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Category: Social Cause

उपराष्ट्रपति ने गरिमा संजय लिखित ,बीती स्मृतियों को संजोये, पुस्तक “स्मृतियाँ” का लोकार्पण किया

उपराष्ट्रपति ने गरिमा संजय लिखित , पुस्तक “स्मृतियाँ” का लोकार्पण किया

उपराष्ट्रपति ने गरिमा संजय लिखित , पुस्तक “स्मृतियाँ” का लोकार्पण किया

उपराष्ट्रपति द्वारा गरिमा संजय लिखित पुस्तक “स्मृतियाँ” का लोकार्पण
उपराष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने आज यहाँ अपने निवास पर लेखिका एवं वृतचित्र निर्मात्री श्रीमती गरिमा संजय द्वारा लिखित पुस्तक “स्मृतियाँ” का लोकार्पण किया . इस अवसर पर उन्होंने लेखिका को एक उत्कृष्ट पुस्तक लिखने के लिये बधाई दी और उनके बेहतर रचनात्मक भविष्य के लिये शुभकामनाएँ दीं.
बीते जीवन की स्मृतियाँ ही मानव की सबसे बड़ी धरोहर होती हैं. अपनी खुशनुमा स्मृतियों में व्यक्ति विकट वर्तमान को भी भूल जाता है. स्मृतियों के ऐसे ही तानों-बानों से बुना है मर्मस्पर्शी उपन्यास “स्मृतियाँ”. पुस्तक इस तथ्य पर प्रकाश डालती है कि ज़िंदगी में हम व्यावसायिक स्तर पर अक्सर काफ़ी तरक्की कर लेते हैं, व्यावसायिक चुनौतियों का सामना भी डटकर करते हैं, लेकिन रिश्तों के मामले में अक्सर कमज़ोर पड़ जाते हैं। इन कमज़ोरियों को हम कभी किस्मत का नाम दे देते हैं, तो कभी अपनी हार का कारण फ़िल्मी कहानियों के ‘ख़लनायकों’ को बना देते हैं। जबकि हमारी भावनात्मक हार का कारण केवल हमारी अपनी ही भावनाओं को न स्वीकार कर पाने की कमज़ोरी होती है।

मलाला ने, चरमपंथियों की गोलियों के मुकाबिले, महिलाओं को किताब और पेन उठाने का आह्वाहन किया

मलाला ने, चरमपंथियों की गोलियों के मुकाबिले, महिलाओं को किताब और पेन उठाने का आह्वाहन किया

मलाला ने, चरमपंथियों की गोलियों के मुकाबिले, महिलाओं को किताब और पेन उठाने का आह्वाहन किया

चरमपंथियों की गोलियों के मुकाबिले एक किशोरी कन्या मलाला युसुफ़जई ने महिलाओं को किताब और पेन उठाने का आह्वाहन किया |पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने पर चरमपंथियों की गोलियों की शिकार बनी मलाला ने अपने 16वें जन्मदिन पर संयुक्त राष्ट्र के एक विशेष सत्र को आज संबोधित भी किया|इस अवसर पर मलाला ने कहा कि वो हर बच्चे को शिक्षा के अधिकार के लिए बात करने आई हैं.बीते साल अक्टूबर में पाकिस्तान की स्वात घाटी में तालिबान के हमले के बाद मलाला को इलाज के लिए इंग्लैंड लाया गया था और अब वह बर्मिंघम में रहती हैं
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में युवाओं के एक विशेष सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और दुनिया भर से आए 1000 से ज़्यादा छात्र-छात्राएं मलाला को सुनने के लिए मौजूद थे.
मलाला ने कहा वह बहुत-सी लड़कियों में से एक हैं जिन्होंने उनके लिए आवाज़ उठाई है जो अपनी बात खुद नहीं रख सकते.
मलाला ने सभी बच्चों के लिए मुफ़्त अनिवार्य शिक्षा का आहवान किया और कहा कि सिर्फ़ शिक्षा के माध्यम से ही जीवन स्तर सुधारा जा सकता है.
मलाला ने कहा कि तालिबान के हमले से उनकी ज़िंदगी में कुछ नहीं बदला सिवाय इसके कि “कमज़ोरी, डर और नाउम्मीदी ख़त्म हो गई.”
उन्होंने कहा, चरमपंथी किताब और कलम से डरते थे और अब भी डरते हैं. वह महिलाओं से भी डरते हैं.|
मलाला ने कहा कि वह महिला अधिकारों के लिए इसलिए संघर्ष कर रही हैं क्योंकि “उन्हीं को सबसे ज़्यादा भुगतना पड़ता है.”
उन्होंने कहा, “चलिए हम अपनी किताबें और पेन उठा लेते हैं. यही सबसे ताकतवर हथियार हैं. एक बच्चा, एक शिक्षक, एक पेन और एक किताब दुनिया को बदल सकते हैं. शिक्षा ही एकमात्र हल है.”
पूर्व ब्रितानी प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने सत्र का शुरुआती भाषण दिया| संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून + वुक[Vuk Jeremić ] +अहमद[ Ahmad Alhendawi,]ने भी सत्र को संबोधित किया.इससे १७ जून को पूर्व ब्राउन ने विश्व भर में एक अभियान चलाया था जिसके अनुसार प्रत्येक छात्र की सुरक्षा की मांग की गई थी | सबसे पहले मलाला ने साईन करके इस अभियान को आगे बढाया था|

