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Category: Economy

११ मेधावी छात्रों का २.५ लाख रुपयों के पैकेज पर कैम्पस प्लेसमेंट हुआ

राधा गोबिंद इंजनियरिंग कालेज के ११ मेधावी छात्रों का २.५ लाख रुपयों के पैकेज पर कैम्पस प्लेसमेंट हुआ है|नोयडा की इंडिया मार्ट इंटरमेष लिमिटेड ने ६ और चेन्नई की श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी ने ५ छात्रों का चयन किया है|
खुशबू+दीपक +संचित+कपिल+शुभम+वसी+अतुल+हिमांशु+शिवाजी+अविरल+विवेक को चेयर मैनयोगेश त्यागी+निदेशक एच आर सिंह और एच एस राउत ने बधाई दी

स्विटजरलैण्ड को पारदर्शिता और वैश्विक मापदण्डों को अपनाना ही होगा:सीधा एल के अडवाणी के ब्लॉग से

एन डी ऐ के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण आडवाणी ने अपने ब्लॉग के माध्यम से एक महीने में दोबारा काले धन को देश में लाये जाने के लिए कोई कार्यवाही नहीं किये जाने पर चिंता व्यक्त की है| श्री आडवाणी के अनुसार उनकी पार्टी भाजपा के प्रयासों से संसद में श्वेत पत्र तो केंद्र सरकार ले आई लेकिन उस पर कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई| इसके लिए इस ब्लॉग में उन्होंने खेद व्यक्त किया हैइसके अलावा इस वयोवृद्ध नेता ने अपने फ़िल्मी प्रेम का इजहार भी किया है|जेम्स बांड की फिल्म दि वर्ल्ड इज नॉट इनफ”[१९९९] के माध्यम से उन्होंने स्विस बैंको की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया तो एम्मा थामेसन के लेख के माध्यम से जवाब भी तलाशने का प्रयास किया है| | प्रस्तुत है सीधा एल के अडवाणी के ब्लॉग से
इसी महीने में मैंने एक ब्लॉग लिखा था, जिसका शीर्षक था ”कालेधन पर श्वेत पत्र के बावजूद एक पैसा भी वापस नहीं आया।”
इस ब्लॉग में बताया गया था कि कैसे भाजपा द्वारा कालेधन के विरुध्द चलाए गए ठोस अभियान ने यूपीए सरकार को इस मुद्दे पर श्वेत पत्र प्रस्तुत करने को बाध्य किया। श्वेत पत्र में इसको स्वीकारा गया है कि भारत की ”समावेशी विकास रणनीति की सफलता मुख्य रुप से हमारे समाज से भ्रष्टचार की बुराई के खात्मे और काले धन को जड़ से उखाड़ फेंकने की क्षमता पर निर्भर करती है।”
भाजपा को इसका खेद है कि श्वेत पत्र पर कार्रवाई बिल्कुल नहीं की गई है। भ्रष्टाचार और कालाधन भारत की राजनीति और शासन को, विशेष रुप से पिछले नौ वर्षों से लगातार कमजोर कर रहे हैं।
इस मुद्दे पर भारत के उदासीन रवैये की तुलना में रिपोर्टें आ रही हैं कि कुछ शक्तिशाली पश्चिमी देशों द्वारा स्विस बैंकों के गोपनीय कानूनों के विरुध्द छेड़े गए विश्वव्यापी अभियान से स्विट्जरलैण्ड के बैंकिग सेक्टर में वास्तव में संकट खड़ा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रायटर ने हाल ही में स्विट्जरलैण्ड में अपनी ब्यूरो चीफ एम्मा थामेसन का एक लेख प्रसारित किया है जिसका शीर्षक है: बैटल फॉर दि स्विस सोल। इस लेख का मूल भाव इन शब्दों में वर्णित किया गया है:
”आज भी, कुछ स्विस नागरिक इस तथ्य पर बहस करना पसन्द करेंगे कि देश की अधिकांश समृध्दि, बैंकरों द्वारा विदेशी कर वंचकों की सहायता करने से आई है।”
इस लेख की शुरुआत 1999 में जेम्स बांड की फिल्म ”दि वर्ल्ड इज नॉट इनफ” से होती है, जिसमें बांड पूछता है” यदि आप स्विस बैंकर पर भरोसा नहीं करसकते तो किस दुनिया में हो?”
इस लेख की सुविज्ञ लेखक एम्मा जेम्स बांड के इस प्रश्न का उत्तर यूं देती हैं:
”यह इस प्रकार है: अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों के दबाव में स्विस बैंक अपनी गोपनीयता छोड़ रहे हैं, कुछ केसों में अपने खाता धारकों के नाम विदेशी कर प्राधिकरणों को दे रहे हैं। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (Organisation for Economic Cooperation and Development-OECD½ द्वारा काली सूची में डाले जाने से बचने के लिए स्विस सरकार टैक्स धोखाधड़ी करने वालों की तलाश करने वाले विदेशी प्राधिकरणों के साथ सूचनाएं साझा करने पर सहमत हो गई है।”
