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Category: Economy

बॉक्सर विजेन्द्र फेम ड्रग्स काण्ड में पंजाब पोलिस ने मेरठ में सिरे तलाशे

बॉक्सर विजेन्द्र फेम ड्रग्स काण्ड में पंजाब पोलिस ने मेरठ में सिरे तलाशे

बॉक्सर विजेन्द्र फेम ड्रग्स काण्ड में पंजाब पोलिस ने मेरठ में सिरे तलाशे

बॉक्सर विजेन्द्र फेम ड्रग्स काण्ड में पंजाब पोलिस सिरे तलाशती आज सिविल ड्रेस में मेरठ के साकेत[प्रभात नगर] में आ पहुंची यहाँ रिटायर्ड उपाधीक्षक कृपाल सिंह के निवास पर उनके पुत्र अनुज की तलाश में छापा डाला गया | बताया जा रहा है कि पंजाब पोलिस ने फ़तेह गढ़ साहेब में ३० किलो ड्रग्स बरामद किया था उसके तार बॉक्सर विजेन्द्र से भी जोड़े गए थे|इसी सिलसिले में बताया गया कि अनुज कि दवा कम्पनी ने ड्रग्स के इस जखीरे को सप्लाई किया था| घंटों चले इस छापे के दौरान अनुज पकड़ में नही आया है|वहां खडी एक कार फोर्चुनर १५ बी टी ००९९ को सीज कर दिया गया है|

सरकार स्थिर है और इसकी पतवार सशक्त हाथों में है: श्रीलंका के तमिलों के हितों की चिंता है

हमारी सरकार स्थिर है और सरकार की पतवार हमारे सशक्त हाथों में है ,हमारी सरकार के बहुमत को किसी भी पार्टी ने चेलेंज भी नही किया है ऐसे में हमें कोई खतरा नहीं है इसीलिए हम देश में विकास की नाव को लगातार आगे खे ते [चलाते]रहेंगे| श्रीलंका में तमिलों का ही सिर्फ अब प्रश्न है इसके लिए प्रस्ताव को ड्राफ्ट करने उसकी भाषा या कंटेंट पर आम सहमती बनाने के प्रयास किये जा रहे है|ये आत्म विश्वास आज दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सरकार ने व्यक्त किया| वित्त मंत्री पी चिदम्बरम+संसदीय कार्यमंत्री कमल नाथ और सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस में यह विश्वास व्यक्त किया|

सरकार स्थिर है और इसकी पतवार सशक्त हाथों में है: श्रीलंका के तमिलों के हितों की चिंता है

सरकार स्थिर है और इसकी पतवार सशक्त हाथों में है: श्रीलंका के तमिलों के हितों की चिंता है


इन तीनो वक्ताओं ने इंग्लिश +तमिल और हिंदी भाषा में मीडिया को संबोधित करते हुए बताया के कुछ दलों द्वारा प्रस्ताव के लिए कुछ सुझाव या आपत्तियां दी गई हैं उन पर चर्चा जारी है कुछ ही समय में इस पर निर्णय ले लिया जा जाएगा|
उन्होंने कहा की सरकार की कमजोरी का सवाल ही पैदा नहीं होता अभी बीते दिन ही आम आदमी के हित में बिल पास कराया है और ऐसा ही आगे भी कर लिया जाएगा| ९ सालों से लगातार घटक दलों के सहयोग से सरकार चला रहे है कभी बहुमत का प्रश्न नहीं आया अभी भी नहीं आएगा|
उन्होंने घटना क्रमका ब्यौरा देते हुए बताया कि तमिल नाडू में सत्ता रुड जयललिता की सरकार ने केंद्र को एक पत्र लिखा था जिसमे यूं एन में बनाए जा रहे प्रस्ताव में संशोधन के लिए कहा गया था कमोबेश यही मांग उनकी विरोधी डी एम् के ने भी की थी मगर बाद में करूणानिधि ने स्टेंड में थोड़ा परिवर्तन कर लिया| श्रीलंका में तमिलों के हितों के लिए स्वर्गीय इंदिरा गांधी और राजिव गांधी के समय से ही कांग्रेस के स्टेंड के विषय में सबको जानकारी है इसीलिए अब इसविषय को हल्का करने का कोई प्रयास नहीं किया जाएगा| अब केवल यूं एन के प्रस्ताव में संशोधन के लिए आम सहमती बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं|
गौरतलब है कि ५३९ सदस्यों वाली संसद में बहुमत सिद्ध करने के लिए २७१ सांसदों की जरुरत है| डी एम् के के १८ सदस्यों को हटाने के बाद भी सरकार अल्प मत में नहीं दिखती|
कांग्रेस के =२०२
एन सी पी =०९
बी एस पी=२१
रालोद=०५
जी डी एस =०३
सपा=२२
और अन्य =२२ हैं
अज के नए घटना क्रम में सपा ने राजनीतिक पैतरें दिखाने शुरू कर दिए हैं यदि सपा अपना सपोर्ट वापिस लेते है तब कुछ चिंता की बात होगी लेकिन सरकार के आत्म विशवास को देखते हुए २०० सांसदों वाली नितीश कुमार की पार्टी के स्टेंड को समझा जा सकता है|