एमएसआईपीएस आवेदनों का निपटारा शीघ्र होगा: संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्‍बल

केन्‍द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री श्री कपिल सिब्‍बल ने भारत में इलैक्‍ट्रोनिक सिस्‍टम डिजाईन और विनिर्माण (ईएसडीएम) क्षेत्र में 961 करोड़ रूपए के निवेशों को सरकारी वित्‍तीय मदद के संबंध में निवेश सिफारिशों का नई दिल्‍ली स्थित इलैक्‍ट्रोनिक्‍स निकेतन में 12 जुलाई, 2013 को उद्योग के प्रतिनिधियों, उद्योग संघों, एमएसआईपीएस आवेदकों और मीडिया की उपस्थिति में खुलासा कि‍या। बताय गया है कि नि‍वेश प्रस्‍ताव इस प्रकार होगा|
[१]. नोएडा में स्‍मार्ट फोन बनाने के लिए सैमसंग इंडिया इलैक्‍ट्रोनिक्‍स प्राईवेट लिमिटेड को 406 करोड़ रूपए के निवेश का प्रस्‍ताव है। यह परियोजना अगले छह महीने में शुरू होने की उम्‍मीद है।
[२]. बैंगलोर में इसीयू इंजन सिस्‍टम, इसीयू ब्रेक सिस्‍टम, बॉडी कम्‍प्‍यूटर मॉड्यूल जैसे ऑटोमोटिव इलैक्‍ट्रोनिक सामान बनाने के लिए बॉच ऑटोमोटिव इलैक्‍ट्रोनिक्‍स इंडिया लिमिटेड के लिए 544 करोड़ रूपए के निवेश का प्रस्‍ताव है। यह परियोजना तीन साल में पूरी हो जाएगी।
[३]. लाईटिंग उत्‍पादों में एलईडी बनाने के लिए सहसरा इलैक्‍ट्रोनिक्‍स प्राईवेट लिमिटेड के लिए 11.1 करोड़ रूपए के निवेश का प्रताव है।
इस परियोजना के पांच साल में पूरी होने की उम्‍मीद है।
सैमसंग और बॉच को उनके निवेश का 25 फीसदी सब्सिडी दिया जाएगा कयोंकि दोनों कंपनियां गैर-विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में नहीं है, ज‍बकि सहसरा की इकाई सेज इलाके में होने से उसे 25 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी। एमएसआईपीएस के तहत बड़े और छोटे निवेशों पर विशेष आर्थिक प्रोत्‍साहन दिया जाता है। यह आर्थिक प्रोत्‍साहन बिना किसी भेदभाव के बहुराष्‍ट्रीय कंपनियों से लेकर घरेलू कंपनियों को भी दिया जाता है।
इस मौके पर श्री कपिल सिब्‍बल ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है और सरकार रोजगार पैदा करने के लिए विनिर्माण को बढ़ावा देने और घरेलू बाजार एवं निर्यात के लिए देश में नवीन तकनीक लाने की कोशिश में है। एमएसआईपीएस आवेदनों का इतने कम समय में मंजूरी देने से भारत में ईएसडीएम क्षेत्र में और निवेश आकर्षित करने के‍ लिए सही वातावरण का निर्माण हो सकेगा।