एम्मा अपने लेख में लिखती हैं:
”स्विस बैंक काफी समय से उस अलिखित संहिता का पालन करते हैं जिसका डॉक्टर या पादरी करते हैं। बैंकर्स सार्वजनिक रुप से अपने ग्राहक को नहीं पहचानते, इस भय से कि इससे उनके खाताधारक होने का राज खुल जाएगा: अक्सर वे एक नाम का बिजनेस कार्ड रखते हैं बजाय बैंक या सम्पर्क विवरण के; और कम से कम 1990 के दशक तक वे कभी भी विदेशों में प्रचारित नहीं करते थे।…..”
दक्षिणपंथी स्विस पीपुल्स पार्टी बैंकिंग गोपनीय कानूनों के शिथिल होने को एक प्रकार का आत्मसमर्पण मानती है। पार्टी का मानना है कि यह आत्मसमर्पण ”न केवल ग्राहकों के साथ अपितु मूलभूत स्विस मूल्यों के साथ भी विश्वासघात है।”
एक बैंकर और स्विस पीपुल्स पार्टी के राजनीतिज्ञ थामस मट्टेर (Thomas Matter) इसे और साफ तीखे रूप से लिखते हैं : ”स्विस लोग स्वतंत्रता प्रेमी हैं; देश सदैव नागरिकों के लिए रहा है न कि इसका उल्टा।”
यद्यपि, वाशिंगटन, पेरिस और बर्लिन के भारी दवाब के चलते सन् 2009 में, देश का सबसे बड़ा बैंक यूबीएस चार हजार से अधिक अमेरिकी ग्राहकों के नाम अमेरिका को देने पर सहमत हुआ, 780 मिलियन अमेरिकी डॉलर का दण्ड इसलिए दिया कि उसने अमेरिकीयों की टैक्स से बचने में सहायता की थी। दो अन्य प्रमुख बैंकों -क्रेडिट सुइसे (Credit Suisse) और जूलियस बेअर (Julius Baer) ने भी अमेरिका में व्यवसाय में लगे अपने कर्मचारियों सम्बन्धी सूचनाएं वाशिंगटन को सौंपी जबकि क्रेडिट सुइसे ने भारी जुर्माने के लिए अपने खातों में प्रावधान किया।
हालांकि ज्यूरिख और जेनेवा, स्विटजरलैण्ड के मुख्य आर्थिक केन्द्र हैं, देश के बैंकिंग उद्योग की जड़ें संक्ट गालन (St. Gallen) शहर में हैं। हाल ही तक संक्ट गालन, स्विटजरलैण्ड के प्राचीनतम निजी बैंक बेगेलिन एण्ड कम्पनी (Wegelin & Co½ का शहर था। सन् 2012 में अमेरिका के जस्टिस विभाग ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि इसके विदेशी खातों में अमीर अमेरिकीयों द्वारा टैक्स से बचाए गए कम से कम 1.2 बिलियन डालर छुपे हैं। इस वर्ष जनवरी में बैंक को दोषी ठहराया गया। बेगेलिन के अधिकारियों जिन्होंने पहले ही अपने सभी गैर-अमेरिकी व्यवसाय को एक दूसरे बैंक रेफेइसियन (Raifeissen) को बेच दिए थे, ने घोषित किया है कि जो कुछ उनके बैंक में बचा है, वे उसे भी समेट रहे हैं।
इस समूची स्विस बहस में ‘दोषी‘ – एक महत्वपूर्ण निर्णायक विन्दु है क्योंकि बगैर कुछ कहे, बेगेलिन के अधिकारियों ने अपने साथी और बैंकों को साफ-साफ संदेश दे दिया है। एक प्रमुख रूढ़िवादी राजनीतिज्ञ क्रिस्टिफ डारबेले (Christoph Darbellay) ने सार्वजनिक रूप से बेगेलिन अधिकारियों को ‘देशद्रोही‘ कहा है। यू.बी.एस. के चीफ एग्जिक्यूटिव सेरगिओ इरमोट्टी (Sergio Ermotti) ने कहा: जैसाकि एक दशक या उससे पहले तक जिस बैंक गोपनीयता को हम जानते थे, वह अब समाप्त हो गई है। संक्ट गालन बैंकर जिन्होंने बेगेलिन के गैर-अमेरिकी व्यवसाय को खरीदा है, कहते हैं : ”हम वास्तव में संक्रमणकालीन प्रक्रिया में हैं।”
रेफेसियन के मालिक पेइरिन विन्सेंज (Pierin Vincenz) ने रूढ़िवादियों से अलग अपनी बात रखते हुए कहा कि स्विटजरलैण्ड को अंतत: पारदर्शिता और वैश्विक मापदण्डों को अपनाना होगा। अधिकाधिक बैंक और बध्दिजीवीगण इस मत के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। कालेधन के विरूध्द वैश्विक युध्द में यह बड़ा सहायक होगा। यही आशा की जा सकती है कि भारत इन घटनाओं का पूरा-पूरा लाभ उठाएगा।

