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आधी आबादी की एक तिहाई महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार है: 1/3 of 1/2 community is Victim of Physical or sexual violence

[ जिनेवा ] दुनिया की आधी आबादी की एक तिहाई महिलायें घरेलू हिंसा की शिकार है। एशिया और मध्य पूर्व के देशों में स्थिति और भी गंभीर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लन्दन स्कूल आफ हाईजीन & ट्रोपिकल मेडिसिन्स +साउथ अफ्रीकन मेडिकल रिसर्च कौंसिल के साथ मिल कर इकठ्ठा किये गए दुनिया के 80 देशों के आंकड़ों के आधार पर बृहस्पतिवार को यह बात कही है।
पहली बार दुनिया भर के महिलाओं के खिलाफ हिंसा और इसका उनके स्वास्थ पर पड़ने वाले प्रभाव के आंकड़ों का अध्ययन किया गया है। इसके आधार पर डब्लू एच ओ ने कहा है कि दुनिया भर में 30 % महिलाएं अपने जीवन साथी के हाथों ही हिंसा का सामना करने को अभिशिप्त हैं| यहाँ तक कि उच्च आय वाले देशों में भी चौंकाने वाले आकडे आये हैं| एशिया में भारत, श्रीलंका, थाइलैंड, बांग्लादेश, म्यांमार जैसे देशों की 37.7 %महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हैं। दूसरे नंबर पर खाड़ी के देश हैं जहां यह दर 37 % है। अफ्रीकी देशों में यह 36.6 % है।
इस प्रकार की हिंसा का प्रभाव बताते हुए कहा गया है कि अस्थि भंग से लेकर गर्भ पात और मानसिक रोग भी देखे गए हैं डब्लू एच ओ की माहा निदेशक |डॉ मार्गरेट चान ने इसे एपिड्मिक प्रोपोर्शन [ . epidemic proportions ] जैसा घातक बताया है|
रिपोर्ट के अनुसार पार्टनर्स द्वारा ३८% महिलाओं की हत्या हुई+४२% अन्य घरेलू हिंसा की शिकार है|
स्टडी में महिलाओं के प्रति हिंसा के लिए जीरो टालेरेंस की गाईड लाईन दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया है| रोकथाम के लिए बेहतर रिपोर्टिंग +ट्रेनिग+ परामर्श केंद्र जरुरत बताई गई|
डॉ चान ने मार्च २०१३ में संयुक्त राष्ट्र में महासचिव का कार्य भार संभाला था| और महिलाओं के प्रति हिंसा कि घटनाओं के लिए जीरो टालेरेंस की गाईड लाईन दी थी|