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Category: Politics

आप पार्टी ने तीसरी लिस्ट में आठ विधान सभाओं के लिए अट्ठारह उम्मीदवारों को फाईनल किया

[दिल्ली ]आम आदमी पार्टी[आप]ने आज तीसरी लिस्ट जारी करके ८ विधान सभा छेत्रों के लिए १८ प्रत्याशियों को फायनल किया है जिनमे से ८ महिलायें हैं|
ये आठ छेत्र हैं[१] Ballimaran, [२] Delhi Cantt,[३] Hari Nagar, [४]Karawal Nagar,[५] Mangolpuri,[६] Narela, [७]Sangam Vihar [८] Timarpur.
कुल ९५ आवेदनों में से १८ आवेदकों को चुना गया है|

भाजपा ने उत्तराखंड में प्रस्तावित जेल भरो आन्दोलन को फिलहाल स्थगित किया

भाजपा ने उत्तराखंड में अपने प्रस्तावित जेल भरो आन्दोलन को फिलहाल स्थगित करने की घोषणा की है|उत्तराखंड में बाड़ के रोप आई प्राकृतिक आपदा के चलते यह स्थगन किया गया है|पार्टी की वेब साईट पर यह घोषणा की गई है|
गौरतलब है कि ८ से ९ जून को गोवा में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कांग्रेस की नीतियों के विरोध में १७ से ३० जून तक देश भर में सत्याग्रह और जेल भरो आन्दोलन छेड़ने की घोषणा की थी| २५ -२६ जून को देश में इमरजेंसी लगाई गई थी | इस काले दिन की याद दिलाने के लिए भी जेल भरो आन्दोलन का निर्णय लिया गया है| पिछले दिनों उत्तराखंड में बाड़ से हुई भरी तबाही के कारण भाजपा ने अपने प्रस्तावित जेल भरो आन्दोलन को उत्तराखंड के लिए स्थगित कर दिया है|

बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज़ करवाने के लिए समाजवादियों को भी उ.प्र. में झंडे उठाने पड़ गए

[मेरठ]उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर विपक्ष तो आरोप लगाता ही आ रहा है लेकिन आज सत्ता रुड समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी मजबूरन मेरठ पोलिस से न्याय पाने के लिए पार्टी का झंडा उठाना पड़ गया|
स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं ने आज पोलिस अधिकारियों के खिलाफ वरिष्ठ पोलिस अधीक्षक के समक्ष प्रदर्शन किया और नारे लगाये तब जा कर विभागीय चैनलों से होते हुए अपराध की ऍफ़ आई आर लावड थाणे में दर्ज़ की गई|धारा ३७६+५२३ आदि में रिपोर्ट दर्ज़ की गई है|
गौरतलब है कि एक जेठ प़र अपनी छोटी भाभी के साथ बलात्कार करके उसे घर से निकलने का आरोप लगाया गया है| लेकिन इस विषय में लावड थाणे में ऍफ़ आई आर दर्ज़ नही की गई|ऊपर से नीचे तक सभी जगह तालम टोल ही चलती रही| पार्टी के महानगर सचिव शाहनवाज कुरैशी के अनुसार पार्टी के महानगर अध्यक्ष और एस एस पी के हस्तक्षेप के बावजूद थाना प्रभारी रिपोर्ट लिखने को तैयार नही हुए|इसी से मजबूर होकर आज कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी के झंडे उठालिये और वरिष्ठ पोलिस अधिकारिओं के समक्ष रोष प्रकट किया|