संसद में ९ मुद्दे उठे मगर कार्यवाही आज भी नही हुई

संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में शुक्रवार को भी बिजनेस ठप्प रहा| प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर हंगामा किया, जिसके कारण सारे दिन कार्यवाही बाधित हुई| लोक सभा में यधपि ९ मुद्दे उठाये गए मगर हंगामे के चलते कार्यवाही नही हो पाई|स्पीकर मीरा कुमार और राज्य सभा में हामिद अंसारी प्रश्न काल की कार्यवाही भी नहीं चलवा पाए| शुक्रवार का दिन ओड़िसा के लिए विशेष राज्य का दर्ज़ा+आज़म खान का अमेरिका में अपमान+कोयला घोटाला+२ जी स्कैम की भेंट चड गया|
[१] बीजेपी ने कोयला ब्लॉक + 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन का मामला उठाया | सीबीआई द्वारा कोयला ब्लॉक आवंट की जांच से सम्बंधित स्थिति रपट में सरकार के हस्तक्षेप के सम्बंध में दायर किए गए शपथपत्र[हलफ नामा] का भी मुद्दा उठाया.
[२] उत्तर प्रदेश में सत्ता रुड समाजवादी पार्टी ने अपने कद्दावर नेता +यूपी के नगरीय विकास मंत्री मोहम्मद आजम खान के अमेरिका के बोस्टन हवाईअड्डे पर हुई बदसुलूकी का मामला उठाया.
गौरतलब है कि आजम खान,अपने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हार्वर्ड विश्वविद्यालय में कुम्भ मेले पर व्याख्यान देने गए थे. उन्हें बोस्टन लोगान अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बुधवार को पूछताछ के लिए लगभग 10 मिनट के लिए हिरासत में ले लिया गया था|
दोनों सदनों की कार्यवाही 11 बजे शुरू होने के साथ ही हंगामा शुरू हो गया, जिसके कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका. शोर-शराबे के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही परम्परानुसार पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी|
राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे शुरू होने के बाद दोबारा हंगामा शुरू हुआ, और उपसभापति पी.जे. कुरियन ने कार्यवाही अपराह्न् 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी|.
2जी स्पैक्ट्रम घोटाले की जांच कर रही [३]]संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पद से पीसी चाको को हटाने और[४] पश्चिम बंगाल में चिट फंड घोटाले समेत कई मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही आज एक बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब सवा 12 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष मीरा कुमार ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने को कहा[५],बीजद सदस्य ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग करते हुए आसन के समीप आ गए।
[६]अन्नाद्रमुक के सदस्य एक अंग्रेजी समाचार पत्र की प्रति दिखा रहे थे जिसमें जेपीसी के आधे सदस्यों की पीसी चाको को अध्यक्ष पद से हटाने संबंधी मांग की खबर छपी है। [७]वाममोर्चा सदस्य भी अध्यक्ष के आसन के समीप आकर पश्चिम बंगाल में शारदा चिट फंड घोटाले की सीबीआई जांच कराने और गरीबों का पैसा लौटाने की मांग की|
कल्याण बनर्जी समेत तृणमूल कांग्रेस के कई सदस्य भी आसन के समक्ष चिटफंड को बंद करने और इस घोटाले में कथित रूप से शामिल केंद्रीय मंत्रियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे।[८] सपा सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और उन्हें चीन का मुद्दा उठाया | [९]तेलंगाना क्षेत्र के कांग्रेस सांसद पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के विषय को उठा रहे थे। उनके हाथों में तख्तियां थी जिस पर लिखा था, `तेलंगाना विधेयक पेश करो।’
दोपहर 12 बजे पीठासीन गिरिजा व्यास ने हंगामे के बीच ही आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। लेकिन हंगामे से परेशां होकर उन्होंने बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी। सदन की बैठक अब सोमवार को होगी।

