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ब्रिटिश इंदिरा लोह महिला मार्गरेट थैचर नहीं रही A Tribute To Margaret Thatcher

ब्रिटिश इंदिरा लोह महिला मार्गरेट थैचर नहीं रही| पुरुष प्रधान ब्रिटिश [ शीर्ष]राजनीति में पहली महिला पी एम् और लगातार तीन टेंयौर के लिए पी एम् बन कर राष्ट्रहित में कड़े फैसले लेने वाली आयरन लेडी [कंजर्वेटिव] मार्गरेट थैचर की लम्बी बीमारी के उपरान्त देहांत हो गया है|मार्क और करोल थैचर के हवाले से ब्रिटिश मीडिया ने यह दुखद समाचार प्रकाशित किया है|
दुनिया के दो छोर पर ऑयरन लेडी के नाम से दो मशहूर महिलाएं पी एम् थीं। [१] यूरोप में मारग्रेट थैचर का दबदबा था और[२]भारतीय उपमहाद्वीप में श्रीमति[कांग्रेस] इंदिरा गांधी के नाम का डंका बज रहा था। श्रीमति थैचर 1979 में ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बनीं और 1980 के आम चुनावों में इंदिरा गांधी की शानदार वापसी हुई|उस समय श्रीमति इंदिरा गांधी ने वित्तीय संकट से देश को उबारने के लिए अनेको सुधारात्मक कड़े कदम उठाये थे |उनमे से एक महंगाई भत्ते को प्रोविडेंट फंड में डालना भी था||उस समय ब्रिटेन में भी कुछ ऐसे ही कड़े कदम उठाये गए थे जिनके फलस्वरूप थैचर और इंदिरा में समानता देखी जाती थी| इन दोनों शक्तियों ने अपने समय में एक दूसरे को सम्मान भी दिया | १९८४ में प्रधानमंत्री श्री मति इंदिरा गांधी के शव पर पुष्पचक्र रखते हुए तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर ने कहा भी था कि , ‘मैं श्रीमती इंदिरा गांधी को बहुत मिस करूंगी|इससे पूर्व मार्गरेट को उनके इंडिया आगमन पर भरपूर सम्मान भी दिया गया था|
13 अक्टूबर, 1925 को जन्मीं मारग्रेट हिल्डा रॉबर्ट्स ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से रिसर्च कैमिस्ट की डिग्री लेने के बाद 1954 में वकालत की परीक्षा पास की। पिता अल्फ्रेड[मेथोडिस्ट] ग्रांथम शहर के मेयर थे।-२६ वर्ष की आयु में समृद्ध बिजनेसमैन डेनिस थैचर से शादी की। उनके एक पुत्र और पुत्री है। ५२ वर्ष के वैवाहिक जीवन के पश्चात थैचर के पति का निधन हो गया|
1975 में थैचर को प्रमुख विपक्षी नेता बनाया गया । 1979 में पार्टी के सत्ता में आने के बाद पहली बार उन्हें ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनाया गया|
– उन्होंने[१] सरकारी कंपनियों के निजीकरण की वकालत की।[२] ट्रेड यूनियनों में सुधार किया।[३] टैक्स घटाया और[४] सामाजिक खर्च को कम किया। इन कदमो से मुद्रास्फीति बेशक घटी लेकिन बेरोजगारी भी बढ़ी।
अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन से उनके संबंध अच्छे रहे। सुधारवादी सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचेव ने उनको ऑयरन लेडी का खिताब दिया।
-1987 के आम चुनावों में वह जीत तो जरूर गई, लेकिन घरेलू स्तर पर उनकी नीतियों के प्रति असंतोष बढ़ने लगा था। लिहाजा नवंबर, 1990 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया 1992 में उन्होंने हाउस ऑफ कामंस को छोड़ दिया। 2002 में बीमारियों के चलते सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लिया।