इंदिरा गाँधी इंटर नॅशनल एयर पोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर प्रश्न चिन्ह

इंदिरा गाँधी इंटर नॅशनल एयर पोर्ट[आई जी आई]से करोडो की नशीली[ प्रतिबंधित] ड्रग्स और लाखों रुपयों का सोना पकड़ा गया है| पार्टियों में उत्तेजना बढ़ाने के लिए प्रयोग में लाई जा रही इस ड्रग [pseudoephedrine/cocaine]स्मगलिंग के आरोप मेंदिल्ली पोलिस और सी आई एस ऍफ़ द्वारा दो स्मगलरों को गिरफ्तार भी किया गया हैलेकिन सोने से जुड़े किसी व्यक्ति के व्हेयर एबाउट्स की जानकारी नहीं है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार मिजोरम[लुन्ग्लई] के दो शहरियों द्वारा ११५ किलोग्राम प्रतिबंधित ड्रग्स को म्यांमार ले जाने वाले थे|बताया जा रहा है कि आई जी आई एअरपोर्ट से प्राईवेट एयर लाइन्स स्पाइस जेट के प्लेन से गुवाहाटी ड्रग्स ले जी जाने वाली थे वहां से म्यांमार भेजी जानी थी|इसके अलावा इसी एअरपोर्ट के एक टायलेट से सफाई कर्मी[हाऊस कीपर]को एक अनक्लेम्ड पैकेट मिला जिसमे ७oo ग्राम के वजन वाले सोने के बिस्कुट मिले हैं|इसके मालिक के विषय में कोई जानकारी नहीं है|इस पैकेट को सी आई एस ऍफ़ के अधिकारियों द्वारा खुलवाया गया|
अति सुरक्षित और विश्व प्रसिद्द कहे जाने वाले आई जी आई एयर पोर्ट की ये दोनों घटनाएँ चौंकाने वाली है|
[१]बताया जा रहा है कि ड्रग्स स्मगलिंग के लिए स्मगलरों द्वारा प्राईवेट एयर लाइन्स का,[विशेष कर नार्थ ईस्ट ] इस्तेमाल किया जा रहा है| इस केस में स्पाईस जेट का नाम आया है तो इससे पूर्व सीमा पर तस्करी के लिए इंडिगो एयर लाइन्स के एक अधिकारी का नाम आ चुका है|इंडिगो एयर लाइन्स के केस में की गई कार्यवाही को अभी उजागर नहीं किया गया है| इसी बीच अब ये दूसरा केस सामने आ गया है|यह अपने आप में चिंता का विषय है|और डी जी सी ऐ की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है|

 इंदिरा गाँधी इंटर नॅशनल एयर पोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर प्रश्न चिन्ह

इंदिरा गाँधी इंटर नॅशनल एयर पोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर प्रश्न चिन्ह