कोयला घोटाले में सी बी आई के हलफनामे से सरकार की मिलीभगत उजागर : इलेक्टोरल रिवोलुशन ही एक मात्र विकल्प:आप पार्टी

, कोयला घोटाले के विषय में,सबमिट किये गए एफिडेविट को लेकर आम आदमी पार्टी [आप]ने भी सी बी आई की कड़ी आलोचना की है|आप ने पुनः सशक्त जन लोक पाल के माध्यम से जनता की शक्ति जनता को सौंपे जाने की मांग की है|पार्टी ने इलेक्टोरल रिवोलुशन ही एक मात्र विकल्प बताया है|
गौरतलब है कि कोयला घोटाला में सी बी आई की रिपोर्ट को सरकार के साथ शेयर किये जाने सम्बन्धी हलफ नामा दिया गया है|इसमें यह तो स्वीकार किया गया है कि सी बी ई कि फाईंडिंग रिपोर्ट को पी एम् ओ+कोयला मंत्रालय+कानून मंत्री के साथ शेयर किया गया है|यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के ठीक उलट किया गया है| लेकिन इस रिपोर्ट में केंद्र सरकार द्वार किये गए [यदि]बदलाव के विषयों में कोई जानकारी नही है| इससे पूर्व कोर्ट को गुमराह करने के लिए एटोर्नी जनरल+एडिशनल सोलिसिटर जनरल द्वारा रिपोर्ट शेयरिंग की बात से इनकार किया जा चुका है|आप ने इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से यह भी आरोप लगाया है कि सी बी आई निदेशक रणजीत सिंह द्वारा हलफ नामे पर भीकेंद्रीय मंत्री वी नारायण स्वामी से चर्चा की थी|

अरविन्द केजरीवाल द्वारा बिजली पानी के बिलों को लेकर लिखे पत्र पर दिल्ली सरकार का मौन जारी