एमएसआईपीएस के तहत अब तक 4600 करोड़ रूपए से अधिक के निवेश संबंधी आवेदन आए हैं। ये सभी आवदेन समीक्षा और मंजूरी के विभिन्‍न चरणों में हैं। इनमें उपभोक्‍ता इलैक्‍ट्रोनिक्‍स एवं सामानों में 450 करोड़, हाथ से इस्‍तेमाल होने वाले यंत्रों में 410 करोड़, दूरसंचार उत्‍पादों में 1770 करोड़, एलईडी और एलईडी उत्‍पादों में 310 करोड़, इलैक्‍ट्रानिक संघटक में 45 करोड़, ऑटोमोटिव इलैक्‍ट्रोनिक्‍स में 10 करोड़, ऊर्जा इलैक्‍ट्रोनिक्‍स में 40 करोड़, स्‍ट्रेटेजिक इलैक्‍ट्रोनिक्‍स में 210 करोड़ और सेमि‍कंडेक्‍टर एटीएमपी में 750 करोड़ रूपए के प्रस्‍ताव शामिल हैं।
एनपीई के आकर्षक प्रावधानों में एक एमएसआईपीएस है, जो जुलाई 2012 में अधिसूचित हुआ था और उसके दिशा-निर्देश जारी हुए थे। तब इलैक्‍ट्रोनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी वि‍भाग द्वारा एमएसआईपीएस योजना के तहत आवेदन मंगाए गए थे। योजना के अनुसार सरकार नई विनिर्माण इकाई की स्‍थापना करने और मौजूदा विनिर्माण इकाईयों में विस्‍तार के लिए 25 फीसदी की सब्सिडी उपलब्‍ध करा रही है।
ग्रीनफील्‍ड इलैक्‍ट्रोनिक विनिर्माण क्षेत्रों की स्‍थापना का काम भी जोर पकड़ रहा है। अब तक लगभग 2100 करोड़ रूपए के निवेश के आठ आवेदन प्राप्‍त हुए हैं और ग्रीनफील्‍ड इलैक्‍ट्रोनिक विनिर्माण क्षेत्रों के लिए 1805.29 एकड़ जमीन मंजूर हुई है। ग्रीनफील्‍ड इकाइयां हैदराबाद, बैंगलोर के पास होसुर, भिवाड़ी, भोपाल आदी जगहों पर स्‍थापित की जाएगी। ग्रीनफील्‍ड इलैक्‍ट्रोनिक विनिर्माण क्षेत्रों के पहले तीन प्रस्‍ताव इलैक्‍ट्रोनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी वि‍भाग के सचि‍व की अध्‍यक्ष्‍ाता वाली संचालन समिति के पास सैद्धांतिक मंजूरी के लिए भेजी जा रही है जिससे आवेदक इलैक्‍ट्रोनिक विनिर्माण इकाई की स्‍थापना करने का अगला कदम उठा सकेंगे। ये तीनों प्रस्‍ताव इस प्रकार हैं:-
[१]. आंध्र प्रदेश औद्योगिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर निगम द्वारा हैदराबाद में 602.37 एकड़ जमीन पर 580 करोड़ रूपए के निवेश वाले ग्रीन‍फील्‍ड ईएमसी की स्‍थापना।
[२]. आंध्र प्रदेश औद्योगिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर निगम द्वारा आंध्र प्रदेश के महेश्‍वरम में 310 एकड़ जमीन पर 360 करोड रूपए के निवेश वाले ग्रीन‍फील्‍ड ईएमसी की स्‍थापना।
[३]. जीएमआर इंफ्रा द्वारा तमिलनाडु के होसुर में 527.1 एकड़ जमीन पर 606 करोड़ के निवेश वाले ग्रीन‍फील्‍ड ईएमसी की स्‍थापना।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री गुलाम नबी आज़ाद ने आज पोषण को खूबसूरती के लिए पहली जरूरत बताया

