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कैग के काले कोयले से चमकता हीरा निकालने को भागीरथी प्रयास

कैग के काले भ्रष्ट कोयले से चमकता सत्ता हीरा तलाशने के लिए विपक्ष द्वारा भागीरथी प्रयास किया जा रहा है| | कोयले की दलाली से हाथ काले किये हुए सत्ता पक्ष भी सदन को भंग करने के लिए सदन के उपाध्यक्ष को आदेश देते फिर रहे हैं| नतीजतन संसद लगातार तीन दिन से नहीं चल रही जबकि टी वी चेनलों पर गर्मागर्म बहस जारी है | अब तो अन्ना टीम ने भी हीरा पाने के लिए इस कोयले में अपना हाथ डाल दिया है|
संवैधानिक संस्था कैग [सी& ऐ जी] ने अपनी परम्परानुसार गड़े मुर्दे उखाड़ कर पिछली सरकार के कार्यकाल का लेखा जोखा संसद के पटल पर अब रखा है|इसमें कोल ब्लाक्स की नीलामी नहीं किये जाने पर १.८६ लाख करोड़ के नुक्सान का विवरण दिया गया है और उसके लिए सीधे सीधे कोयला मंत्री पर टिपण्णी की गई है चूँकि उस समय कोयला मंत्री का प्रभार भी डाक्टर मनमोहन सिंह के पास था सो अब विपक्ष द्वारा नैतिकता के आधार पर वर्तमान पी एम् से इस्तीफा माँगा जा रहा है|
वर्तमान मानसून सत्र के शुरू होते ही विपक्ष अपनी मांग पर अड़ गया तब केन्द्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने नए नए बने उपाध्यक्ष कुरियन को उनके दायें कान में सदन स्थगित करने का आदेश उड़ेल दिया सदन स्थगित हो गई|
इसके बाद सत्ता पक्ष कुछ संभला और अब संसद में चर्चा करने को तैयार हो गया है टी वी चेनलों पर न्यौता दिया जा रहा है| गृह मंत्री तथा लोक सभा में सत्ता दल नेता सुशील कुमार शिंदे भी विपक्ष की नेत्री श्रीमति सुषमा स्वराज से वार्ता कर रहे हैं| इसके साथ ही यूं पी ऐ केम्प से यह खबर भी उडाई गई है केभाजपा सांसद सामूहिक इस्तीफा दे सकते हैं भाजपा ने तत्काल इसका खंडन कर दिया है| कहा जा रहा है की भाजपा सामूहिक रूप से अगर इस्तीफ़ा देता है तो मध्याविधि चुनाव के बजाय उप्चुना की प्रक्रिया अपनाई जायेगी जाहिर है के एन डी ऐ के बिहार में सतारूड घटक दल को एन डी ऐ से अलग करने के प्रयास किये जा रहे है| ११४ सांसदों वाला भाजपा विपक्ष पी एम् के इस्तीफे से कम पर किसी भी समझौते के लिए राजी नहीं हो रहा| अपना कुनबा बढाने के लिए सत्ता सहयोगी टी एम् सी पर डोरे डाले जा रहे हैं|
एक तरफ तो चर्चा के लिए विपक्ष की मान मनौवल चल रहे है तो दूसरी तरफ कोयले में भ्रष्टाचार में सरकार को पाक साफ़ बताते हुए सारा ठीकरा भाजपा के राजस्थान और छतीसगढ़ की तत्कालीन सरकारों के सर पर फोड़ा जा रहा है|
दलीलें दी जा रही है के पी एम् पाक साफ़ है इन्होने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया | कहा जा रहा है के;
[१] कोयला खंड की नीलामी के लिए भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्य मंत्रियों ने पत्र लिख कर नीलामी का विरोध किया था|इनमे प्रमुख राजस्थान और छतीस गढ़ के नाम लिए जा रहे हैं
[२]कोयला खंड नीलामी के बावजूद भी ज्यादातर खंडों में खुदाई शुरू ही नहीं हुई है सो नुकसान की बात करना बेमानी है
[३]अगर कोयला नीलाम करके ज्यादा कीमतों पर बेचा जाता तो बिजली महंगी हो जाती
[४]कोयला खदानों में काम शुरू होने से वहां के लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा
विपक्षी आरोप इस प्रकार हैं
[१] नीलामी का विरोध करने के लिए राजस्थान का नाम लिया जा रहा है राजस्थान में एक भी कोयला खदान नहीं है
[२]नीलामी का विरोध करने वालों में कांग्रेसी मुख्यमंत्री भी थे
[3] मुख्यमंत्री की अनुरोध के बावजूद निर्णय मंत्री द्वारा लिया गया है
[४]कहा जा रहा है की ज्यादातर खदानों में खुदाई शुरू ही नहीं हुई मगर कंपनियों को कोडियों के दाम खदान एलोट करके उनका एसेट बड़ा दिया गया जिससे उनके शेयर के दामों में स्वाभाविक लाभ हुआ होगा
[५] बिजली वैसे भी महंगी दी जा रही है
[६] कोयला खदानों के समीप या उस छेत्र में रहने वालों का जीवन स्तर अभी भी नारकीय है वहां कोई सुधार प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है
अब अन्ना टीम के अरविन्द केजरीवाल भी मैदान में कूद पड़े हैं उन्होंने कांग्रेस और बी जे पी दोनों के खिलाफ मौर्चा खोल दिया है और अगले सप्ताह पी एम् डाक्टर मन मोहन सिंह और भाजपा प्रमुख नितिन गडकरी के निवास पर धरना देने का एलान कर दिया है हाल ही में जंतर मंतर पर किये गए आमरण अनशन के फ्लाप होने से खिसका जनाधार पाने का यह एक प्रयास हो सकता है|
फिलहाल कोयले पर मचा कोहराम अब धीरे धीरे किच किच में बदलता जा रहा है कोयले में आई कालिख के लिए जहां सत्ता पक्ष भाजपा समर्थित राज्यों के सर ठीकरा फोड़ रहा है वहीं प्रमुख भाजपा कांग्रेस को कोई ढील देने के पक्ष में नहीं दिख रही जाहिर है की जो सांसद देश की ससद को सर्वोपर्री बता कर उसकी तरफ उठाने वाली सोशालाईट्स की उँगलियों को तोड़ डालना चाह रहे थे आज वोही सभी माननीय सांसद अपने इस अछूते मंदिर पार ताला लगा कर टी वी चेनलों पर बहस में लिप्त हैं और सरकारी गोपनीय पत्रों का प्रदर्शन करते फिर रहे हैं|