसफर कर दिया गया है|
छेत्र के औचक निरीक्षण के दौरान माध्यमिक विद्यालय रैन में मिड डे मील में दी जा रही कढ़ी+चावल को भी चखा | सी एम् के साथ कारगर मंत्री चौ. राजेंद्र सिंह चौधरी +मुख्य सचिव जावेद उस्मानी+राकेश गर्ग आदि भी मौजूद थे|

अखिलेश यादव ने लैप टॉप के वितरण से आगे बढे राजनितिक कदम को दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन की कुल्हाड़ी पर मार लिया

प्रधान मंत्री की सीट पर उम्मीद भरी नजरें गढ़ाए समाजवादी पार्टी वर्तमान में रेत माफिया केस में देश की राजनीती में अलग थलग पड़ चुकी है संभवत इसीलिए अखिलेश यादव की सरकार ने निलंबन के एक सप्ताह पश्चात आई ऐ एस दुर्गा शक्ति नागपाल को चार्जशीट जारी कर दी है । इस प्रक्रिया में निलंबित अधिकारी को उनके विरुद्ध लगाये गए चार्ज बता कर अधिकारी का स्पष्टीकरण माँगा जाता है ।सरकार को इसे डैमेज को कंट्रोल करने का समाजवादी प्रयास समझा जा सकता है |
इससे पूर्व निलंबित अधिकारी ने मुख्य मंत्री के सचिव से बात चीत करके अपनी स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया जिसके अगले ही दिन यह चार्ज शीट की कार्यवाही की गई है| बेशक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि नोएडा की एसडीएम (सदर) रहीं आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल का निलंबन वापस नहीं होगा लेकिन इसके साथ सपा के सांसद नरेश अगरवाल के सुर बदले हुए दिखाई दिए हैं |उन्होंने पत्रकारों को बताया के दुर्गा शक्ति नागपाल कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रही है उन्होंने पत्रकारों पर टिपण्णी करतॆ हुए कहा के आप [पत्रकार]लोग मामले को तूल देना बंद करें तो दुर्गा शक्ति नागपाल को न्याय मिल सके |
इससे पहले समाजवादी पार्टी के विधायक नरेन्द्र भाटी+राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल+ प्रदेश में काबिना मंत्री आज़म खान+राजेंद्र चौधरी+शिव पाल यादव और खनन मंत्री प्रजापति ने दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को तत्काल सही ठहराया था | आज़म खान और नरेश अगरवाल ने तो यहाँ तक कहा था कि अधिकारी भी सांप्रदायिक मानसिकता से कार्य कर रहे हैं. यदि डीएम ने दुर्गाशक्ति को क्लीनचिट दी है तो उनके ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की जानी चाहिए.उन्होंने खनन के मामले को पूरी तरह गलत बताया|
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती +भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा के उत्तर प्रदेश में आपराधिक तत्वों का राज चल रहा है जिसका शिकार उत्तर प्रदेश की जनता के साथ-साथ अपने कार्यों के प्रति निष्ठावान और ईमानदार अफ़सर भी बन रहे हैं.एक ईमानदार अफ़सर पर ग़लत कार्रवाई की गई है और पूरा देश दुर्गाशक्ति नागपाल के साथ है.|
गौरतलब है के 2009 बैच की आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल को पिछले दिनों निलंबित कर दिया गया थाइसके लिए उनसे कोई स्पष्टीकरण तक नहीं माँगा गया|उसके पश्चात सैंड माफिया के रूप में उभरे नरेन्द्र भाटी ने एक सभा में में कह दिया के मात्र ४१ मिनट्स में उन्होंने दुर्गा शक्ति नागपाल को सस्पेंड करा दिया | .
विपक्ष के आरोपों के मुताबिक दुर्गाशक्ति नागपाल इसी खनन माफ़िया के खिलाफ़ सख़्ती से कार्रवाई कर रहीं थी जिस कारण दीवार का बहाना बनाकर उनका निलंबन किया गया. सूत्रों की माने तो नरेन्द्र भाटी ने ही बीते दिनों अपने पैसे से यह दिवार बनवाई थी और मस्जिद बनाने के लिए छेत्र वासियों को उकसाया था |इसके पीछे अनेको कारण बताये जा रहे है लेकिन एक महत्त्व पूर्ण कारण यह भी बताया जा रहा है के सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सार्वजानिक स्थल पर धार्मिक स्थल नही बनाये जा सकतेऐसे में अगर अवैध दीवार गिराई नहीं जाती तो अधिकारी की जवाब देही बनती है और अगर अधिकारी दीवार गिराने की कार्यवाही करतॆ है तो भी उनके खिलाफ जनाक्रोश को भड़काने का आरोप लगा कर अधिकारी को प्रताड़ित किया जा सकता है| इस घटना के पश्चात पूरे प्रदेश में सम्प्रदाइक तनाव को हवा दी गई डी एम् के चैनल को हटा[ Avoid] कर एल आई यूं से सीधे रिपोर्ट मंगाने का दावा किया गया | वास्तव में सेंड माफिया के एक फोन के पश्चात ४१ मिनट में ही सस्पेंशन आर्डर सर्व भी करा दिए गए| पौने पांच हज़ार सदस्यों वाली आईएएस एसोसिएशन ने दुर्गाशक्ति नागपाल के समर्थन में आ गई है|
अभी तक हाई कोर्ट और केंद्र सरकार ने इस घटना क्रम में सीधे हस्तक्षेप में रुचि नहीं दिखाई है लेकिन लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर नूतन ठाकुर ने एक याचिका दायर करके आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति के निलंबन को चुनौती दे दी है कोर्ट ने रेत खनन +मस्जिद निर्माण पर प्रदेश सरकार से रिपोर माँगा ली है| इसके अलावा कांग्रेस+भाजपा+बसपा+रालोद+ आप+आदि अनेको दलों ने प्रदेश सरकार के इस कदम को अनुचित बताया है और भाजपा ने तो संसद के मानसून सत्र में मामले को उठाने की बात कही है| अखिलेश यादव की सरकार अपने राज हट्ट पर कायम रहते हुए अभी तक अधिकारी के निलंबन को रद्द करने से मना करके अपनी किरकिरी कराती आ रही है| लोगों ने तो यह भी कहना शुरू कर दिया है के लैप टॉप के वितरण से जो राजनितिक कदम आगे बढे थे दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन की कुल्हाड़ी पर उसी बढे कदम को स्वयम मार कर जख्मी कर लिया गया है |