आम आदमी पार्टी [आप]के, बिजली पानी के बिलों में भ्रष्टाचार को लेकर, 23 अप्रैल को लिखे पत्र पर अभी तक दिल्ली सरकार की तरफ से कोई उत्तर नहीं दिया गया है |अरविन्द केजरीवाल द्वारा बिजली पानी के बिलों को लेकर लिखे पत्र पर दिल्ली सरकार का मौन जारी है जबकि आप ने २८ अप्रैल तक का नोटिस दिया हुआ है| आप पार्टी के नेता मनीष शिशोदिया ने फोन पर बताया है कि श्री मति शीला दीक्षित कि तरफ से कोई कार्यवाही की सूचना नहीं आई है | पूछे जाने पर श्री शिशोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार से जवाब पाने की उनकी उम्मीद टूटी नही है|उन्हें अभी भी जवाब पाने की आशा है|
गौरतलब है कि दिल्ली में बिजली पानी के बिलों में भ्रष्टाचार को लेकर आप पार्टी ने असहयोग आन्दोलन छेड़ा हुआ है|जिसके फलस्वरूप साडे दस लाख दिल्ली वासियों ने आप पार्टी के माध्यम से पत्र लिखे हैं|इन्हें डिलीवर करने के लिए पहले दिल्ली की मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित के निवास की तरफ मार्च किया गया था|जिसे दिल्ली पोलिस की सहायता से असफल कर दिया गया था|उस समय कहा गया था कि आप पार्टी ने पूर्व सूचना नहीं दी थी संभवत अब २३ अप्रैल को पूर्व सूचना के तौर पर आप पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की मुख्य मंत्री श्रीमती दीक्षित को पत्र लिख कर यह ओपचारिकता पूरी कर दी है|लेकिन अभी तक असहयोगी बने साडे दस लाख दिल्ली वासियों के पत्रों को रिसीव करने के लिए दिल्ली की सरकार द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है|
गौरतलब है कि दिल्ली में बिजली पानी के बिलों में भ्रष्टाचार को लेकर पार्टी ने घोषणा की है कि २८ अप्रैल को दिल्ली के जंतर मंतर पर साडे दस लाख पत्रों के साथ इकट्ठा होंगे जहां से साडे दस लाख पत्रों को रिसीव कराने के लिए मुख्य मंत्री के निवास की तरफ मार्च किया जाएगा| अब सी एम् निवास की तरफ मार्च से पूर्व पत्राचार की ओपचारिकता निभाई गई है|यह एक सकारात्मक कदम है इससे टकराव टाला जा जा सकता है लेकिन अब गेंद दिल्ली सरकार के पाले आ गई है|

रोबिन हुड बन कर टैक्सपेयर्स का पैसा मनरेगा में लुटाते समय उसके सदुपयोग को सुनिश्चित करना जरुरी है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी कांग्रेसी

ओये झल्लेया देख हसाडे नाल ये कैसी नाइंसाफी हो रही है |ओये हसाडी सोणी सरकार ने मनरेगा यौजना में खुल कर सरकारी खज़ाना लुटाया और निर्धनों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए भागीरथी प्रयास किये अब कैग द्वारा कहा जा रहा है कि ७५%गरीबों की आय में कोई सुधार ही नही हुआ है| इसके लिए यूं पी और बिहार का उदहारण दिया जा रहा है|ओये हसाडे वित् मंत्री पी चिदम्बरम संसद में बताना चाहते हैं कि ६३% ग्रामीणों को काम की तलाश में बाहर नही जाना पड़ा है +७१% ने यह माना है कि गावों में बहुउपयोगी परिसंपत्तियों का निर्माण हुआ है+५३% लोगों को बेगार या अनचाहे काम से मुक्ति मिली है|लेकिन अब ये विपक्षी लोग संसद ही ठप्प किये दे रहे हैं|

झल्ला

ओ मेरे भोले चतुर सुजाण जी आप जी की इस महत्वकांक्षी यौजना में कैग ने कई झोल निकाल दिए हैं |कहा जा रहा है कि इस यौजना में ग्रामीणों का भला हुआ हो या न हुआ हो लेकिन १३००० करोड़ के घोटाले से बिचौलियों की तिजौरियां जरुर भर गई हैं|इसीलिए झल्लेविचारानुसार अगर आअप जी को आधुनिक रोबिन हुड बनाने का शौक चर्राया है तो कृपया टैक्स पेयर्स का रुपया लुटाते समय उसके सदुपयोग पर भी कड़ी नज़र राखी जानी जरुरी है|