[२] जगह जगह सुरक्षा कि द्रष्टि से कैमरे लगे है |सुरक्षा कर्मी है, इसके बावजूद सोने के बिस्कुट के पैकेट को टायलेट में छोड़ कर जाने वाले का कोई ट्रेस नहीं है|
आतंक वादियों की लगातार धमकियों के चलते सुरक्षा को मजबूत करने के आये दिन दावे किये जा रहे हैं मगर एयर लाइन्स के दुरूपयोग और अंजान पैकेट को टायलेट में छोडने से असामाजिक तत्वों के हौंसले साफ़ दिखाई दे रहे हैं|इनके प्रति इस प्रकार की लापरवाही जांच का विषय होने चाहिए |

डी एम् के की करुणा से महरूम होकर भी मन मोहणी सरकार तो कायम है हां शेयर जरुर गिर गए


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक प्रफुल्लित भाजपाई

ओये झाल्लेया मज़ा आ गया द्रविड़ मुनेत्र कडघम ने धाँसू मुनेत्र कडघम का रूप अख्तियार कर लिया है| ओये इन द्रविड़ों ने दिल्ली के आर्यों से लंका के खिलाफ कार्यवाही करने को कहना शुरू कर दिया है| चेन्नई गए पी चिदम्बरम+ ऐ के एंटोनी और गुलाम नबी की तिकड़ी भी करुणानिधि की करुणा नहीं पा सके| डी एम् के ने इस विषय पर यूं पी ऐ से अपने १८ सांसदों की सपोर्ट भी विडड्रा कर ली है| आरबीआई द्वारा रेपो और रिवर्स रेपो दरों में 25 आधार अंकों की कटौती के तमाम उपाय भी शेयर बाजारों को सम्भाल पाने में कामयाब नहीं रहे |ओये अब तो यूं पी ऐ की सरकार गिरे ही गिरे |हसादी सरकार बने ही बने|

डी एम् के की करुणा से महरूम होकर भी मन मोहणी सरकार तो कायम है हां शेयर जरुर गिर गए

डी एम् के की करुणा से महरूम होकर भी मन मोहणी सरकार तो कायम है हां शेयर जरुर गिर गए

झल्ला

सेठ जी ये दूर के सुहावने ढोल हैं सो ज्यादा खुश मत होवो|मन मोहनी सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे मायावती और मुलायम सिंह ने सपोर्ट को वापिस नहीं लिया है| इसीलिए सरकार तो स्थिर है हाँ शेयर बाज़ार जरुर सहम गया है|
सपा के नेता प्रोफ.रामगोपाल यादव ने तो डीएमके को ब्लैक मेलर तक बता दिया है| इसके अलावा भाजपा से रूठी रूठी जे डी यु का कुछ पता नहीं कब पाला बदल ले ,इसीलिए सेठ जी ये मन मोहणी सरकार कहीं नहीं जा रही| २०१४ में ऐ आई ऐ डी एम् के को ठिकाने लगाने के लिए ही ये सारी दंड बैठक हो रही है| हाँ इस चक्कर में बेचारे शेयर बाजारों में भारी गिरावट जरुर आ गई है | प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स २८५ .१० अंकों की गिरावट के साथ 19,००८ .१० पर और निफ्टी ८९ .३० अंकों की गिरावट के साथ 5,७४५ .९५ पर बंद हुआ है|

डीएमके के समर्थन वापिसी से सरकार को कोई खतरा नहीं मगर बाज़ार सहमा: सेंसेक्स दो सौ अंको से अधिक नीचे हुआ

 डीएमके के समर्थन वापिसी से सरकार को कोई खतरा नहीं मगर बाज़ार सहमा: सेंसेक्स दो सौ अंको से अधिक नीचे हुआ

डीएमके के समर्थन वापिसी से सरकार को कोई खतरा नहीं मगर बाज़ार सहमा: सेंसेक्स दो सौ अंको से अधिक नीचे हुआ

