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रेलवे में भी मिले फर्जी जाति प्रमाणपत्र के [६१] मामले

[नयी दिल्ली]रेलवे में भी मिले फर्जी जाति प्रमाणपत्र के [६१] मामले|महाराष्ट्र में एमबीबीएस कर रहे 19 छात्रों को निष्कासित किया गया है।
उनके खिलाफ यह कार्रवाई कथित तौर पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र के जरिए इन कालेजों में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर प्रवेश लेने के लिए की गई है ।
रेलवे में पिछले तीन सालों में फर्जी जाति प्रमाणपत्र की 61 शिकायतें सामने आयी हैं।
रेल राज्य मंत्री राजेन गोहेन ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी देते हुए बताया कि फर्जी जाति प्रमाणपत्र के 41 मामलों में जांच चल रही है जिनमें से 20 मामलों में जांच पूरी कर ली गयी है।
उन्होंने बताया कि इस बात के निर्देश दिए गए हैं जो भी अधिकारी भर्ती या कर्मचारियों के सेवा रिकार्ड की देखभाल से जुड़े हैं वे यह सुनिश्चित करें कि नागरिक प्रशासन द्वारा जारी किए गए अनुसूचित जाति जनजाति प्रमाणपत्रों की उचित जांच की जाए।
उन्होंने साथ ही कहा कि यदि ऐसे प्रमाणपत्रों में कोई अनियमितता पायी जाती है तो इसे तुरंत जरूरी कार्रवाई के लिए नागरिक प्रशासन के संज्ञान में लाया जाए