सूरा सो पहचानिए जो लड़े दीन के हैत पुर्जा पुर्जा कट मरे कबहू ना छाडे खेत
दशम पादशाही गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने सिखों को मानवीय मूल्यों वाली वीरता का पाठ पढाया था जिसका पालन सात समुन्दर पार अमेरिका के विस्कोंसिन गुरदुवारे में भी किया गया |
६५ वर्षीय सतवंत सिंह कालेका ने महज़ धार्मिक कृपाण को लेकर गुरुद्वारे में कत्ले आम के लिए घुसे गन मेन का किसी देव पुरुष के समान मुकाबिला किया और गुरु द्वारे में आए अनेकों श्रधालुओं को बच कर बाहर निकलने में मदद की |
पर हित धरम सरिस नहीं भाई के सिद्धांत का पालन करने वाले सतवंत सिंह हमेशा दूसरों की मदद को उपलब्ध रहते थे |इनके इस वीरतापूर्वक बलिदान की सर्वत्र श्रद्धापूर्वक चर्चा हो रही है |
गौरतलब है कि इस रविवार को ओअक क्रीक के गुरुद्वारे में एक श्वेत आतंकवादी ने गोली बारी कि जिसमे सात लोग मारे गए थे इनमे एक महिला भी थी|
उस समय गुरूद्वारे के संस्थापक सतवंत सिंह कलेका ने अपनी धार्मिक कृपाण से आतंकवादी का मुकाबिला किया और अपना सर्वोच्च बलिदान दिया|इस बीच अनेको श्रधालुओं को जान बचा कर बाहर निकलने का अवसर मिल गया