तमिलों के मुद्दे को लेकर डीएमके ने आज केंद्र सरकार से अपने १८ सांसदों के समर्थन वापसी का ऐलान कर दिया है|इससे सरकार की अस्थिरता की संभावना से इनकार किया जा रहा है मगर किसी राजनीतिक अनहोनी की आशंका से बाज़ार का लाल निशान बढने लग गया है|D M K के १८ सांसदों के अलग होने से यूं पी ऐ के पास २३० सांसद रह गए हैं |इस पार्टी के केंद्र में पांच मंत्री हैं|मगर अभी तक बाहर से समर्थन दे रही सपा+बसपा+आर जे डी [५९] का समर्थन जारी है|इसी के आधार पर सरकार पर किसी खतरे की आशंका से इनकार किया जा रहा है| वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने केबिनेट की मीटिंग से बाहर आ कर मीडिया को बताया कि सरकार अल्प मत में नहीं है |आवश्यक बहुमत सरकार के साथ है|
।आज बाजार तेजी का खुले थे लेकिन इस खबर के बाद दो सौ अंकों से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।[१२ पी एम्]
सेंसेक्स १९०७६ .२६ [-२१६ .९४[
निफ्टी ५७६५ .७५ [-६९ .५० ]

लाल कृषण अडवाणी ने खुशवंत सिंह को एक अद्भुत लेखक और उनकी पुस्तक को विचारप्रेरक पुस्तक बताया

एन डी ऐ के पी एम् इन वेटिंग ८५ वर्षीय [८ नवम्बर १९२७] लाल कृषण अडवाणी ने अपने ब्लॉग में 98 नाट आउट खुशवंत सिंह को एक अद्भुत लेखक: और उनकी नवीनतम पुस्तक ‘खुशवंतनामा : दि लेसन्स ऑफ माई लाइफ‘ को विचारप्रेरक पुस्तक बताया है| प्रस्तुत है अडवाणी के ब्लाग से साभार उनके विचार उनके ही शब्दों में :
पिछले महीने मुझे ‘खुशवंतनामा : दि लेसन्स ऑफ माई लाइफ‘ की एक प्रति प्राप्त हुई। 188 पृष्ठों की इस पुस्तक को मैं लगभग एक बार में ही पढ़ गया। पुस्तक पढ़ने के पश्चात् मुझे पहला काम यह लगा कि मैंने अपने कार्यालय से खुशवंत सिंह से सम्पर्क करने को कहा ताकि पेंगइन[Penguin] विंकिंग द्वारा प्रकाशित इस शानदार पुस्तक के लिए मैं उनको बधाई दे सकूं।
खुशवंत सिंह के घर पर फोन उठाने वाले व्यक्ति ने मेरे कार्यालय को सूचित किया कि वे फोन पर नहीं आ सकेंगे। एक संदेश यह दिया गया कि यदि आडवाणी खुशवंत सिंह ही को मिलना चाहते हैं तो शाम को आ सकते हैं। मैंने तुरंत उत्तर दिया कि आज शाम को मेरा अन्यत्र कार्यक्रम है लेकिन अगले दिन में निश्चित ही उनसे मिलने आऊंगा।

 लाल कृषण अडवाणी ने खुशवंत सिंह को एक अद्भुत लेखक और उनकी पुस्तक को विचारप्रेरक पुस्तक बताया

लाल कृषण अडवाणी ने खुशवंत सिंह को एक अद्भुत लेखक और उनकी पुस्तक को विचारप्रेरक पुस्तक बताया


खुशवंत सिंह का जन्म 2 फरवरी, 1915 को हुआ। इसलिए जब फरवरी, 2013 में यह पुस्तक प्राप्त हुई तो मैं जानता था कि उन्होंने अपने जीवन के 98 वर्ष पूरे कर 99वें में प्रवेश किया है!
मैंने किसी और अन्य लेखक को नहीं पढ़ा जो सुबोधगम्यता के साथ-साथ इतना सुन्दर लिख सकता है, और वह भी इस उम्र में। इसलिए इस ब्लॉग के शीर्षक में मैंने न केवल पुस्तक अपितु लेखक की भी प्रशंसा की है।
पुस्तक की शुरुआत में शेक्सपियर की पंक्तियों को उदृत किया गया है:

