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भ्रष्टाचार के विरुद्ध जंग छेड़ने वाले केजरीवाल और योगेश आपसी तू तू में में में फंसे

देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के लिए प्रसिद्द हुए पूर्व आई आर एस अरविन्द केजरीवाल और उनके साथी पूर्व आई पी एस और वर्तमान में वकील योगेश प्रताप सिंह स्वयम को सर्वश्रेष्ठ साबित करने की होड़ में आपस में ही तू तू में में फंसते जा रहे हैं|बीते दिन योगेश प्रताप सिंह ने खुद के द्वारा शरद पवार के विरुद्ध किये खुलासे को सबसे बड़ा खुलासा बताते हुए अरविन्द केजरीवाल पर पवार को बचाने का आरोप मड दिया|केजरीवाल ने इसे झुट्लाते हुए कहा की इस इशु को जुलाई में ही उठा कर १५ मंत्रिओं के खिलाफ बनाई गई लिस्ट में शामिल करके केंद्र सरकार को दे दिया गया था| उन्होंने बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि यह बहुत पहले बता दिया गया था कि अगला खुलासा गडकरी के विरुद्ध ही होगा|इसीलिए यह कहना कि हमने शरद पवार को बचाने के लिए गडकरी को निशाना बनाया सरासर गलत होगा |

भ्रष्टाचार के विरुद्ध जंग छेड़ने वाले केजरीवाल और योगेश आपसी तू तू में में में फंसे


करप्शन के विरुद्ध बने सवयम्भू इन पुराधाओं में फूट पड़ते देख कर इनकी कार्यशैली की आलोचना भी होने लग गई है|कहा जाने लगा है कि ये लोग बिना पर्याप्त तथ्यों या सबूतों के ही मीडिया में जाकर हर किसी पर आरोप लगा रहे थे अब ये लोग खुद ही लड़ने लग गए हैं इसीलिए कहा जा सकता है कि सूत ना कपास और जुलाहों में लठम लठ|इन पुरोधाओं द्वारा उठाये जा रहे सवालों पर कोई कार्यवाही होती नहीं दिख रही | कांग्रेस+भाजपा+एन सी पी+सपा आदि सभी पार्टिओं के प्रवक्ता कैमरे के सामने आकर आरोपण को झुटला देते हैं +अपनी करनी को जायज बता देते हैं और उसके बाद ये लोग अगले पड़ाव की तरफ कूच करदेते है| शरद पवार ने योगेश के आरोपण को नकारते हुए कहा कि लवासा का प्रोजेक्ट का निर्णय बिलकुल प्रदेश हित में लिया गया निर्णय है|उधर गडकरी के साथ भाजपा ने भी १०० एकड़ भूमि के इस्तेमाल को किसानों के हित में बता कर इन आरोपों को चिल्लर आरोप बता कर इनकी खिल्ली तक उडाई है| राबर्ट वढेरा और राहुल गांधी पर लागाये जा रहे हरियाणा में लैंड ग्रेबिंग के आरोपण के जवाब में पूरी कांग्रेस ही मैदान में उतर आई है| विकलांग फंड में धांधली में फंसाए गए सलमान खुर्शीद गाली गलौच पर उतर आये हैं| शायद इसीलिए अब इनके प्रति गंभीरता कम होती जा रही है| चूंकि मीडिया को हमेशा ब्रेकिंग न्यूज की जरुरत रहती सो इनके कांफ्रेंस में अब १००० तक प्रेस वाले पहुँच ही जाते है| स्कैम का खुलासा किया जाता है|अख़बारों में सुर्खियाँ बटौरता है|और चैनलों में प्राईम टाईम को टाईम देता है|उसके बाद एक नए खुलासे की प्रष्ठभूमि तैयार होने लग जाती है| इसीलिए यह अपूर्ण + अशक्त+अपरिपक्व+अलोकतांत्रिक और शायद अंधी दौड़ है |और हो सके तो अंग्रेज़ी की इस कहावत पर अम्ल किया जाना चाहिए कि वन इन हेंड इज बेटर देन २ इन बुश | अर्थार्त अलीबाबा बन कर चालीस चोरों का नाश करो उसके भाई कासिम बन कर न रह जाओ|यानि जो हाथ में पूर्ण है वोही सत्य है| दूर के ढोल तो सुहावने लगते ही हैलेकिन इनका मोह छोड़ कर अगर तू तू में में बढ़ते गए तो इन ज्वलंत मुद्दों से भटकना लाजमी हो जाएगा| जोकि देश हित में नहीं होगा

Comments

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