ऑटो चालाक के चालान के विरुद्ध “आप “पार्टी न्यायलय जायेगी

आम आदमी पार्टी[आप]अब दिल्ली के ऑटो चालकों के समर्थन में खुल कर आ गई है|आप ने ऑटो चालाक के चालान के विरुद्ध न्यायलय के द्वार खटखटाने की घोषणा की है |पोस्टर लगाने के कारण ऑटो चालक का चालान किया गया है|ऑटो चालक अशोक कुमार को आम आदमी पार्टी ने हर संभव देगी सहायता देने का आश्वासन दिया है|
ऑटो के पीछे पोस्टर नहीं लगाने के दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार के तुगलकी फरमान का शिकार सोमवार(17 जून) को दिल्ली के एक ऑटो चालक अशोक कुमार हो गए.| अशोक को ट्रैफिक पुलिस ने दक्षिण दिल्ली के कालकाजी मंदिर की रेडलाइट पर रोका और उनका चालान कर दिया.| चालान रसीद पर पुलिस ने लिखा है कि अशोक कुमार ने अपने ऑटोरिक्शा पर शीला दीक्षित और अरविंद केजरीवाल की तस्वीर वाला एक पोस्टर चिपका रखा है इसलिए उनका चालान किया जाता है.| पुलिस ने अशोक का ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया और उन्हें 10 जुलाई को साकेत कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने हाजिर होने का आदेश दिया है.
आम आदमी पार्टी ऑटोचालकों को परेशान करने की इस सरकारी कार्रवाई की कड़ी निंदा करती है. पार्टी ने ऑटो के पीछे किसी भी तरह का विज्ञापन लगाने से रोकने वाले शीला दीक्षित सरकार के फरमान को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की है. पार्टी सरकार के इस जनविरोधी आदेश को निरस्त करने संबंधी एक याचिका जल्द ही अदालत में दायर करने वाली है. आम आदमी पार्टी ऑटो चालकों के साथ खड़ी है और उन्हें शीला सरकार द्वारा की जा रही मनमानी से बचाने के लिए हरसंभव सहायता देगी.

पंथ विरोधी कार्यवाही के लिए परमजीत सिंह सरना के विरुद्ध श्री अकाल तख़्त में भी फरयाद

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी[ DSGMC ] के पूर्व अध्यक्ष अवतार सिंह हित और वरिष्ठ अकाली नेता कुलदीप सिंह भोगल[अखिल भारतीय १९८४ दंगा पीड़ित राहत कमिटी] ने सिखों की सर्वोच्च न्यायलय श्री अकाल तख्त साहब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह से मुलाकात की और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के पूर्व अध्यक्ष परम जीत सिंह सरना के विरुद्ध पंथक नियमों के अंतर्गत कार्यवाही की मांग की है| ज्ञानी जी ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है| ज्ञानी गुरबचन सिंह से मुलाक़ात के पश्चात अमृतसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए इन्होने बताया के सरना पलायन वादी मानसिकता के अंतर्गत पंथ विरोधी कार्य कर रहे हैं| यहाँ तक की अकाल तख़्त के तलब किये जाने पर भी सरना यहाँ हाजरी भरने नही आये|
सरना ने ही बाला साहब और गुरुद्वारा बँगला साहब [नवम्बर २००९+२०१०+२०११] में १९८४ में मारे गए सिखों की आत्मा की शांति के लिए बुकिंग के पश्चात भी अखंड पाठ नही रखने दिया | मार्च २०१२ में बी एल कपूर को कब्जा देने के समय गोली और आंसू गेस तक चलवाए गए और अखंड पथ को खंडित किया गया|इन सभी आरोपों को संज्ञान में लेकर सरना के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की गई है|इन्होने बताया के श्री अकाल तख़्त के जत्थेदार ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है|

१९८४ के सिख कत्लेआम के पीड़ित परिवारों ने आज परमजीत सिंह सरना के निवास के बाहर प्रदर्शन किया और पुतला फूँका

जस्टिस फार विक्टिम्स की प्रमुख बीबी निरप्रीत कौर ने आज १९८४ के सिख कत्लेआम के पीड़ित परिवारों के साथ दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना के निवास के बाहर धरना +प्रदर्शन किया और सरना का पुतला फूँका|

 १९८४ के सिख कत्लेआम के पीड़ित परिवारों ने आज परमजीत सिंह सरना के निवास के बाहर प्रदर्शन किया और पुतला फूँका

१९८४ के सिख कत्लेआम के पीड़ित परिवारों ने आज परमजीत सिंह सरना के निवास के बाहर प्रदर्शन किया और पुतला फूँका