दिस एवव ऑल, टू थाइन ऑन सेल्फ बी टू्र
एण्ड इट मस्ट फॉलो, एज दि नाइट दि डे,
थाऊ कांस्ट नॉट दैन बी फाल्स टू एनी मैन।
हेमलेट एक्ट-1, सीन III

(भावार्थ: जो व्यक्ति अपने बारे में ईमानदार होगा वही दूसरों के बारे में झूठा नहीं हो सकता।)
मैं यह अवश्य कहना चाहूंगा कि यह पुस्तक मन को हरने वाले प्रमाण का तथ्य है कि खुशवंत सिंह ने अपने बारे में लिखते समय भी उन्होंने असाधारण साफदिली के साथ लिखा है। उनके परिचय के पहले दो पैराग्राफ उदाहरण के लिए यहां प्रस्तुत हैं:
”परम्परागत हिन्दू मान्यता के अनुसार अब मैं जीवन के चौथे और अंतिम चरण संन्यास में हूं। मैं कहीं एकांत में ध्यान लगा रहा होऊंगा, मैंने इस दुनिया की सभी चीजों से लगाव और अनुराग छोड़ दिया होगा। गुरु नानक के अनुसार, नब्बे की आयु में पहुंचने वाला व्यक्ति कमजोरी महसूस करने लगता है, इस कमजोरी के कारणों को नहीं समझ पाता और निढाल सा पड़ा रहता है। अपने जीवन के इस मोड़ पर मैं अभी इनमें से किसी भी अवस्था में नहीं पहुंचा हूं।
अठानवें वर्ष में, मैं अपने को सौभाग्यशाली मानता हूं कि हर शाम को सात बजे मैं अभी भी माल्ट व्हिस्की के एक पैग का आनन्द लेता हूं। मैं स्वादिष्ट खाना चखता हूं, और ताजा गपशप तथा घोटालों के बारे में सुनने को उत्सुक रहता हूं। मुझसे मिलने आने वाले लोगों को मैं कहता हूं कि यदि किसी के बारे में आपके पास अच्छा कहने के लिए नहीं है, तो आओ और मेरे पास बैठो। मेरे आस-पास की दुनिया के बारे में जानने की उत्सुकता मैंने बनाए रखी है; मैं सुंदर महिलाओं के साथ का आनन्द लेता हूं; मैं कविताओं और साहित्य तथा प्रकृति को निहारने का आनंद उठाता हूं।”
प्रस्तावना के अलावा पुस्तक में सोलह अध्याय हैं। एक पूर्व पत्रकार होने के नाते यह तीन विशेष मुझे ज्यादा पसंद आए:
1- दि बिजनेस ऑफ राइटिंग
2- व्हाट इट टेक्स टू बी ए राइटर
3- जर्नलिज्म दैन एण्ड नाऊ
***‘डीलिंग विथ डेथ‘ शीर्षक वाले अध्याय में लेखक लिखता है :
वास्तव में मृत्यु के बारे में, मैं जैन दर्शन में विश्वास करता हूं कि इसका जश्न मनाना चाहिए। सन् 1943 में जब मैं बीसवें वर्ष में था तभी मैंने अपनी स्वयं की श्रध्दांजलि लिखी थी। बाद में यह लघु कहानियों के मेरे संस्करण में ‘पास्चुमस‘ (मरणोपरांत) शीर्षक से प्रकाशित हुई थी। इसमें मैंने कल्पना की कि दि ट्रिब्यून ने अपने मुखपृष्ठ पर एक छोटे चित्र के साथ मेरी मृत्यु का समाचार प्रकाशित किया है। शीर्षक इस तरह पढ़ा जाएगा: ‘सरदार खुशवंत सिंह डेड; और आगे छोटे अक्षरों में प्रकाशित होगा: गत् शाम 6 बजे सरदार खुशवंत सिंह की अचानक मृत्यु की घोषणा करते हुए खेद है। वह अपने पीछे एक युवा विधवा, दो छोटे बच्चे और बड़ी संख्या में मित्रों और प्रशंसकों…. को छोड़ गए हैं। दिवगंत सरदार के निवास पर आने वालों में मुख्य न्यायाधीश के निजि सचिव, अनेक मंत्री और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे।‘
पुस्तक के अंत में एक अध्याय ”ट्वेल्व टिप्स टू लिव लॉन्ग एण्ड बी हैप्पी” (लंबे और प्रसन्न जीवन के बारह टिप्स) शीर्षक से इसमें है। मेरी सुपुत्री प्रतिभा ने मुझे कहा: ”इस पुस्तक को पढ़े बगैर ऐसा लगता है कि खुशवंत सिंह द्वारा बताए गए टिप्स में से अधिकांश का आप पालन कर रहे हैं। इस पुस्तक में बताए गए टिप्स में से दो अत्यन्त मूल्यवान यह हैं: अपना संयम बनाए रखें, और झूठ न बोलें! और आप लगभग सहज भाव से दोनों का पालन करते हैं।”
पुस्तक का अंतिम अध्याय स्मृतिलेख (एपटैफ) है जोकि निम्न है:
जब मैं नहीं रहूंगा तब मुझे कैसे स्मरण किया जाएगा? मुझे एक ऐसे व्यक्ति के रुप में स्मरण किया जाएगा जो लोगों को हंसाता था। कुछ वर्ष पूर्व मैंने अपना ‘स्मृति लेख‘ लिखा था:
यहां एक ऐसा शख्श लेटा है जिसने न तो मनुष्य और न ही भगवान को बख्शा,
उसके लिए अपने आंसू व्यर्थ न करो, वह एक समस्या कारक व्यक्ति था,
शरारती लेखन को वह बड़ा आनन्द मानता था,
भगवान का शुक्रिया कि वह मर गया, एक बंदूक का बच्चा।
-खुशवंत सिंह
रविवार 3 मार्च, 2013 को मैं सरदार खुशवंत सिंह से मिलने नई दिल्ली स्थित उनके निवास स्थान सुजान सिंह पार्क (उनके दादा के नाम पर) गया। मैंने उन्हें इस पुस्तक को लिखने पर हार्दिक बधाई दी और उनका अभिनंदन किया। चाय पीते हुए उस स्थान पर एक घंटा आनन्द से गुजारा। मैं उनकी पुत्री माला से भी मिला जो साथ वाले फ्लैट में रहती हैं और उनकी अच्छे ढंग से देखभाल करती हैं।