लोक सभा में चीन की घुसपैंठ +बंगाल के लिए विशेष पॅकेज और कोयला घोटाला की गूँज में कोई बिजनेस नहीं हुआ

लोक सभा में चीन की घुसपैंठ +बंगाल के लिए विशेष पॅकेज और कोयला घोटाला के अलावा प्रथक तेलंगाना की गूँज के बावजूद भी कोई बिजनेस नहीं हुआ |अब गुरूवार को अगली बैठक होगी|
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामा किया गया जिसके फलस्वरूप मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।बुधवार को महावीर जयंती का अवकाश है|
[१] सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही लद्दाख क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के खिलाफ विरोध करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य लोकसभा अध्यक्ष के आसन के नजदीक [वेल]पहुंच गए, जिसके कारण कार्यवाही बाधित हुई थी।
गौरतलब है कि लद्दाख के उत्तरी क्षेत्र में भारतीय सीमा के तकरीबन 10 किलोमीटर अंदर लगभग 15-20 चीनी सैनिक 15 अप्रैल से ही एक शिविर बनाकर रह रहे हैं। भारतीय फौज भी उनके सामने डटी हुई है|यह शुरू से ही विवादित छेत्र होने के कारण चीन ने इस बात से इंकार किया है कि उसके सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया है। दोनों पक्षों के सैन्य कमांडर बीते सप्ताह ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत के लिए मिले थे, लेकिन वे गतिरोध दूर करने में नाकाम रहे।
[२]तृणमूल कांग्रेस [टी एम् सी]के सांसद भी पश्चिम बंगाल के लिए विशेष पैकेज की मांग उठाते हुए लोकसभा अध्यक्ष के आसन [वेल]के नजदीक पहुंच गए। लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो
[३] भाजपा सदस्यों ने कोयला ब्लॉक आवंटन पर स्थायी समिति की रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग शुरू कर दी। इसके बाद पीठासीन अधिकारी, आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के एम. थम्बीदुरई सदन की कार्यवाही नही चला पाए सो उन्होंने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

आन्दोलनरत आम आदमी पार्टी ने बिजली पानी के बिलों को लेकर अब पत्राचार की ओपचारिकता निभाई

आम आदमी पार्टी [आप]के सर्वोच्च नेता अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित को एक पत्र लिख कर बिजली पानी के बिलों को लेकर असहयोगी बने साडे दस लाख लोगों के पत्रों को रिसीव करने के लिए व्यवस्था कराने को कहा है|
गौरतलब है कि दिल्ली में बिजली पानी के बिलों में भ्रष्टाचार को लेकर पार्टी ने घोषणा की है कि २८ अप्रैल को दिल्ली के जंतर मंतर पर साडे दस लाख पत्रों के साथ इकट्ठा होंगे इससे पूर्व इकट्ठा हुए आठ लाख पत्रों को रिसीव कराने के लिए मुख्य मंत्री के निवास की तरफ मार्च किया गया था जिसे पोलिस द्वारा विफल कर दिया गया था |अब सी एम् निवास की तरफ मार्च से पूर्व पत्राचार की ओपचारिकता निभाई गई है|यह एक सकारात्मक कदम है इससे टकराव टाला जा सकेगा|

एकांत वास में रहने वाले बुजुर्ग भी आधुनिक तकनीक अपना कर अपनी देखभाल स्वयम कर सकते हैं:प्रो. एच आर सिंह