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री गुलाम नबी आज़ाद ने आज पोषण को खूबसूरती के लिए पहली जरूरत बताया
श्री आज़ाद ने आज नई दिल्ली में कहा कि पोषण खूबसूरती के लिए पहली जरूरत है। हमारे देश में एलोपैथी के साथ आयुर्वेद, योग, सिद्ध और सोवा-ऋग्पा का भी शांतिपूर्ण अस्तित्व है।
वीएलसीसी खूबसूरती एवं पोषण संस्थान के 12वें दीक्षांत समारोह में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे यहां अनेक प्रकार की स्वास्थ पद्धतियां हैं जहां सरकार एकीकृत एवं समग्र स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए मान्यता प्राप्त प्रत्येक स्वास्थ्य पद्धति को विकसित होने और उसे अमल में लाने के सभी अवसर उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा कि हम जनता के हित के लिए प्रयोग में लाई जा रही और सिद्ध चिकित्सा पद्धतियों का खुले दिल से स्वागत करते हैं। इसीलिए प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति भी भारत में मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य पद्धति है।
गुजरात, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसी राज्य सरकारों ने प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को मान्यता दे रखी है। मंत्री महोदय ने कहा कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे पांच राज्यों ने प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के डॉक्टरों के पंजीकरण के लिए प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति विकास बोर्ड स्थापित किए हैं।
बताया गया कि इस समय देश में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के छह सरकारी अस्पताल हैं। इनमें से दो केरल+ दो कर्नाटक,+एक आंध्र प्रदेश +एक तमिलनाडु में है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत विभिन्न राज्यों में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के 100 से अधिक डॉक्टर हैं। इसके अलावा निजी क्षेत्र में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के 100 से अधिक बिस्तर वाले 20 अस्पताल तथा 50-100 बिस्तर वाले 100 से अधिक अस्पताल हैं।
श्री आज़ाद ने कहा कि 1960 के दशक से सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली में पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को भी जगह दी गई जब केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना के तहत आयुष अस्पताल बनाए गए। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत इस पर अधिक बल दिया गया जहां पारंपरिक एवं आधुनिक सभी चिकित्सा पद्धतियों को एकसाथ फलने-फूलने का अवसर दिया गया।
मंत्री महोदय ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत आयुष को मुख्यधारा में लाने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 550 करोड़ रुपये से अधिक का सहायता अनुदान जारी किया गया है। यह धन 803 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 113 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 24 जिला अस्पतालों में नई आयुष सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा 379 मौजूदा आयुष अस्पतालों और 415 औषधालयों के उन्नयन के लिए दिया गया।
इस समय देश में 504 आयुष शिक्षा संस्थान हैं जिनमें 11 स्नातकोत्तर महाविद्यालय शामिल हैं। इनमें 27,000 विद्यार्थी हर साल दाखिला लेते हैं। इनमें प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति एवं योग में डिग्री स्तर की शिक्षा उपलब्ध कराने वाले 16 महाविद्यालय शामिल हैं। दुनिया में पारंपरिक एवं वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के सबसे अधिक शिक्षण संस्थान भारत में हैं।
photoThe Union Minister for Health and Family Welfare, Shri Ghulam Nabi Azad lighting the inaugural lamp of the 12th Convocation of VLCC Institute of Beauty and Nutrition, in New Delhi on July 12, 2013.

कपिल सिब्बल ने ”उर्दू भाषा फान्ट और कीबोर्ड ड्राइवर” जारी करके उर्दू को तकनीकी विकास की मुख्य धारा से जोड़ा

