सरकार ने मीडिया के माध्यम से गैंग रेप के विरोध में उतरे हज़ारों प्रदर्शन कारियों से संवाद स्थापित करने का प्रयास किया Govt.Is Serious about strong action
इससे पहले शनिवार को दिल्ली का विजय चौक विरोध प्रदर्शनों का केंद्र बन गया। सैकड़ों की तादाद में युवा सुबह से वहां डटे रहे। लाख मनाने के बाद भी लोग वहां से हटने को तैयार नहीं हुए, तो पुलिस ने शाम को तीसरी बार लाठीचार्ज कर विजय चौक को खाली करवा दिया। जनता के इस उबाल ने मिस्र के ‘तहरीर चौक’ के विरोध-प्रदर्शनों की याद ताजा कर दी है। इससे पहले शनिवार सुबह भी हजारों की संख्या में लोगों ने प्रदर्शन करते हुए रायसीना हिल्स से राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च किया। भीड़ ने इस दौरान कई बार फिर सुरक्षा घेरा तोड़ा। इस पर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज, आंसूगैस के[डबल डिजिट्स] गोलों और पानी की बौछार की गई।
उधर राजनीती के गलियारे में भी समस्या को सुलझाने केलिए हलचल रही| कांग्रेस और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और पीएम ने गृहमंत्री से बात की है।उन्होंने इस मामले में कड़े कदम उठाने को कहा गृह मंत्री ने विपक्ष के नेता एल के अडवानी से भी सहयोग के लिए कहा|।भाजपा नेत्री सुषमा स्वराज ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की |आप के मनीष शिशोदिया ने भी वहां पर अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराई|
गृह मंत्री की प्रेस कांफ्रेंस के बाद भी प्रदर्शन कारियों ने प्रदर्शन स्थल नहीं छोड़ा इस कांफ्रेंस के बाद भी उनपर हल्का लाठी चार्ज किया गया| और रत दस बजे तक प्रदर्शन कारी घर लौटने को तैयार नहीं थे | लोगों का कहना था कि फांसी कि सज़ा के लिए संसद की स्वीकृति जरुरी बताई गई है और विपक्ष की विशेष सत्र की मांग को गृह मंत्री ने इस प्रेस कांफ्रेंस में नकार दिया है अब यह मामला बजट सत्र तक टल गया है| कहना होगा कि सरकार मीडिया के माध्यम से प्रदर्शन कारियों का विशवास जीतने में असफल रही है जानकारों का कहना है कि सारे दिन लाठी चार्ज+वाटर गन और आंसू गैस के गोले कई बार छोड़ने पर भी भीड़ को वी आई पी एरिया से हटाया नहीं जा सका|अगर दिन में ही विजय चौक [इंडिया गेट] या फिर राष्ट्रपति भवन के बाहर समय रहते कोई न्रेत्त्व भीड़ की संवेदनाओं को महत्त्व देते हुए उनसे संवाद स्थापित करता तो शायद दमनात्मक कार्यवाही के लांछन से बचा जा सकता था |
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