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बैंको की सुरक्षा के लिए पोलिस और बैंक अधिकारीयों ने एक दूसरे पर जिम्मेदारी उछाली


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

बैंक का एक दुखी लुटा पिटा ग्राहक

ओये झाल्लेया ये क्या मजाक हो रहा है?ओये धौल्डी के इलाहाबाद बैंक के लाकरों से हसाडी गाड़े मेहनत की कमाई लुट गई |बीते सप्तांह माल असबाब गया आज नया हफ्ता शुरू हो गया मगर चोरों की धड पकड़ तो दूर बैंक और पोलिस एक दूसरे पर दोषारोपण का पुराना खेल खेलने लग गए हैं|उलटे हमें अपने नुक्सान की रकम नहीं बताने के लिए भी धमकाया जा रहा है| नए नए आये

पोलिस कप्तान दीपक कुमार

ने कह दिया है “बैंको की सुरक्षा का इंतज़ाम खुद बैंको को करना चाहिए|इसके लिए सी सी टी वी+गार्ड्स+चौकीदार लगाये जाने चाहिए”दूसरी तरफ इसी नाम राशिं धारण किये एतिहासिक इलाहाबाद बैंक के मंडल प्रमुख दिनेश कुमार ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया है की बैंक शाखाओं पर रात में सुरक्षा गार्ड्स रखने का कोई प्रावधान नहीं है उन्होंने पोलिस के कन्धों पर जिम्मेदारी धकेलते हुए कहा है कीबैंको की सुरक्षा के लिए पोलिस को रात में गश्त बढानी चाहिए| लो कर लो बात इन दो झोटटन की लड़ाई में हमारा मॉल तो गया |

झल्ला

हाँ जी सेठ जी अप का दुःख दर्द समझा जा सकता | लोकर्स में रखा सफ़ेद +काला सब गया अब रोने भी नहीं दिया जा रहा |वैसे बैंको वाले दिनेश जी ने जो कहा है की दिन में गार्ड्स रखे जाते हैं तो दिन में हे कौन से ये बेचारे सुरक्षा दे पाते हैं| ज्यादातर को तो बीडी या सिगरेट पीने से ही फुर्सत नहीं मिलती दूसरे सी सी टी वी कैमरों पर नज़र रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं कीजाती |और सेठ जी जिस देश में एक दूसरे पर दोष मड़ने के लिए जुबान चलाने से ही जान छूट जाती हो तो वहां भाग दौड़ के लिए पसीना कौन बहायेगा?आप के दुःख को बांटने के लिए मै तैयार हूँ मगर मेरी चिंता और दुःख को कौन बांटेगा क्या बोले कौन सी चिंता तो सेठ जी जिस तरह से सड़क के किनारों और चौराहों पर मूर्तियाँ और मजारें बनाई जाती है वैसे ही अब बैंको की ब्रान्चेस और ऐ टी एम् भी खोली जाने लगी है|अभी तक सभी बैंको की लगभग ४०० शाखाएं हैं |सिंडिकेट बैंक के एम् जी सिंघवी ने दो और ब्रान्चेस खोलने के घोषणा कर दी है|इससे पहले देश के वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने भारतीय स्टेट बैंक की शाखाएं खोलने का एलान किया हुआ हैऔर विदेशी बैंक भी अपना लंगर घुमाने के लिए आ रहे हैं ऐसे में अगर हसाडी पोलिसिंग और बैंकिंग सोच ऐसी ही रहेगी तो चोरों की तो बेशक पौ बारह होगे मगर हसाडा बड़ा जरूर रूड जाना है|अजी गर्क ही होजाना है