कपिल सिब्बल ने ”उर्दू भाषा फान्ट और कीबोर्ड ड्राइवर” जारी करके उर्दू को तकनीकी विकास की मुख्य धारा से जोड़ा
श्री कपिल सिब्बल ने ”उर्दू भाषा फान्ट और कीबोर्ड ड्राइवर” जारी करके उर्दू और इसके भाषियों को तकनीकी+ शिक्षा +विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए पहल की
केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने आज यहां विभिन्न माध्यमों के लिए ”उर्दू भाषा फान्ट और कीबोर्ड ड्राइवर” जारी किए। इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के भारतीय भाषाएं कार्यक्रम के लिए प्रौद्योगिकी विभाग के तत्वावधान के तहत विकसित यह फान्ट एवं कीबोर्ड ड्राइवर जनता के इस्तेमाल के लिए निशुल्क उपलब्ध होंगे। डिजिटल माध्यम पर भारतीय भाषा प्रौद्योगिकी विभाग पर संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग मुख्य बल दे रहा है।
किसी भाषा की वृद्धि के लिए सामग्री रचना और उपभोग महत्वपूर्ण जरूरतों में से एक है तथा इसी को ध्यान में रखते हुए जनता के लिए निम्नलिखित उर्दू फान्ट एवं कीबोर्ड ड्राइवर जारी किए जा रहे हैं:
1]. नक्श लिपि के लिए यूनिकोड सक्षम ओपन फान्ट फार्मेट – 12
2]. नसतालिक लिपि के लिए यूनिकोड सक्षम ओपन फान्ट फार्मेट – 1
3]. बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट, फोनेटिक और विंडो 32/64 बिट आप्रेटिंग सिस्टम के लिए अनुकूल उर्दू कीबोर्ड ड्राइवर
4.] एंड्रॉयड प्लेटफार्म के लिए बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट वाले कीबोर्ड के साथ उर्दू कीबोर्ड ड्राइवर
मंत्रालय द्वारा जारी विवरण के अनुसार उूर्दू फान्ट वह पहला संपर्क है जो यूजर अपनी स्क्रीन पर एप्लिकेशन के साथ करता है तथा मोटेतौर पर यह फान्ट की पसंद और आकर्षण है जो एप्लिकेशन को दृश्यात्मक रूप से आकर्षक बनाता है। सीडैक और जिस्ट ने फान्ट विकसित करते समय इन तथ्यों को हमेशा ध्यान में रखा है।

The Union Minister for Communications & Information Technology and Law & Justice, Shri Kapil Sibal launching the Urdu Fonts and Keyboard Managers, at a function, in New Delhi on July 12, 2013.

The Union Minister for Communications & Information Technology and Law & Justice, Shri Kapil Sibal launching the Urdu Fonts and Keyboard Managers, at a function, in New Delhi on July 12, 2013.


कुल 12 नक्श और 1 यूनिकोड 6.2 के अनुकूल फान्ट जनता के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट पर आधारित उर्दू कीबोर्ड ड्राइवर
उर्दू के लिए जनवरी 2007 में जारी कीबोर्ड ड्राइवर इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड लेआउट पर आधारित था जिसे अब इनस्क्रिप्ट स्टैंडर्ड को बढाकर आधुनिक यूनिकोड स्टैंडर्ड 6.2 के अनुकूल बनाया गया है। नया उर्दू कीबोर्ड ड्राइवर बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट पर आधारित है जो इस्तेमाल करने वाले को यूनिकोड साफ्टवेयर में टाइप करने, ईमेल लिखने, उर्दू में चैट करने की सुविधा देता है। यह सीधे दाई तरफ से बाई तरफ लिखने के लिए अनुकूल है तथा नोटपैड, एमएस वर्ड, इत्यादि जैसी विंडो में भी काम करता है।
एंड्रॉयड प्लेटफार्म के लिए बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट वाला कीबोर्ड
एंड्रॉयड डिवाइसेज के लिए ऑनस्क्रीन कीबोर्ड ड्राइवर, 3 लेयर्ड – अंग्रेजी क्वेरटी लेयर, अंग्रेजी को सपोर्ट करने के लिए उपलब्ध कराइ्र गई है। यह एंड्रॉयड वर्जन 4.1 और उससे अधिक को सपोर्ट करता है।

सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

 सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

बरसात जहाँ सूर्य की तपिस से थोड़ी राहत देती हैं वहीं शहरी विकास के चक्के भी जाम करदेती है इसके अलावा हर बार की तरह एक बार फिर महत्वपूर्ण तरीके से स्थानीय व्यवस्था की पोल भी खोल कर रख देती है |
भारत और अमेरिका दोनों देशों में बारिश हो रही है लेकिन देखा जाता है कि अमेरिका की बारिश छोटे छोटे शहरों में गर्मी से राहत दे रही है और सडकों को धो धा कर साफ़ सुथरा कर रही है लेकिन इंडिया के उत्तर प्रदेश में इसका उलट ही हो रहा है मेरठ का उदहारण दिया जा सकता है|
थोड़ी देर कि बरसात ने नगर निगम और छावनी परिषद् के तमाम दावों की पोल खोल कर रख दी|शुक्रवार की सुबह हुई बरसात ने जो पानी बरसाया उसे निकलने के लिए नाली नालों में रास्ता नही मिला जाहिर इससे यहाँ वहां जल भराव दिखाई देने लगे|मार्ग के गड्डे+सीवर+नालों और सड़क के लेवल में कोई अंतर शेष नही रह गया| पॉश कालोनियों में बेगम बाग़ +थापर नगर बच्चा पार्क के आलावा अल्पसंख्यक बाहुल्य जली कोठी+जिला अस्पतालके सामने +कमोबेश यही स्थिति राही यहाँ तक कि हमेशा की तरह व्यवस्थापक विभाग भी पानी पानी हो गए |
 सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है