पंजाबी बाग़ रिंग रोड पर सरना का पुतला फूंकते समय ट्रेफिक जाम की स्थिति रही|इस अवसर पर बीबी निरप्रीत कौर ने कहा कि १९८४ में सिखों ने संताप झेला है इसका न्याय नहीं मिला है २९ साल बाद इसके जख्म आज भी ज़िंदा हैं| उन्होंने बताया कि न्याय तो दूर रहा पीड़ितों की यादगार बनाने के लिए दिल्ली कि सरकार ने जमीन तक देने से इनकार का दिया|इस कारण अब गुरुद्वारा रकाब गंज परिसर में मेमोरियल बनाने का निर्णय लिया गया है तो पूर्व अध्यक्ष सरना अपने राजनीतिक फायदे के लिए ना केवल इसका विरोध कर रहे हैं वरन कांग्रेस सरकार के इशारों पर उच्च नयायालय में गलत हलफ नाम तक डाल रहे हैं| सरना ने कहा है कि १९८४ के दंगों को सिख भूल चुके हैं और सिखों को शहीद का दर्जा नही दिया गया है|
इस पर प्रति प्रश्न उठाते हुए कौर ने पूछा है कि अगर १९८४ के कत्लेआम में मारे गए सिख शहीद नही थे तो क्या सरना के दामाद[पोंटी चड्डा] शहीद हैं जो सारी उम्र शराब का व्यवसाय करते रहे और पारिवारिक संपत्ति के विवाद में मारे गए|

भाजपा ने ईरान के नए राष्ट्रपति हसन रोहनी को बधाई दी

प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह ने ईरान के नए राष्ट्रपति श्री हसन रोहनी [ Mr. Hassan Rohani ] को बधाई दी है| सोशल साईट ट्विटर और पार्टी की वेब साईट पर दी गई इस बधाई में राज नाथ सिंह ने यह कामना की है कि नए राष्ट्रपति के कार्यकाल में उदारचित और मोडरेट विचार धारा को बल मिलेगा| मोडरेट और स्थिर ईरान के अस्तित्व से छेत्र में शांति रहेगी| इससे ईरान कि समस्यायों को आसानी से सुलझाया जा सकेगा| उल्लेखनीय है कि श्री हसन ने कुल 72% वोटों का आधा [ जो कि लगभग १८ मिलियन है ] लेकर विजय श्री प्राप्त की है| उदार छवि के श्री हसन वर्तमान राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद का स्थान लेंगे

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एन डी ऐ से छिटके जे डी यूं के सांसद पार्लियामेंट के मानसून सत्र में कांग्रेस के खाद्य सुरक्षा यौजना की संजीवनी हो सकते हैं

सत्ता के गलियारों में जे डी यूं और भाजपा के रिश्तों के विषय में पिछले कुछ समय से तैर रही फुसफुसाहट ने अब हकीकत का जामा पहन लिया है|जे डी यूं ने आखिर कार एन डी ऐ के १७ साल गठबंधन को तोड़ने का एलान कर ही दिया|इसके तात्कालिक प्रभाव के रूप में भाजपा के ११ मंत्री बिहार सरकार से निकाले गए और एन डी ऐ के संयोजक के पद को आदर्शवादी शरद यादव ने छोड़ दिया लेकिन यह किस्सा यही खत्म नही होता , इस का असली प्रभाव संसद के मानसून सत्र में भी दिखाई दे सकता है|

एन डी ऐ से छिटके जे डी यूं के सांसद पार्लियामेंट के मानसून सत्र में कांग्रेस के खाद्य सुरक्षा यौजना की संजीवनी हो सकते हैं

एन डी ऐ से छिटके जे डी यूं के सांसद पार्लियामेंट के मानसून सत्र में कांग्रेस के खाद्य सुरक्षा यौजना की संजीवनी हो सकते हैं