प्रॉफिट मेकिंग इंडिगो एयर लाइन्स से हर्जाना वसूलने में देरी तो अन्दर की बात ही हो सकती है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक हवाई यात्री

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है ?सबसे सस्ती+सुरक्षित +समयबद्ध हवाई यात्रा कराने के बड़े बड़े ड्रम पीटने वाली प्राईवेट एयर लाइन्स लगातार यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने लग गई है| नंबर वन प्रॉफिट मेकिंग इंडिगो एयर लाइन्स की फ्लाईट ६ ई ४३३ को ही ले लो | इस महीने के प्रारम्भिक दूसरे हफ्ते के वीक एंड में चंडीगढ़ से मुम्बई आ रही इस फ्लाईट में सवार १४० यात्रियों की जान जाते जाते बची | ओये ये भारी भरकम जहाज़ एयर पोर्ट पर ही फिसल गया और रन वे की लाईटें वाईटें तोड़ दी | आधे घंटे से अधिक समय तक ट्रेफिक प्रभावित रहा | नागरिक उड्डयनमहानिदेशक[डी जी सी ऐ] ने जांच करने के बात कही थी मगर की जांच शुरू होने के कोई आसार नज़र नहीं आ रहे|प्रॉफिट मेकिंग इंडिगो एयर लाइन्स कम्पनी से लाईटों के डैमेज कास्ट के साथ ही आधे घंटे तक प्रभावित हुए ट्रेफिक का हर्जाना भी वसूलना चाहिए लेकिन इनका मंत्रालय चुप्पी ही नही तोड़ रहा |लगता है के इन चेतावनियों से कोई सबक नही लिया जा रहा |कोई बड़ी दुर्घटना होने पर ही इनका सम्मोहन टूटेगा|