अभी पिछले दिनों ही नालों की सफाई के लिए बड़े बड़े अभियान चलाने के दावे किये गए थे| यहाँ भाजपा मेयर+विधायक+सांसद भाजपा के हैं लेकिन सरकार सपा के हाथों में हैं| हमेशा कि तरह आज कल भी नमाज अदा करने के जगह को लेकर दोनों मुख्य समुदायों के धार्मिक+सामाजिक+राजनीतिक नेता गण आमने सामने आ रहे हैं लेकिन व्यवस्था को सुचारू रूप देने के लिए कोई दिखाई नही दे रहा |
मुझे याद आ रहा है कि बीती सदी के नौवें दशक में में एक छेत्री दैनिक अख़बार के साथ भी जुड़ा था उस समय भी बारिश आती थी और अख़बार के लोकल पेज पर इन शीर्षकों से दो ख़बरें जरूर छपती थी[१]बारिश ने नगर निगम की पोल खोल दी[२]बारिश से कई इलाकों की बिजली ठप्प |
 सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

आज नई सदी के दूसरे दशक में हम रह रहे हैं और हमारे फोटो ग्राफर की फोटोज यही कह रही हैं कि जल थल एक समाना

एन सी आर में आरामदायक तेज परिवहन को एन सी आर टी सी का गठन :प्रारम्भिक पूंजी १०० करोड़

राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आरामदायक तेज परिवहन व्यवस्था के लिए क्षेत्रीय परिवहन निगम लिमिटेड का गठन कर दिया गया है इसकी :प्रारम्भिक पूंजी १०० करोड़ निश्चित की गई है|
राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र [NCR]के लिए क्षेत्रीय परिवहन निगम लिमिटेड[ NCRTCLtd ] का गठन को अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय परिवहन निगम लिमिटेड यानि नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन लिमिटेड (एनसीआरटीसी) के गठन को अनुमोदन प्रदान कर दिया।
इसका गठन कंपनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत होगा और इसकी प्रारम्भिक पूंजी 100 करोड़ रखी गई है जिसका इस्‍तेमाल इसका डिज़ाइन बनाने+ विकास करने+ लागू करने का+ वित्‍तपोषण + संचालन +अनुरक्षण करने आदि में किया जायेगा।
इसका उद्देश्‍य राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र के क़स्बों को आरामदायक तेज परिवहन उपलब्‍ध कराना है, ताकि तेजी से बढ़ रही परिवहन की मांग पूरी की जा सके। हर कॉरीडोर के लिए यह कंपनी अगर चाहे, तो सहायक कंपनियां गठित कर सकेगी।
इस निगम की प्रारम्भिक पूंजी 100 करोड़ होगी और इसका विभाजन निम्‍नलिखित प्रकार से होगा:-
केंद्र सरकार
[१]शहरी विकास मंत्रालय : 22.5 प्रतिशत
[२]रेल मंत्रालय : 22.5 प्रतिशत
[३]राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र : 5 प्रतिशत
योजना बोर्ड

रायबरेली में राष्ट्रीय महिला विश्वविद्यालय को केन्द्रीय मंत्री मंडल की मंजूरी मिली: जितिन प्रसाद ने स्वागत किया