[शिकागो]एकांत वास में रहने वाले बुजुर्ग भी आधुनिक तकनीक अपना कर अपनी देखभाल स्वयम कर सकते हैं|इसके लिए भारतीय प्रो.एच आर सिंह ने रिमोट पेशेंट मोनिटरिंग डिवाईस नाम से एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है|इसे विशेष रूप से हृदय रोगियों के लिए लाभ कारी माना जा रहा है|
राधा गोबिंद इंजनियरिंग कालेज[मेरठ] के प्रो.एच आर सिंह ने अमेरिका के शिकागो में आयोजित थर्ड क्लिनिकल एवं एक्सपेरिमेंटल कार्डियालोजी सम्मलेन में अपने शोध को पड़ते हुए बताया कि वर्तमान में भारतीय प्रतिभाएं भविष्य सुधारने के लिए विदेशों का रुख कर रहे हैं |इसमें पैसा तो ढेरो आ रहा है लेकिन नेटिव प्लेस में उनके बुजुर्गों के लिए आवश्यक सहायता का अभाव होने लगता है|ऐसे में उन्हें संकट की किसी भी घडी में चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए टेक्नोलोजी को विकसित किया गया है|इसका प्रयोग करने सेददोर बैठा डाक्टर स्वयम मरीज के रोग के विषय में जानकारी प्राप्त कर लेता है और उसका समय पर इलाज संभव होपाता है|१५ से १७ अप्रैल को आयोजित इस सम्मलेन में विश्व के १० वैज्ञानिक और डाक्टरों ने भाग लिया जबकि भारत से एक मात्र प्रो. एच आर सिंह को ही आमंत्रित किया गयाथा |

ड्रीम लाईनर्स[७८७] की उड़ान के ड्रीम्स पूरे होने के चांसेस बने : बोइंग ने बैटरी बदलने की कार्यवाही शुरू की

बोइंग के ड्रीमलाइनर[787] विमान आगामी माह में एयर इंडिया के ड्रीम्स को पूरा करने के लिए आसमान में उड़ान भरने लगेंगे |इससे ना केवल एयर इंडिया के महाराजा की कर्जे से झुकती जा रही कमर कुछ सीधी होपायेगी वरन निजी एयर लाइन्स को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना भी करना पडेगा| अमरीका के फेडरेल एविएशन एडमिनिस्ट्रिटेशन (FAA) द्वारा हरी झंडी लहराने के पश्चात बोइंग के ड्रीमलाइनर विमान जल्द ही फिर से आसमान में दिखेंगे | जापान आदि देशों में ड्रीम लाईनर .विमानों में जनवरी में उड़ान के दौरान बैट्री में आग लगने की शिकायतें मिलने के बाद अस्थाई तौर पर विश्व भर में ५० विमानों पर रोक लगा दी गई थी |यधपि भारत में ऎसी कोई घटना नहीं घटी फिर भी बोइंग के निर्देश पर भारत में भी ६ विमान ग्राउंडडेड किये गए थे|
बोइंग ने वॉशिंगटन से जारी अपने अधिकारिक बयान में जानकारी दी है कि अमरिकी अधिकारियों ने जापानी बैटरी निर्माता और बोइंग द्वारा द्वारा दोबारा से तैयार बैट्री प्रणाली को मंजूरी दे दी है | नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) प्रमुख अरण मिश्र के अनुसार बोइंग के इंजीनियरों का एक दल भारत आ रहा है और जल्द ही वे एयर इंडिया के छह ड्रीमलाइनर विमानों में नयी बैट्रियां लगाने का काम शुरू करेंगे. यदि सब कुछ ठीक हो गया तो एयर इंडिया रोम+ मॉस्को+ सिडनी+पैचिङ्गआदि के लिए उड़ान शुरू कर अपना अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बढ़ा सकेगी। गौरतलब है की एयर इंडिया द्वारा२००६ में २७ ड्रीम लाईनर्स के लिए सौदा किया गया था|जिनमे से केवल छह विमान ही प्राप्त हुए थे और वाटर कैनन से स्वागत किये जाने के पश्चात भी वोह अपेक्षित उडान नहीं भर पाए|इन विमानों के लिए दिल्ली से बेंगलुरु, चेन्नै, कोलकाता, पेरिस, फ्रैंकफर्ट और दुबई के मार्ग उड़ानों की यौजना बनाई जा चुकी थी|
जनवरी में इनकी उड़ाने बंद होने के कारण एयर इंडिया को प्रतिदिन पौने तीन करोड़ रुपयों का घाटा हो रहा है|।