एन डी ऐ का गठबंधन १७ साल पुराना था इन्होने मिल जुल कर केंद्र और राज्यों में सत्ता सुख भोगा है|बिहार में अभी भी जे डी यूं और भाजपा का गठबंधन की सरकार चल रही थी |ऐसे में यकायक क्या हो गया कि सत्ता के इन दोनों भागीदारों को अपना मार्ग बदलना पड़ गया| जानकारों का मानना है कि यह निर्णय यकायक नही आया है|हाल ही में जे डी यूं ने दिल्ली में सालाना सम्मलेन किया और उसमे भाजपा से अलग होने और केंद्र के नजदीक जाने के संकेत दे दिए थे|भाजपा के नरेन्द्र मोदी की खिलाफत के साथ ही बिहार को विशेष दर्जा देने पर केंद्र सत्ता रुड कांग्रेस से नजदीकियों का इशारा भी किया गया| जाहिर ऐसे में पुराने सहयोगियों से अलग होने के लिए फेस सेविंग जरुरी होती है और इसके लिए सुअवसर की प्रतीक्षा भी की जाती है| बिहार के महाराज गंज में लोक सभा के उप चुनाव में सत्ता रुड जे डी यूं की अपने चिर प्रतिद्वंदी लालू प्रसाद यादव के हाथों करारी हार हो गई|इस घटना से अपने राजनितिक भविष्य से विचलित पार्टी के लिए फेस सेविंग का अवसर तलाशने की छटपटाहट होनी स्वाभाविक है|
इसीबीच भाजपा में हुए टुर्मोइल [उथल पुथल]ने भी जे डी यूं को अवसर प्रदान कर दिया |भाजपा के चुनाव कमेटी के प्रभारी के रूप में नरेन्द्र मोदी की नियुक्ति ने यह अवसर भी दे दिया|और जे डी यूं ने इसी आधार पर भजपा से दूरी की घोषणा कर दी|इस अलगाव को नितीश कुमार जरुरी बता रहे हैं तो भाजपा की श्री मति सुषमा स्वराज +राज नाथ सिंह दुर्भाग्यपूर्ण बता रहे है|एन डी ऐ के दूसरे मुख्य घटक एस ऐ डी के नरेश गुजराल ने इसे स्थाई तलाक के बजाय अस्थाई अलगाव [ सेपरेशन ] बताया है| प्रकाश सिंह बादल ने भाजपा का साथ देने के संकल्प को दोहराया है|शिव सेना के राउत इसमें कांग्रेस का फायदा देख रहे हैं|
इस सारे घटना क्रम में यूं पी ऐ के एक साथी लालू प्रसाद यादव खुल कर नितीश को अवसर वादी और मुस्लिम वोटों के लोलूप बता रहे हैं लेकिन कांग्रेस की तरफ से बेहद सधी हुई और सतर्क प्रतिक्रिया आ रही है|प्रवक्ता सलीम ने नितीश कुमार को बधाई दी है| २४३ सदस्यों वाली बिहार विधान सभा में जे दी यूं के कुल ११८ सदस्य है और उन्हें केवल चार एम् एल ऐ और चाहियें जो सरलता से उपलब्ध हो जायेंगे ऐसे में १९ जून को नितीश बहुमत सिद्ध कर ही देंगे| इसके पश्चात भाजपा नरेन्द्र मोदी के नाम पर पिछड़ा कार्ड खेलने से नहीं चूकेगी और इसका प्रभाव नितीश सरकार पर पड़ना स्वाभाविक होगा| संसद का मानसून सत्र प्रारम्भ होना है | कांग्रेस के लिए खाद्य सुरक्षा यौजना को परवान चडाने के लिए संसद में बहुमत हासिल करना जरुरी है |२२ सांसदों वाले सपा के मुलायम सिंह यादव ने कांग्रेस के विरुद्ध अपने तेवर दिखा दिए हैं ऐसे में जे डी यूं के इतने ही सांसद प्राण दाई स्पोर्ट दे सकते हैं |यह कहना अभी परिकल्पित [ |HYPOTHETICAL ] कहा जा सकता है कि बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा लिए बगैर भी जे दी यूं के सांसद कांग्रेस का संसद में विरोध नही करेंगे| अगर जे दी यूं इस मुद्दे का बहिष्कार भी करती है तो भी यह इनके रुख को तो साफ़ ही कर करेगा| शायद यही आदर्शवादी नितीश कुमार और शरद यादव का लिटमस टेस्ट भी होगा|