प्रॉफिट मेकिंग इंडिगो एयर लाइन्स से हर्जाना वसूलने में देरी तो अन्दर की बात ही हो सकती है

प्रॉफिट मेकिंग इंडिगो एयर लाइन्स से हर्जाना वसूलने में देरी तो अन्दर की बात ही हो सकती है

झल्ला

भापा जी आप जी की चिंता वाजिब है+दुरुस्त है+सही है+उचित है| प्रॉफिट मेकिंग प्राईवेट इंडिगो एयर लाइन्स अगर सरकारी रनवे को डैमेज करते है और एयर ट्राफिक को प्रभावित करते है इस पर भे उससे जुर्माना वसूलने में डी जी सी ऐ ढिल मिठाईयां कर रहा है तो ये अन्दर की ही बात हो सकती है

रालोद अपने पारंपरिक किसान वोट बैंक की तरफ लौटा :प्रदेश अध्यक्ष ने दी निर्णायक लड़ाई की चेतावनी

[मेरठ]राष्ट्रीय लोक दल[रालोद] ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने उखाड़े जा रहे पैरों को पुनः जमाने के लिए अपना पुराना आजमाया हुआ पारंपरिक गन्ना मन्त्र जपना शुरू कर दिया है|रालोद प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने १८ मार्च सोमवार को मेरठ के सर्किट हॉउस में प्रेस कांफ्रेंस की और गन्ना किसानो के हितो को लेकर प्रदेश में सत्ता रुड सपा सरकार पर जम कर प्रहार किये| उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की मौजूदा सरकार में गन्ना किसानों की हालत दिनोंदिन बिगड़ रही है। सरकार के ढुलमुल रवैए से गन्ने की बकाया रकम किसानों को नहीं मिल पा रही। उन्होंने मिल मालिको के प्रति सरकार के विशेष प्रेम पर हमला बोलते हुए कहा कि केवल निजी मिलों पर किसानों का

साड़े चार हज़ार करोड़ रुपये बकाया

है। हालात देखकर ऐसा लगता है जैसे

साठगांठ से सपा राज में गन्ना माफिया पैदा हो गए हैं

। यह आरोप लगाते हुए रालोद के प्रदेश अध्यक्ष चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार के इस रवैए के विरोध में पार्टी निर्णायक आंदोलन करेगी।

रालोद अपने पारंपरिक किसान वोट बैंक की तरफ लौटी :प्रदेश अध्यक्ष चौहान ने दी निर्णायक लड़ाई की चेतावनी

रालोद अपने पारंपरिक किसान वोट बैंक की तरफ लौटी :प्रदेश अध्यक्ष चौहान ने दी निर्णायक लड़ाई की चेतावनी


सर्किट हाउस में चौहान ने कहा कि गेहूं, धान, गन्ना पर सरकार ने 50 % बोनस देने की घोषणा की थी, लेकिन जब रालोद ने विधानसभा में इसे उठाया तो आर्थिक हालत ठीक न होने की बात कहकर बोनस देने से इनकार कर दिया गया | रालोद इस मुद्दे को नहीं छोड़ेगा। किसानों की लागत 25 % तक बढ़ी है, ऐसे में उन्हें बोनस मिलना ही चाहिए। इतना ही नहीं आलू किसानों की भी इस सरकार में हालत खस्ता हो चली है। मूल्य घोषित नहीं होने से उचित दाम मिल नहीं पा रहे। भंडारण के लिए कोल्ड स्टोरेज की ओर से पौने दो रुपये प्रति किलों का किराया भी उनकी कमर तोड़ रहा है।
राजनीतिक घटनाक्रम पर उन्होंने कहा कि

