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माता-पिता का भरण पोषण के दाईत्व और अधिनियम का पालन नहीं करने वाले पुत्र को एक माह की सजा

माता पिता का भरण पोषण करने के दाईत्व और अधिनियम का पालन नहीं करने वाले एक पुत्र को एक माह की सजा सुनाई गई है|
अनुविभागीय अधिकारी तृप्ति श्रीवास्तव ने वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम के तहत यह सजा सुनाई है|
मप्र के राजगढ़ जिले में नरसिंहगढ़ की अनुविभागीय अधिकारी तृप्ति श्रीवास्तव ने माता-पिता का भरण पोषण नहीं करने वाले बद्रीलाल खाती को माता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम के तहत एक माह के कारावास की सजा सुनाई है।
भाषा के अनुसार माना गांव की वृद्ध महिला गोराबाई खाती ने अपने पुत्र बद्रीलाल खाती द्वारा भरण-पोषण नहीं किये जाने सम्बन्धी शिकायत की थी। जिसकी शिकायत की जांच करने पर इसे सही पाया गया और बद्रीलाल खाती को एक माह के कारावास की सजा सुनाई गई।
माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम, के अंतर्गत मान्य माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण के लिए अधिक प्रभावकारी प्रावधान सुनिश्चित करना है। यह वरिष्ठ नागरिक को भारत के किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित करता है जिसकी आयु 60 वर्ष या अधिक की हो। माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के लिए ज़रूरत-आधारित भरण-पोषण और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए यह अधिनियम निम्नलिखित प्रावधन करता है:
[१]बच्चों/संबंधियों द्वारा माता-पिता/वरिष्ठ नागरिकों का अनिवार्य भरण-पोषण जिसके अंतर्गत बच्चों के लिए अपने माता-पिता की देखरेख करना अनिवार्य होगा; इस प्रावधान को न्यायाधिकरणों के माध्यम से प्रवर्तित किया जायेगा
[२]माता-पिता को घर से निकालने पर तीन माह तक की कैद और 5000 रुपए तक का जुर्माना जा सकता है;