परमजीत सिंह सरना को १९८४ सिख कत्लेआम यादगार का विरोध महंगा पड़ने लगा: पीड़ित सरना निवास के बाहर धरना देंगें

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी[DSGMC ] के पूर्व चेयरमैन सरदार परमजीत सिंह सरना को गुरुद्वारा रकाब गंज में बनने वाले १९८४ सिख कत्लेआम यादगार के निर्माण का विरोध महंगा पड़ने लगा है| सिखों की सर्वोच्च न्यायलय श्री अकाल तख्त साहब ने दोष पत्र जारी करके सरना को तलब कर लिया है|इसके अलावा अब सुना जा रहा है कि १९८४ के दंगा पीड़ित सरना के घर का घेराव करने जा रहे हैं|
परमजीत सिंह सरना आज कल गुरुद्वारा श्री रकाब गंज साहब में बनने वाले १९८४ सिख कत्लेआम यादगार के निर्माण का विरोध कर रहे हैं उनके अनुसार गुरुद्वारापरिसरयह निर्माण नहीं होना चाहिए|इसके अलावा उन्होंने कोर्ट में भी हलफनामा देकर इस इन निर्माण को रुकवाने का प्रयास किया है|बताया जा रहा है कि हलफनामे में दी गई दलीलों से दंगा पीड़ितों कि भावनाओं को ठेस पहुंची है| प्राप्त जानकारी के अनुसार इसी का विरोध जताने के लिए सोमवार को दंगा पीड़ितों द्वारा सरना के निवास के बाहर धरना दिया जाएगा| | इससे पूर्व श्री अकाल तख्त साहब ने भी सरना को स्पष्टीकरण के लिए समन किया किया है|
जाहिर है धर्म में इस सियासत से परमजीत सिंह सरना के लिए मुश्किलें बढनी शुरू हो गई हैं|

अजय माकन ने केन्द्रीय मंत्री मंडल से इस्तीफा दिया:दिल्ली में शीला दीक्षित के विकल्प के रूप में उतारे जाने की सम्भावना

केंद्रीय आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री अजय माकन ने केन्द्रीय मंत्री मंडल से इस्तीफा दे दिया है|इससे अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया है| ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अभी और मंत्री भी इस्तीफा दे सकते हैं ताकि संगठन से कुछ लोगों को मंत्रालय में जगह दी जा सके। दिल्ली की राजनीती में सफल नेता माने जाने वाले माकन को दिल्ली राज्य में “आप” पार्टी के जवाब में देखा जा रहा है| इस्तीफा देने के बाद माकन ने कहा कि उन्होंने पार्टी के काम के लिए इस्तीफा दिया है।माकन (49) इससे पहले गृह राज्य मंत्री थे और बाद में उन्हें खेल एवं युवा मामलों का स्वतंत्र प्रभार संभाला। माकन को पिछले साल अक्टूबर में कैबिनेट दर्जा प्रदान किया गया।आअप पार्टी द्वारा ११ विधान सभा छेत्रों के उम्मीदवारों की सूची जारी किये जाने के दिन ही माकन का इस्तीफा आया है|ऐसे में माना जा रहा है के मुख्य मंत्री श्री मति शीला दीक्षित के रिप्लेसमेंट के रूप में माकन को दिल्ली राज्य में उतारा जा सकता है|
सूत्रों की माने तो युवा माकन को दिल्ली कांग्रेस में उच्च निर्णायक पद दिया जा सकता है|
गौरतलब है के दिल्ली की मौजूदा मुख्यमंत्री श्री मति दीक्षित पिछले 15 सालों से इस पद पर हैं। तीन बार लगातार महिला मुख्यमंत्री बनाने का रिकार्ड बना चुकी हैं|
कहा जाता है के इसी सफलता के चलते अब दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख जेपी अग्रवाल और अजय माकन के साथ शीला के साथ संबंध मधुर नहीं हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी और भाजपा लगातार शीला दीक्षित को निशाने पर ले रही हैं|
दिल्ली की राजनीति में दबदबा रखने वाले ललित माकन[स्वर्गीय] के भाई अजय माकन को यहां पर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के विकल्प के तौर पर भी पेश किया जाता है।