दुर्गा शक्ति नागपाल के विरुद्ध सुलगाई गई धार्मिक उन्माद की चिंगारी क्या संसद के मानसून सत्र में भड़केगी


झल्ले दी झाल्लियाँ गल्लां

सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये आई ऐ एस और मीडिया वालों ने क्या खावाह्मखः रौला पाया हुआ है?ओये हमने दुर्गा शक्ति नागपाल को रेत माफिया के दबाब में थोड़े न सस्पेंड किया है |भाई वहां तो कोई अवैध रेत खनन नही हो रहा है| प्रदेश में खनन से एक करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है| और वोह सारा सरकारी खजाने में जाता है|ओये रमजान के पवित्र महीने में मस्जिद की दीवार गिराई गई हमें बदनाम करने केलिए अब ये बसपा+भाजपा+रालोद के साथ अपने दामाद को बचाते फिर रहे कांग्रेसी भी जुड़ गए हैं |ये हमारी लोक प्रिय+ स्पष्ट बहुमत वाली सरकार के खिलाफ खुली साजिश है|हमने भी कोई कच्ची गोलियां नही खेली हैं अवैध खनन की शिकायत पर पांच सदस्यीय जांच बैठा दी हैहो जाएगा दूध का दूध और पानी का पानी

झल्ला

ओ हो सरकारे आली आप जितना बोलते जा रहे हो उतना ही अपने ही बुने जाल में खुद ही फंसते भी जा रहे हो|
[१]चलो पहले आप की जांच की जाँच कर ली जाये |आप ने जाँच बैठाई है यह सर मत्थे है लेकिन जाँच की रिपोर्ट के आने से पहले ही जांच बैठाने वाले प्रदेश खनन मंत्री ने अवैध खनन के अस्तित्व को ही नकार दिया है| अधिकारी के निलंबन को जायज ठहरा दिया है|आप समझ रहे हैं न मेरी बात ?
[२]दूसरे आप कह रहे हैं के रेत खनन माफिया का कोई दबाब नही है उधर मुख्य आरोपी आपके कद्दावर मंत्री भाटी जी सीना ठोक कर दावा करते फिर रहे हैं के मात्र ४१ मिनट में एस डी एम् दुर्गा शक्ति नागपाल के सस्पेंशन आर्डर अधिकारियों को सर्व करा दिए |इस दावे का समर्थन हरदोई नरेश अग्रावल करते फिर रहे हैं
[३] भैय्या जी आप मस्जिद गिराने का आरोप लगा रहे हो तो ये बताओ के अगर मस्जिद की दीवार गिराई गई तो[अ] वोह डी एम् के निर्देश पर गिराई गई[आ] सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए गिराई गई|[इ] गावं वालों ने खुद ही दीवार गिराई|इसके बावजूद भी आप ये मानते हो के इससे आपके वोट बैंक को धक्का लग सकता है या फिर आप इस मुद्दे को रंग देकर सियासी लाभ ले सकते हो तो आपने गिरी हुई दीवार को बनवाया क्यूं नही|आप केवल इसका इस्तेमाल ही करने में जुटे हुए हो| मेरी बात पहुँच रही है के नही???
[४]आप अब कह रहे हो के कांग्रेस अशोक खेमका के समर्थन में क्यूं नही आरही शाद आप का इशारा रॉबर्ट वढेरा की तरफ है तो आप ये मान रहे हो के आप भी अपने किसी न किसी राजनीतिक दामाद को बचाने के लिए जुगाड़ लगा रहे हो????
अगर ऐसा है तो बेहद खतरनाक है | जिस तरह से आपकी समाजवादी पार्टी ने असामजवादी ढंग से एक ईमानदार महिला अधिकारी के विरुद्ध धार्मिक उन्माद की चिंगारी सुलगाई है और चारों तरफ से मंत्री और संतरी उसे हवा दे रहे है वोह देश के लिए बेहद घातक है |अगर इस ईमानदार महिला अधिकारी की आहों में दम है तो संसद के मानसून सत्र में उसकी सिसकियाँ जरूर गूंजेंगी |और मत भूलो के मारी हुई खाल की सांस से भी लोहा भस्म हो जाता है |