पार्टी का सदस्यता अभियान

12 मार्च तक सदस्यता अभियान चलेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी मौजूदा समय में प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए मजबूत नहीं है, लेकिन संगठन मजबूत कर रालोद २०१७ के स्टेट एसेम्बली चुनावों में अकेले मैदान में उतरेगा।
गौरतलब है कि केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री चो.अजित सिंह की पार्टी रालोद को लगातार प्रदेश की राजनीती में झटके मिल रहे हैं |दो सांसद पार्टी छोड़ गए+ मेरठ में हाई कोर्ट की बेंच+मेरठ में ही एयर पोर्ट+ ड्रीम प्रोजेक्ट महाभारत सर्किट+के प्रति राज्य सरकार की अदावत तो पहले ही उजागर हो चुकी थी अब किसानो की लड़ाई में सरदार वी एम् सिंह से चुनौती मिलने लगी है| बताते चलें कि गन्ना किसानो के बकाये के भुगतान को लेकर वी एम् सिंह पिछले २१ दिनों से कमिशनरी चौराहे पर धरना दे रहे हैं और रोजाना नया समर्थन हासिल कर रहे है|ऐसे में रालोद ने अपने पारंपरिक वोट किसान वोट बैंक की तरफ लौटना शुरू कर दिया है|

आर जी पी जी कालेज में ग्रीन सिटी माडल पर आयोजित प्रदर्शनी में अनेकों प्रस्तुतियां सराही गई

रघुनाथ गर्ल्स पोस्ट ग्रेजुएट में ग्रीन सिटी माडल पर अंतरमहा विद्यालय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया|अनेकों आकर्षक माडल प्रस्तुत किये गए| डिप्टी रजिस्ट्रार डा. नारायण प्रसाद मुख्य अतिथि रहे|

आर जी पी जी कालेज में ग्रीन सिटी माडल पर आयोजित प्रदर्शनी में अनेकों प्रस्तुतियां सराही गई

आर जी पी जी कालेज में ग्रीन सिटी माडल पर आयोजित प्रदर्शनी में अनेकों प्रस्तुतियां सराही गई


डा. सीमा जैन +सुन्दरी बाला शर्मा +के अलावा +डाक्टर दीपक शर्मा डा. सुधा गोयल+डा. अनुपमा सिंह+ सीमा अग्रवाल+अनुजा अग्रवाल+शिल्पी अग्रवाल+श्रीमती आरती+बबिता शर्मा ने विभिन्न महत्त्व पूर्ण भूमिकाये निभाई|

भारतीय पत्रकार बॉबी घोष बने टाइम इंटरनेशनल पत्रिका के नए संपादक

 भारतीय पत्रकार बॉबी घोष बने टाइम इंटरनेशनल पत्रिका के नए संपादक

भारतीय पत्रकार बॉबी घोष बने टाइम इंटरनेशनल पत्रिका के नए संपादक

भारतीय पत्रकार बॉबी घोष को टाइम इंटरनेशनल पत्रिका का नया संपादक नियुक्त किया गया है। समाचार एजेंसी भाषा द्वारा जारी एक समाचार के अनुसार भारतीय पत्रकार बॉबी घोष को समाचार पत्रिका टाइम्स इंटरनेशनल का अंतरराष्ट्रीय संपादक 15 मार्च 2013 को नामित किया गया. इन्होंने जिम फ्रेडरिक का स्थान लिया| टाइम्स इंटरनेशनल के सम्पादक नियुक्त होने के पूर्व बॉबी घोष टाइम्स के उपसंपादक, अंतरराष्ट्रीय (डिप्टी इंटरनेशनल एडिटर) थे. इस पत्रिका के इतिहास में पहली बार गैर अमरीकी बॉबी घोष को संपादक बनाया गया.
श्री घोष ने अपने करियर की शुरुआत विशाखापट्नम में डेक्कन क्रॉनिकल से की थी| भारत में 10 वर्षो तक पत्रकार रहे|