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय महिला विश्वविद्यालय की स्थापना को केन्द्रीय मंत्री मंडल की मंजूरी मिली|
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं के लिए एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की मंजूरी दी है| जिसका नाम इंदिरा गांधी राष्ट्रीय महिला विश्वविद्यालय होगा। विशेषकर महिलाओं के लिए स्थापित किए जाने वाला यह इस तरह का देश में पहला विश्वविद्यालय होगा। यह विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के रायबरेली में स्थापित होगा। गौरतलब है कि राय बरेली उत्तर प्रदेश में है और प्रदेश में समाज वादी पार्टी की सरकार है लेकिन यह यूं पी ऐ की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी का संसदीय छेत्र हैं
इस विषय में एक विधेयक संसद के आने वाले मॉनसून सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। इस विधेयक के पारित होने के बाद विश्वविद्यालय के स्थापना के लिए कदम उठाए जाएंगे।

यूं पी ऐ की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी के संसदीय छेत्र रायबरेली में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय महिला विश्वविद्यालय की स्थापना को केन्द्रीय मंत्री मंडल की मंजूरी मिली

यूं पी ऐ की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी के संसदीय छेत्र रायबरेली में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय महिला विश्वविद्यालय की स्थापना को केन्द्रीय मंत्री मंडल की मंजूरी मिली


इस विश्वविद्यालय के जरिए बेहतर रोजगारोन्मुख आधारभूत पाठ्यक्रम और अनुसंधान सुविधा उपलब्ध कराकर देश में महिलाओं के सर्वांगिण विकास के साथ-साथ महिलाओं के सशक्तिकरण में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को बढ़ावा मिलने की सम्भावना जताई गई है|
देश की कुल 121 करोड़ जनसंख्या में से 58.6 करोड़ महिलाएं हैं जिनमें से 9.5 करोड़ महिलाएं उत्तर प्रदेश में हैं। महिलाओं के विकास के लिए शिक्षा महत्‍वपूर्ण: मानव संसाधन विकास राज्‍य मंत्री जितिन प्रसाद ने उत्‍तर प्रदेश के रायबरेली में महिलाओं के लिए इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय विश्‍वविद्यालय स्‍थापित करने के केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का स्‍वागत किया है। उन्‍होंने महिलाओं की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी देश, विदेश और आर्थिक विकास के लिए सबसे महत्‍वपूर्ण साधन शिक्षा है। भारत में महिलाओं में साक्षरता दर पुरूषों के मुकाबले 20% कम है। आज भी तकरीबन 25 करोड़ महिलाएं हमारे देश में निरक्षर हैं जिसमें तकरीबन 61 %निरक्षर महिलाएं अकेले उत्‍तर प्रदेश में है।
राष्ट्रीय महिला विश्वविद्यालय को केन्द्रीय मंत्री मंडल की मंजूरी को जितिन प्रसाद ने स्वागत किया

राष्ट्रीय महिला विश्वविद्यालय को केन्द्रीय मंत्री मंडल की मंजूरी को जितिन प्रसाद ने स्वागत किया

श्री जितिन प्रसाद ने बताया कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान विश्‍वविद्यालय के निर्माण पर लगभग 500 करोड़ रूपये का खर्च होगा। उन्‍होंने कहा कि यह विश्‍वविद्यालय महिलाओं के लिए एक मॉडल विश्‍वविद्यालय होगा जो शिक्षा के क्षेत्र में नए मानक स्‍थापित करेगा। उन्‍होंने दावा किया कि यूपीए सरकार का यह ऐतिहासिक निर्णय राष्‍ट्र निर्माण और महिलाओं के विकास एवं सशक्तिकरण के क्षेत्र में मील का पत्‍थर साबित होगा।

राजीव गांधी राष्‍ट्रीय उड़ान विश्‍वविद्यालय विधेयक के प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल की हरी झंडी

नागरिक उड्डयन के छेत्र में राजनीतिक उठक बैठक के बावजूद राजीव गांधी राष्‍ट्रीय उड़ान विश्‍वविद्यालय के नाम से एक केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय के रूप में राष्‍ट्रीय उड़ान विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना करने के प्रस्‍ताव को हरी झंडी मिल गई है|केन्‍द्रीय मंत्रि‍मंडल ने आज उत्‍तर प्रदेश राज्‍य के रायबरेली जिले में इस विश्‍वविद्यालय के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। इससे पहले देश में ७० से १०० सीटों वाले विमानों के निर्माण को भी मंत्री मंडल द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है
मंत्रिमंडल ने राजीव गांधी राष्‍ट्रीय उड़ान विश्‍वविद्यालय विधेयक, 2013 को संसद में पेश करने के प्रस्‍ताव को भी अपनी मंजूरी दी है ताकि, नागर विमानन, कार्मिक और प्रशिक्षण तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के साथ मंत्रिमंडल सचिव के नेतृत्‍व में एक चयन समिति के माध्‍यम से चयन करके कुलपति (केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों की प्रणाली पर आधारित वेतनमानों के साथ) का एक पद सृजित किया जा सके। साथ ही, परियोजना निदेशक के पद के लिए भारत सरकार के संयुक्‍त सचिव के दर्जे में एक अस्‍थायी पद का भी सृजन किया जा सके, जिसे प्रतिनियुक्ति द्वारा भरा जाना है।
बताया गया है कि राजीव गांधी राष्‍ट्रीय उड़ान विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना एक केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय और एक स्‍वायत्‍त निकाय के रूप में की जाएगी जो नागर विमानन मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में होगा।
रायबरेली जिले में उपलब्‍ध जमीन पर विश्‍वविद्यालय के निर्माण के पहले चरण (2013-14 से 2018-19) में केन्‍द्र सरकार की ओर से 202 करोड़ रूपये दिए जा रहे हैं। इसके पहले चरण में आईजीआरयूए के पास उपलब्‍ध लगभग 26.35 एकड भूमि का चयन राष्‍ट्रीय उड़ान विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना के लिए किया गया है। मंत्रालय ने अनुभव किया है कि एक सुरक्षित और प्रभावकारी उड़ान उद्योग के सृजन के लिए कुशल और सक्षम कामगार अनिवार्य हैं। भारत में उड़ान शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने वाली बड़ी संख्‍या में निजी संस्‍थाओं की मौजूदगी के बावजूद भी हितधारकों के बीच यह सामान्‍य धारणा है कि इस उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए जो पाठ्यक्रम उपलब्‍ध हैं अथवा अवसंरचना सुविधाएं उपलब्‍ध हैं, वे पर्याप्‍त नहीं हैं। इसलिए नागर विमानन क्षेत्र की बढ़ती शैक्षिक और प्रशिक्षण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए राष्‍ट्रीय उड़ान विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना करना जरूरी हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह विश्वविद्यालय विमानन अध्ययन, शिक्षा, प्रशिक्षण, अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा. विमानन प्रबंधन, विमानन नियम, नीति, विमानन का इतिहास, विमानन विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, विमानन कानून, विमानन सुरक्षा, विमानन मेडिसिन, बचाव एवं तलाशी अभियान, खतरनाक पदाथो’ की ढुलाई, पर्यावरण अध्ययन जैसे विषयों पर विश्वविद्यालय ध्यान केन्द्रित करेगा.|
बेशक नागरिक उड्डयन के छेत्र में राजनीतिक उठक बैठक जारी है |केन्द्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह के उत्तर प्रदेश में छोटे एयर पोर्ट्स की स्थापना और जेट एयरवेज के समझौते को लेकर आये दिन मंत्रालय कि क्षमता पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं लेकिन इस सबके बावजूद राष्‍ट्रीय उड़ान विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना करने के प्रस्‍ताव को हरी झंडी मिल गई है चूंकि बीते दिनों देश में ७० से १०० सीटों वाले विमानों के निर्माण के प्रस्ताव को भी मंत्री मंडल द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है ऐसे में विश्व विद्यालय के निर्माण को एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा सकता है |
बताते चलें कि कि 2006 में एक समिति ने सिफारिश की थी कि भारत में राष्ट्रीय विमानन विविद्यालय खुलना चाहिए.

भाजपा ने उत्तराखंड आपदाग्रस्तों की सहायतार्थ तीन सदस्यीय कमेटी बनाई

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह ने उत्तराखंड आपदाग्रस्तों को राहत पहुँचाने और उनके पुनर्वास सम्बन्धी सुझाव संकलन के लिए एक कमेटी बनाई है
[१] राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री उमा भारती को इस कमेटी का संयोजक बनाया गया है|
[२] सांसद भगत सिंह कोशियारी और
[३]सांसद सैय्यद शाहनवाज हुसैन सदस्य बनाये गए है |